कपूरथला के सब डिवीज़न सुल्तानपुर लोधी के गांव सरूपवाल में एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि किसान अपने घर के बाहर खड़ा होकर अपने मकान का निर्माण कार्य देख रहा था। तभी उसके पडोसी से नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद हो गया। पडोसी पूर्व फौजी ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से किसान पर अंधाधुंध गोलियां चला दी, जिससे किसान की मौत हो गई। वारदात की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची थाना कबीरपुर की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। DSP विपन कुमार ने बताया कि मृतक की पहचान मलकीत सिंह पुत्र अर्जन सिंह (65) निवासी गांव सरूपवाल के रूप में हुई है। इस मामले में 2 आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। देख रहा था मकान का निर्माण कार्य मलकीत सिंह शनिवार की दोपहर अपने घर के निर्माण कार्य को लेकर बाहर खड़ा था, तभी उसके पडोसी तरसेम सिंह सोनी और उसकी पत्नी संदीप कौर के साथ नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद पूर्व फौजी तरसेम सिंह ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से मलकीत सिंह पर गोलियां चला दी। जिससे मलकीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। DSP सुल्तानपुर लोधी विपन कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद उनकी टीम ने मौके पर पहुंच मृतक का शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। 2 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से मलकीत सिंह 6 गोलियां चलाई है। मृतक के परिजनों के बयान कलमबंद किए जा रहे हैं। जिसके आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरोपी दंपती को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। कपूरथला के सब डिवीज़न सुल्तानपुर लोधी के गांव सरूपवाल में एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि किसान अपने घर के बाहर खड़ा होकर अपने मकान का निर्माण कार्य देख रहा था। तभी उसके पडोसी से नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद हो गया। पडोसी पूर्व फौजी ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से किसान पर अंधाधुंध गोलियां चला दी, जिससे किसान की मौत हो गई। वारदात की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची थाना कबीरपुर की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। DSP विपन कुमार ने बताया कि मृतक की पहचान मलकीत सिंह पुत्र अर्जन सिंह (65) निवासी गांव सरूपवाल के रूप में हुई है। इस मामले में 2 आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। देख रहा था मकान का निर्माण कार्य मलकीत सिंह शनिवार की दोपहर अपने घर के निर्माण कार्य को लेकर बाहर खड़ा था, तभी उसके पडोसी तरसेम सिंह सोनी और उसकी पत्नी संदीप कौर के साथ नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद पूर्व फौजी तरसेम सिंह ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से मलकीत सिंह पर गोलियां चला दी। जिससे मलकीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। DSP सुल्तानपुर लोधी विपन कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद उनकी टीम ने मौके पर पहुंच मृतक का शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। 2 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से मलकीत सिंह 6 गोलियां चलाई है। मृतक के परिजनों के बयान कलमबंद किए जा रहे हैं। जिसके आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरोपी दंपती को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब विजन- 2047 में बोले सीएम मान:कहा- पराली के धुएं पर ब्लेम गेम नहीं होनी चाहिए, प्रदेश से सौतेली मां जैसा व्यवहार हुआ
पंजाब विजन- 2047 में बोले सीएम मान:कहा- पराली के धुएं पर ब्लेम गेम नहीं होनी चाहिए, प्रदेश से सौतेली मां जैसा व्यवहार हुआ पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रहे पंजाब विजन 2047 में पहुंचे सीएम भगवंत मान ने पराली के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि पराली की समस्या के लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जाता है। इस मुद्दे पर ब्लेम गेम नहीं होनी चाहिए। इस समस्या के हल के लिए होम वर्क करना होगा। वहीं, फसली विभिन्नता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को धान के बदले उगाई जाने वाली फसलों पर पूरा मूल्य मिले। यह समस्या मध्य प्रदेश, यूपी और हरियाणा सबकी है। वहीं, इस प्रोग्राम के लिए राज्यसभा सांसद विक्रम साहनी के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसे भविष्य पर सरकार अपनी योजनाए बनाएगी। इस दौरान कई बड़े माहिर, बिजनेसमैन और आईएएस अधिकारी पहुंचे हुए थे। पहले अन्नदाता, फिर कहते है पर्चा दर्ज करें सीएम ने कहा कि चावल पैदा करने से ही पराली पैदा होती है, लेकिन चावल पंजाबियों की डाइट नहीं है। हम तो 10वीं वाले दिन चावल खाते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को पहले जब अनाज चाहिए होता है तो अन्नतदाता कहते हैं, जबकि बाद में कहा जाता है कि पर्चा दर्ज करे। वहीं, उन्होंने कि कहा कि पहले तो दिल्ली वाले कहते है कि पंजाब का धुआं आ रहा है। हमारा ही धुआं दिल्ली, हरियाणा सब जगह घूम रहा है। अब तो पाकिस्तान पंजाब की मुख्यमंत्री मरहम नवाज का भी इस मुद्दे पर बयान आया है, वह कहती हैं कि मैं इस मामले में भगवंत मान को पत्र लिखूंगी। सीएम ने कहा कि हम तो पहले ही एक पाकिस्तान वाली से दुखी रहे हैं। अब तू भी बोलने लगी हैं। पंजाब के पिछड़ने के पीछे राजनीतिक कारण सीएम ने कह कि साढ़े तीन लाख लोगों ने मुझे पंजाब लाणेदार यानी की मुखिया चुना है। लाणेदार की भी जिम्मेदारी बनती है कि परिवार के सभी मेंबरों की सुने। ऐसे में पंजाब को आगे बढ़ाने के लिए सबकी राय जरूरी है। कुदरत ने पंजाब में कमी नहीं छोड़ी है, जो कि राज्य को कामयाबी की तरफ लेकर न जाती हो। पंजाब के पिछड़ने के कारण राजनीतिक है। क्योंकि जिनको हमने चुना, उन्होंने यह फर्ज ही नहीं निभाया। इसकी वजह पता नहीं है कि क्या वह इस बारे में अनजान थे। इस वजह से हमारी इच्छाएं तक ही मर गई है। पंजाब से सौतेली मां जैसा व्यवहार हुआ सीएम ने कहा कि पंजाब के साथ हमेशा सौतेली मां जैसे व्यवहार हुआ है। क्योंकि केंद्र में कोई और सरकार रही तो राज्य में कोई और सरकार रही। उन्होंने कहा कि पंजाब देश फूड बॉल है। हम देश को 182 लाख मीट्रिक चावल दे रहे है। हम देश को चावल नहीं दे रहे है, बल्कि अपना पानी भी दे रहे हैं। धान पैदा करने से पानी का भूजल लगातार गिर रहा है। आधा पंजाब डॉर्क जोन में आ गया है। इसके लिए किसान भी जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि उनके पास विकल्प तक नहीं है। वहीं, किसानों को आर्थिक मदद करनी होगी। पराली जलाने के लिए एनजीटी से लेकर सारे माहिर पंजाब को जिम्मेदार ठहरा है। कबूतर की तरह आंखें बंद करने से इस समस्या का हल नहीं होगा। कैंसर का इलाज आयोडेक्स से नहीं होता है। ऐसे में दूसरे का तुजुर्बा प्रयोग कर लो, तब तक स्थिति सुधर सके। उन्होंने कहा कि पानी को बेचने की जरूरत है। एक किलो चावल के लिए 35 लीटर पानी प्रयोग होता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम इसकी पड़ताल कर रहे है। किसान भी पराली जलाना नहीं चाहता है। पैसे रोक लेती है केंद्र सरकार केंद्र सरकार कभी आरडीएफ, कभी एनएचएम का पैसा रोक लेती है। हर रोज कोई न कोई आदेश आते रहते है। जब अनाज की जरूरत थी तो पंजाब ने देश की बाजू पकड़ी थी। वहीं, अब केंद्र को भी अपना फर्ज निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे युवा तो विदेश जा रहे हैं। हमने तो रेडियो के बैंड सुने थे, लेकिन अब आइलेट्स के बैंड याद रह गए। आजकल तो अखबारों में आता है कि 6 बैंड वाला चाहिए या 7 बैंड चाहिए। उन्होंने हाल में मौजूद युवाओं को कहा कि आप अच्छे हो कि यहां तक पहुंचे हो हमारे यहां तो आटा दाल स्कीम ने ही युवाओं को आगे नहीं बढ़ने दिया।
गैंगस्टर लॉरेंस के 2 इंटरव्यू पर खुलासा:पंजाब पुलिस की कस्टडी में पहला, दूसरा राजस्थान जेल में हुआ; हाईकोर्ट ने SIT रिपोर्ट खोली
गैंगस्टर लॉरेंस के 2 इंटरव्यू पर खुलासा:पंजाब पुलिस की कस्टडी में पहला, दूसरा राजस्थान जेल में हुआ; हाईकोर्ट ने SIT रिपोर्ट खोली पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के जेल से इंटरव्यू मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गैंगस्टर का पहला इंटरव्यू पंजाब के खरड़ में पुलिस कस्टडी में हुआ था। जबकि, दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जेल में हुआ था। यह खुलासा इस मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट से हुआ है। एसआईटी ने यह सीलबंद रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी थी। जिसे बुधवार को सार्वजनिक किया गया। रिपोर्ट के दूसरे तथ्यों के बारे में इंतजार किया जा रहा है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा
गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू वर्ष 2023 में 14 और 17 मार्च को जारी किए गए थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो इसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। वकील बोले- पंजाब पुलिस में काली भेड़ें
इस बारे में इंटरव्यू के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाले वकील गौरव ने कहा- आज सुनवाई में साफ हो गया गया कि पंजाब पुलिस में काली भेड़े हैं। जिन्होंने यह इंटरव्यू करवाया था। यह किसी आम आदमी का यह काम नहीं है। हालांकि इसे शुरू से ही दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि अदालत ने तय किया है कि जो भी इस मामले शामिल होंगे, उन पर सीधे कार्रवाई होगी। वहीं, इस मामले में जो भी सुपरवाइजर होंगे, उन पर भी कार्रवाई होगी। इस मामले में डीजीपी एफिडेविट फाइल करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई पांच नौ को तय की गई। अब गुजरात जेल में बंद है लॉरेंस
गैंगस्टर लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुडे़ केस में बंद है। उसे अहमदाबाद के साबरमती में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। हाल ही में उसके पाकिस्तानी डॉन से ईद की बधाई को लेकर वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई थी। आतंकी गैंग की तरह लॉरेंस का स्लीपर सेल
आतंकियों की तर्ज पर लॉरेंस गैंग ने अपना ‘स्लीपर सेल’ तैयार कर लिया है। स्लीपर सेल से जुड़े गुर्गे आम लोगों की तरह हमारे बीच में रहते हैं। ये पेशेवर अपराधी नहीं हैं, लेकिन आका (लॉरेंस) का इशारा मिलते ही टारगेट किलिंग करने से भी नहीं चूकते। लॉरेंस गैंग ने ब्रेन वॉश कर स्लीपर सेल में कई नाबालिगों को भी शामिल कर रखा है। ये नाबालिग हथियार सप्लाई, टारगेट किलिंग से लेकर हवाला के जरिए पैसा ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं। इस तथ्य का खुलासा लॉरेंस गैंग के गुर्गों द्वारा राजस्थान में अंजाम दी गई विभिन्न वारदात से जुड़ी जांच और अदालत में दाखिल चार्जशीट में हुआ है। पहली बार बाकायदा ‘स्लीपर सेल’ शब्द का इस्तेमाल किया गया। स्लीपर सेल से जुड़े गुर्गे पुलिस और जांच एजेंसियों से बचने के लिए बॉक्स कॉल के जरिए संपर्क में रहते हैं। बॉक्स कॉल करने के लिए मोबाइल से सिग्नल ऐप कॉल करने के बाद स्पीकर ऑन- हैंड्स फ्री कर बात की जाती है। बॉक्स कॉल करने से कॉल इंटरसेप्ट नहीं की जा सकती है, और ना ही कॉल लोकेट हो पाती है। सलमान खान के पीछे पड़ा गैंगस्टर लॉरेंस
लॉरेंस इस वक्त सलमान खान के पीछे पड़ा है। सलमान पर आरोप है कि 1998 में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान राजस्थान के जंगलों में काले हिरण का शिकार किया था। सलमान के अलावा सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम कोठारी पर भी आरोप लगे थे। बिश्नोई समाज ने तब सलमान के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। सलमान को इसके लिए जोधपुर कोर्ट ने पांच साल की सजा भी सुनाई थी, हालांकि बाद में उन्हें इस मामले में बेल मिल गई। इसी के चलते गैंगस्टर लॉरेंस सलमान खान को मारना चाहता है। वह कोर्ट में पेशी के दौरान इसकी धमकी तक दे चुका है। सलमान खान पर हमले की प्लानिंग में लॉरेंस के कई गुर्गों को दिल्ली और मुंबई पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। मगर फिर भी लॉरेंस अपने गैंगस्टर के गुर्गों को सलमान खाने के पीछे लगाए हुए हैं। कुछ दिन पहले ही मुंबई में सलमान खान के घर पर फायरिंग की जा चुकी है। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं…
लुधियाना में 54 डाइंगों पर होगी कार्रवाई:बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने के आरोप, कोर्ट ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट
लुधियाना में 54 डाइंगों पर होगी कार्रवाई:बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने के आरोप, कोर्ट ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट पंजाब के लुधियाना में बुड्ढा दरिया प्रदूषित हो चुका है। रंगाई और डेयरियों का गंदा पानी बुड्ढा दरिया में डाला जा रहा है, जिससे बीमारियां भी फैल रही हैं। बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ टीम काला पानी दा मोर्चा ने कोर्ट में केस भी दायर किया है। इसी बीच अब एनजीटी ने प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। जिसमें बुड्ढा दरिया के मौजूदा हालातों पर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस बीच एनजीटी ने 54 ऐसी रंगाई इकाइयों की सूची भेजी है जिन पर बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने का आरोप है। नगर निगम की सीवर लाइनों में बिना उपचारित गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। बुड्ढा दरिया के मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च 2025 को है। प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को सुनवाई से एक सप्ताह पहले कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज अपनाया पीपीसीबी के मुख्य अभियंता आर.के. रात्रा ने न्यायाधिकरण को दिए अपने ज्ञापन में बुड्ढा दरिया क्षेत्र में 54 रंगाई इकाइयों की मौजूदगी की जानकारी दी है। इनमें 11 बड़ी इकाइयां और 43 मध्यम और छोटी इकाइयां शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्रणाली अपनाई है, एक को बंद कर दिया गया है और 9 अभी भी चालू हैं। उन्होंने कहा कि मध्यम और छोटी इकाइयों सहित 10 इकाइयों को बंद कर दिया गया है, लेकिन अन्य बंद करने या गतिविधियों को स्थानांतरित करने के निर्देशों के बावजूद अभी भी चालू हैं। इन इकाइयों के लिए जेडएलडी अपनाने या सीईटीपी से सटे क्षेत्रों में जाने की मूल समय सीमा छोटी और मध्यम इकाइयों के लिए 31 मार्च, 2023 और बड़ी इकाइयों के लिए 30 जून, 2023 थी। पीपीसीबी ने एनजीटी को सूचित किया कि वह उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण मुआवजा लगा रहा है। रात्रा ने न्यायाधिकरण को आश्वासन दिया कि गैर-अनुपालन इकाइयों को 1 सप्ताह के भीतर बंद करने के लिए पीपीसीबी अध्यक्ष को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। कानूनी मानदंडों के अनुसार, अध्यक्ष दो सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय ले सकते हैं। अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, निगम की सीवर लाइनों में नहीं डाला जा सकता एनजीटी ने 10 अक्टूबर, 2019 के पहले के आदेशों का हवाला दिया, जिसमें राज्य सरकार ने निर्देश दिया था कि कोई भी औद्योगिक अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, आंशिक रूप से उपचारित हो या बिना उपचारित हो। वह लुधियाना नगर निगम की सीवर लाइनों में पानी नहीं डाल सकता। लुधियाना नगर निगम को ऐसे सीवर कनेक्शन काटने का निर्देश दिया गया। एनजीटी ने अब पीपीसीबी के सदस्य सचिव को अगली रिपोर्ट में सभी संबंधित आदेशों और दस्तावेजों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने मीडिया को बताया कि हम 20 मार्च, 2025 को होने वाली सुनवाई से एक सप्ताह पहले एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेंगे और एनजीटी के आदेशों का जवाब देंगे। सभी कार्रवाई पर्यावरण मानदंडों के अनुसार होगी।