उन्नाव के सीओ (क्षेत्राधिकारी) रहे कृपा शंकर कनौजिया को शासन ने सिपाही बना दिया है। यह एक महिला सिपाही के साथ जुलाई 2021 में कानपुर के होटल में आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे। उन्होंने विभाग ही नहीं पत्नी को भी धोखा दिया था और पत्नी को दिए धोखे की वजह से ही वह फंस गए। लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश के बाद उन्नाव के सीओ को डिमोट कर सिपाही बना दिया गया। जांच के बाद 18 जून को विभाग ने निर्देश दिया था। शनिवार को आदेश जारी किया गया। अब वह 26 बटालियन के सिपाही के तौर पर पीएससी गोरखपुर में है। अब जानिए पूरा मामला कृपा शंकर कनौजिया मूलतः देवरिया के रहने वाले हैं। जुलाई 2021 में सीओ कृपाशंकर कन्नौजिया उस दौरान उन्नाव जिले की बीघापुर सर्किल में तैनात थे। इस दौरान उसी थाने में तैनात एक सहयोगी महिला सिपाही के साथ इनके प्रेम सबंध हो गए। जबकि कृपाशंकर कनौजिया शादीशुदा थे। वहीं महिला सिपाही भी शादीशुदा थी। उसका पति प्रयागराज में सिपाही के पद तैनात था। कानपुर के होटल में लिया कमरा
6 जुलाई 2021 को कृपा शंकर कनौजिया इलाज के लिए घर गोरखुपर जाने के लिए छुट्टी ली थी। पत्नी को बता भी दिया कि घर आ रहा हूं। लेकिन घर जाने की जगह वह एक महिला सिपाही को लेकर कानपुर में मालरोड स्थित होटल आ गए। अपने नाम से ही कमरा बुक किया और महिला सिपाही के साथ ठहर गए। उन्होंने सीयूजी और पर्सनल दोनों फोन बंद कर लिए। पत्नी ने कॉल की तो फोन देर तक बंद मिलते रहे। इस पर वह घबरा गईं और उन्होंने एसपी उन्नाव आनंद कुलकर्णी को कॉल कर चिंता जताई। वह अक्सर अपनी हत्या की आशंका जताते रहते थे। उनके फोन बंद होने से मुझे डर लग रहा है कि कहीं उनके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई। एसपी ने लगाया सर्विलांस सेल
इस पर एसपी ने सर्विलांस सेल को लगाया। उनकी आखिरी लोकेशन माल रोड, कानपुर के एक होटल में मिली। उन्नाव और कानपुर की संयुक्त टीम होटल पहुंची तो पता चला कि शाम पांच बजे से सीओ एक महिला के साथ कमरे में हैं। रूम बुकिंग में उनकी आईडी लगी थी। तस्दीक के बाद कमरा नंबर 201 खटखटाया गया तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। होटल मैनेजर शिव कुमार को खुद जाना पड़ा। उन्होंने कमरा खुलवाया और सीओ को बताया कि नीचे पुलिस टीम मौजूद है। तब सीओ नीचे पहुंचे। उनसे कहा गया कि आपकी पत्नी बात करना चाहती हैं। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे दोनों
सबूत के तौर पर उन्नाव पुलिस सीओ से जुड़े वीडियो अपने साथ ले आई थी। होटल में एंट्री करते समय सीओ और उनकी महिला मित्र सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। इस भंडाफोड़ के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। उसके बाद वह गोरखपुर पीएसी भेज दिए गए। अंततः अब दंड निर्धारण हुआ, जिसमें उनके कंधे के सितारे छीन लिए गए हैं। उन्होंने अपना कॅरियर पीएसी के सिपाही के रूप में शुरू किया था और दरोगा, इंस्पेक्टर, सीओ के रूप में काम करने के बाद फिर सिपाही बना दिए गए हैं। वहीं महिला सिपाही अभी उन्नाव के माखी थाने में तैनात है। इस बवाल के बाद महिला सिपाही के पति ने उसकों तलाक दे दिया है। आशिक मिजाजी में पहले भी चर्चित रहे
पुलिस सूत्र बताते हैं कि कृपाशंकर गोंडा से तबादले में उन्नाव भेजे गए थे। यहां बीघापुर सर्किल में तैनात हुए तो बिहार थाने में तैनात एक महिला दारोगा को परेशान किया। उसे अभद्र मैसेज भेजे। विरोध किया तो उन्होंने दरोगा की विभागीय फाइल खोल दी। परेशान होकर उसने ट्रांसफर करवा लिया था। उसी दौरान महिला सिपाही उनके संपर्क में आई और नजदीकी संबंध बन गए। शासन को भेजी गई थी रिपोर्ट
इस कांड के बाद विभाग की छवि धूमिल करने के चलते रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। शासन ने पूरे मामले पर समीक्षा के बाद कृपा शंकर कनौजिया को रिवर्ट कर सिपाही बनाने की संस्तुती की। अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर कृपा शंकर कनौजिया को अधिकारी पद से आरक्षी के पद पर तैनात किया जा रहा जा रहा है। कृपा शंकर कनौजिया को वाहिनी व्यवस्था के आधार पर पीएसी के एक दल में नियुक्त किया गया है। इस वक्त उनकी 26 बटालियन के सिपाही के तौर पर पीएससी गोरखपुर में है। उन्नाव के सीओ (क्षेत्राधिकारी) रहे कृपा शंकर कनौजिया को शासन ने सिपाही बना दिया है। यह एक महिला सिपाही के साथ जुलाई 2021 में कानपुर के होटल में आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे। उन्होंने विभाग ही नहीं पत्नी को भी धोखा दिया था और पत्नी को दिए धोखे की वजह से ही वह फंस गए। लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश के बाद उन्नाव के सीओ को डिमोट कर सिपाही बना दिया गया। जांच के बाद 18 जून को विभाग ने निर्देश दिया था। शनिवार को आदेश जारी किया गया। अब वह 26 बटालियन के सिपाही के तौर पर पीएससी गोरखपुर में है। अब जानिए पूरा मामला कृपा शंकर कनौजिया मूलतः देवरिया के रहने वाले हैं। जुलाई 2021 में सीओ कृपाशंकर कन्नौजिया उस दौरान उन्नाव जिले की बीघापुर सर्किल में तैनात थे। इस दौरान उसी थाने में तैनात एक सहयोगी महिला सिपाही के साथ इनके प्रेम सबंध हो गए। जबकि कृपाशंकर कनौजिया शादीशुदा थे। वहीं महिला सिपाही भी शादीशुदा थी। उसका पति प्रयागराज में सिपाही के पद तैनात था। कानपुर के होटल में लिया कमरा
6 जुलाई 2021 को कृपा शंकर कनौजिया इलाज के लिए घर गोरखुपर जाने के लिए छुट्टी ली थी। पत्नी को बता भी दिया कि घर आ रहा हूं। लेकिन घर जाने की जगह वह एक महिला सिपाही को लेकर कानपुर में मालरोड स्थित होटल आ गए। अपने नाम से ही कमरा बुक किया और महिला सिपाही के साथ ठहर गए। उन्होंने सीयूजी और पर्सनल दोनों फोन बंद कर लिए। पत्नी ने कॉल की तो फोन देर तक बंद मिलते रहे। इस पर वह घबरा गईं और उन्होंने एसपी उन्नाव आनंद कुलकर्णी को कॉल कर चिंता जताई। वह अक्सर अपनी हत्या की आशंका जताते रहते थे। उनके फोन बंद होने से मुझे डर लग रहा है कि कहीं उनके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई। एसपी ने लगाया सर्विलांस सेल
इस पर एसपी ने सर्विलांस सेल को लगाया। उनकी आखिरी लोकेशन माल रोड, कानपुर के एक होटल में मिली। उन्नाव और कानपुर की संयुक्त टीम होटल पहुंची तो पता चला कि शाम पांच बजे से सीओ एक महिला के साथ कमरे में हैं। रूम बुकिंग में उनकी आईडी लगी थी। तस्दीक के बाद कमरा नंबर 201 खटखटाया गया तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। होटल मैनेजर शिव कुमार को खुद जाना पड़ा। उन्होंने कमरा खुलवाया और सीओ को बताया कि नीचे पुलिस टीम मौजूद है। तब सीओ नीचे पहुंचे। उनसे कहा गया कि आपकी पत्नी बात करना चाहती हैं। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे दोनों
सबूत के तौर पर उन्नाव पुलिस सीओ से जुड़े वीडियो अपने साथ ले आई थी। होटल में एंट्री करते समय सीओ और उनकी महिला मित्र सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। इस भंडाफोड़ के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। उसके बाद वह गोरखपुर पीएसी भेज दिए गए। अंततः अब दंड निर्धारण हुआ, जिसमें उनके कंधे के सितारे छीन लिए गए हैं। उन्होंने अपना कॅरियर पीएसी के सिपाही के रूप में शुरू किया था और दरोगा, इंस्पेक्टर, सीओ के रूप में काम करने के बाद फिर सिपाही बना दिए गए हैं। वहीं महिला सिपाही अभी उन्नाव के माखी थाने में तैनात है। इस बवाल के बाद महिला सिपाही के पति ने उसकों तलाक दे दिया है। आशिक मिजाजी में पहले भी चर्चित रहे
पुलिस सूत्र बताते हैं कि कृपाशंकर गोंडा से तबादले में उन्नाव भेजे गए थे। यहां बीघापुर सर्किल में तैनात हुए तो बिहार थाने में तैनात एक महिला दारोगा को परेशान किया। उसे अभद्र मैसेज भेजे। विरोध किया तो उन्होंने दरोगा की विभागीय फाइल खोल दी। परेशान होकर उसने ट्रांसफर करवा लिया था। उसी दौरान महिला सिपाही उनके संपर्क में आई और नजदीकी संबंध बन गए। शासन को भेजी गई थी रिपोर्ट
इस कांड के बाद विभाग की छवि धूमिल करने के चलते रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। शासन ने पूरे मामले पर समीक्षा के बाद कृपा शंकर कनौजिया को रिवर्ट कर सिपाही बनाने की संस्तुती की। अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर कृपा शंकर कनौजिया को अधिकारी पद से आरक्षी के पद पर तैनात किया जा रहा जा रहा है। कृपा शंकर कनौजिया को वाहिनी व्यवस्था के आधार पर पीएसी के एक दल में नियुक्त किया गया है। इस वक्त उनकी 26 बटालियन के सिपाही के तौर पर पीएससी गोरखपुर में है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर