<p style=”text-align: justify;”>मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को आपराधिक अवमानना मामले में माफ करते हुए उसे एक महीने के भीतर देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाने का आदेश दिया. जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने राहुल साहू के खिलाफ स्वप्रेरणा से दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर दो दिसंबर को यह आदेश जारी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ऊंचाई कम से कम चार फुट हो'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने कहा, “हम आरोपी के आचरण को ध्यान में रखते हुए निर्देश देते हैं कि वह मुरैना जिले के संबलगढ़ क्षेत्र में देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाएंगे. पेड़ देशी प्रकृति के होने चाहिए और उनकी ऊंचाई कम से कम चार फुट होनी चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’एक महीने के भीतर लगाए जाएं पेड़'</strong><br /><br />कोर्ट ने कहा, “पेड़ों को उपमंडल अधिकारी, संबलगढ़ के निर्देशन में लगाया जाएगा. पेड़ एक महीने की अवधि के भीतर लगाए जाएंगे.” हाई कोर्ट ने संबलगढ़ के जुडिशयल मजिस्ट्रेट (JMFC) से प्राप्त अवमानना संदर्भ पर स्वत: संज्ञान लिया. साहू के वकील आशीष सिंह जादौन ने बताया कि साहू ने मुरैना की कोर्ट की एक तस्वीर सोशल मीडिया मंच पर कोर्टी कार्यवाही से संबंधित एक टिप्पणी के साथ पोस्ट की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह तस्वीर उसकी पत्नी द्वारा दायर एक पारिवारिक मामले की सुनवाई के दौरान की थी.जेएमएफसी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर संज्ञान लेते हुए साहू को नोटिस जारी किया लेकिन कई मौके दिये जाने के बावजूद आरोपी ने कोई जवाब नहीं दिया. वकील ने बताया कि जेएमएफसी ने बाद में मामले को हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया.<br /><br /><strong>शख्स ने अपने आचरण पर जताया खेद</strong> </p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट के आदेश के मुताबिक, “प्रतिवादी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित है. उसने 15 अक्टूबर, 2024 को अपना हलफनामा दाखिल कर दलील दी कि वह अर्ध-साक्षर है और उसने केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है.” साहू ने कोर्ट को बताया कि उसे कानूनी प्रक्रिया का सीमित ज्ञान है और वह कोर्टी कार्यवाही की मर्यादा और आवश्यकता से अपरिचित है. आदेश के मुताबिक, साहू ने अपने आचरण पर खेद जताया और बिना शर्त माफी मांगी और भविष्य में सावधानी बरतने का वचन दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”MP: एमपी में अब मनमानी नहीं कर पाएंगे प्राइवेट अस्पताल, सरकार ने जारी किए ये जरूरी निर्देश” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-private-hospitals-will-not-act-arbitrarily-government-gave-instruction-ann-2836044″ target=”_blank” rel=”noopener”>MP: एमपी में अब मनमानी नहीं कर पाएंगे प्राइवेट अस्पताल, सरकार ने जारी किए ये जरूरी निर्देश</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”>मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को आपराधिक अवमानना मामले में माफ करते हुए उसे एक महीने के भीतर देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाने का आदेश दिया. जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने राहुल साहू के खिलाफ स्वप्रेरणा से दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर दो दिसंबर को यह आदेश जारी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ऊंचाई कम से कम चार फुट हो'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने कहा, “हम आरोपी के आचरण को ध्यान में रखते हुए निर्देश देते हैं कि वह मुरैना जिले के संबलगढ़ क्षेत्र में देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाएंगे. पेड़ देशी प्रकृति के होने चाहिए और उनकी ऊंचाई कम से कम चार फुट होनी चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’एक महीने के भीतर लगाए जाएं पेड़'</strong><br /><br />कोर्ट ने कहा, “पेड़ों को उपमंडल अधिकारी, संबलगढ़ के निर्देशन में लगाया जाएगा. पेड़ एक महीने की अवधि के भीतर लगाए जाएंगे.” हाई कोर्ट ने संबलगढ़ के जुडिशयल मजिस्ट्रेट (JMFC) से प्राप्त अवमानना संदर्भ पर स्वत: संज्ञान लिया. साहू के वकील आशीष सिंह जादौन ने बताया कि साहू ने मुरैना की कोर्ट की एक तस्वीर सोशल मीडिया मंच पर कोर्टी कार्यवाही से संबंधित एक टिप्पणी के साथ पोस्ट की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह तस्वीर उसकी पत्नी द्वारा दायर एक पारिवारिक मामले की सुनवाई के दौरान की थी.जेएमएफसी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर संज्ञान लेते हुए साहू को नोटिस जारी किया लेकिन कई मौके दिये जाने के बावजूद आरोपी ने कोई जवाब नहीं दिया. वकील ने बताया कि जेएमएफसी ने बाद में मामले को हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया.<br /><br /><strong>शख्स ने अपने आचरण पर जताया खेद</strong> </p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट के आदेश के मुताबिक, “प्रतिवादी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित है. उसने 15 अक्टूबर, 2024 को अपना हलफनामा दाखिल कर दलील दी कि वह अर्ध-साक्षर है और उसने केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है.” साहू ने कोर्ट को बताया कि उसे कानूनी प्रक्रिया का सीमित ज्ञान है और वह कोर्टी कार्यवाही की मर्यादा और आवश्यकता से अपरिचित है. आदेश के मुताबिक, साहू ने अपने आचरण पर खेद जताया और बिना शर्त माफी मांगी और भविष्य में सावधानी बरतने का वचन दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”MP: एमपी में अब मनमानी नहीं कर पाएंगे प्राइवेट अस्पताल, सरकार ने जारी किए ये जरूरी निर्देश” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-private-hospitals-will-not-act-arbitrarily-government-gave-instruction-ann-2836044″ target=”_blank” rel=”noopener”>MP: एमपी में अब मनमानी नहीं कर पाएंगे प्राइवेट अस्पताल, सरकार ने जारी किए ये जरूरी निर्देश</a></strong></p> मध्य प्रदेश Bihar Politics: केजरीवाल की राह पर तेजस्वी यादव, 2025 में सरकार बनी तो 200 युनिट बिजली बिहार में होगी मुफ्त