कनाडा में खालिस्तान रैली में पत्रकार से मारपीट:विदेशी एक्टिविस्ट ने फोन छीना, पुलिस ने हस्तक्षेप नहीं किया, कार्रवाई की मांग बढ़ी

कनाडा में खालिस्तान रैली में पत्रकार से मारपीट:विदेशी एक्टिविस्ट ने फोन छीना, पुलिस ने हस्तक्षेप नहीं किया, कार्रवाई की मांग बढ़ी

कनाडा के वैंकूवर में आयोजित एक खालिस्तान समर्थक रैली के दौरान कनाडाई इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट मोचा बेजिर्गन के साथ कथित तौर पर बदसलूकी, धमकी और मारपीट की घटना सामने आई है। इस पूरे मामले की जानकारी खुद मोचा बेजिर्गन ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर साझा की है। हैरानी की बात है कि वहां पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन उन्होंने भी खालिस्तानी समर्थकों को ऐसा करने से नहीं रोका। बेजिर्गन के अनुसार, एक ब्रिटिश नागरिक, जो खुद को विदेशी एक्टिविस्ट बताता है और कनाडा का नागरिक नहीं है, ने रैली के दौरान उनकी उपस्थिति की जानकारी पहले से सोशल मीडिया पर उजागर कर रखी थी। इसी व्यक्ति ने बाद में बेजिर्गन के पास “इंटरव्यू” के बहाने संपर्क किया, लेकिन बातचीत के दौरान बार-बार उनके निजी स्थान (पर्सनल स्पेस) का उल्लंघन किया। जब बेजिर्गन ने दूरी बनाए रखने की कोशिश की, तो खालिस्तानी समर्थक हिंसक हो गया और धमकियां देने लगा। हिंसक होते हुए हाथ से छीना फोन बेजिर्गन का कहना है कि जब वे लगातार उस व्यक्ति से दूर हटने की कोशिश कर रहे थे, तब भी वह उनका पीछा करता रहा और उनके हाथ से फोन छीन लिया। पुलिस द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद भी उसने अपनी हरकतें बंद नहीं कीं। इस मामले में बेजिर्गन ने चिंता जताई है कि यह व्यक्ति कनाडा का नागरिक नहीं होते हुए भी एक कनाडाई मुद्दे- खालिस्तान आंदोलन और आगामी G7 बैठक को लेकर उनकी रिपोर्टिंग में दखल डाल रहा है, जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग फिलहाल पुलिस की ओर से इस मामले पर आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कई लोगों ने पत्रकार के समर्थन में ट्वीट किए हैं और इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कनाडा के वैंकूवर में आयोजित एक खालिस्तान समर्थक रैली के दौरान कनाडाई इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट मोचा बेजिर्गन के साथ कथित तौर पर बदसलूकी, धमकी और मारपीट की घटना सामने आई है। इस पूरे मामले की जानकारी खुद मोचा बेजिर्गन ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर साझा की है। हैरानी की बात है कि वहां पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन उन्होंने भी खालिस्तानी समर्थकों को ऐसा करने से नहीं रोका। बेजिर्गन के अनुसार, एक ब्रिटिश नागरिक, जो खुद को विदेशी एक्टिविस्ट बताता है और कनाडा का नागरिक नहीं है, ने रैली के दौरान उनकी उपस्थिति की जानकारी पहले से सोशल मीडिया पर उजागर कर रखी थी। इसी व्यक्ति ने बाद में बेजिर्गन के पास “इंटरव्यू” के बहाने संपर्क किया, लेकिन बातचीत के दौरान बार-बार उनके निजी स्थान (पर्सनल स्पेस) का उल्लंघन किया। जब बेजिर्गन ने दूरी बनाए रखने की कोशिश की, तो खालिस्तानी समर्थक हिंसक हो गया और धमकियां देने लगा। हिंसक होते हुए हाथ से छीना फोन बेजिर्गन का कहना है कि जब वे लगातार उस व्यक्ति से दूर हटने की कोशिश कर रहे थे, तब भी वह उनका पीछा करता रहा और उनके हाथ से फोन छीन लिया। पुलिस द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद भी उसने अपनी हरकतें बंद नहीं कीं। इस मामले में बेजिर्गन ने चिंता जताई है कि यह व्यक्ति कनाडा का नागरिक नहीं होते हुए भी एक कनाडाई मुद्दे- खालिस्तान आंदोलन और आगामी G7 बैठक को लेकर उनकी रिपोर्टिंग में दखल डाल रहा है, जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग फिलहाल पुलिस की ओर से इस मामले पर आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कई लोगों ने पत्रकार के समर्थन में ट्वीट किए हैं और इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।   पंजाब | दैनिक भास्कर