यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत खराब है। सरकारी अस्पतालों में 38% डॉक्टर, 46% नर्स की कमी है। इसकी वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। प्राइमरी स्तर पर स्थिति और भी खराब है। यह खुलासा भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट-2024 में हुआ है। कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला खुलासा एम्बुलेंस सर्विस को लेकर हुआ। प्राइवेट कंपनी को सौंपी गई यह सर्विस ठीक तरीके से नहीं चल रही है। इसके आंकड़ों पर संदेह जताया गया है। हमीरपुर, जालौन, कानपुर नगर, सहारनपुर और उन्नाव में 148 पुरुष मरीजों को इलाज के लिए महिला अस्पताल पहुंचा दिया गया। झांसी मेडिकल कॉलेज में 15 नवंबर को आग लगने से 10 बच्चे जिंदा जल गए। CAG रिपोर्ट में बताया गया कि आग से रोकने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। 75 जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और राजकीय मेडिकल कॉलेजों में से सिर्फ दो जिला अस्पताल के पास मुख्य अग्निशमन अधिकारी से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) है। समय पर नहीं पहुंच रही 108 एम्बुलेंस चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की CAG रिपोर्ट 2021 की है। तब सुरेश खन्ना चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। वहीं, आशुतोष टंडन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री थे। सीएजी रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि एम्बुलेंस सेवा 108 तय समय अवधि में मरीजों तक नहीं पहुंच रही है। 108 सेवा संचालित करने वाली फर्म ने कॉन्ट्रैक्ट की शर्त का भी पालन नहीं किया है। शर्त के अनुसार सभी एम्बुलेंस को रोज पांच चक्कर (ट्रिप) लगाने हैं और 120 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। यूपी के पूर्व के 45 जिलों में 49,309 ट्रिप, पश्चिमी के 26 जिलों में 15,562 ट्रिप किए। CAG ने माना है कि इसे पूरा नहीं किया गया है। पूर्व के पांच जिलों में 67,018 और पश्चिमी के दो जिलों में 5,219 किलोमीटर की कमी थी। करार हुआ था कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 15 मिनट के अंदर एम्बुलेंस पहुंच जानी चाहिए। सीएजी ने बताया कि पूर्वी जिले में 1,86,277 कॉल में से 38.46% कॉल में एम्बुलेंस पहुंचने में औसत 11 मिनट की देरी हुई, जबकि पश्चिम के 90,481 कॉल में से 29.47% में औसत 9 मिनट की देरी से एम्बुलेंस मरीज तक पहुंची। सबसे ज्यादा देरी से पूर्वी यूपी के जिलों में पहुंच रही एम्बुलेंस एम्बुलेंस पहुंचने में सबसे ज्यादा देरी यूपी के पूर्वी जिलों में हो रही है। यहां अधिकतम 3.23 घंटे की और पश्चिम यूपी के जिलों में अधिकतम 1.56 घंटे की देरी से भी एम्बुलेंस पहुंची है, जबकि इसे 15 मिनट में पहुंच जाना चाहिए। सीएजी ने ये भी खुलासा किया है कि पहुंचाए गए केस में से सिर्फ 25 से 50 फीसदी केस का ही वैरिफिकेशन अस्पतालों ने किया है, जबकि नियमानुसार सभी केस का होना चाहिए। 27.6 करोड़ रुपए की दवाइयां एक्सपायर हुईं सीएजी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्टोर में 27.06 करोड़ रुपए की दवाइयां एक्सपायर हुईं। इतनी बड़ी संख्या में दवाइयां एक्सपायर होने का मुख्य कारण स्टोर रूम की ओर से दवाइयां अस्वीकार करना, दवाइयों की मांग नहीं करना, दवाइयों की कम खपत और कोविड-19 के दौरान सामान्य रोगियों की संख्या में कमी है। इतना ही नहीं सीएजी ने यह भी खुलासा किया है कि 16 जिला अस्पतालों में से केवल जालौन, कानपुर नगर और सहारनपुर के जिला अस्पतालों में सभी दवाइयां अलग-अलग अवधि में उपलब्ध थी। बाकी जिला अस्पतालों में दवाइयां पर्याप्त उपलब्ध नहीं थीं। जिला अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था पूरी नहीं है। प्रदेश में पीएचसी पर पानी, बिजली और शौचालय भी नहीं सीएजी ने कुशीनगर, जालौन, उन्नाव, हमीरपुर में अस्पताल बिल्डिंग के नमूने लेकर उनकी जांच की। इसमें बुनियादी ढांचे में रखरखाव की कमी उजागर हुई। 53 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों में नमी, सीलन थी। अधिकांश उप केंद्रों के भवन जर्जर मिले। जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में वार्ड और बेड की कमी मिली। 26 फीसदी अस्पतालों में इंजेक्शन, ड्रैसिंग रूम नहीं थे। 29 प्रतिशत पीएचसी में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी। 21 फीसदी पीएची में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं थे। 21 फीसदी पीएचसी में बिजली भी नहीं थी। सीएजी ने खुलासा किया है कि 107 जिला अस्पतालों में से ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी की उपलब्धता 86% अस्पताल में ही है। जिला अस्पतालों में मातृत्व सेवा देने के लिए आवश्यक सुविधा का अभाव मिला। आवश्यक सेवा पर्याप्त, लेकिन रखरखाव में कमी सीएजी ने पाया है कि 107 जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन, आहार, लांड्री, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन और सफाई की व्यवस्था 100 फीसदी थी। लेकिन रिकार्ड के रखरखाव और लांड्री सेवा की निगरानी में कमी थी। 45 फीसदी पीएचसी में भर्ती की सुविधा नहीं सीएजी ने खुलासा किया है कि 909 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 45 फीसदी में मरीज को वार्ड में भर्ती करने की सुविधा नहीं थी। 55 फीसदी सीएचसी केवल दिन में ही चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं। सीएजी ने खुलासा किया है कि प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ सेवा के लिए 38% डॉक्टर, 46 % नर्स और 28 प्रतिशत पैरामेडिक्स स्टाफ की कमी थी। आयोगों ने भर्ती में ज्यादा समय लिया, जिस कारण पद खाली हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बिना हो रहा जैव अपशिष्ट निस्तारण सीएजी ने उजागर किया है कि 71 फीसदी स्वास्थ्य इकाइयों में जैव अपशिष्ट का निस्तारण (ऑर्गेनिक वेस्ट का डिस्पोजल) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लाइसेंस के बिना हो रहा है। कोई भी अस्पताल पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2010 के तहत रजिस्टर्ड नहीं था। एक्सरे मशीन का लाइसेंस भी नहीं 16 में से चार जिला अस्पताल और दो राजकीय मेडिकल कॉलेजों के पास एक्सरे मशीनों के संचालन के लिए परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (Atomic Energy Regulatory Board) का लाइसेंस नहीं था। —————- ये भी पढ़ें… झांसी में यूं ही जिंदा नहीं जले 10 नवजात:भाजपा नेता की कंपनी वार्ड बॉय से करा रही इलेक्ट्रीशियन का काम; वायरिंग में घटिया तार का इस्तेमाल 15 नवंबर की रात झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 नवजात जिंदा जल गए। बाद में 7 और बच्चों की जान चली गई। अब अफसर इस लापरवाही को हादसा बताने में लगे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने सच जानने के लिए वहां 5 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। डॉक्टर और कर्मचारियों से हिडन कैमरे पर बात की। एक-एक सबूत जुटाए। जो सामने निकलकर आया, उसके मुताबिक यह हादसा नहीं है, बल्कि सरकारी सिस्टम ने मासूमों की जान ली है। पढ़ें पूरी खबर… यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत खराब है। सरकारी अस्पतालों में 38% डॉक्टर, 46% नर्स की कमी है। इसकी वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। प्राइमरी स्तर पर स्थिति और भी खराब है। यह खुलासा भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट-2024 में हुआ है। कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला खुलासा एम्बुलेंस सर्विस को लेकर हुआ। प्राइवेट कंपनी को सौंपी गई यह सर्विस ठीक तरीके से नहीं चल रही है। इसके आंकड़ों पर संदेह जताया गया है। हमीरपुर, जालौन, कानपुर नगर, सहारनपुर और उन्नाव में 148 पुरुष मरीजों को इलाज के लिए महिला अस्पताल पहुंचा दिया गया। झांसी मेडिकल कॉलेज में 15 नवंबर को आग लगने से 10 बच्चे जिंदा जल गए। CAG रिपोर्ट में बताया गया कि आग से रोकने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। 75 जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और राजकीय मेडिकल कॉलेजों में से सिर्फ दो जिला अस्पताल के पास मुख्य अग्निशमन अधिकारी से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) है। समय पर नहीं पहुंच रही 108 एम्बुलेंस चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की CAG रिपोर्ट 2021 की है। तब सुरेश खन्ना चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। वहीं, आशुतोष टंडन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री थे। सीएजी रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि एम्बुलेंस सेवा 108 तय समय अवधि में मरीजों तक नहीं पहुंच रही है। 108 सेवा संचालित करने वाली फर्म ने कॉन्ट्रैक्ट की शर्त का भी पालन नहीं किया है। शर्त के अनुसार सभी एम्बुलेंस को रोज पांच चक्कर (ट्रिप) लगाने हैं और 120 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। यूपी के पूर्व के 45 जिलों में 49,309 ट्रिप, पश्चिमी के 26 जिलों में 15,562 ट्रिप किए। CAG ने माना है कि इसे पूरा नहीं किया गया है। पूर्व के पांच जिलों में 67,018 और पश्चिमी के दो जिलों में 5,219 किलोमीटर की कमी थी। करार हुआ था कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 15 मिनट के अंदर एम्बुलेंस पहुंच जानी चाहिए। सीएजी ने बताया कि पूर्वी जिले में 1,86,277 कॉल में से 38.46% कॉल में एम्बुलेंस पहुंचने में औसत 11 मिनट की देरी हुई, जबकि पश्चिम के 90,481 कॉल में से 29.47% में औसत 9 मिनट की देरी से एम्बुलेंस मरीज तक पहुंची। सबसे ज्यादा देरी से पूर्वी यूपी के जिलों में पहुंच रही एम्बुलेंस एम्बुलेंस पहुंचने में सबसे ज्यादा देरी यूपी के पूर्वी जिलों में हो रही है। यहां अधिकतम 3.23 घंटे की और पश्चिम यूपी के जिलों में अधिकतम 1.56 घंटे की देरी से भी एम्बुलेंस पहुंची है, जबकि इसे 15 मिनट में पहुंच जाना चाहिए। सीएजी ने ये भी खुलासा किया है कि पहुंचाए गए केस में से सिर्फ 25 से 50 फीसदी केस का ही वैरिफिकेशन अस्पतालों ने किया है, जबकि नियमानुसार सभी केस का होना चाहिए। 27.6 करोड़ रुपए की दवाइयां एक्सपायर हुईं सीएजी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्टोर में 27.06 करोड़ रुपए की दवाइयां एक्सपायर हुईं। इतनी बड़ी संख्या में दवाइयां एक्सपायर होने का मुख्य कारण स्टोर रूम की ओर से दवाइयां अस्वीकार करना, दवाइयों की मांग नहीं करना, दवाइयों की कम खपत और कोविड-19 के दौरान सामान्य रोगियों की संख्या में कमी है। इतना ही नहीं सीएजी ने यह भी खुलासा किया है कि 16 जिला अस्पतालों में से केवल जालौन, कानपुर नगर और सहारनपुर के जिला अस्पतालों में सभी दवाइयां अलग-अलग अवधि में उपलब्ध थी। बाकी जिला अस्पतालों में दवाइयां पर्याप्त उपलब्ध नहीं थीं। जिला अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था पूरी नहीं है। प्रदेश में पीएचसी पर पानी, बिजली और शौचालय भी नहीं सीएजी ने कुशीनगर, जालौन, उन्नाव, हमीरपुर में अस्पताल बिल्डिंग के नमूने लेकर उनकी जांच की। इसमें बुनियादी ढांचे में रखरखाव की कमी उजागर हुई। 53 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों में नमी, सीलन थी। अधिकांश उप केंद्रों के भवन जर्जर मिले। जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में वार्ड और बेड की कमी मिली। 26 फीसदी अस्पतालों में इंजेक्शन, ड्रैसिंग रूम नहीं थे। 29 प्रतिशत पीएचसी में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी। 21 फीसदी पीएची में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं थे। 21 फीसदी पीएचसी में बिजली भी नहीं थी। सीएजी ने खुलासा किया है कि 107 जिला अस्पतालों में से ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी की उपलब्धता 86% अस्पताल में ही है। जिला अस्पतालों में मातृत्व सेवा देने के लिए आवश्यक सुविधा का अभाव मिला। आवश्यक सेवा पर्याप्त, लेकिन रखरखाव में कमी सीएजी ने पाया है कि 107 जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन, आहार, लांड्री, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन और सफाई की व्यवस्था 100 फीसदी थी। लेकिन रिकार्ड के रखरखाव और लांड्री सेवा की निगरानी में कमी थी। 45 फीसदी पीएचसी में भर्ती की सुविधा नहीं सीएजी ने खुलासा किया है कि 909 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 45 फीसदी में मरीज को वार्ड में भर्ती करने की सुविधा नहीं थी। 55 फीसदी सीएचसी केवल दिन में ही चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं। सीएजी ने खुलासा किया है कि प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ सेवा के लिए 38% डॉक्टर, 46 % नर्स और 28 प्रतिशत पैरामेडिक्स स्टाफ की कमी थी। आयोगों ने भर्ती में ज्यादा समय लिया, जिस कारण पद खाली हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बिना हो रहा जैव अपशिष्ट निस्तारण सीएजी ने उजागर किया है कि 71 फीसदी स्वास्थ्य इकाइयों में जैव अपशिष्ट का निस्तारण (ऑर्गेनिक वेस्ट का डिस्पोजल) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लाइसेंस के बिना हो रहा है। कोई भी अस्पताल पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2010 के तहत रजिस्टर्ड नहीं था। एक्सरे मशीन का लाइसेंस भी नहीं 16 में से चार जिला अस्पताल और दो राजकीय मेडिकल कॉलेजों के पास एक्सरे मशीनों के संचालन के लिए परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (Atomic Energy Regulatory Board) का लाइसेंस नहीं था। —————- ये भी पढ़ें… झांसी में यूं ही जिंदा नहीं जले 10 नवजात:भाजपा नेता की कंपनी वार्ड बॉय से करा रही इलेक्ट्रीशियन का काम; वायरिंग में घटिया तार का इस्तेमाल 15 नवंबर की रात झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 नवजात जिंदा जल गए। बाद में 7 और बच्चों की जान चली गई। अब अफसर इस लापरवाही को हादसा बताने में लगे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने सच जानने के लिए वहां 5 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। डॉक्टर और कर्मचारियों से हिडन कैमरे पर बात की। एक-एक सबूत जुटाए। जो सामने निकलकर आया, उसके मुताबिक यह हादसा नहीं है, बल्कि सरकारी सिस्टम ने मासूमों की जान ली है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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महाराष्ट्र चुनाव में MVA को कितनी सीटें मिलेंगी? विजय वडेट्टीवार का बड़ा दावा, कांग्रेस का आंकड़ा देख महायुति में मचेगी खलबली!
महाराष्ट्र चुनाव में MVA को कितनी सीटें मिलेंगी? विजय वडेट्टीवार का बड़ा दावा, कांग्रेस का आंकड़ा देख महायुति में मचेगी खलबली! <p style=”text-align: justify;”><strong>Vijay Wadettiwar News:</strong> महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव तैयारियों के बीच प्रदेश कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि एक आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में 85 सीटें मिलेंगी. कांग्रेस की जीत को सुनिश्चित करने के लिए सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से चुनाव प्रचार के दौरान बड़ी संख्या में रैलियां करने का अनुरोध किया है. ताकि कांग्रेस को और मजबूती मिल सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘सभी दल इस तरह के सर्वेक्षण करते हैं. हमारे सर्वेक्षण में 150 सीट को शामिल किया गया है, जिसमें हमें 85 सीटों पर कांग्रेस को जीतते हुए दिखाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी को हराने के लिए करेंगे ये काम </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव भी महा विकास आघाडी में शामिल दल एक साथ लड़ेंगे. एमवीए के नेता महाराष्ट्र के लोगों के लिए सुशासन सुनिश्चित करने का काम करेंगे.’’ महा विकास आघाडी (एमवीए) में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में प्रतिपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कहा था कि महायुति के 40 से अधिक विधायक महा विकास अघाड़ी के टच में हैं. वहीं वेट्टीवार के इन दावों को अजित पवार गुट की एनसीपी ने खारिज किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना (महायुति) गठबंधन को बड़ा झटका लगा था. सत्ताधारी गठबंधन में शामिल तीनों दल 48 में से 17 सीटों पर सिमट गई थी. इसके उलट कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कब होगा महाराष्ट्र में चुनाव?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> 2024 में महाराष्ट्र की 48 में से 13 सीट जीतने में सफल रही. एमवीए को (एक बागी कांग्रेस नेता द्वारा जीती गई सांगली की सीट समेत) समेत कुल 31 सीटें मिलीं. सत्तारूढ़ गठबंधन को सिर्फ 17 सीट मिलीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अब महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए नवंबर में चुनाव होने की संभावना है. इस चुनाव में बीजेपी गठबंधन सरकार को हराने के लिए एमवीए के नेता अभी से जुटे हुए हैं.</p>
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Pune Porsche Accident: ‘मैंने कॉल किया था और…’, MLA सुनील टिंगरे पर लगे आरोपों पर क्या कुछ बोले अजित पवार?
Pune Porsche Accident: ‘मैंने कॉल किया था और…’, MLA सुनील टिंगरे पर लगे आरोपों पर क्या कुछ बोले अजित पवार? <p style=”text-align: justify;”><strong>Pune Porsche Accident Case:</strong> पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> और प्रदेश के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस सुनिश्चित किया कि घटना होने के तुरंत बाद जांच शुरू की जाए. मैंने इस मामले के सिलसिले में पुणे सीपी को कोई कॉल नहीं किया. हमारे विधायक सुनील टिंगरे ने इस संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उन्हें हाई शुगर है और वह अभी अस्वस्थ हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यही कारण है कि वह जनता के सामने नहीं आ रहे हैं. मैंने उनसे संपर्क किया और उन्होंने मुझे बताया कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और वह गलत नहीं हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाबालिग से पुलिस करेगी पूछताछ</strong><br />वहीं पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस में अब भी नाबालिग आरोपी से पूछताछ कर सकेगी. जुवेनाइल बोर्ड की तरफ से शुक्रवार को पूछताछ की अनुमति दे दी गई है. पुलिस की तरफ से जुवेनाइल बोर्ड को पत्र लिखकर इसकी अनुमति मांगी गई थी. वहीं किशोर न्याय अधिनियम के तहत माता-पिता के सामने नाबालिग से पूछताछ की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल, नाबालिग को अभी सुधार गृह में रखा गया है. मामले को लेकर पुलिस का दावा है कि हादसे के वक्त नाबालिग नशे की हालत में था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाबालिग आरोपी की मां भी गिरफ्तार</strong><br />वहीं मामले में नाबालिग आरोपी की मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. नाबालिग की मां पर अपने बेटे के ब्लड सैंपल की जगह अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है. सैंपल को इसलिए बदला गया था ताकि रिपोर्ट में दिखाया जा सके कि घटना के वक्त नाबालिग नशे में नहीं था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि इससे कुछ दिन पहले नाबालिग की मां का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसमें वो पुलिस से अपने बेटे की रक्षा का अनुरोध करती दिखाई दी थी. वहीं नाबालिग के पिता और दादा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Pune Porsche Car Accident: पुणे एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे को बचाने के लिए बदला था ब्लड सैंपल” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/pune-porsche-car-accident-case-minor-accused-mother-arrested-today-maharashtra-2703730″ target=”_blank” rel=”noopener”>Pune Porsche Car Accident: पुणे एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे को बचाने के लिए बदला था ब्लड सैंपल</a></strong></p>
UP Lok Sabha Election 2024: सीएम योगी ने मंच से शरिया कानून का जिक्र कर किया बड़ा ऐलान, जानें क्या कहा
UP Lok Sabha Election 2024: सीएम योगी ने मंच से शरिया कानून का जिक्र कर किया बड़ा ऐलान, जानें क्या कहा <p style=”text-align: justify;”><strong>Lok Sabha Election 2024:</strong> <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> 2024 को लेकर नेताओं की रैलियां जारी हैं. यूपी में पांच चरण के चुनाव की वोटिंग हो चुकी है और आज शनिवार (25 मई) को छठवें चरण के लिए मतदान हो रहा है. इसी बीच सांतवे चरण के लिए राजनीतिक पार्टी के नेता रैली व जनसभाएं भी कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> आज चंदौली लोकसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. उन्होंने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी के विकास योजनाओं के बारे में बताया, इसके साथ ही इंडिया गठबंधन और विपक्ष के नेताओं पर जमकर हमला बोला. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने चंदौली में कहा कि 400 पार का नारा सुनकर समाजवादी पार्टी के लोग चुप हो जाते है. देश में सरकार बनाने के लिए 273 सांसद चाहिए और समाजवादी पार्टी 60-62 सीट पर ही चुनाव लड़ रही है. जनता कह रही है कि रामभक्त ही राज करेगा, दिल्ली के सिंहासन पर. उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी रामद्रोही है. मुख्यमंत्री बनने के बाद पहला फैसला इन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमों को वापस लियाथा. यह चुनाव रामभक्त और रामद्रोही के बीच में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विकास का विरोधी है रामद्रोही'</strong><br />सीएम योगी ने यह भी कहा कि रामद्रोही गरीब कल्याण विकास योजना का विरोधी है. रामद्रोही विकास का विरोधी है. रामद्रोही वह है जो आतंकवाद और नक्सलवाद को बढ़ावा दे. रामभक्त वो हैं जो भगवान राम को 500 साल बाद विराजमान कर दें. भारत का सम्मान बढा दे. भारत की सुरक्षा को बढ़ा दे. जो बड़े माफिया बना करते थे उनकी भी राम राम सत्य यात्रा भी निकाल दिया गया. परम राम भक्त हमारे पीएम मोदी हैं. पीएम मोदी की नेतृत्व में 500 साल बाद का इंतजार खत्म हुआ. हमारे पूर्वजों की यह इच्छा थी कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं मनाएंगे. वह भी सपना पूरा हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत में कभी नहीं लागू होगा शरिया कानून</strong><br />सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया के अंदर भारत का सम्मान बढ़ा है. अब कोई घुसपैठिया हमारे यहां घुस नहीं सकता. आज आतंकवाद समाप्त और नकस्लवाद भी समाप्त हो गया है. मजबूत सरकार होती है तो मजबत देश भी होता है और मैं यह कहना चाहता हूं कि जो पाकिस्तान का राग लापते है, वह पाकिस्तान चले जाएं. इंडिया गठबंधन के लोग भारत में तालिबानी शासन लाना चाहते हैं. शरिया कानून भारत में कभी लागू नहीं होने देंगे. ये घोषणा पीएम मोदी पहले से ही कह रहे हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता कहते हैं कि आएंगे तो गौहत्या की छूट देंगे. <a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> का जो पुण्य लगा है, उसे पाप में मत बदलो. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-lok-sabha-elections-2024-crowd-went-out-of-control-at-priyanka-gandhi-rally-in-gorakhpur-2698558″>प्रियंका गांधी की जभा में जमकर हंगामा, भीड़ हुई बेकाबू, सपा-कांग्रेस समर्थन नीचे गिरे</a></strong></p>