<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> उत्तराखंड में भू-कानून के उल्लंघन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों का असर दिखने लगा है. प्रदेशभर में व्यापक कार्रवाई के तहत अब तक 279 मामलों में उल्लंघन सामने आए हैं, जिनमें से 243 पर मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. यह कार्रवाई राज्य में भू-कानून के दुरुपयोग को रोकने और अवैध भूमि खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने के लिए की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री धामी ने भू-कानून के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे. इसके बाद जिलाधिकारियों ने मामले दर्ज करना शुरू किया. अब तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 के पहले पखवाड़े तक 279 मामलों में भू-कानून का उल्लंघन पाया गया, जिसमें से 243 मामलों पर मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन जिलों में हुई कार्रवाई</strong><br />तीन माह के भीतर छह प्रकरणों में कुल 3.006 हेक्टेयर भूमि सरकार में निहित की जा चुकी है. प्रशासन के आदेश पर बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में यह कार्रवाई हुई. इन जिलों में भू-कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भू-कानून के उल्लंघन के मामलों में नगर निकाय क्षेत्रों में बिना अनुमति 250 वर्गमीटर भूमि की खरीद, 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने में अनुमति का उल्लंघन और कृषि, व्यावसायिक व औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि की खरीद में अनियमितताएं शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिलेवार कार्रवाई का ब्यौरा</strong><br />सबसे अधिक मामले: नैनीताल (79), देहरादून (78), और ऊधम सिंह नगर (37).</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुकदमे दर्ज: देहरादून (70), हरिद्वार (22), और अल्मोड़ा (8).</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमीन जब्ती: अल्मोड़ा (3 प्रकरण), बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल (1-1 प्रकरण).</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>279 मामलों में उल्लंघन</strong><br />हालांकि, कई जिलों में अभी भी सभी प्रकरणों पर मुकदमे दर्ज नहीं हो सके हैं. जिनमें कार्यवाही जारी है और सरकार जल्द ही इन मामलों का निपटारा करने की प्रक्रिया तेज करेगी. उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन रोकने के लिए जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 (4) (3) के तहत कार्रवाई की जा रही है. 11 दिसंबर 2024 तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 13 जिलों में कुल 1495 प्रकरणों में भूमि खरीद की अनुमति दी गई थी. इनमें से 279 मामलों में नियमों का उल्लंघन पाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रदेश में भू-कानून का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा. अब तक जिन प्रकरणों में उल्लंघन हुआ है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके.” उन्होंने संकेत दिया कि जल्द ही राज्य में एक सख्त भू-कानून लागू किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नया भू कानून लागू करने की तैयारी</strong><br />सरकार ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी प्रकरणों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और उल्लंघन के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें. राजस्व विवादों के निपटारे के साथ सरकार में बड़े पैमाने पर भूमि निहित होने की संभावना है. भू-कानून के उल्लंघन पर रोक लगाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार शीघ्र ही एक नया भू-कानून लागू करने की तैयारी कर रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह कानून भूमि खरीद-फरोख्त में अनियमितताओं को रोकने और राज्य की संपत्ति के संरक्षण के लिए कारगर होगा. देहरादून, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जैसे जिलों में भूमि खरीद-फरोख्त के मामले अधिक सामने आए हैं. सरकार ने इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड सरकार की इस सख्ती से यह स्पष्ट है कि भू-कानून का उल्लंघन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘छाती पीट रहे, खाना छोड़ दिए और बाल नोंच रहे’, महाकुंभ पहुंचकर किस पर बरसे BJP सांसद रवि किशन” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-mp-ravi-kishan-angry-on-opposition-party-congress-samajwadi-party-react-on-maha-kumbh-2025-arrangement-2865068″ target=”_blank” rel=”noopener”>’छाती पीट रहे, खाना छोड़ दिए और बाल नोंच रहे’, महाकुंभ पहुंचकर किस पर बरसे BJP सांसद रवि किशन</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> उत्तराखंड में भू-कानून के उल्लंघन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों का असर दिखने लगा है. प्रदेशभर में व्यापक कार्रवाई के तहत अब तक 279 मामलों में उल्लंघन सामने आए हैं, जिनमें से 243 पर मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. यह कार्रवाई राज्य में भू-कानून के दुरुपयोग को रोकने और अवैध भूमि खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने के लिए की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री धामी ने भू-कानून के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे. इसके बाद जिलाधिकारियों ने मामले दर्ज करना शुरू किया. अब तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 के पहले पखवाड़े तक 279 मामलों में भू-कानून का उल्लंघन पाया गया, जिसमें से 243 मामलों पर मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन जिलों में हुई कार्रवाई</strong><br />तीन माह के भीतर छह प्रकरणों में कुल 3.006 हेक्टेयर भूमि सरकार में निहित की जा चुकी है. प्रशासन के आदेश पर बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में यह कार्रवाई हुई. इन जिलों में भू-कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भू-कानून के उल्लंघन के मामलों में नगर निकाय क्षेत्रों में बिना अनुमति 250 वर्गमीटर भूमि की खरीद, 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने में अनुमति का उल्लंघन और कृषि, व्यावसायिक व औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि की खरीद में अनियमितताएं शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिलेवार कार्रवाई का ब्यौरा</strong><br />सबसे अधिक मामले: नैनीताल (79), देहरादून (78), और ऊधम सिंह नगर (37).</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुकदमे दर्ज: देहरादून (70), हरिद्वार (22), और अल्मोड़ा (8).</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमीन जब्ती: अल्मोड़ा (3 प्रकरण), बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल (1-1 प्रकरण).</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>279 मामलों में उल्लंघन</strong><br />हालांकि, कई जिलों में अभी भी सभी प्रकरणों पर मुकदमे दर्ज नहीं हो सके हैं. जिनमें कार्यवाही जारी है और सरकार जल्द ही इन मामलों का निपटारा करने की प्रक्रिया तेज करेगी. उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन रोकने के लिए जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 (4) (3) के तहत कार्रवाई की जा रही है. 11 दिसंबर 2024 तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 13 जिलों में कुल 1495 प्रकरणों में भूमि खरीद की अनुमति दी गई थी. इनमें से 279 मामलों में नियमों का उल्लंघन पाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रदेश में भू-कानून का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा. अब तक जिन प्रकरणों में उल्लंघन हुआ है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके.” उन्होंने संकेत दिया कि जल्द ही राज्य में एक सख्त भू-कानून लागू किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नया भू कानून लागू करने की तैयारी</strong><br />सरकार ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी प्रकरणों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और उल्लंघन के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें. राजस्व विवादों के निपटारे के साथ सरकार में बड़े पैमाने पर भूमि निहित होने की संभावना है. भू-कानून के उल्लंघन पर रोक लगाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार शीघ्र ही एक नया भू-कानून लागू करने की तैयारी कर रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह कानून भूमि खरीद-फरोख्त में अनियमितताओं को रोकने और राज्य की संपत्ति के संरक्षण के लिए कारगर होगा. देहरादून, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जैसे जिलों में भूमि खरीद-फरोख्त के मामले अधिक सामने आए हैं. सरकार ने इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड सरकार की इस सख्ती से यह स्पष्ट है कि भू-कानून का उल्लंघन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. </p>
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