<p style=”text-align: justify;”>एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को पंजाब में बैन करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्ठी लिखी है. आज लिखी चिट्ठी में धामी ने कहा है कि कल रिलीज होने वाली इस फिल्म में सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है और ये फिल्म सिखों के खिलाफ दुष्प्रचार करेगी इसलिए इसे पंजाब में नहीं चलने दिया जाना चाहिए. धामी में लिखा है को अगर फिल्म पंजाब में चलती है तो इसका विरोध होगा.</p> <p style=”text-align: justify;”>एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को पंजाब में बैन करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्ठी लिखी है. आज लिखी चिट्ठी में धामी ने कहा है कि कल रिलीज होने वाली इस फिल्म में सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है और ये फिल्म सिखों के खिलाफ दुष्प्रचार करेगी इसलिए इसे पंजाब में नहीं चलने दिया जाना चाहिए. धामी में लिखा है को अगर फिल्म पंजाब में चलती है तो इसका विरोध होगा.</p> पंजाब Saif Ali Khan Attack: सैफ अली खान के घर में कैसे घुसा था हमलावर? हो गया खुलासा
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शिवराज सिंह चौहान ने चखी भाऊखेड़ी की मावा बाटी, तारीफ करते हुए बोले- ‘मैं जब भी…’
शिवराज सिंह चौहान ने चखी भाऊखेड़ी की मावा बाटी, तारीफ करते हुए बोले- ‘मैं जब भी…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Shivraj Singh Chouhan in Madhya Pradesh:</strong> मध्य प्रदेश शासन के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के इछावर विधानसभा क्षेत्र में स्थित भाऊखेड़ी गांव पूरे देश में अपनी पहचान रखता है. इस गांव में 52 साल पुरानी एक मावा बाटी की दुकान है, जिसके स्वाद से भरपूर मावा बाटी सभी को खूब पसंद आती है. यही कारण है कि वीवीआईपी हो या आम आदमी जब इस रास्ते से गुजरता है तो वह इस दुकान पर रुककर मावा बाटी का स्वाद जरूर चखता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भैरुंदा जाते समय यहां रुके और मावा बाटी का आनंद लिया. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि यहां की मावा बाटी का स्वाद जरूर चखें. बता दें सीहोर के नजदीकी इछावर विधानसभा क्षेत्र का भाऊखेड़ी पूरे देश में मावा बाटी के स्वाद की वजह से विशेष पहचान रखता है. साल 1972 में हरिराम सेठ ने इस मावा बाटी की दुकान की शुरुआत की थी.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>देश के कृषि मंत्री बोले, सीहोर आए तो भाऊखेड़ी की मावाबाटी जरुर खाएं<br />- वर्ष 1972 से संचालित हो रही मावाबाटी की दुकान<br />- वीवीआईपी हो या आम आदमी, सभी की पसंद है भाऊखेड़ी की मावाबाटी <a href=”https://twitter.com/ABPNews?ref_src=twsrc%5Etfw”>@ABPNews</a> <a href=”https://twitter.com/abplive?ref_src=twsrc%5Etfw”>@abplive</a> <a href=”https://t.co/a9hnRjPGkW”>pic.twitter.com/a9hnRjPGkW</a></p>
— Nitinthakur (Abp NEWS) (@Nitinreporter5) <a href=”https://twitter.com/Nitinreporter5/status/1825734473926979682?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 20, 2024</a>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, अब इस दुकान का संचालन उनके बेटे करन सिंह करते हैं. खास बात यह है कि इस दुकान पर मिलने वाली मावा बाटी ने पूरे देश में भाऊखेड़ी गांव को पहचान दी है. इस रास्ते से निकलने वाला हर शख्स इस दुकान पर रुककर मावा बाटी का स्वाद जरुर चखता है. वहीं प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान तो जब भी इस मार्ग से निकलते हैं मावा बाटी जरुर खाते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिवराज ने जमकर की मावा बाटी की तारीफ</strong><br />इस बीच शनिवार को शिवराज सिंह चौहान भोपाल से भैरुंदा जाते समय इस दुकान पर रुककर मावा बाटी का स्वाद चखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि “भाऊखेड़ी की मावा बाटी की अपनी अलग पहचान है, ऐसी मावा बाटी कहीं नहीं बनती है. उन्होंने राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा से पूछा कि क्या यह पानी की विशेषता है, जिस पर राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा कि यह प्रतिदिन मावा घर पर ही बनाते हैं और मावा बाटी बनाने में देशी घी का उपयोग करते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “यह शुद्ध मावा बाटी शुद्ध मावे की बनती है. इसका स्वाद अद्भुत है. यह करण सिंह वर्मा का क्षेत्र भाऊखेड़ी है. मैं जब भी यहां आता हूं मावा बाटी जरुर खाता हूं. ऐसी मावा बाटी कही नहीं बनती, सभी इसका स्वाद जरुर लें.” कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह वीडियो सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर भी शेयर किया.</p>
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<p><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”एमपी में भी मनेगी मथुरा-वृंदावन जैसी जन्माष्टमी, गांव-गांव आएंगे लड्डू गोपाल, CM मोहन यादव का वादा” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/janmashtami-2024-celebration-in-madhya-pradesh-like-mathura-vrindavan-promises-cm-mohan-yadav-ann-2764691″ target=”_blank” rel=”noopener”>एमपी में भी मनेगी मथुरा-वृंदावन जैसी जन्माष्टमी, गांव-गांव आएंगे लड्डू गोपाल, CM मोहन यादव का वादा</a></strong></p>
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लुधियाना में हाई वोल्टेज तारों से झुलसा छात्र:पड़ोसन ने छत्त पर डाली थी पानी से भरी साड़ी,खेलते समय लगा बिल्डिंग से करंट
लुधियाना में हाई वोल्टेज तारों से झुलसा छात्र:पड़ोसन ने छत्त पर डाली थी पानी से भरी साड़ी,खेलते समय लगा बिल्डिंग से करंट पंजाब के लुधियाना में ढंडारी खुर्द छत पर खेल रहे छात्र को अचानक हाई वोल्टेज तारों से करंट लग गया। छात्र बुरी तरह से झुलस गया। विशाल छत्त पर ही बेहोश होकर गिर गया। शोर-शराबा पड़ने पर तुरंत छात्र को सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत बिगड़ती देख तुरंत उसे पीजीआई रेफर कर दिया। घायल छात्र का नाम विशाल (14) है। विशाल अपने परिवार में बड़ा बेटा है। छत पर खेल रहा था विशाल जानकारी देते हुए विशाल के जीजा सुमित ने कहा कि विशाल छत पर खेल रहा था। तभी पड़ोस में रहती महिला ने पानी से भीगी साड़ी छत्त पर सुखने के लिए डाली थी। विशाल अपनी छत्त पर खेल रहा था। शक है कि शायद हवा चलने के कारण साड़ी में जो पानी था वह हाईटेंशन तारों पर पड़ गया जिस कारण बिल्डिंग की छत्त पर करंट आ गया। घायल विशाल ने कहा कि वह नहा कर छत्त के बनेरे के पास खेलते समय खड़ा हो गया। तभी अचानक से उसे करंट लग गया। उसे लगा जैसे उसे आग लग गई हो। इस दौरान वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। पूरी बिल्डिंग तारें जली पूरी बिल्डिंग की तारें जल गई। हादसे में महिला के भी झुलसे होने का पता चला है कि लेकिन महिला का नाम आदि कुछ पता नहीं चला। विशाल को जब अस्पताल लेकर आए तो वह करीब 60 से 70 फीसदी झुलसा हुआ था। डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर पीजीआई रेफर कर दिया। विशाल 7वीं कक्षा का छात्र है जो सरकारी स्कूल में पढ़ता था। सुमित ने कहा कि विशाल का चेहरा और बाकी शरीर की चमड़ी करंट लगने से उतर गई है। इस घटना के बाद इलाके के लोगों में हाई वोल्टेज तारों को लेकर पावरकाम के खिलाफ भी काफी रोष है।
नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई
नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई हरियाणा की BJP सरकार ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने उन्हें चंडीगढ़ में मिली कोठी नंबर 70 खाली करने के लिए कहा है। हुड्डा ने इसके लिए 15 दिन का टाइम मांगा है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह कोठी CM नायब सैनी की कैबिनेट में मंत्री विपुल गोयल को पसंद आ गई है। उन्होंने कोठी पर दावा ठोकते हुए इसके लिए आवेदन भी कर दिया है। चूंकि कांग्रेस में खींचतान की वजह से नेता विपक्ष का चुनाव नहीं हो पाया, इसलिए कोठी को लेकर भी उनका दावा कमजोर पड़ गया। अगर वह नेता विपक्ष होते तो कैबिनेट रैंक का दर्जा होने की वजह से उन्हें कोठी खाली नहीं करनी पड़ती। हालांकि, हुड्डा की तरफ से औपचारिक तौर पर इसको लेकर कोई एतराज नहीं जताया गया है। वर्ष 2019 में कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष का पद मिला था। नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट रैंक का दर्जा होता है। ऐसे में उन्हें सेक्टर 7 में 70 नंबर कोठी अलॉट की गई थी। इस कोठी में पिछले 5 वर्षों से कांग्रेस की गतिविधियां संचालित हो रही थी। इससे पहले वर्ष 2014 से 2019 तक हुड्डा चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित MLA फ्लैट में रहते थे। नए नेता प्रतिपक्ष को मिलेगा नया आवास
हुड्डा के सरकारी आवास खाली करने की स्थिति में नए नेता प्रतिपक्ष को नया आवास दिया जाएगा। कैबिनेट रैंक के तहत चंडीगढ़ के सेक्टर 3, सेक्टर 7, सेक्टर 16 और पंचकूला में सेक्टर 12A में मंत्रियों के लिए आवास बनाए गए हैं। इनमें से किसी भी सेक्टर में नए नेता प्रतिपक्ष को आवास मिल सकता है। हालांकि, अधिकांश मंत्रियों को सेक्टर 3 व सेक्टर 7 की कोठियां ज्यादा पसंद आती हैं, लेकिन मौजूदा समय में सेक्टर 7 की 70 नंबर कोठी को छोड़कर अन्य सभी कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। हारे मंत्री भी खाली कर चुके कोठी
सरकार गठन होते ही हारे मंत्रियों ने अपने सरकारी आवास को तुरंत प्रभाव से खाली कर दिया था। तकरीबन सभी मंत्रियों को कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। अधिकांश कोठियों में व्यापक स्तर पर मरम्मत का काम चल रहा है। सेक्टर 3 में मुख्यमंत्री आवास के साथ की कोठी वरिष्ठ मंत्री कृष्ण लाल पंवार को अलॉट की गई है। हालांकि वरिष्ठता के क्रम में यह कोठी अनिल विज को अलॉट होनी थी लेकिन उनके मना करने के बाद पंवार को दी गई है। हुड्डा की घोषणा भी उनके काम नहीं आई
भूपेंद्र हुड्डा जब हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने घोषणा की थी जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें मंत्रियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी मिलेंगी। जब साल 2014 में घोषणा की गई तो इसके दायरे में तब दो ही पूर्व मुख्यमंत्री आते थे। इनमें एक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और दूसरे चौधरी हुकम सिंह थे। ओम प्रकाश चौटाला उस वक्त जेल में थे, इसलिए वह यह सुविधाएं नहीं ले पाए। हुकम सिंह को तब सरकार ने कैबिनेट मंत्री वाली सभी सुविधाएं प्रदान की थी। हुड्डा ने जब यह नियम लागू किया, तब विपक्षी दलों और नेताओं का कहना था कि भूपेंद्र हुड्डा भविष्य में खुद का जुगाड़ कर रहे हैं। हुआ भी ऐसा ही, जब 2014 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई और भाजपा सत्ता में आ गई तो हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हो गए। हालांकि मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में बनी पहली सरकार ने कुछ दिन बाद ही पिछली सरकार यानी मुख्यमंत्री रहते भूपेंद्र हुड्डा का किया फैसला पलट दिया। हरियाणा कांग्रेस में नेता विपक्ष क्यों नहीं बना?…. चुनाव में कांग्रेस 37 सीटों पर सिमटी, पहली बार इतना लंबा इंतजार
हरियाणा में 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव रिजल्ट के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आए। जिसमें भाजपा को 48 सीटों के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद नेता विपक्ष के पद को लेकर घमासान शुरू हो गया। हुड्डा के हक में ज्यादा विधायक, ऑब्जर्वर भी फैसला नहीं ले पाए
रिजल्ट के 10 दिन बाद नेता विपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग हुई। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव शामिल हुए। मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने सभी विधायकों से विधायक दल के नेता का नाम फाइनल करने के लिए वन टु वन बातचीत कर उनकी राय जानी। अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम ही विधायक दल के नेता के लिए रखा। कुमारी सैलजा गुट के कुछ विधायकों ने नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात कही। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत और अजय माकन ने कहा था, ‘विधायक दल के नेता का चयन हाईकमान करेगा। विधायकों की राय हाईकमान तक पहुंचा दी जाएगी।’ हुड्डा को हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा
2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं।हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल, थानेसर से अशोक अरोड़ा और सबसे सीनियर विधायक रघुवीर कादियान का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।