<p>Eknath Shinde Health: महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> की तबीयत और बिगड़ गई है. उन्हें ठाणे के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस बीच राज्य में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस और बढ़ गया है.</p> <p>Eknath Shinde Health: महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> की तबीयत और बिगड़ गई है. उन्हें ठाणे के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस बीच राज्य में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस और बढ़ गया है.</p> महाराष्ट्र Dipika Patel: सूरत में BJP की महिला नेता ने किया सुसाइड, मौत से पहले पार्टी के पार्षद से हुई थी इतनी बार बात
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हरियाणा में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला बिल्डिंग से रोक हटी:सरकार ने नए सेक्टरों पर शर्त लगा छूट दी; पहले बन चुकी ऐसी इमारतों का ऑडिट होगा
हरियाणा में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला बिल्डिंग से रोक हटी:सरकार ने नए सेक्टरों पर शर्त लगा छूट दी; पहले बन चुकी ऐसी इमारतों का ऑडिट होगा हरियाणा सरकार ने स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण को मंजूरी दे दी है। नगर एवं ग्राम नियोजन विकास मंत्री जेपी दलाल ने यह ऐलान करते हुए कहा कि राव कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने यह फैसला किया है। हालांकि इसके लिए सरकार की ओर से कुछ नियम एवं शर्तों को भी शामिल किया है। जो भी इनको पूरा करेगा, उसको ही स्टिल्ट प्लस चार मंजिला भवन निर्माण बनाने की इजाजत दी जाएगी। जेपी दलाल ने कहा कि सेक्टरों में जो पहले अवैध तरीके से 4 मंजिला भवन बनाए जा चुके हैं, उसको ढहाया नहीं जाएगा। हरियाणा के नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि स्टिल्ट +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कालोनियों, सेक्टरों में आवासीय भूखंडों के लिए दी जाएगी, जिनका ले आउट प्लान प्रति प्लाट चार आवासीय इकाइयों के साथ अप्रूव है। एस +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति पहले से ही लाइसेंस प्राप्त DDJAY कॉलोनी में भी दी जाएगी, यदि प्रति प्लाट चार आवासीय इकाइयों के लिए संशोधित हो। इसके अलावा निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियां, सेक्टरों में भी दी जा सकती है, जिनका ले आउट प्लान प्रति प्लॉट 3 आवासीय इकाइयों के साथ मंजूर हैं, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों के लिए जो 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क से सुगम्य हैं। ये भवन होंगे अवैध जिन भवनों में 1.8 मीटर का साइड सेट बैक नहीं छोड़ा होगा, उन्हें अवैध माना जाएगा। इसके अलावा भवन के आसपास रहने वाले लोगों की मंजूरी भी लेना जरूरी होगा, यदि वह परमिशन नहीं देंगे तो ऐसे भवनों को भी अवैध माना जाएगा। दलाल ने बताया कि 250 वर्ग मीटर से अधिक माप वाले भूखंडों के लिए PDR की दरें नियम से बढ़ाई जाएंगी। एस +4 विकल्प नहीं चुनने पर ये होगा नियम जहां मालिक एस +4 मंजिल का निर्माण नहीं करने का विकल्प चुनता है और PDR का फायदा पूरा नहीं उठाता है, ऐसे अप्रयुक्त पीडीआर की गणित राशि का रिफंड 8% ब्याज सहित के अनुरोध के लिए आवेदन की तिथि तक पात्रता होगी, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। यदि मामला अनुच्छेद 1 या 3 में नहीं आता है, तो आवंटी 8 % ब्याज के साथ भुगतान की गई पूरी नीलामी राशि की वापसी के लिए पात्र होगा, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। इस नियम को ऐसे समझिए… रिफंड राशि की गणना के लिए एक उदाहरण के रूप में समझिए। गुरुग्राम में स्थित 600 वर्ग मीटर के एक भूखंड के लिए, जिस पर आधार एफएआर 1.2 है और पीडीआर के साथ अधिकतम स्वीकार्य एफएआर 2.4 तक है, लेकिन आवंटी 1.9 का एफएआर प्राप्त करने में सक्षम है, तो शेष अप्रयुक्त एफएआर 0.5, यानी 300 वर्ग मीटर के लिए आवंटी गणना की गई राशि के प्रतिदाय के लिए पात्र होगा। शेष अप्रयुक्त एफएआर ( वर्ग मीटर में ) को प्लाट आकार के लिए पीडीआर ( रुपये प्रति वर्ग मीटर में ) उस क्षेत्र में जिसमें प्लाट स्थित है की लागू निर्धारित दर से गुणा किया जाता है। तदनुसार, यदि प्लाट गुरुग्राम ( हाइपर पोटेंशियल जोन ) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,21,000 रुपए होगी और यदि प्लाट पानीपत (हाई- पोटेशियल(जोन) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,53,500 रुपए होगी। 250 वर्ग मीटर से कम भूखंडों की अनुमति नहीं होगी मामलों में जहां दोनों में से किसी एक या दोनों को स्वामियों के साथ निष्पादित महत समझौते में सहमति दी जाती है, ऐसे में बेसमेंट का निर्माण और सार्वजनिक दीवार पर भार का स्थानांतरण करने की अनुमति है। इसके अलावा, आम दीवार के निर्माण की अनुमति दी जाएगी यदि आवासीय भूखंडों की पूरी पंक्ति को भवन योजनाओं को स्वीकृति और निर्माण के लिए एक बार में लिया जाता है। बेसमेंट मंजिल का निर्माण की अनुमति किसी भी मामले में 10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के भूखंडों पर अनुमति नहीं दी जाएगी। सुविधाओं का ऑडिट कराएगी सरकार पिछले साल मार्च में रिटायर्ड आईएएस पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया था। लोकसभा चुनाव के बाद अब सरकार ने ये फैसला किया है। जिसके अनुसार जिन इलाकों में यह पार्किंग प्लस चार मंजिला भवनों का निर्माण हो चुका है, वहां सुविधाओं का ऑडिट भी कराएगी। ताकि किसी को कोई परेशानी न आए और वहां सुविधा बढ़ाई जा सके। इसके अलावा जिन सेक्टर्स में विरोध नहीं है, वहां भी निर्माण किया जा सकेगा। सरकार ने ये भी किया ऐलान शहर के सभी सेक्टरों के आधारभूत संरचना में वृद्धि, जहां भी आवश्यक हो, संबंधित एजेंसियों द्वारा एस +4 योजनाओं के अनुमोदन के विरुद्ध एकत्रित 1178.95 करोड़ रुपए ( टीसीपी 689.8 करोड़ रुपए, एचएसवीपी 466.3 करोड़ रुपए, एचएसआईआईडीसी 2.62 करोड़ रुपए यूएलबी 20.23 करोड़ रुपए की आईएसी निधि से तुरंत की जाएगी। ये निधियों तत्काल आधार पर एचएसवीपी को जारी की जाएगी, जो प्राथमिकता और निष्पादन के लिए नोडल कार्यालय होगा, और उसके बाद मासिक आधार पर उपार्जन के आधार पर जारी की जाएगी। शिकायतों के लिए समितियां बनेंगी दलाल ने बताया कि प्रत्येक विभाग एस- 4 मामलों से संबंधित मुद्दों के निपटान और समय-समय पर एस-4 मंजिलों से संबंधित अनुमतियों सहित विभिन्न सूचनाओं को अपलोड करने के लिए एस -4 पोर्टल ‘ स्थापित करेगा। स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के लिए भवन योजनाओं के अनुमोदन की जानकारी को एस -4 पोर्टल’ और संबंधित एजेंसियों की वेबसाइटों पर नियमित रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा। जेपी दलाल ने बताया कि शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत निवारण समितियों का गठन किया जाएगा। एस +4 मंजिलों के निर्माण के संबंध में संरचनात्मक क्षति, पार्किंग की समस्या, बुनियादी ढांचे के मुद्दों आदि से संबंधित सभी मामलों के लिए भूखंड मालिकों को सहायता दी जाएगी। सभी शिकायतों का निपटारा एस -4 पोर्टल पर किया जाएगा। इसलिए बढ़ी स्टिल्ट प्लस 4 की डिमांड कई मामलों में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिलों का निर्माण सीमित जगह वाले क्षेत्रों में या जहां जमीन की कीमत अधिक है, वहां किया जाता है। स्टिल्ट फ्लोर का उपयोग कर, डेवलपर्स आवासीय या व्यवसायिक उपयोग के लिए मूल्यवान फ्लोर स्पेस का त्याग किए बिना पार्किंग या भंडारण के लिए अतिरिक्त स्थान बना सकते हैं। इसलिए हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में इसकी डिमांड बढ़ी है। ये होता है नुकसान यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्टिल्ट प्लस 4 मंजिलों के निर्माण से आसपास के बुनियादी ढांचे पर असर पड़ सकता है। इससे यातायात में वृद्धि, पार्किंग और जल निकासी संबंधी समस्याएं आ सकती हैं।
हरियाणा में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन:1 साल से थे बीमार, वार्षिक समागम रद्द; दोपहर 3.30 पर अंतिम दर्शन
हरियाणा में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन:1 साल से थे बीमार, वार्षिक समागम रद्द; दोपहर 3.30 पर अंतिम दर्शन हरियाणा के सिरसा जिले में डेरा जगमाल वाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का आज सुबह निधन हो गया। पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। डेरा प्रमुख की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। संत वकील करीब 1 साल से बीमार थे। आज दोपहर करीब 3.30 बजे उनका अंतिम दर्शन के लिए जगमाल वाली डेरा लाया जाएगा। डेरा प्रमुख के निधन की खबर के कारण डेरा में 3 से 4 अगस्त तक होने वाला वार्षिक समागम रद्द कर दिया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब डेरा में कोई वार्षिक समागम नहीं हो रहा है। डेरा प्रमुख की गंभीर हालत के कारण उनके भक्तों में चिंता थी। इसे लेकर डेरा प्रबंधन कमेटी लगातार स्वास्थ्य बुलेटिन जारी कर भक्तों को सांत्वना दे रही थी। 31 जुलाई को डेरा प्रबंधन ने स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया था जिसमें कहा गया कि, “सतगुरु के प्रिय भक्त परम पूज्य महाराज जी का इलाज बहुत अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर बनी हुई है। इसलिए भक्तों से अनुरोध है कि वे अस्पताल आने के बजाय महाराज जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए अधिक से अधिक सिमरन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।” हिसार और चंडीगढ़ में की पढ़ाई संत बहादुर चंद (वकील साहिब जी) मूल रूप से गांव चौटाला के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को गांव चौटाला में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में की। स्कूल पास करने के बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज में दाखिला लिया। जहां वे लाजपत राय छात्रावास में रहे और आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। फिर उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1968 में अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। देश-विदेश में प्रसिद्ध है डेरा कालांवाली मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव जगमालवाली करीब 300 साल पहले बसा था। डबवाली रोड पर स्थित यह छोटा सा गांव देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है और इसकी वजह है गांव में स्थित मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम। इसके अलावा गांव में शिवरात्रि पर्व पर मेला लगता है, जिसमें खेलकूद प्रतियोगिताएं होती हैं। बाबा मोती पुरी स्पोर्ट्स क्लब द्वारा रक्तदान समेत कई समाज कल्याण के कार्य भी किए जाते हैं। क्लब ने गांव में स्थित श्मशान घाट को भी खूबसूरत रूप दिया है। गांव का क्षेत्रफल करीब 5 हजार एकड़ है। यहां 3 गुरुद्वारे और 2 बड़े डेरे हैं। बलूचिस्तानी आश्रम आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र वर्ष 1964-65 में यहां के एक किसान बाबा सज्जन सिंह रूहल, जो फकीर और अविवाहित थे, ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को कई एकड़ जमीन दान में दी और उनसे यहां एक डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने जहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। शुरू में छोटा सा यह आश्रम अब संत की प्रसिद्धि के कारण विशाल रूप ले चुका है। डेरे के अंदर करीब 100-100 फीट का एक बहुत ही भव्य सचखंड बनाया गया है, जिसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है। वर्तमान में डेरे की गद्दी संत बहादुर चंद वकील साहिब के पास है। जिनका अब निधन हो गया। डेरा जगमालवाली का अगला मुखी कौन होगा? मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली के संस्थापक गुरुबख्श सिंह मैनेजर साहब ने अपनी वसीयत के अनुसार बहादुर चंद वकील साहब को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन वकील साहब के बाद डेरा का उत्तराधिकारी कौन होगा, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। बहादुर चंद को डेरा प्रमुख बनाए जाने के बाद गुरुबख्श सिंह के बेटे रघुबीर सिंह ने खुशपुर गोरीवाला में नया डेरा शुरू किया, जिसका प्रबंधन अब चंद महात्मा कर रहे हैं।
‘एकनाथ शिंदे और अजित पवार में इतनी हिम्मत नहीं है, CM बनना…’, उदित राज का मुख्यमंत्री पद पर बड़ा बयान
‘एकनाथ शिंदे और अजित पवार में इतनी हिम्मत नहीं है, CM बनना…’, उदित राज का मुख्यमंत्री पद पर बड़ा बयान <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra CM Candidate:</strong> महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बीच चल रही खींचतान पर कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> और अजित पवार में इतनी हिम्मत नहीं है, मुख्यमंत्री बनना तो बीजेपी का ही है, यह सब ड्रामा है, आखिरकार देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे. इस नौटंकी के पीछे कोई न कोई कारण होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा ईवीएम को लेकर उन्होंने कहा, “प्रचार तो हमलोग कर ही रहे हैं. मल्लिकार्जुन खरगे का बयान आ गया है. जब तक बैलेट पेपर नहीं, तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे यह हमारा संकल्प होना चाहिए. 1 दिसंबर को EVM के खिलाफ रैली भी है. पढ़े हुए देशों ने भी EVM को नकार दिया, आखिर क्या कारण है कि हम बैलेट पेपर की ओर रिटर्न नहीं हो सकते.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस की रैली में पहुंचे लोग, उदित राज की अपील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदित राज ने लोगों से कांग्रेस की रैली में पहुंचने की अपील करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ”कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे जी ने ईवीएम हटाने के खिलाफ आंदोलन का आगाज कर दिया है जो अभी तक कांग्रेस की आलोचना करते थे, देखना है कितना साथ देते हैं? 1 दिसंबर को दिल्ली की रामलीला मैदान में सुबह 10 बजे हजारों और लाखों ईवीएम हटाने की रैली में पहुंचें.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे जी ने ईवीएम हटाने के ख़िलाफ़ आंदोलन का आगाज कर दिया है । जो अभी तक कांग्रेस की आलोचना करते थे देखना है कितना साथ देते हैं ? 1 दिसंबर को दिल्ली की रामलीला मैदान में सुबह दस बजे हज़ारों और लाखों ईवीएम हटाने की रैली में पहुँचे । <a href=”https://t.co/WlqVzfkrHD”>pic.twitter.com/WlqVzfkrHD</a></p>
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) <a href=”https://twitter.com/Dr_Uditraj/status/1861645260364943405?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 27, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपनी ही पार्टी के नेताओं पर क्या बोले उदित राज?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदित राज ने कांग्रेस ढांचागत परिवर्तन करने की मांग की. पूर्व सांसद ने कहा, ”पार्टी में SC-ST-OBC के जो जमीनी नेता हैं, उन्हें आगे लाना पड़ेगा, ढांचा में परिवर्तन करना पड़ेगा. जिन्हें चार आदमी जानते नहीं और वह बड़े नेता बने पड़े हैं. कांग्रेस यदि इसका इलाज कर ले तो किसी की कोई जरूरत नहीं. कांग्रेस के संगठन की कमजोरी की वजह से परफॉर्मेंस अच्छा नहीं होता. फाइटर नेताओं की जरूरत है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही संभल मामले में पर उदित राज ने कहा, ”इस पर हाईकमान फैसला लेगा, प्रायोजित तरीके से यह सब किया गया है. पुलिस छावनी में तब्दील हो गई. नारे लगाते हुए पुलिस और सिविलियन जा रहे हैं. मानो दो देशों के बीच युद्ध हो.” संभल में एक मस्जिद के सर्व के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों में हिंसक झड़प देखी गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”क्या दिल्ली चुनाव में ‘झुग्गी झोपड़ी’ वाले दांव से हासिल होगी कुर्सी? हर राजनीतिक दल की ये है तैयारी” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-slum-voters-main-target-for-bjp-congress-aap-in-delhi-assembly-election-2025-ann-2831450″ target=”_self”>क्या दिल्ली चुनाव में ‘झुग्गी झोपड़ी’ वाले दांव से हासिल होगी कुर्सी? हर राजनीतिक दल की ये है तैयारी</a></strong></p>