<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News: </strong>एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने माहिम से एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता सदा सरवणकर (Sada Sarvankar) को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है. यहां मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) यहां से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं. मनसे ने 45 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की जिसमें अमित का नाम भी शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदा सरवणकर तीन बार के विधायक हैं. उन्होंने 2004, 2014 और 2019 का चुनाव जीता है. माहिम विधानसभा सीट मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है. 1962 से 1985 तक यहां कभी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस तो कभी जनता पार्टी ने चुनाव जीता. 1990 से 2004 तक अविभाजित शिवसेना के सुरेश गंभीर ने चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. 2009 में यह सीट राज ठाकरे की मनसे के पास चली गई जब नितिन सरदेसाई माहिम से निर्वाचित हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2008 में दादर सीट को माहिम में किया गया शामिल</strong><br />2014 में अविभाजित शिवसेना ने सदा सरवणकर को टिकट दिया और वह विजयी हुए. 2019 में भी उन्होंने अपने जीत का प्रदर्शन बरकरार रखा. बता दें कि 2004 में सदा सरवणकर ने दादर से चुनाव जीता था जिस विधानसभा क्षेत्र को 2008 में माहिम में मिला दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2009 शिवसेना छोड़ थामा था कांग्रेस का दामन</strong><br />कुछ समय तक सदा सवरणकर कांग्रेस में भी रहे हैं. उन्होंने टिकट ना मिलने पर 2009 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. उन्हें 2009 में माहिम से चुनाव में उतारा गया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> से पहले वह फिर शिवसेना में लौट आए. 2022 में शिवसेना के विभाजन पर <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> गुट के साथ चले गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदा सरवणकर 1992 से 2004 के बीच बीएमएसी के कॉर्पोरेटर रहे हैं. 2004 में शिवसेना ने उन्हें दादर से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा और वह पार्टी की उम्मीद पर खरे भी उतरे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Maharashtra: पुणे में 21 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, फर्जी वोटर के साथ आधार और पैन कार्ड बरामद” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/pune-police-arrest-21-bangladeshi-nationals-fake-voter-card-aadhaar-card-and-pan-card-recovered-2809169″ target=”_self”>Maharashtra: पुणे में 21 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, फर्जी वोटर के साथ आधार और पैन कार्ड बरामद</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News: </strong>एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने माहिम से एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता सदा सरवणकर (Sada Sarvankar) को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है. यहां मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) यहां से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं. मनसे ने 45 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की जिसमें अमित का नाम भी शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदा सरवणकर तीन बार के विधायक हैं. उन्होंने 2004, 2014 और 2019 का चुनाव जीता है. माहिम विधानसभा सीट मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है. 1962 से 1985 तक यहां कभी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस तो कभी जनता पार्टी ने चुनाव जीता. 1990 से 2004 तक अविभाजित शिवसेना के सुरेश गंभीर ने चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. 2009 में यह सीट राज ठाकरे की मनसे के पास चली गई जब नितिन सरदेसाई माहिम से निर्वाचित हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2008 में दादर सीट को माहिम में किया गया शामिल</strong><br />2014 में अविभाजित शिवसेना ने सदा सरवणकर को टिकट दिया और वह विजयी हुए. 2019 में भी उन्होंने अपने जीत का प्रदर्शन बरकरार रखा. बता दें कि 2004 में सदा सरवणकर ने दादर से चुनाव जीता था जिस विधानसभा क्षेत्र को 2008 में माहिम में मिला दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2009 शिवसेना छोड़ थामा था कांग्रेस का दामन</strong><br />कुछ समय तक सदा सवरणकर कांग्रेस में भी रहे हैं. उन्होंने टिकट ना मिलने पर 2009 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. उन्हें 2009 में माहिम से चुनाव में उतारा गया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> से पहले वह फिर शिवसेना में लौट आए. 2022 में शिवसेना के विभाजन पर <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> गुट के साथ चले गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदा सरवणकर 1992 से 2004 के बीच बीएमएसी के कॉर्पोरेटर रहे हैं. 2004 में शिवसेना ने उन्हें दादर से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा और वह पार्टी की उम्मीद पर खरे भी उतरे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Maharashtra: पुणे में 21 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, फर्जी वोटर के साथ आधार और पैन कार्ड बरामद” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/pune-police-arrest-21-bangladeshi-nationals-fake-voter-card-aadhaar-card-and-pan-card-recovered-2809169″ target=”_self”>Maharashtra: पुणे में 21 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, फर्जी वोटर के साथ आधार और पैन कार्ड बरामद</a></strong></p> महाराष्ट्र जम्मू में जवान पर आरोप, शादी का झांसा देकर लड़की से किया रेप, जांच में जुटी पुलिस