‘एक न एक दिन कोटा को यह आंदोलन लड़ना होगा’, जानें क्यों ओम बिरला ने कही ये बात?

‘एक न एक दिन कोटा को यह आंदोलन लड़ना होगा’, जानें क्यों ओम बिरला ने कही ये बात?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Om Birla in Kota:</strong> कोटा-बूंदी से लोकसभा सांसद ओम बिरला ने जनता से ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘हमें जलवायु के प्रति गंभीर होना होगा. हमें जानना होगा कि जलवायु परिवर्तन का नुकसान केवल हमारी वर्तमान पीढ़ी को नहीं, बल्कि आने वाले समय में हमारी कई पीढ़ियों को होगा. इसका दूसरा पहलू यह भी है कि जो आज हम काम करेंगे, उससे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बेहतर हो सकता है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह बात कोटा प्रवास पर आए ओम ओम बिरला ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि आज जो हम पेड़ लगाएंगे वह पेड़ 5-10 साल बाद कोटा को हरा भरा शहर कर देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>’ध्यान रखें पर्यावरण को नुकसान न हो'<br />ओम बिरला ने कहा कि केवल पेड़ लगाना ही नहीं, पेड़ को पालना, उसका संरक्षण करना जरूरी है. हर व्यक्ति यदि जीवन में संकल्प ले कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाकर उस पेड़ को पालकर बड़ा भी करना है. जिस तरीके से मां हमें पालती हैं, बड़ा करती हैं, इस तरह धरती मां भी हमारी मां हैं. हम उसकी वर्षों से पूजा करते चले आ रहे हैं. यह हमारी संस्कृति और संस्कार हैं और इस संस्कृति और संस्कार से हम पले बढ़े हैं.’&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद ने आगे कहा, ‘हमने संस्कृति और संस्कारों को देखा है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी बन जाती है की धरती मां की सेवा करने का दायित्व भी हमारा है. इस जलवायु परिवर्तन का जो प्रभाव आने वाला है, उसको रोकने के लिए जो हमारे जीवन शैली है, वह पर्यावरण के अनुकूल होनी चाहिए. समाज का हर व्यक्ति यह विचार कर ले कि मुझे ऐसा कोई कृत्य ऐसा कोई काम नहीं करना, जिसके करने से किसी की जिंदगी में प्रभाव पड़ सकता है. यदि हमारी जीवन शैली पर्यावरण के अनुकूल हो जाएगी तो भारत के अंदर नई क्रांति आएगी.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोटा बूंदी में लगाए जाएंगे 11 लाख पौधे</strong><br />लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “हमें जन आंदोलन बनाया है. जब जन आंदोलन बनेगा तो हरित क्रांति आएगी. हर व्यक्ति को यह विचार नहीं आता. सरकार के स्तर पर या सांकेतिक कार्यक्रम से बदलाव नहीं आएगा. आदमी एक करोड़ का मकान बना लेगा लेकिन पेड़ लगाने के लिए 10 हजार रुपये का खर्चा नहीं करेगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>ओम बिरला ने कहा कि एक न एक दिन कोटा को यह आंदोलन करना होगा. यह जीवंत शहर है, यहां सामाजिक रूप से जागरूकता है. अब पर्यावरण के क्षेत्र में भी जागृति लानी है. उन्होंने कहा इस बार जितने पेड़ पौधे मिले लगे, लेकिन अगली बार 5 और 8 फीट के पौधे लगाएंगे. कोटा बूंदी जिले को 11 लाख पौधे लगाकर हरा भरा करेंगे. यह हमारा संकल्प है, लेकिन हम कल का इंतजार नहीं करेंगे. हम शीघ्र इस अभियान को शुरू करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Watch: पाली में मंत्री झाबर सिंह खर्रा को रोककर महिला ने की शिकायत, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/pali-woman-complain-to-rajasthan-minister-jhabar-singh-kharra-about-police-ann-2738739″ target=”_blank” rel=”noopener”>Watch: पाली में मंत्री झाबर सिंह खर्रा को रोककर महिला ने की शिकायत, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Om Birla in Kota:</strong> कोटा-बूंदी से लोकसभा सांसद ओम बिरला ने जनता से ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘हमें जलवायु के प्रति गंभीर होना होगा. हमें जानना होगा कि जलवायु परिवर्तन का नुकसान केवल हमारी वर्तमान पीढ़ी को नहीं, बल्कि आने वाले समय में हमारी कई पीढ़ियों को होगा. इसका दूसरा पहलू यह भी है कि जो आज हम काम करेंगे, उससे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बेहतर हो सकता है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह बात कोटा प्रवास पर आए ओम ओम बिरला ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि आज जो हम पेड़ लगाएंगे वह पेड़ 5-10 साल बाद कोटा को हरा भरा शहर कर देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>’ध्यान रखें पर्यावरण को नुकसान न हो'<br />ओम बिरला ने कहा कि केवल पेड़ लगाना ही नहीं, पेड़ को पालना, उसका संरक्षण करना जरूरी है. हर व्यक्ति यदि जीवन में संकल्प ले कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाकर उस पेड़ को पालकर बड़ा भी करना है. जिस तरीके से मां हमें पालती हैं, बड़ा करती हैं, इस तरह धरती मां भी हमारी मां हैं. हम उसकी वर्षों से पूजा करते चले आ रहे हैं. यह हमारी संस्कृति और संस्कार हैं और इस संस्कृति और संस्कार से हम पले बढ़े हैं.’&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद ने आगे कहा, ‘हमने संस्कृति और संस्कारों को देखा है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी बन जाती है की धरती मां की सेवा करने का दायित्व भी हमारा है. इस जलवायु परिवर्तन का जो प्रभाव आने वाला है, उसको रोकने के लिए जो हमारे जीवन शैली है, वह पर्यावरण के अनुकूल होनी चाहिए. समाज का हर व्यक्ति यह विचार कर ले कि मुझे ऐसा कोई कृत्य ऐसा कोई काम नहीं करना, जिसके करने से किसी की जिंदगी में प्रभाव पड़ सकता है. यदि हमारी जीवन शैली पर्यावरण के अनुकूल हो जाएगी तो भारत के अंदर नई क्रांति आएगी.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोटा बूंदी में लगाए जाएंगे 11 लाख पौधे</strong><br />लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “हमें जन आंदोलन बनाया है. जब जन आंदोलन बनेगा तो हरित क्रांति आएगी. हर व्यक्ति को यह विचार नहीं आता. सरकार के स्तर पर या सांकेतिक कार्यक्रम से बदलाव नहीं आएगा. आदमी एक करोड़ का मकान बना लेगा लेकिन पेड़ लगाने के लिए 10 हजार रुपये का खर्चा नहीं करेगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>ओम बिरला ने कहा कि एक न एक दिन कोटा को यह आंदोलन करना होगा. यह जीवंत शहर है, यहां सामाजिक रूप से जागरूकता है. अब पर्यावरण के क्षेत्र में भी जागृति लानी है. उन्होंने कहा इस बार जितने पेड़ पौधे मिले लगे, लेकिन अगली बार 5 और 8 फीट के पौधे लगाएंगे. कोटा बूंदी जिले को 11 लाख पौधे लगाकर हरा भरा करेंगे. यह हमारा संकल्प है, लेकिन हम कल का इंतजार नहीं करेंगे. हम शीघ्र इस अभियान को शुरू करेंगे.</p>
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