उत्तराखंड में UCC लागू करने की तैयारी तेज, नियमावली में हो रहा संशोधन, जल्द मिलेगी मंजूरी

उत्तराखंड में UCC लागू करने की तैयारी तेज, नियमावली में हो रहा संशोधन, जल्द मिलेगी मंजूरी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uniform Civil Code:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. कानून को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने के लिए शासन द्वारा तैयार की जा रही नियमावली के प्रारूप में बदलाव किए जा रहे हैं. 424 पृष्ठों की इस नियमावली में कई ऐसे प्रावधान पाए गए हैं, जो केंद्रीय कानूनों का दोहराव करते हैं. इन्हें हटाने और आवश्यक संशोधन करने पर मंथन जारी है. गृह विभाग के नेतृत्व में इस नियमावली को अंतिम रूप देने की तैयारी की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता को विधानसभा से पारित करा चुकी है, और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है. इस कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार ने फरवरी 2024 में पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. अक्टूबर में इस समिति ने अपनी रिपोर्ट और नियमावली का प्रारूप सरकार को सौंप दिया. प्रारूप की समीक्षा के बाद, समिति को भंग कर क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया, जिसमें अधिकांश वही सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने प्रारंभिक नियमावली तैयार की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC की नियमावली में संशोधन</strong><br />विधि एवं न्याय विभाग की समीक्षा में पाया गया कि नियमावली के कई प्रावधान ऐसे हैं, जो पहले से ही केंद्रीय कानूनों में मौजूद हैं. विशेष रूप से उत्तराधिकार और विवाह संबंधी विषयों में दोहराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है. विभाग ने सिफारिश की कि इन बिंदुओं को हटाकर नियमावली को सरल और स्पष्ट बनाया जाए ताकि आमजन के लिए इसका पालन सुगम हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके तहत अर्थदंड की व्यवस्था को लेकर भी गहन मंथन जारी है. वित्त विभाग के साथ इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रस्तावित आर्थिक दंड विधि सम्मत हो और भविष्य में कानूनी विवादों का सामना न करना पड़े. शासन का उद्देश्य नियमावली को कानूनी रूप से सुदृढ़ और व्यावहारिक बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गृह विभाग के सचिव शैलेश बगौली ने जानकारी दी कि नियमावली के प्रारूप को लेकर कई चरणों में बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही संशोधनों को अंतिम रूप देकर नियमावली को लागू किया जाएगा. उनका कहना है कि प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ आमजन की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञों का मानना है कि समान नागरिक संहिता की नियमावली के माध्यम से विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे विषयों को एक समान कानूनी ढांचे में लाया जाएगा. हालांकि, इसकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि नियमावली को कितना व्यावहारिक और स्पष्ट रूप दिया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड!</strong><br />प्रदेश सरकार की इस पहल को देशभर में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता को लागू करने का साहसिक निर्णय लिया है. वर्तमान में यह कानून राज्य की प्रमुख नीतिगत योजनाओं में शामिल है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में सरकार का पूरा ध्यान केंद्रित है. जल्द ही अंतिम रूप मिलने के बाद यह नियमावली राज्य में लागू कर दी जाएगी. इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल पेश करेगा.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uniform Civil Code:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. कानून को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने के लिए शासन द्वारा तैयार की जा रही नियमावली के प्रारूप में बदलाव किए जा रहे हैं. 424 पृष्ठों की इस नियमावली में कई ऐसे प्रावधान पाए गए हैं, जो केंद्रीय कानूनों का दोहराव करते हैं. इन्हें हटाने और आवश्यक संशोधन करने पर मंथन जारी है. गृह विभाग के नेतृत्व में इस नियमावली को अंतिम रूप देने की तैयारी की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता को विधानसभा से पारित करा चुकी है, और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है. इस कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार ने फरवरी 2024 में पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. अक्टूबर में इस समिति ने अपनी रिपोर्ट और नियमावली का प्रारूप सरकार को सौंप दिया. प्रारूप की समीक्षा के बाद, समिति को भंग कर क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया, जिसमें अधिकांश वही सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने प्रारंभिक नियमावली तैयार की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC की नियमावली में संशोधन</strong><br />विधि एवं न्याय विभाग की समीक्षा में पाया गया कि नियमावली के कई प्रावधान ऐसे हैं, जो पहले से ही केंद्रीय कानूनों में मौजूद हैं. विशेष रूप से उत्तराधिकार और विवाह संबंधी विषयों में दोहराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है. विभाग ने सिफारिश की कि इन बिंदुओं को हटाकर नियमावली को सरल और स्पष्ट बनाया जाए ताकि आमजन के लिए इसका पालन सुगम हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके तहत अर्थदंड की व्यवस्था को लेकर भी गहन मंथन जारी है. वित्त विभाग के साथ इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रस्तावित आर्थिक दंड विधि सम्मत हो और भविष्य में कानूनी विवादों का सामना न करना पड़े. शासन का उद्देश्य नियमावली को कानूनी रूप से सुदृढ़ और व्यावहारिक बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गृह विभाग के सचिव शैलेश बगौली ने जानकारी दी कि नियमावली के प्रारूप को लेकर कई चरणों में बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही संशोधनों को अंतिम रूप देकर नियमावली को लागू किया जाएगा. उनका कहना है कि प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ आमजन की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञों का मानना है कि समान नागरिक संहिता की नियमावली के माध्यम से विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे विषयों को एक समान कानूनी ढांचे में लाया जाएगा. हालांकि, इसकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि नियमावली को कितना व्यावहारिक और स्पष्ट रूप दिया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड!</strong><br />प्रदेश सरकार की इस पहल को देशभर में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता को लागू करने का साहसिक निर्णय लिया है. वर्तमान में यह कानून राज्य की प्रमुख नीतिगत योजनाओं में शामिल है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में सरकार का पूरा ध्यान केंद्रित है. जल्द ही अंतिम रूप मिलने के बाद यह नियमावली राज्य में लागू कर दी जाएगी. इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल पेश करेगा.&nbsp;</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Naguar Accident: राजस्थान के नागौर-बीकानेर हाईवे पर भीषण सड़क हादसा, लगी आग, 2 लोगों की जलकर मौत