जालंधर| एचएमवी में प्राचार्या डॉ. अजय सरीन की अध्यक्षता में डीबीटी के तत्त्वावधान में साइंस समर स्कूल की शुरुआत हुई। समर स्कूल के पहले दिन प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने छात्राओं को इस तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए स्किल विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वे उन समस्याओं का समाधान ढूंढ सकें जिनका हम आज सामना कर रहे हैं विशेषकर जलवायु परिवर्तन, वेस्ट मैनेजमेंट आदि। उन्होंने कहा कि ये हैंडस-ऑन-ट्रेनिंग वर्कशॉप इस प्रकार से डिजाइन की गई है कि इससे छात्राओं को बहुत लाभ मिलेगा। साइंस फैकल्टी की अध्यक्षा दीपशिखा और समर स्कूल की कनवीनर डॉ. सलोनी शर्मा कर रहीं हैं। डॉ. अंजना भाटिया ने छात्राओं को डीबीटी व भारत सरकार की विभिन्न स्कीमों की जानकारी दी तथा साइंस में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। स्कूल समर के पहले दिन छात्राओं को बॉटनी विभाग की ओर से हैंडस-ऑन-ट्रेनिंग करवाई गई। उन्हें बॉटनिकल गार्डन का भी दौरा करवाया गया तथा विभिन्न उपकरणों का प्रयोग करना सिखाया। उन्होंने मिट्टी के विश्लेषण के विभिन्न प्रयोग किए तथा डॉ. श्वेता चौहान व डॉ. रमनदीप की गाइडेंस में सिंथेटिक बीज बनाए। यहां डॉ. सीमा मरवाहा, डॉ. जितेंद्र, डॉ. हरप्रीत सिंह, सुमित, डॉ. वंदना, डॉ. शुचि, डॉ. सिम्मी, डॉ. साक्षी, सुशील, डॉ. गगनदीप, डॉ. गौरव, डॉ. दीपाली और रवि भी मौजूद थे। जालंधर| एचएमवी में प्राचार्या डॉ. अजय सरीन की अध्यक्षता में डीबीटी के तत्त्वावधान में साइंस समर स्कूल की शुरुआत हुई। समर स्कूल के पहले दिन प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने छात्राओं को इस तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए स्किल विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वे उन समस्याओं का समाधान ढूंढ सकें जिनका हम आज सामना कर रहे हैं विशेषकर जलवायु परिवर्तन, वेस्ट मैनेजमेंट आदि। उन्होंने कहा कि ये हैंडस-ऑन-ट्रेनिंग वर्कशॉप इस प्रकार से डिजाइन की गई है कि इससे छात्राओं को बहुत लाभ मिलेगा। साइंस फैकल्टी की अध्यक्षा दीपशिखा और समर स्कूल की कनवीनर डॉ. सलोनी शर्मा कर रहीं हैं। डॉ. अंजना भाटिया ने छात्राओं को डीबीटी व भारत सरकार की विभिन्न स्कीमों की जानकारी दी तथा साइंस में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। स्कूल समर के पहले दिन छात्राओं को बॉटनी विभाग की ओर से हैंडस-ऑन-ट्रेनिंग करवाई गई। उन्हें बॉटनिकल गार्डन का भी दौरा करवाया गया तथा विभिन्न उपकरणों का प्रयोग करना सिखाया। उन्होंने मिट्टी के विश्लेषण के विभिन्न प्रयोग किए तथा डॉ. श्वेता चौहान व डॉ. रमनदीप की गाइडेंस में सिंथेटिक बीज बनाए। यहां डॉ. सीमा मरवाहा, डॉ. जितेंद्र, डॉ. हरप्रीत सिंह, सुमित, डॉ. वंदना, डॉ. शुचि, डॉ. सिम्मी, डॉ. साक्षी, सुशील, डॉ. गगनदीप, डॉ. गौरव, डॉ. दीपाली और रवि भी मौजूद थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
