इंग्लैंड के हडर्सफील्ड शहर में एक अस्पताल में बीते माह मृत पाए गए कपूरथला के 23 वर्षीय हरमनजोत सिंह का शव अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। जिसके बाद एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शव को परिवार को सौंपा। हरमनजोत डेढ़ साल पहले बेहतर भविष्य की तलाश में इंग्लैंड गया था। वह ब्रैडफोर्ड शहर में रहकर काम करता था। उसके दोस्तों ने उसे संदिग्ध परिस्थितियों में घायल अवस्था में पाया। 27 फरवरी को अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। पंजाब सरकार से जांच की मांग एनआरआई की मदद से 4800 पाउंड खर्च कर शव को भारत लाया गया। गांव लखन के पड्डा के शमशान घाट में परिवार ने धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया। परिवार ने पंजाब सरकार से मृत्यु के कारणों की जांच की मांग की है। हरमनजोत अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी मां सिलाई का काम करके गुजारा करती थी। बेटे के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने कर्ज लेकर उसे विदेश भेजा था। शोक कार्यक्रम में ये रहे मौजूद परिवार से शोक व्यक्त करने के लिए मास्टर केवल सिंह पड्डा, शरणजीत सिंह पड्डा, जसवंत विरली, बलदेव सिंह पड्डा, मास्टर चिंदा सिंह, जसबीर सिंह बीर, महिंदर सिंह पड्डा, गुरप्रीत सिंह पड्डा, बाबा गुरदेव सिंह करियावाले, संजीव कुमार, राकेश कुमार, अमित कुमार, गुरदयाल सिंह और अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। इंग्लैंड के हडर्सफील्ड शहर में एक अस्पताल में बीते माह मृत पाए गए कपूरथला के 23 वर्षीय हरमनजोत सिंह का शव अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। जिसके बाद एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शव को परिवार को सौंपा। हरमनजोत डेढ़ साल पहले बेहतर भविष्य की तलाश में इंग्लैंड गया था। वह ब्रैडफोर्ड शहर में रहकर काम करता था। उसके दोस्तों ने उसे संदिग्ध परिस्थितियों में घायल अवस्था में पाया। 27 फरवरी को अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। पंजाब सरकार से जांच की मांग एनआरआई की मदद से 4800 पाउंड खर्च कर शव को भारत लाया गया। गांव लखन के पड्डा के शमशान घाट में परिवार ने धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया। परिवार ने पंजाब सरकार से मृत्यु के कारणों की जांच की मांग की है। हरमनजोत अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी मां सिलाई का काम करके गुजारा करती थी। बेटे के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने कर्ज लेकर उसे विदेश भेजा था। शोक कार्यक्रम में ये रहे मौजूद परिवार से शोक व्यक्त करने के लिए मास्टर केवल सिंह पड्डा, शरणजीत सिंह पड्डा, जसवंत विरली, बलदेव सिंह पड्डा, मास्टर चिंदा सिंह, जसबीर सिंह बीर, महिंदर सिंह पड्डा, गुरप्रीत सिंह पड्डा, बाबा गुरदेव सिंह करियावाले, संजीव कुमार, राकेश कुमार, अमित कुमार, गुरदयाल सिंह और अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
