<p style=”text-align: justify;”><strong>Allahabad High Court News: </strong>इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वालों अधिवक्ताओं का दावा है कि विगत कुछ वर्षों से एक नई परंपरा शुरू हो गई है. हाईकोर्ट की कॉलेजियम द्वारा ऐसे अधिवक्ता की न्यायमूर्ति पद के लिए सिफारिश की जा रही जो उच्च न्यायालय में कभी प्रैक्टिस भी नहीं की.वकीलों का कहना है कि अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में बहस नहीं की उनको जज कैसे बनाया जा सकता है. अब इस प्रक्रिया को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध जताया और एक मीटिंग बुलाई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बार की ओर से सबसे बड़ा सवाल है कि कॉलेजियम के न्यायमूर्ति ऐसे अधिवक्ताओं के क्षमता का आंकलन किस प्रकार से करते है, जो कभी उच्च न्यायालय में बहस न किए हो. वकीलों का कहना है कि इससे यह साबित होता है बिना योग्यता वाले उन अधिवक्ताओं के नाम की सिफारिश की जाती है जिन्होंने कभी हाईकोर्ट में बहस नहीं की. बार का कहना है कि ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट में योग्य अधिवक्ताओं की कमी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस प्रक्रिया का विरोध जताया</strong><br />इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की मीटिंग में इस तरह की प्रक्रिया का जोरदार विरोध किया गया. मीटिंग प्रेसिडेंट अनिल तिवारी के अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसका संचालन महासचिव से विक्रांत पांडे अधिवक्ता द्वारा किया गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों ने इस प्रक्रिया का जोरदार विरोध किया. अधिवक्ताओं ने कहा कि अगर इस तरह के अधिवक्ता जिन्होंने कभी हाईकोर्ट में बहस नहीं कि अगर वह जज बन जाएंगे लोगों का न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने पारित किया प्रस्ताव</strong><br />इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया है, इस प्रस्ताव के बारे में सभी न्यायमूर्ति गणों को, मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, भारत सरकार, मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की एवं देश के सभी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को भेजने की तैयारी की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(प्रयागराज से सौरभ मिश्रा की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-akhilesh-yadav-reaction-on-india-suspends-indus-water-treaty-2931412″><strong>पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने पर क्या है अखिलेश यादव का रुख? सपा चीफ ने साफ कर दी तस्वीर</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Allahabad High Court News: </strong>इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वालों अधिवक्ताओं का दावा है कि विगत कुछ वर्षों से एक नई परंपरा शुरू हो गई है. हाईकोर्ट की कॉलेजियम द्वारा ऐसे अधिवक्ता की न्यायमूर्ति पद के लिए सिफारिश की जा रही जो उच्च न्यायालय में कभी प्रैक्टिस भी नहीं की.वकीलों का कहना है कि अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में बहस नहीं की उनको जज कैसे बनाया जा सकता है. अब इस प्रक्रिया को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध जताया और एक मीटिंग बुलाई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बार की ओर से सबसे बड़ा सवाल है कि कॉलेजियम के न्यायमूर्ति ऐसे अधिवक्ताओं के क्षमता का आंकलन किस प्रकार से करते है, जो कभी उच्च न्यायालय में बहस न किए हो. वकीलों का कहना है कि इससे यह साबित होता है बिना योग्यता वाले उन अधिवक्ताओं के नाम की सिफारिश की जाती है जिन्होंने कभी हाईकोर्ट में बहस नहीं की. बार का कहना है कि ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट में योग्य अधिवक्ताओं की कमी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस प्रक्रिया का विरोध जताया</strong><br />इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की मीटिंग में इस तरह की प्रक्रिया का जोरदार विरोध किया गया. मीटिंग प्रेसिडेंट अनिल तिवारी के अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसका संचालन महासचिव से विक्रांत पांडे अधिवक्ता द्वारा किया गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों ने इस प्रक्रिया का जोरदार विरोध किया. अधिवक्ताओं ने कहा कि अगर इस तरह के अधिवक्ता जिन्होंने कभी हाईकोर्ट में बहस नहीं कि अगर वह जज बन जाएंगे लोगों का न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने पारित किया प्रस्ताव</strong><br />इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया है, इस प्रस्ताव के बारे में सभी न्यायमूर्ति गणों को, मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, भारत सरकार, मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की एवं देश के सभी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को भेजने की तैयारी की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(प्रयागराज से सौरभ मिश्रा की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-akhilesh-yadav-reaction-on-india-suspends-indus-water-treaty-2931412″><strong>पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने पर क्या है अखिलेश यादव का रुख? सपा चीफ ने साफ कर दी तस्वीर</strong></a></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पहलगाम आतंकी हमला विरोध: जन अधिकार पार्टी ने सहसपुर में निकाला कैंडल मार्च, शहीदों को दी श्रद्धांजलि
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