कनाडा में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले करनाल के नवप्रीत का पार्थिव शरीर आज उसके घर पहुंचा। यहां उसके पिता ने नम आंखों से बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। नवप्रीत की मौत 15 दिन पहले यानी 23 जनवरी को सड़क हादसे में हुई थी। उसके परिवार के पास शव को भारत लाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने हरियाणा सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। हालांकि सरकार से मदद नहीं मिलने पर परिवार ने 30 से 35 लाख रुपए का कर्ज लेकर बेटे का शव भारत लाया। यहां भी नवप्रीत का शव गुरुवार शाम को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा, लेकिन कुछ कागजी कार्रवाई अधूरी होने के कारण प्रशासन ने शव को आज सुबह ही परिवार को सौंपा। 28 लाख का लोन लेकर बेटे को कनाडा भेजा था नवप्रीत के पिता ने बताया कि 15 महीने पहले उन्होंने अपने छोटे बेटे नवप्रीत को 28 लाख रुपए और लगाकर टूरिस्ट वीजा पर कनाडा भेजा था। जबकि, 2 साल पहले 50 लाख का लोन लेकर बड़े बेटे तरनप्रीत को यूएसए भेजा था। बाद में जब छोटे बेटे ने जिद की तो उसे भी कनाडा भेज दिया। बड़े बेटे ने USA से दी थी नवप्रीत के बारे में सूचना गुरुदेव ने बताया कि 24 जनवरी को उनके बड़े बेटे तरनप्रीत ने हमें अपने छोटे भाई की मौत की सूचना दी थी। नवप्रीत कनाडा में ट्रक चलाता था। नवप्रीत के साथ आए ड्राइवर ने यूएसए में तरनप्रीत को सूचना दी थी कि कनाडा में दो ट्रकों में टक्कर हो गई है। जिसमें नवप्रीत की मौत हो गई, जबकि दूसरे ट्रक में सवार दो अन्य लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि वह गंभीर रूप से घायल है। इसके बाद तरनप्रीत ने हमें यह दुखद खबर बताई। परिवार का सबसे छोटा बेटा था गुरुदेव ने बताया कि नवप्रीत परिवार का सबसे छोटा बेटा था। सभी उसे सबसे ज्यादा प्यार करते थे। अपनी जिद के चलते वह अपने बड़े भाई के अमेरिका चले जाने के बाद कनाडा चला गया। अब परिवार में हम पति-पत्नी और बड़ा बेटा ही बचे हैं। सरकार से लगाई थी गुहार गुरुदेव ने बताया कि हमने अपने बेटे के शव को भारत लाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। लेकिन हमारी सरकार व प्रशासन ने कोई मदद नहीं की। अब बेटे के शव को भारत लाने में 30 से 35 लाख रुपए और खर्च आया है। जिसका पैसा रिश्तेदारों व अन्य जानकारों से इकट्ठा करके दिया है। कनाडा में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले करनाल के नवप्रीत का पार्थिव शरीर आज उसके घर पहुंचा। यहां उसके पिता ने नम आंखों से बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। नवप्रीत की मौत 15 दिन पहले यानी 23 जनवरी को सड़क हादसे में हुई थी। उसके परिवार के पास शव को भारत लाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने हरियाणा सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। हालांकि सरकार से मदद नहीं मिलने पर परिवार ने 30 से 35 लाख रुपए का कर्ज लेकर बेटे का शव भारत लाया। यहां भी नवप्रीत का शव गुरुवार शाम को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा, लेकिन कुछ कागजी कार्रवाई अधूरी होने के कारण प्रशासन ने शव को आज सुबह ही परिवार को सौंपा। 28 लाख का लोन लेकर बेटे को कनाडा भेजा था नवप्रीत के पिता ने बताया कि 15 महीने पहले उन्होंने अपने छोटे बेटे नवप्रीत को 28 लाख रुपए और लगाकर टूरिस्ट वीजा पर कनाडा भेजा था। जबकि, 2 साल पहले 50 लाख का लोन लेकर बड़े बेटे तरनप्रीत को यूएसए भेजा था। बाद में जब छोटे बेटे ने जिद की तो उसे भी कनाडा भेज दिया। बड़े बेटे ने USA से दी थी नवप्रीत के बारे में सूचना गुरुदेव ने बताया कि 24 जनवरी को उनके बड़े बेटे तरनप्रीत ने हमें अपने छोटे भाई की मौत की सूचना दी थी। नवप्रीत कनाडा में ट्रक चलाता था। नवप्रीत के साथ आए ड्राइवर ने यूएसए में तरनप्रीत को सूचना दी थी कि कनाडा में दो ट्रकों में टक्कर हो गई है। जिसमें नवप्रीत की मौत हो गई, जबकि दूसरे ट्रक में सवार दो अन्य लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि वह गंभीर रूप से घायल है। इसके बाद तरनप्रीत ने हमें यह दुखद खबर बताई। परिवार का सबसे छोटा बेटा था गुरुदेव ने बताया कि नवप्रीत परिवार का सबसे छोटा बेटा था। सभी उसे सबसे ज्यादा प्यार करते थे। अपनी जिद के चलते वह अपने बड़े भाई के अमेरिका चले जाने के बाद कनाडा चला गया। अब परिवार में हम पति-पत्नी और बड़ा बेटा ही बचे हैं। सरकार से लगाई थी गुहार गुरुदेव ने बताया कि हमने अपने बेटे के शव को भारत लाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। लेकिन हमारी सरकार व प्रशासन ने कोई मदद नहीं की। अब बेटे के शव को भारत लाने में 30 से 35 लाख रुपए और खर्च आया है। जिसका पैसा रिश्तेदारों व अन्य जानकारों से इकट्ठा करके दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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