<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarkashi News:</strong> उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.07 मापी गई. बीते 6 दिनों में यह नौवां झटका है, जिससे क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है. हालांकि, किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है. भूकंप के झटके से लोगों में डर का माहौल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र बड़कोट तहसील के सरुताल झील, फुच-कंडी और यमुनोत्री रेंज वन क्षेत्र में था. जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार, गुरुवार शाम को भी उत्तरकाशी मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप महसूस किया गया था. गुरुवार को आए झटके की तीव्रता 2.7 मापी गई और इसका केंद्र भी यमुनोत्री रेंज में ही था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन भूकंप के प्रभावों का आकलन कर रहा है<br /></strong>उत्तरकाशी के लोग बीते छह दिनों से बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों से डरे हुए हैं. इससे पहले 24 और 25 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से मलबा और पत्थर गिरने की घटनाएं सामने आई थीं. उन झटकों की तीव्रता क्रमशः 3.0 और 2.0 मापी गई थी. लगातार झटकों के कारणों से स्थानीय लोग आशंकित हैं. कई लोगों ने घरों से बाहर रहना शुरू कर दिया है, तो कुछ लोग भूकंप से बचाव के उपायों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और भूकंप के प्रभावों का आकलन कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भूवैज्ञानिकों का मानना है कि लगातार आ रहे छोटे झटके बड़े भूकंप की संभावना को कम भी कर सकते हैं, लेकिन यह किसी बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं. उत्तरकाशी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन में आता है और 1991 में यहां 6.8 तीव्रता का भयानक भूकंप आया था, जिसमें भारी तबाही हुई थी. विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि भूकंप के समय घबराने के बजाय खुले स्थान पर जाना चाहिए और मजबूत संरचनाओं से दूर रहना चाहिए. प्रशासन भी भूकंप से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर विचार कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान ने देने की बात कही<br /></strong>जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहें. उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि प्रशासन की टीम हर झटके के बाद स्थिति का आकलन कर रही है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में बार-बार भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन बार-बार कांप रही धरती लोगों को डराने लगी है. स्थानीय लोग प्रशासन से इस स्थिति पर ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-three-stampedes-occurred-on-mauni-amavsya-snan-crack-on-pontoon-bridge-2874349″>महाकुंभ में एक नहीं तीन भगदड़ मची! पांटून ब्रिज में भी आई थी दरार, चश्मदीद बोले- पुलिस नदारद, गंगाजल छिड़क कर बचाई जान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarkashi News:</strong> उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.07 मापी गई. बीते 6 दिनों में यह नौवां झटका है, जिससे क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है. हालांकि, किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है. भूकंप के झटके से लोगों में डर का माहौल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र बड़कोट तहसील के सरुताल झील, फुच-कंडी और यमुनोत्री रेंज वन क्षेत्र में था. जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार, गुरुवार शाम को भी उत्तरकाशी मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप महसूस किया गया था. गुरुवार को आए झटके की तीव्रता 2.7 मापी गई और इसका केंद्र भी यमुनोत्री रेंज में ही था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन भूकंप के प्रभावों का आकलन कर रहा है<br /></strong>उत्तरकाशी के लोग बीते छह दिनों से बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों से डरे हुए हैं. इससे पहले 24 और 25 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से मलबा और पत्थर गिरने की घटनाएं सामने आई थीं. उन झटकों की तीव्रता क्रमशः 3.0 और 2.0 मापी गई थी. लगातार झटकों के कारणों से स्थानीय लोग आशंकित हैं. कई लोगों ने घरों से बाहर रहना शुरू कर दिया है, तो कुछ लोग भूकंप से बचाव के उपायों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और भूकंप के प्रभावों का आकलन कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भूवैज्ञानिकों का मानना है कि लगातार आ रहे छोटे झटके बड़े भूकंप की संभावना को कम भी कर सकते हैं, लेकिन यह किसी बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं. उत्तरकाशी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन में आता है और 1991 में यहां 6.8 तीव्रता का भयानक भूकंप आया था, जिसमें भारी तबाही हुई थी. विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि भूकंप के समय घबराने के बजाय खुले स्थान पर जाना चाहिए और मजबूत संरचनाओं से दूर रहना चाहिए. प्रशासन भी भूकंप से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर विचार कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान ने देने की बात कही<br /></strong>जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहें. उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि प्रशासन की टीम हर झटके के बाद स्थिति का आकलन कर रही है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में बार-बार भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन बार-बार कांप रही धरती लोगों को डराने लगी है. स्थानीय लोग प्रशासन से इस स्थिति पर ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.</p>
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