एसएचओ ने बेटों के सामने पिता के हाथ-पैर तोड़े:बोला-थाने में 7 घंटे बंधक बनाया; पुलिस बोली-सभी आरोप निराधार, लकड़ियों में फंसने से घायल

एसएचओ ने बेटों के सामने पिता के हाथ-पैर तोड़े:बोला-थाने में 7 घंटे बंधक बनाया; पुलिस बोली-सभी आरोप निराधार, लकड़ियों में फंसने से घायल

फरीदाबाद में पिता और उसके दो बेटों को पुलिस ने थाने में करीब 7 घंटे तक बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा। पीड़ित का आरोप है कि एसएचओ सुरेश चंद्र ने उनके बेटों के सामने ही लाठी से उनके हाथ-पैर तोड़ दिए। वहीं पुलिस ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। घटना छायसा थाने का है। गांव जवा के रहने वाले रामबाबू ने बताया कि उनके और उनके भाइयों शारदानंद व राजीव के बीच पंचायती जमीन पर बने मकान को लेकर विवाद चल रहा है। 29 जनवरी को उनके भाइयों ने उन पर और उनके बेटों पर हमला किया था, जिसकी मेडिकल-लीगल रिपोर्ट भी बनवाई गई थी। एसएचओ को शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित का आरोप है कि एसएचओ उनके भाइयों के साथ मिलकर मकान पर कब्जा दिलाना चाह रहे थे। विरोध करने पर पुलिसकर्मी उन्हें गांव से घसीटकर थाने ले गए, जहां सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान एसएचओ समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ मारपीट की, बल्कि अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। सिविल अस्पताल में कराया भर्ती रामबाबू को फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़ित ने थाने में अपनी पिटाई का वीडियो भी बना लिया है, लेकिन उन्हें डर है कि पुलिस उनका मोबाइल छीन सकती है और उन्हें व उनके बेटों को और प्रताड़ित कर सकती है। पुलिस बोली- पथराव किया, 5 पुलिसकर्मी घायल वहीं मामले में पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि जवा गांव में बीते 10 तारीख को दो भाइयों का मकान पर कब्जे को लेकर झगड़ा हो रहा था। जिसकी सूचना मिलने के बाद थाना छायसा SHO व अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद रामबाबू और उसके बेटों ने न केवल अपने भाइयों से मारपीट की। बल्कि पुलिस पर भी पथराव कर दिया। इसके चलते पांच पुलिसकर्मियों को चोटें आई है। जिनमें से एक को काफी गंभीर चोटें हैं। जिसके चलते आरोपी रामबाबू व उसके बेटों के खिलाफ उसके भाइयों के बयान के आधार पर FIR दर्ज की गई है । लकड़ियों में फंसने के बाद टूटा पैर वहीं पुलिस पर हमला करने के आरोप में भी आरोपी रामबाबू पर धारा 307 अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि पुलिस पर लगाए गए मारपीट के सभी आरोप निराधार हैं। आरोपी रामबाबू का पांव उसके गांव में ही पुलिस पर पथराव करते समय लकड़ियों में फंसने के बाद टूटा था। फिलहाल आरोपी रामबाबू को पुलिस ने ही फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है। जहां इसका इलाज चल रहा है। फरीदाबाद में पिता और उसके दो बेटों को पुलिस ने थाने में करीब 7 घंटे तक बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा। पीड़ित का आरोप है कि एसएचओ सुरेश चंद्र ने उनके बेटों के सामने ही लाठी से उनके हाथ-पैर तोड़ दिए। वहीं पुलिस ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। घटना छायसा थाने का है। गांव जवा के रहने वाले रामबाबू ने बताया कि उनके और उनके भाइयों शारदानंद व राजीव के बीच पंचायती जमीन पर बने मकान को लेकर विवाद चल रहा है। 29 जनवरी को उनके भाइयों ने उन पर और उनके बेटों पर हमला किया था, जिसकी मेडिकल-लीगल रिपोर्ट भी बनवाई गई थी। एसएचओ को शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित का आरोप है कि एसएचओ उनके भाइयों के साथ मिलकर मकान पर कब्जा दिलाना चाह रहे थे। विरोध करने पर पुलिसकर्मी उन्हें गांव से घसीटकर थाने ले गए, जहां सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान एसएचओ समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ मारपीट की, बल्कि अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। सिविल अस्पताल में कराया भर्ती रामबाबू को फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़ित ने थाने में अपनी पिटाई का वीडियो भी बना लिया है, लेकिन उन्हें डर है कि पुलिस उनका मोबाइल छीन सकती है और उन्हें व उनके बेटों को और प्रताड़ित कर सकती है। पुलिस बोली- पथराव किया, 5 पुलिसकर्मी घायल वहीं मामले में पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि जवा गांव में बीते 10 तारीख को दो भाइयों का मकान पर कब्जे को लेकर झगड़ा हो रहा था। जिसकी सूचना मिलने के बाद थाना छायसा SHO व अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद रामबाबू और उसके बेटों ने न केवल अपने भाइयों से मारपीट की। बल्कि पुलिस पर भी पथराव कर दिया। इसके चलते पांच पुलिसकर्मियों को चोटें आई है। जिनमें से एक को काफी गंभीर चोटें हैं। जिसके चलते आरोपी रामबाबू व उसके बेटों के खिलाफ उसके भाइयों के बयान के आधार पर FIR दर्ज की गई है । लकड़ियों में फंसने के बाद टूटा पैर वहीं पुलिस पर हमला करने के आरोप में भी आरोपी रामबाबू पर धारा 307 अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि पुलिस पर लगाए गए मारपीट के सभी आरोप निराधार हैं। आरोपी रामबाबू का पांव उसके गांव में ही पुलिस पर पथराव करते समय लकड़ियों में फंसने के बाद टूटा था। फिलहाल आरोपी रामबाबू को पुलिस ने ही फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है। जहां इसका इलाज चल रहा है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर