आसाराम को पैरोल, पीड़िता का परिवार डरा:पीड़िता का परिवार ने की सुरक्षा बढ़ाने की मांग, बोले- जेल से भी धमकाया

आसाराम को पैरोल, पीड़िता का परिवार डरा:पीड़िता का परिवार ने की सुरक्षा बढ़ाने की मांग, बोले- जेल से भी धमकाया

जोधपुर हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी आसाराम को इलाज के लिए सात दिन की पैरोल दी है। आसाराम जेल से बाहर आ गया है। इसको लेकर शाहजहांपुर में रहने वाला पीड़िता का परिवार दहशत में है। आसाराम के जेल से बाहर आते ही परिवार ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। इस समय सुरक्षा में एक गनर और तीन पुलिस कर्मी तैनात हैं। परिवार ने एसपी से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। वहीं एसपी ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाएगा। पीड़िता के पिता का कहना- जब आसाराम जेल में था, तब उसने मुकदमे में दो गवाहों की हत्या करा दी थी, और अब वह जेल से बाहर आ गया है, जिससे उनके परिवार को और भी ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है। पीड़िता के पिता का आरोप है कि आसाराम के जेल में रहते हुए भी उनके परिवार को धमकाया गया था और अब जबकि वह बाहर आ चुका है, तो उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता और बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि आसाराम के अनुयायियों ने उनके परिवार को धमकी भरे पत्र भेजे हैं। उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश रची है। गवाह कृपाल सिंह की 2015 में शाहजहांपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, और एक अन्य गवाह की भी मुजफ्फरनगर में हत्या की गई थी। सुरक्षा कर्मियों सही से नहीं करते ड्यूटी- पीड़िता का पिता
पीड़िता के पिता ने चिंता जाहिर करते हुए कहा- जिन सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, वह अपनी ड्यूटी सही से नहीं करते हैं। ड्यूटी करने आने वाले सुबह 11:00 बजे आते हैं और शाम को 6:00 बजे चले जाते हैं। इस दौरान भी वह सही से ड्यूटी नहीं करते हैं। एसपी ने दिया आश्वासन
उन्होंने कहा- कागजों में पूरी पुलिस गारद की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहने वाले गार्ड मनमाने ढंग से ड्यूटी करते हैं। पीड़िता के पिता ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शाहजहांपुर एसपी अशोक मीणा से बात की तो उन्होंने पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था का आश्वासन दिया है। लेकिन अभी तक हुआ कुछ नहीं है। अब जानिए क्या था मामला
शाहजहांपुर की नाबालिग पीड़िता ने 2013 में आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग के साथ रेप का दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है। दो साल पहले गुजरात की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी के साथ कई मौकों पर बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराया था। हाल ही में आसाराम ने इलाज के लिए पैरोल की मांग की थी, जिसे जोधपुर उच्च न्यायालय ने मंजूर करते हुए उसे आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए सात दिन की पैरोल दी है। आसाराम 11 साल बाद जेल से बाहर आया है। आसाराम 2 मामलों में गुनहगार : जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी
जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सबसे अनोखी बीमारी त्रिनाड़ी शूल, जेल में महिला वैद्य की मांग की थी। सबसे अनोखी बीमारी त्रिनाड़ी शूल, जेल में महिला वैद्य की मांग की थी
आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था, ‘करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाडी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए। इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।’ पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती
इस स्थिति पर शाहजहांपुर के एसपी अशोक कुमार मीणा ने कहा कि पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती पहले से ही की गई है। उनके पास एक गनर भी है, और जरूरत पड़ने पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाएगा। पीड़िता का परिवार अभी भी डरा हुआ है और प्रशासन से उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वासन मांग रहा है। ये भी पढ़ें… आसाराम को इलाज के लिए 7 दिन की पैरोल मिली:4 दिन से एम्स में भर्ती; रेप केस में जोधपुर जेल में उम्रकैद काट रहा रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को जोधपुर हाईकोर्ट ने इलाज के लिए मंगलवार, 13 अगस्त को 7 दिन की पैरोल दे दी। आसाराम पिछले 4 दिन से जोधपुर एम्स में भर्ती है। उसे आयुर्वेदिक इलाज के लिए पुणे के माधोबाग आयुर्वेदिक हॉस्पिटल ले जाया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर… जोधपुर हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी आसाराम को इलाज के लिए सात दिन की पैरोल दी है। आसाराम जेल से बाहर आ गया है। इसको लेकर शाहजहांपुर में रहने वाला पीड़िता का परिवार दहशत में है। आसाराम के जेल से बाहर आते ही परिवार ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। इस समय सुरक्षा में एक गनर और तीन पुलिस कर्मी तैनात हैं। परिवार ने एसपी से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। वहीं एसपी ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाएगा। पीड़िता के पिता का कहना- जब आसाराम जेल में था, तब उसने मुकदमे में दो गवाहों की हत्या करा दी थी, और अब वह जेल से बाहर आ गया है, जिससे उनके परिवार को और भी ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है। पीड़िता के पिता का आरोप है कि आसाराम के जेल में रहते हुए भी उनके परिवार को धमकाया गया था और अब जबकि वह बाहर आ चुका है, तो उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता और बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि आसाराम के अनुयायियों ने उनके परिवार को धमकी भरे पत्र भेजे हैं। उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश रची है। गवाह कृपाल सिंह की 2015 में शाहजहांपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, और एक अन्य गवाह की भी मुजफ्फरनगर में हत्या की गई थी। सुरक्षा कर्मियों सही से नहीं करते ड्यूटी- पीड़िता का पिता
पीड़िता के पिता ने चिंता जाहिर करते हुए कहा- जिन सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, वह अपनी ड्यूटी सही से नहीं करते हैं। ड्यूटी करने आने वाले सुबह 11:00 बजे आते हैं और शाम को 6:00 बजे चले जाते हैं। इस दौरान भी वह सही से ड्यूटी नहीं करते हैं। एसपी ने दिया आश्वासन
उन्होंने कहा- कागजों में पूरी पुलिस गारद की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहने वाले गार्ड मनमाने ढंग से ड्यूटी करते हैं। पीड़िता के पिता ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शाहजहांपुर एसपी अशोक मीणा से बात की तो उन्होंने पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था का आश्वासन दिया है। लेकिन अभी तक हुआ कुछ नहीं है। अब जानिए क्या था मामला
शाहजहांपुर की नाबालिग पीड़िता ने 2013 में आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग के साथ रेप का दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है। दो साल पहले गुजरात की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी के साथ कई मौकों पर बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराया था। हाल ही में आसाराम ने इलाज के लिए पैरोल की मांग की थी, जिसे जोधपुर उच्च न्यायालय ने मंजूर करते हुए उसे आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए सात दिन की पैरोल दी है। आसाराम 11 साल बाद जेल से बाहर आया है। आसाराम 2 मामलों में गुनहगार : जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी
जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सबसे अनोखी बीमारी त्रिनाड़ी शूल, जेल में महिला वैद्य की मांग की थी। सबसे अनोखी बीमारी त्रिनाड़ी शूल, जेल में महिला वैद्य की मांग की थी
आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था, ‘करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाडी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए। इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।’ पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती
इस स्थिति पर शाहजहांपुर के एसपी अशोक कुमार मीणा ने कहा कि पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती पहले से ही की गई है। उनके पास एक गनर भी है, और जरूरत पड़ने पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाएगा। पीड़िता का परिवार अभी भी डरा हुआ है और प्रशासन से उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वासन मांग रहा है। ये भी पढ़ें… आसाराम को इलाज के लिए 7 दिन की पैरोल मिली:4 दिन से एम्स में भर्ती; रेप केस में जोधपुर जेल में उम्रकैद काट रहा रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को जोधपुर हाईकोर्ट ने इलाज के लिए मंगलवार, 13 अगस्त को 7 दिन की पैरोल दे दी। आसाराम पिछले 4 दिन से जोधपुर एम्स में भर्ती है। उसे आयुर्वेदिक इलाज के लिए पुणे के माधोबाग आयुर्वेदिक हॉस्पिटल ले जाया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर