<p style=”text-align: justify;”><strong>Ghanna Bhai In Uttarakhand:</strong> गढ़वाली हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का निधन हो गया है. चार दिनों से वे देहरादून के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए. उनके निधन की खबर से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घन्ना भाई को गंभीर स्वास्थ्य समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह पहले से हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे और कुछ साल पहले पेसमेकर भी लगाया गया था. हाल ही में उन्हें यूरिन में ब्लड आने की समस्या हुई, जिसके बाद सामान्य जांच के लिए वह अस्पताल पहुंचे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घन्ना भाई हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे<br /></strong>आवाज सुनो पहाड़ों की कार्यक्रम के संरक्षक बलबीर सिंह पंवार और संयोजक नरेंद्र रौथाण ने बताया कि ब्लड चढ़ाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और 11 फरवरी 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घन्ना भाई गढ़वाली सिनेमा और संगीत जगत का एक जाना-पहचाना नाम थे. उन्होंने कई गढ़वाली फिल्मों और म्यूजिक एल्बमों में काम किया था. उनके हास्य अभिनय को दर्शकों ने खूब पसंद किया और वह उत्तराखंड के हर घर में पहचाने जाने लगे थे. उनका जाना उत्तराखंड के लोक कलाकारों और प्रशंसकों के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनके निधन पर उत्तराखंड के कलाकारों और साहित्यकारों ने शोक व्यक्त किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2012 में भाजपा ने पौड़ी से दी थी टिकट<br /></strong>हास्य अभिनय के साथ-साथ घन्ना भाई ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई थी. 2012 में भाजपा के टिकट पर पौड़ी से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2022 के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने टिकट के लिए दावेदारी की थी. हालांकि, वह राजनीति में उतनी सफलता नहीं पा सके, लेकिन उन्होंने अपनी लोकप्रियता बनाए रखी और जनता से जुड़े रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घन्ना भाई के निधन की खबर फैलते ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई. सोशल मीडिया पर उनके चाहने वाले भावुक पोस्ट शेयर कर रहे हैं और उनके योगदान को याद कर रहे हैं. गढ़वाली लोक कलाकार प्रेम पंचोली ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “हमने उत्तराखंड के लोक संगीत और फिल्म जगत का एक अनमोल सितारा खो दिया. घन्ना भाई हमेशा अपनी कॉमेडी और सहज अभिनय के लिए याद किए जाएंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम धामी ने निधन पर जताया दुख<br /></strong>उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनके निधन पर दुख जताया और कहा, “उत्तराखंड की संस्कृति और लोक कला को समृद्ध करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा.” घन्ना भाई अपने अभिनय से लोगों को हंसाने का हुनर रखते थे. उनके चुटीले संवाद और गढ़वाली भाषा में हास्य शैली लोगों के दिलों में हमेशा बसी रहेगी. उनके जाने से उत्तराखंड की सांस्कृतिक दुनिया में एक गहरा शून्य पैदा हो गया है, जिसे भरना आसान नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bageshwar-dham-dhirendra-krishna-shastri-talk-to-innocent-girl-video-goes-viral-2882647″>Watch: बाबा बागेश्वर पर भड़की मासूम बच्ची, बोली- आप बहुत बक-बक करते हो</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ghanna Bhai In Uttarakhand:</strong> गढ़वाली हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का निधन हो गया है. चार दिनों से वे देहरादून के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए. उनके निधन की खबर से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घन्ना भाई को गंभीर स्वास्थ्य समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह पहले से हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे और कुछ साल पहले पेसमेकर भी लगाया गया था. हाल ही में उन्हें यूरिन में ब्लड आने की समस्या हुई, जिसके बाद सामान्य जांच के लिए वह अस्पताल पहुंचे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घन्ना भाई हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे<br /></strong>आवाज सुनो पहाड़ों की कार्यक्रम के संरक्षक बलबीर सिंह पंवार और संयोजक नरेंद्र रौथाण ने बताया कि ब्लड चढ़ाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और 11 फरवरी 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घन्ना भाई गढ़वाली सिनेमा और संगीत जगत का एक जाना-पहचाना नाम थे. उन्होंने कई गढ़वाली फिल्मों और म्यूजिक एल्बमों में काम किया था. उनके हास्य अभिनय को दर्शकों ने खूब पसंद किया और वह उत्तराखंड के हर घर में पहचाने जाने लगे थे. उनका जाना उत्तराखंड के लोक कलाकारों और प्रशंसकों के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनके निधन पर उत्तराखंड के कलाकारों और साहित्यकारों ने शोक व्यक्त किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2012 में भाजपा ने पौड़ी से दी थी टिकट<br /></strong>हास्य अभिनय के साथ-साथ घन्ना भाई ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई थी. 2012 में भाजपा के टिकट पर पौड़ी से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2022 के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने टिकट के लिए दावेदारी की थी. हालांकि, वह राजनीति में उतनी सफलता नहीं पा सके, लेकिन उन्होंने अपनी लोकप्रियता बनाए रखी और जनता से जुड़े रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घन्ना भाई के निधन की खबर फैलते ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई. सोशल मीडिया पर उनके चाहने वाले भावुक पोस्ट शेयर कर रहे हैं और उनके योगदान को याद कर रहे हैं. गढ़वाली लोक कलाकार प्रेम पंचोली ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “हमने उत्तराखंड के लोक संगीत और फिल्म जगत का एक अनमोल सितारा खो दिया. घन्ना भाई हमेशा अपनी कॉमेडी और सहज अभिनय के लिए याद किए जाएंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम धामी ने निधन पर जताया दुख<br /></strong>उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनके निधन पर दुख जताया और कहा, “उत्तराखंड की संस्कृति और लोक कला को समृद्ध करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा.” घन्ना भाई अपने अभिनय से लोगों को हंसाने का हुनर रखते थे. उनके चुटीले संवाद और गढ़वाली भाषा में हास्य शैली लोगों के दिलों में हमेशा बसी रहेगी. उनके जाने से उत्तराखंड की सांस्कृतिक दुनिया में एक गहरा शून्य पैदा हो गया है, जिसे भरना आसान नहीं होगा.</p>
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