इटावा में पत्नी और 3 बच्चों की हत्या के आरोपी मुकेश वर्मा का कानपुर में रहने वाली एक तलाकशुदा महिला से अफेयर है। यह बात उसके साढ़ू ने कही। साथ ही घर में पैसे को लेकर तनातनी थी और रिश्तेदारों ने भी लाखों रुपए दबा रखे थे। इन सब बातों के चलते मुकेश ने मर्डर की प्लानिंग एक हफ्ते पहले कर ली थी। बड़ी बेटी भव्या दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती थी। भव्या को 8 नवंबर को वापस जाना था, लेकिन मुकेश ने रोक लिया। रविवार रात पिज्जा मंगाया, कुछ नींद की दवा उसमें और कुछ खाने में मिला दीं। रात में जब चारों बेहोश हो गए तो मुकेश ने सबसे पहले पत्नी का गला कपड़े से घोंटा। फिर उसी के बगल में बेड पर लेटी बड़ी बेटी भव्या और बेटे अभिष्ट का गला घोंट दिया। बाद में ऊपर गया और छोटी बेटी काव्या की भी गला घोंटकर हत्या कर दी। जहां उसने हत्याकांड को अंजाम दिया, उसके पड़ोस में करीब 15 लोग रहते हैं। किसी को 16 घंटे तक इस हत्याकांड की भनक तक नहीं लगी। दैनिक भास्कर की टीम इस पूरे हत्याकांड की गुत्थी समझने के लिए ग्राउंड पर पहुंची। हमारे सामने दो सवाल थे। पहला- हत्या की वजह क्या? दूसरा- हत्या कैसे की? इन सवालों के जवाब मुकेश ने दिए…जानिए उसने क्या बताया। पहले परिवार और घटना के बारे में जानिए… तीन फ्लोर के घर में 4 भाइयों का परिवार
इटावा का लालपुरा मोहल्ला। यहां मुकेश वर्मा अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ पुस्तैनी मकान के दो कमरों में रहता था। मुकेश 6 भाई थे। एक भाई की मौत 3 साल पहले हो चुकी है। इस 3 फ्लोर के मकान में मुकेश के 3 और भाइयों का परिवार भी रहता है। बाकी दो भाइयों का परिवार शहर में ही दूसरी जगह रहता है। मुकेश सोने-चांदी के कारोबार से जुड़ा था। वह दिल्ली से सामान लाता फिर उसे इटावा, आगरा और कानपुर की दुकानों पर बेचता। इस काम के लिए वह अक्सर दिल्ली में ही रहता था। मुकेश की दो शादी हुईं। पहली पत्नी की 2005 में मौत हुई। उस पत्नी से एक बेटी भाव्या थी, जो इस वक्त दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम कर रही थी। दूसरी शादी 2006 में हुई। उससे दो बच्चे, बेटी काव्या और एक बेटा अभिष्ट हुआ। काव्या 12वीं में पढ़ाई कर रही थी। बेटा 9वीं क्लास में शहर के ही एक स्कूल में पढ़ रहा था। परिवार के रहन-सहन में किसी तरह की दिक्कत नहीं थी। दीपावली के चलते बेटी भाव्या भी दिल्ली से घर आई थी। पिज्जा में मिलाई नींद की गोलियां
रविवार की रात परिवार में सब कुछ सामान्य था, लेकिन मुकेश के मन में कुछ और चल रहा था। उसने नींद की दवा खरीदी। रात में परिवार के लिए पिज्जा मंगाया। कुछ दवाएं उसमें और कुछ दवाएं रात में बने खाने में मिला दीं। पिज्जा का स्वाद बिगड़ गया, इसलिए बच्चों ने आधा पिज्जा फ्रिज में ही रख दिया। रात में पत्नी रेखा और तीनों बच्चों पर नींद की गोली का असर होने लगा। रेखा, बड़ी बेटी भाव्या और अभिष्ट नीचे वाले कमरे में आकर सो गए। काव्या छत पर ही सो गई। मुकेश रातभर जागता रहा। तड़के 4 बजे जब देखा कि सब गहरी नींद में हैं, तो उसने सबसे पहले पत्नी का गला घोंटा। उसके बाद भाव्या और फिर काव्या का गला रस्सी से कस दिया। इसके बाद ऊपर गया और काव्या को मारकर वहीं बैठ गया। 4 हत्याएं हुईं, लेकिन बगल के कमरों में सो रहे परिवार को खबर तक न लगी। इसलिए इस बात की भी आशंका है कि नींद की गोलियों के ओवरडोज से चारों की मौत पहले ही तो नहीं हो गई थी। यही वजह हो सकती है कि उनकी चीखने की आवाज बाहर नहीं गई। हत्या के बाद अपने खास 20 लोगों को फोन किया
मुकेश ने सोमवार की सुबह करीब 4 बजे घटना को अंजाम दिया। इसके बाद वह लाश के साथ ही कमरे में पड़ा रहा। सुबह 10 बजे दोनों कमरों में ताला लगाकर निकल गया। 11 बजे दूध वाला आया तो कमरा बंद देखकर चला गया। परिवार के बाकी लोगों ने भी घर में ताला बंद देखकर किसी तरह की खोजबीन नहीं की। घर से निकलकर मुकेश बाजार गया। वहां खाना खाया। इसके बाद बाजार में ही घूमता रहा। इसके बाद उसने अपने खास लोगों को फोन लगाना शुरू किया। सबसे पहले बड़े भाई रत्नेश वर्मा को फोन लगाया। परेशान होने की बात कही। भाई ने कहा कि हम अभी घर आकर बात करते हैं। इसके बाद मुकेश ने करीब 20 लोगों को फोन लगाया। इसमें उसके साढ़ू भोपाल के आशीष वर्मा भी शामिल हैं। आशीष कहते हैं- साढ़े 7 बजे तक फोन करके ये हाल-चाल पूछ रहे थे। कहीं से नहीं लगा कि इतनी बड़ी घटना कर चुके हैं। वॉट्सऐप स्टेटस लगाकर ट्रेन के नीचे लेट गया
सोमवार की रात 8 बजकर 20 मिनट पर मुकेश ने पत्नी रेखा के फोन पर 3 फोटो वॉट्सऐप स्टेटस पर लगाए। चौथे में लिखा- ये सब खत्म। इसके बाद उसने डायल- 112 पर फोन करके कह दिया कि मेरे घर के 4 लोगों ने सुसाइड कर लिया है। मैं भी ट्रेन के नीचे आकर जान देने जा रहा हूं। इसके बाद मुकेश इटावा स्टेशन पहुंचा और पटरी के बीचों-बीच लेट गया। ऊपर से मरुधर एक्सप्रेस गुजर गई। करीब 7 डिब्बे ऊपर से निकले, तभी ट्रेन रुक गई। जीआरपी ने मुकेश को बाहर निकाला और कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस से मुकेश बोला- पत्नी ने कहा था, साथ मरेंगे
थाने से मुकेश का एक वीडियो सामने आया। उसमें वह कहता है- मैं धंधे को लेकर 10 साल से परेशान हूं। कई बार मरने की सोची, पत्नी से बताता तो वह भी कहती थी कि ऐसा करना तो साथ करेंगे। हम अकेले रहकर क्या करेंगे? करवाचौथ से पहले भी आत्महत्या के बारे में सोचा था। उस वक्त भी पत्नी ने यही कहा था, लेकिन तब नहीं किया। अब जब मरने के लिए तय किया तो पत्नी से फंदा नहीं बन रहा था। मुझसे भी नहीं बन रहा था। इसलिए रस्सी से गला घोंट दिया। बच्चों को मार रहा था तो उन्होंने कहा कि ये क्या कर रहे हो पापा? मैंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं होगी। इस वीडियो के सामने आने के बाद हमने परिवार से बात की। परिवार ने उसके इन आरोपों को खारिज कर दिया। कहा, किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। वह यह भी कहते हैं कि मुकेश अब कहानी बना रहा है। जांच कर रहे एक अफसर भी कहते हैं कि पूछताछ में इसने हर बार कुछ न कुछ अलग बताया। घर में 4 लाशें पड़ी थीं और हम दुकान खोले बैठे रहे
हमने मुकेश के बड़े भाई अवधेश वर्मा से बात की। वह कहते हैं- रविवार की रात घर पर पिज्जा आया था। हत्या के बाद जब फ्रिज खोला गया, तो पता चला कि आधा पिज्जा रखा है। पैसे को लेकर अभी किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। दिवाली पर मुकेश ने मेरी दुकान से 6-7 हजार रुपए के कपड़े खरीदे थे। दो दिन पहले हमने फोन करके कहा था कि सामान लाना है पैसे दे दो। तब कहा था कि कुछ दिन में पैसे लौटा दूंगा। मुकेश ने हत्या की प्लानिंग पहले से ही कर रखी थी, इसके पीछे एक वजह अवधेश बताते हैं। वह कहते हैं- बड़ी बेटी भव्या से हमने पिछले दिनों पूछा तो उसने बताया कि 8 नवंबर को दिल्ली जाएगी। लेकिन, मुकेश ने रोक लिया था। नहीं गई तो फिर से पूछा। तब कहा था कि 11 नवंबर को जाएंगे, लेकिन उसी दिन सुबह यह घटना हो गई। सुबह कमरे में ताला लगा था, तो हमको लगा कि हो सकता है पूरा परिवार भव्या के साथ दिल्ली गया हो। क्योंकि, पिछली बार इनकी मम्मी भी गई थी। रात में जब स्टेटस देखा, तब हत्या का पता चला। सोचकर अजीब लगता है कि दिन भर कमरे में लाश पड़ी रही और हम लोग दुकान खोले बैठे रहे। मां ने कहा- 15 साल से बेटे-बहू ने बात नहीं की
मुकेश की मां चंद्रकला बेटे-बहू और बच्चों की मौत को लेकर बिलख रही थीं। उनसे हमने बात की। कहती हैं- बेटे-बहू ने 15 साल से हमसे ठीक से बात नहीं की। 5 साल पहले मेरे पति की मौत हुई। 3 साल पहले सबसे छोटे बेटे की भी मौत हो गई। इसके बाद हमने यहां रहना ही छोड़ दिया। अब बड़े बेटे के साथ कुछ दूर पर रहती हूं। इतना कहने के बाद वह फफक कर रोने लगीं। 4 हत्याओं की बात सुनकर मोहल्ले के साथ पूरे रिश्तेदारी के लोग इकट्ठा हो गए थे। रेखा की बहन राखी ने घर में हंगामा कर दिया। वह मुकेश के भाइयों पर भड़कते हुए कहती हैं- मुझे थाने लेकर चलो। मैं उससे पूछना चाहती हूं कि उसने हत्या क्यों की? कोई मुझे थाने लेकर क्यों नहीं जा रहा? हमने बात करने की कोशिश की, लेकिन आसपास के लोगों ने उन्हें कैमरे पर बात करने से मना कर दिया। साढ़ू बोला- तलाकशुदा महिला से अफेयर को लेकर होती थी लड़ाई
राखी के थाने जाने के बाद उनके पति आशीष वर्मा घर के बाहर ही बैठे रहे। हमने उनसे बात की। वह कहते हैं- मेरी पत्नी राखी बता रही थी कि उसके पास रेखा ने फोन किया था। उन्होंने बताया था कि मुकेश का कानपुर की ही एक महिला से अफेयर है। वह तलाकशुदा है। मुकेश और रेखा के बीच उस महिला को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। रेखा ने खुद फोन करके कई बार यह बात राखी को बताई। वह महिला भी रिलेशन में है, इसलिए हमने कभी इस मामले पर कोई बात नहीं की। मार्केट में लगातार फंसते पैसे और बढ़ता कर्ज भी मर्डर की वजह
मुकेश सर्राफा का काम करते थे। वह दिल्ली से माल उठाते और आसपास की दुकानों पर सप्लाई करते थे। परिवार और रिश्तेदारी में भी 80% लोग यही काम करते थे। आसपास के ही कुछ लोग ऑफ कैमरा बताते हैं कि मुकेश का बहुत सारा पैसा रिश्तेदारों के बीच ही फंस गया था। वह जब भी मांगता, कहा जाता कि कुछ दिन बाद दे देंगे। भाइयों से भी उसकी बहुत नहीं बनती थी। कई बार तो भाइयों ने ही नीचा दिखाया था, जिसे लेकर वह अक्सर परेशान रहता था। आसपास के ही लोग बताते हैं कि मुकेश दिल्ली शिफ्ट होना चाहता था। उसने पिछले साल ही इटावा में अपनी दुकान 16 लाख रुपए में बेची थी। इन्हीं पैसों के जरिए वह दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना चाहता था, लेकिन पैसा कहीं फंस गया था। इसी तरह से उसकी एक प्रॉपर्टी का विवाद कानपुर में भी है। पुलिस अफसर बोले- हत्या का मुकदमा दर्ज होगा
मुकेश से थाने में कई लोगों ने कैमरे पर बात की। वह हर बार अलग-अलग बातें बताता। पूछताछ में भी पुलिस को भी अलग-अलग बातें बताता। मंगलवार की शाम को एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- हमने मुकेश से गहन पूछताछ की। पता चलता है कि आत्महत्या की सहमति पूरे परिवार के साथ हो गई थी। लेकिन बच्चे नाबालिग थे और जब अधमरे हो गए थे, तब मुकेश ने रस्सी का इस्तेमाल किया। इसलिए हत्या का चार्ज लगाया गया है। पुलिस के ही एक अफसर नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि पूछताछ में एक भाई का भी नाम है, इसलिए जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी होगी। पिज्जा में नींद की दवा मिलाने वाली बात पर वह कहते हैं कि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वह नींद की दवा दिए जाने की बात स्वीकार करते हैं। हालांकि यह बात पचा पाना कठिन है कि बच्चे सुसाइड के लिए अपने आप क्यों तैयार हो गए थे? ————– ये भी पढ़ें… इटावा में कारोबारी ने पत्नी, 3 बच्चों को मार डाला, 16 घंटे बाद पुलिस को फोन कर ट्रेन के नीचे लेटा…बच गया; स्टेटस लगाया-सब खत्म इटावा में सर्राफा कारोबारी ने पत्नी और 3 बच्चों की हत्या कर दी, फिर घर का दरवाजा बंद कर भाग गया। 16 घंटे बाद डायल 112 को फोन किया। कहा- परिवार ने सुसाइड कर लिया। खुद भी ट्रेन से कट कर जान देने जा रहा हूं। वॉट्सऐप पर पत्नी, बच्चों का स्टेटस भी लगाया। लिखा- ये सब लोग खत्म। इसके बाद मोबाइल ऑफ कर लिया और पटरी के बीच में लेट गया। थोड़ी देर बाद मरुधर ट्रेन आई और ऊपर से गुजर गई। पटरी के बीच में होने से कारोबारी को मामूली खरोंच आई। पढ़ें पूरी खबर… इटावा में पत्नी और 3 बच्चों की हत्या के आरोपी मुकेश वर्मा का कानपुर में रहने वाली एक तलाकशुदा महिला से अफेयर है। यह बात उसके साढ़ू ने कही। साथ ही घर में पैसे को लेकर तनातनी थी और रिश्तेदारों ने भी लाखों रुपए दबा रखे थे। इन सब बातों के चलते मुकेश ने मर्डर की प्लानिंग एक हफ्ते पहले कर ली थी। बड़ी बेटी भव्या दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती थी। भव्या को 8 नवंबर को वापस जाना था, लेकिन मुकेश ने रोक लिया। रविवार रात पिज्जा मंगाया, कुछ नींद की दवा उसमें और कुछ खाने में मिला दीं। रात में जब चारों बेहोश हो गए तो मुकेश ने सबसे पहले पत्नी का गला कपड़े से घोंटा। फिर उसी के बगल में बेड पर लेटी बड़ी बेटी भव्या और बेटे अभिष्ट का गला घोंट दिया। बाद में ऊपर गया और छोटी बेटी काव्या की भी गला घोंटकर हत्या कर दी। जहां उसने हत्याकांड को अंजाम दिया, उसके पड़ोस में करीब 15 लोग रहते हैं। किसी को 16 घंटे तक इस हत्याकांड की भनक तक नहीं लगी। दैनिक भास्कर की टीम इस पूरे हत्याकांड की गुत्थी समझने के लिए ग्राउंड पर पहुंची। हमारे सामने दो सवाल थे। पहला- हत्या की वजह क्या? दूसरा- हत्या कैसे की? इन सवालों के जवाब मुकेश ने दिए…जानिए उसने क्या बताया। पहले परिवार और घटना के बारे में जानिए… तीन फ्लोर के घर में 4 भाइयों का परिवार
इटावा का लालपुरा मोहल्ला। यहां मुकेश वर्मा अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ पुस्तैनी मकान के दो कमरों में रहता था। मुकेश 6 भाई थे। एक भाई की मौत 3 साल पहले हो चुकी है। इस 3 फ्लोर के मकान में मुकेश के 3 और भाइयों का परिवार भी रहता है। बाकी दो भाइयों का परिवार शहर में ही दूसरी जगह रहता है। मुकेश सोने-चांदी के कारोबार से जुड़ा था। वह दिल्ली से सामान लाता फिर उसे इटावा, आगरा और कानपुर की दुकानों पर बेचता। इस काम के लिए वह अक्सर दिल्ली में ही रहता था। मुकेश की दो शादी हुईं। पहली पत्नी की 2005 में मौत हुई। उस पत्नी से एक बेटी भाव्या थी, जो इस वक्त दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम कर रही थी। दूसरी शादी 2006 में हुई। उससे दो बच्चे, बेटी काव्या और एक बेटा अभिष्ट हुआ। काव्या 12वीं में पढ़ाई कर रही थी। बेटा 9वीं क्लास में शहर के ही एक स्कूल में पढ़ रहा था। परिवार के रहन-सहन में किसी तरह की दिक्कत नहीं थी। दीपावली के चलते बेटी भाव्या भी दिल्ली से घर आई थी। पिज्जा में मिलाई नींद की गोलियां
रविवार की रात परिवार में सब कुछ सामान्य था, लेकिन मुकेश के मन में कुछ और चल रहा था। उसने नींद की दवा खरीदी। रात में परिवार के लिए पिज्जा मंगाया। कुछ दवाएं उसमें और कुछ दवाएं रात में बने खाने में मिला दीं। पिज्जा का स्वाद बिगड़ गया, इसलिए बच्चों ने आधा पिज्जा फ्रिज में ही रख दिया। रात में पत्नी रेखा और तीनों बच्चों पर नींद की गोली का असर होने लगा। रेखा, बड़ी बेटी भाव्या और अभिष्ट नीचे वाले कमरे में आकर सो गए। काव्या छत पर ही सो गई। मुकेश रातभर जागता रहा। तड़के 4 बजे जब देखा कि सब गहरी नींद में हैं, तो उसने सबसे पहले पत्नी का गला घोंटा। उसके बाद भाव्या और फिर काव्या का गला रस्सी से कस दिया। इसके बाद ऊपर गया और काव्या को मारकर वहीं बैठ गया। 4 हत्याएं हुईं, लेकिन बगल के कमरों में सो रहे परिवार को खबर तक न लगी। इसलिए इस बात की भी आशंका है कि नींद की गोलियों के ओवरडोज से चारों की मौत पहले ही तो नहीं हो गई थी। यही वजह हो सकती है कि उनकी चीखने की आवाज बाहर नहीं गई। हत्या के बाद अपने खास 20 लोगों को फोन किया
मुकेश ने सोमवार की सुबह करीब 4 बजे घटना को अंजाम दिया। इसके बाद वह लाश के साथ ही कमरे में पड़ा रहा। सुबह 10 बजे दोनों कमरों में ताला लगाकर निकल गया। 11 बजे दूध वाला आया तो कमरा बंद देखकर चला गया। परिवार के बाकी लोगों ने भी घर में ताला बंद देखकर किसी तरह की खोजबीन नहीं की। घर से निकलकर मुकेश बाजार गया। वहां खाना खाया। इसके बाद बाजार में ही घूमता रहा। इसके बाद उसने अपने खास लोगों को फोन लगाना शुरू किया। सबसे पहले बड़े भाई रत्नेश वर्मा को फोन लगाया। परेशान होने की बात कही। भाई ने कहा कि हम अभी घर आकर बात करते हैं। इसके बाद मुकेश ने करीब 20 लोगों को फोन लगाया। इसमें उसके साढ़ू भोपाल के आशीष वर्मा भी शामिल हैं। आशीष कहते हैं- साढ़े 7 बजे तक फोन करके ये हाल-चाल पूछ रहे थे। कहीं से नहीं लगा कि इतनी बड़ी घटना कर चुके हैं। वॉट्सऐप स्टेटस लगाकर ट्रेन के नीचे लेट गया
सोमवार की रात 8 बजकर 20 मिनट पर मुकेश ने पत्नी रेखा के फोन पर 3 फोटो वॉट्सऐप स्टेटस पर लगाए। चौथे में लिखा- ये सब खत्म। इसके बाद उसने डायल- 112 पर फोन करके कह दिया कि मेरे घर के 4 लोगों ने सुसाइड कर लिया है। मैं भी ट्रेन के नीचे आकर जान देने जा रहा हूं। इसके बाद मुकेश इटावा स्टेशन पहुंचा और पटरी के बीचों-बीच लेट गया। ऊपर से मरुधर एक्सप्रेस गुजर गई। करीब 7 डिब्बे ऊपर से निकले, तभी ट्रेन रुक गई। जीआरपी ने मुकेश को बाहर निकाला और कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस से मुकेश बोला- पत्नी ने कहा था, साथ मरेंगे
थाने से मुकेश का एक वीडियो सामने आया। उसमें वह कहता है- मैं धंधे को लेकर 10 साल से परेशान हूं। कई बार मरने की सोची, पत्नी से बताता तो वह भी कहती थी कि ऐसा करना तो साथ करेंगे। हम अकेले रहकर क्या करेंगे? करवाचौथ से पहले भी आत्महत्या के बारे में सोचा था। उस वक्त भी पत्नी ने यही कहा था, लेकिन तब नहीं किया। अब जब मरने के लिए तय किया तो पत्नी से फंदा नहीं बन रहा था। मुझसे भी नहीं बन रहा था। इसलिए रस्सी से गला घोंट दिया। बच्चों को मार रहा था तो उन्होंने कहा कि ये क्या कर रहे हो पापा? मैंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं होगी। इस वीडियो के सामने आने के बाद हमने परिवार से बात की। परिवार ने उसके इन आरोपों को खारिज कर दिया। कहा, किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। वह यह भी कहते हैं कि मुकेश अब कहानी बना रहा है। जांच कर रहे एक अफसर भी कहते हैं कि पूछताछ में इसने हर बार कुछ न कुछ अलग बताया। घर में 4 लाशें पड़ी थीं और हम दुकान खोले बैठे रहे
हमने मुकेश के बड़े भाई अवधेश वर्मा से बात की। वह कहते हैं- रविवार की रात घर पर पिज्जा आया था। हत्या के बाद जब फ्रिज खोला गया, तो पता चला कि आधा पिज्जा रखा है। पैसे को लेकर अभी किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। दिवाली पर मुकेश ने मेरी दुकान से 6-7 हजार रुपए के कपड़े खरीदे थे। दो दिन पहले हमने फोन करके कहा था कि सामान लाना है पैसे दे दो। तब कहा था कि कुछ दिन में पैसे लौटा दूंगा। मुकेश ने हत्या की प्लानिंग पहले से ही कर रखी थी, इसके पीछे एक वजह अवधेश बताते हैं। वह कहते हैं- बड़ी बेटी भव्या से हमने पिछले दिनों पूछा तो उसने बताया कि 8 नवंबर को दिल्ली जाएगी। लेकिन, मुकेश ने रोक लिया था। नहीं गई तो फिर से पूछा। तब कहा था कि 11 नवंबर को जाएंगे, लेकिन उसी दिन सुबह यह घटना हो गई। सुबह कमरे में ताला लगा था, तो हमको लगा कि हो सकता है पूरा परिवार भव्या के साथ दिल्ली गया हो। क्योंकि, पिछली बार इनकी मम्मी भी गई थी। रात में जब स्टेटस देखा, तब हत्या का पता चला। सोचकर अजीब लगता है कि दिन भर कमरे में लाश पड़ी रही और हम लोग दुकान खोले बैठे रहे। मां ने कहा- 15 साल से बेटे-बहू ने बात नहीं की
मुकेश की मां चंद्रकला बेटे-बहू और बच्चों की मौत को लेकर बिलख रही थीं। उनसे हमने बात की। कहती हैं- बेटे-बहू ने 15 साल से हमसे ठीक से बात नहीं की। 5 साल पहले मेरे पति की मौत हुई। 3 साल पहले सबसे छोटे बेटे की भी मौत हो गई। इसके बाद हमने यहां रहना ही छोड़ दिया। अब बड़े बेटे के साथ कुछ दूर पर रहती हूं। इतना कहने के बाद वह फफक कर रोने लगीं। 4 हत्याओं की बात सुनकर मोहल्ले के साथ पूरे रिश्तेदारी के लोग इकट्ठा हो गए थे। रेखा की बहन राखी ने घर में हंगामा कर दिया। वह मुकेश के भाइयों पर भड़कते हुए कहती हैं- मुझे थाने लेकर चलो। मैं उससे पूछना चाहती हूं कि उसने हत्या क्यों की? कोई मुझे थाने लेकर क्यों नहीं जा रहा? हमने बात करने की कोशिश की, लेकिन आसपास के लोगों ने उन्हें कैमरे पर बात करने से मना कर दिया। साढ़ू बोला- तलाकशुदा महिला से अफेयर को लेकर होती थी लड़ाई
राखी के थाने जाने के बाद उनके पति आशीष वर्मा घर के बाहर ही बैठे रहे। हमने उनसे बात की। वह कहते हैं- मेरी पत्नी राखी बता रही थी कि उसके पास रेखा ने फोन किया था। उन्होंने बताया था कि मुकेश का कानपुर की ही एक महिला से अफेयर है। वह तलाकशुदा है। मुकेश और रेखा के बीच उस महिला को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। रेखा ने खुद फोन करके कई बार यह बात राखी को बताई। वह महिला भी रिलेशन में है, इसलिए हमने कभी इस मामले पर कोई बात नहीं की। मार्केट में लगातार फंसते पैसे और बढ़ता कर्ज भी मर्डर की वजह
मुकेश सर्राफा का काम करते थे। वह दिल्ली से माल उठाते और आसपास की दुकानों पर सप्लाई करते थे। परिवार और रिश्तेदारी में भी 80% लोग यही काम करते थे। आसपास के ही कुछ लोग ऑफ कैमरा बताते हैं कि मुकेश का बहुत सारा पैसा रिश्तेदारों के बीच ही फंस गया था। वह जब भी मांगता, कहा जाता कि कुछ दिन बाद दे देंगे। भाइयों से भी उसकी बहुत नहीं बनती थी। कई बार तो भाइयों ने ही नीचा दिखाया था, जिसे लेकर वह अक्सर परेशान रहता था। आसपास के ही लोग बताते हैं कि मुकेश दिल्ली शिफ्ट होना चाहता था। उसने पिछले साल ही इटावा में अपनी दुकान 16 लाख रुपए में बेची थी। इन्हीं पैसों के जरिए वह दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना चाहता था, लेकिन पैसा कहीं फंस गया था। इसी तरह से उसकी एक प्रॉपर्टी का विवाद कानपुर में भी है। पुलिस अफसर बोले- हत्या का मुकदमा दर्ज होगा
मुकेश से थाने में कई लोगों ने कैमरे पर बात की। वह हर बार अलग-अलग बातें बताता। पूछताछ में भी पुलिस को भी अलग-अलग बातें बताता। मंगलवार की शाम को एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- हमने मुकेश से गहन पूछताछ की। पता चलता है कि आत्महत्या की सहमति पूरे परिवार के साथ हो गई थी। लेकिन बच्चे नाबालिग थे और जब अधमरे हो गए थे, तब मुकेश ने रस्सी का इस्तेमाल किया। इसलिए हत्या का चार्ज लगाया गया है। पुलिस के ही एक अफसर नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि पूछताछ में एक भाई का भी नाम है, इसलिए जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी होगी। पिज्जा में नींद की दवा मिलाने वाली बात पर वह कहते हैं कि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वह नींद की दवा दिए जाने की बात स्वीकार करते हैं। हालांकि यह बात पचा पाना कठिन है कि बच्चे सुसाइड के लिए अपने आप क्यों तैयार हो गए थे? ————– ये भी पढ़ें… इटावा में कारोबारी ने पत्नी, 3 बच्चों को मार डाला, 16 घंटे बाद पुलिस को फोन कर ट्रेन के नीचे लेटा…बच गया; स्टेटस लगाया-सब खत्म इटावा में सर्राफा कारोबारी ने पत्नी और 3 बच्चों की हत्या कर दी, फिर घर का दरवाजा बंद कर भाग गया। 16 घंटे बाद डायल 112 को फोन किया। कहा- परिवार ने सुसाइड कर लिया। खुद भी ट्रेन से कट कर जान देने जा रहा हूं। वॉट्सऐप पर पत्नी, बच्चों का स्टेटस भी लगाया। लिखा- ये सब लोग खत्म। इसके बाद मोबाइल ऑफ कर लिया और पटरी के बीच में लेट गया। थोड़ी देर बाद मरुधर ट्रेन आई और ऊपर से गुजर गई। पटरी के बीच में होने से कारोबारी को मामूली खरोंच आई। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर