एसजीपीसी का प्रतिनिधिमंडल पाक हाई कमिशन से मिला:गुरुपर्वों पर अधिक भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा देने की मांग उठाई

एसजीपीसी का प्रतिनिधिमंडल पाक हाई कमिशन से मिला:गुरुपर्वों पर अधिक भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा देने की मांग उठाई

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमिश्नर साद अहमद वड़ैच से मुलाकात की। इस मुलाकात में पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को शिरोमणि कमेटी द्वारा भेजी गई सूची के अनुसार वीजा जारी करने और श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस पर नानकशाही कैलेंडर के अनुसार सिख जत्था भेजने की मांग की गई। शिरोमणि कमेटी के प्रतिनिधिमंडल में मुख्य सचिव और सदस्य सरदार कुलवंत सिंह मंण्ण, सदस्य भाई राजिंदर सिंह मेहता, सचिव सरदार प्रताप सिंह और मीट सचिव सरदार जसविंदर सिंह जस्सी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सरदार कुलवंत सिंह मनन और भाई राजिंदर सिंह मेहता ने बताया कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान द्वारा शिरोमणि कमेटी की ओर से भेजे गए सिख श्रद्धालुओं की सूची में से बड़ी संख्या में नाम काट दिए जाते हैं। इस संबंध में उन्होंने पाकिस्तान हाई कमिश्नर से मुलाकात कर वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि शिरोमणि कमेटी हर साल खालसा साजना दिवस (बैसाखी), श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस, महाराजा रणजीत सिंह की बरसी, और श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जत्थे भेजती है। इसके लिए पंजाब राज्य को क्रमशः 1800, 600, 300 और 1800 वीजा का कोटा आवंटित किया गया है। शहीदी दिवस पर जत्था भेजने की मांग प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस वर्ष श्री गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस शिरोमणि कमेटी और सिख संगत द्वारा नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 30 मई 2025 (ज्येष्ठ सुदी 4) को मनाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस दिन के लिए भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने हाई कमिश्नर को बताया कि 2012 से शिरोमणि कमेटी द्वारा स्वीकृत नानकशाही कैलेंडर के अनुसार जत्था भेजा नहीं जा सका, क्योंकि तारीखों में अंतर होने के कारण पाकिस्तान हाई कमिश्नन वीजा जारी करने से इंकार कर देता है। इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने की अपील प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान हाई कमिश्नर से आग्रह किया कि सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं और ऐतिहासिक गुरुद्वारों के प्रति उनकी श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए, शिरोमणि कमेटी द्वारा भेजी गई सूची के अनुसार अधिकतम श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि सिख समुदाय के लिए इन ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन बेहद महत्वपूर्ण हैं और वीजा प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमिश्नर साद अहमद वड़ैच से मुलाकात की। इस मुलाकात में पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को शिरोमणि कमेटी द्वारा भेजी गई सूची के अनुसार वीजा जारी करने और श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस पर नानकशाही कैलेंडर के अनुसार सिख जत्था भेजने की मांग की गई। शिरोमणि कमेटी के प्रतिनिधिमंडल में मुख्य सचिव और सदस्य सरदार कुलवंत सिंह मंण्ण, सदस्य भाई राजिंदर सिंह मेहता, सचिव सरदार प्रताप सिंह और मीट सचिव सरदार जसविंदर सिंह जस्सी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सरदार कुलवंत सिंह मनन और भाई राजिंदर सिंह मेहता ने बताया कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान द्वारा शिरोमणि कमेटी की ओर से भेजे गए सिख श्रद्धालुओं की सूची में से बड़ी संख्या में नाम काट दिए जाते हैं। इस संबंध में उन्होंने पाकिस्तान हाई कमिश्नर से मुलाकात कर वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि शिरोमणि कमेटी हर साल खालसा साजना दिवस (बैसाखी), श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस, महाराजा रणजीत सिंह की बरसी, और श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जत्थे भेजती है। इसके लिए पंजाब राज्य को क्रमशः 1800, 600, 300 और 1800 वीजा का कोटा आवंटित किया गया है। शहीदी दिवस पर जत्था भेजने की मांग प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस वर्ष श्री गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस शिरोमणि कमेटी और सिख संगत द्वारा नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 30 मई 2025 (ज्येष्ठ सुदी 4) को मनाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस दिन के लिए भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने हाई कमिश्नर को बताया कि 2012 से शिरोमणि कमेटी द्वारा स्वीकृत नानकशाही कैलेंडर के अनुसार जत्था भेजा नहीं जा सका, क्योंकि तारीखों में अंतर होने के कारण पाकिस्तान हाई कमिश्नन वीजा जारी करने से इंकार कर देता है। इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने की अपील प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान हाई कमिश्नर से आग्रह किया कि सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं और ऐतिहासिक गुरुद्वारों के प्रति उनकी श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए, शिरोमणि कमेटी द्वारा भेजी गई सूची के अनुसार अधिकतम श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि सिख समुदाय के लिए इन ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन बेहद महत्वपूर्ण हैं और वीजा प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।   पंजाब | दैनिक भास्कर