<p style=”text-align: justify;”><strong>Uphaar Cinema Fire:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने उपहार सिनेमा अग्निकांड से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल की सजा के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम बहस के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस गिरीश काठपालिया ने कहा कि उस दिन से मामले की रोज सुनवाई होगी, जब तक बहस पूरी नहीं हो जाती. यह मामला 13 जून, 1997 को उपहार सिनेमा में हुए भीषण अग्निकांड से जुड़ा है, जिसमें 59 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस त्रासदी के बाद सबूतों से छेड़छाड़ का एक अलग मामला दर्ज हुआ, जिसमें अंसल बंधुओं सहित चार लोगों को दोषी ठहराया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निचली अदालत ने सुनाई थी 7 साल की सजा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मजिस्ट्रेट अदालत ने 8 नवंबर, 2021 को अंसल भाइयों को सात साल की सजा सुनाई थी, लेकिन जिला अदालत ने 19 जुलाई, 2022 को इस सजा को घटाकर पहले से काटी गई सजा के आधार पर उन्हें रिहा कर दिया. हालांकि कोर्ट ने अंसल बंधुओं पर 2.25 करोड़ रुपये जुर्माना और अन्य दोषियों दिनेश चंद्र शर्मा व पी.पी. बत्रा पर 3 लाख रुपये जुर्माना बरकरार रखा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली पुलिस ने किया विरोध </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अभियोजन पक्ष के वकील कृष्णन ने अदालत में कहा कि अपीलीय अदालत ने विकृत तर्कों के आधार पर सजा घटाई है, जो न्याय की भावना के खिलाफ है. वहीं, उपहार त्रासदी पीड़ित संघ (AVUT) के वकील विकास पहवा ने दलील दी कि सबूतों से छेड़छाड़ न्याय व्यवस्था पर हमला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. चार्जशीट में कहा गया है कि जिन दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई, उनमें पुलिस मेमो, फायर सर्विस के रिकॉर्ड, प्रबंध निदेशक की बैठकों की कार्यवाही और चार बैंक चेक शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है उपहार अग्नि कांड मामला ? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यह आग 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ की स्क्रीनिंग के दौरान साउथ दिल्ली के उपहार सिनेमा में लगी थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद, सिनेमा मालिकों, अंसल बंधुओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong> <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/sanjay-singh-reaction-on-cbi-raid-on-aap-durgesh-pathak-house-2926648″>AAP नेता दुर्गेश पाठक के घर पहुंची CBI तो भड़के संजय सिंह, बोले- ‘गुजरात में हार की संभावना'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uphaar Cinema Fire:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने उपहार सिनेमा अग्निकांड से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल की सजा के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम बहस के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस गिरीश काठपालिया ने कहा कि उस दिन से मामले की रोज सुनवाई होगी, जब तक बहस पूरी नहीं हो जाती. यह मामला 13 जून, 1997 को उपहार सिनेमा में हुए भीषण अग्निकांड से जुड़ा है, जिसमें 59 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस त्रासदी के बाद सबूतों से छेड़छाड़ का एक अलग मामला दर्ज हुआ, जिसमें अंसल बंधुओं सहित चार लोगों को दोषी ठहराया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निचली अदालत ने सुनाई थी 7 साल की सजा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मजिस्ट्रेट अदालत ने 8 नवंबर, 2021 को अंसल भाइयों को सात साल की सजा सुनाई थी, लेकिन जिला अदालत ने 19 जुलाई, 2022 को इस सजा को घटाकर पहले से काटी गई सजा के आधार पर उन्हें रिहा कर दिया. हालांकि कोर्ट ने अंसल बंधुओं पर 2.25 करोड़ रुपये जुर्माना और अन्य दोषियों दिनेश चंद्र शर्मा व पी.पी. बत्रा पर 3 लाख रुपये जुर्माना बरकरार रखा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली पुलिस ने किया विरोध </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अभियोजन पक्ष के वकील कृष्णन ने अदालत में कहा कि अपीलीय अदालत ने विकृत तर्कों के आधार पर सजा घटाई है, जो न्याय की भावना के खिलाफ है. वहीं, उपहार त्रासदी पीड़ित संघ (AVUT) के वकील विकास पहवा ने दलील दी कि सबूतों से छेड़छाड़ न्याय व्यवस्था पर हमला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. चार्जशीट में कहा गया है कि जिन दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई, उनमें पुलिस मेमो, फायर सर्विस के रिकॉर्ड, प्रबंध निदेशक की बैठकों की कार्यवाही और चार बैंक चेक शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है उपहार अग्नि कांड मामला ? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यह आग 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ की स्क्रीनिंग के दौरान साउथ दिल्ली के उपहार सिनेमा में लगी थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद, सिनेमा मालिकों, अंसल बंधुओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई. </p>
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