ST आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में संपूर्ण भारत बंद का कपूरथला में कोई असर नहीं है। सभी बाजार और अन्य संस्थान खुले हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने संबंधित समुदाय के नेताओं के साथ बैठक कर बंद न होने बारे स्पष्ट किया था। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से कुछ क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस टीम द्वारा पेट्रोलिंग भी की गई है। पंजाब में फैसले को लागू करने की मांग दलित समुदाय से जुड़े नेता और कमलेश्वर वाल्मीकि एजुकेशनल ट्रस्ट के जिला प्रधान चरणजीत हंस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद की कॉल को लेकर कपूरथला शहर में बंद नहीं है। इस बारे समूह भाईचारे के नेताओ ने 13 अगस्त को CM मान के नाम एक मांग पत्र DC कपूरथला को भी दिया था। जिसमें इस फैसले को पंजाब में लागू करने की अपील की गई है। दूसरी तरफ SP मनजीत सिंह ने कहा कि सभी बाजार खुले है और माहौल शांतिपूर्ण है। बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 अगस्त 2024 को संपूर्ण भारत बंद किए जाने की बात कही गई है। जिसमें आम जनता के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। भारत बंद के आह्वान को लेकर संबंधित समुदाय के लोगों ने कपूरथला में समर्थन नहीं दिया है। ST आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में संपूर्ण भारत बंद का कपूरथला में कोई असर नहीं है। सभी बाजार और अन्य संस्थान खुले हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने संबंधित समुदाय के नेताओं के साथ बैठक कर बंद न होने बारे स्पष्ट किया था। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से कुछ क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस टीम द्वारा पेट्रोलिंग भी की गई है। पंजाब में फैसले को लागू करने की मांग दलित समुदाय से जुड़े नेता और कमलेश्वर वाल्मीकि एजुकेशनल ट्रस्ट के जिला प्रधान चरणजीत हंस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद की कॉल को लेकर कपूरथला शहर में बंद नहीं है। इस बारे समूह भाईचारे के नेताओ ने 13 अगस्त को CM मान के नाम एक मांग पत्र DC कपूरथला को भी दिया था। जिसमें इस फैसले को पंजाब में लागू करने की अपील की गई है। दूसरी तरफ SP मनजीत सिंह ने कहा कि सभी बाजार खुले है और माहौल शांतिपूर्ण है। बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 अगस्त 2024 को संपूर्ण भारत बंद किए जाने की बात कही गई है। जिसमें आम जनता के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। भारत बंद के आह्वान को लेकर संबंधित समुदाय के लोगों ने कपूरथला में समर्थन नहीं दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पठानकोट में फिर दिखे 3 संदिग्ध:दीवार फांदकर घर में घुसे, मांगी रोटी; सीढ़ियों से ऊपर-नीचे आते जाते रहे पठानकोट के सैन्य क्षेत्र मामून से सटे इलाके के गांव फंगतौली में बीती रात एक बार फिर संदिग्धों की मूवमेंट सामने आई है। गांववासी बलराम सिंह के अनुसार रात करीब 2.30 बजे तीन संदिग्ध दीवार फांदकर उसके घर आए और आवाज देकर रोटी की मांग की, लेकिन उन्होंने कमरे जा दरवाज़ा नहीं खोला और ना ही उनकी आवाज का कोई प्रतिउत्तर दिया। बलराम सिंह ने बताया कि तीनों संदिग्धों के पास बड़े बड़े बैग थे और उन्होंने काले रंग के कपड़े पहने थे। उन्होंने आवाज देकर कहा कि उठो, हमें भूख लगी गई रोटी दो। तीन चार बार बोले और फिर लाल रंग की लाइट पर्दे पर डाल डराने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। नहीं लग सका पुलिस का फोन
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निकाय चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगी पंजाब सरकार:बिना वार्डबंदी चुनाव करवाने को तैयार नहीं, हाइकोर्ट के आदेश को देगी चुनौती
निकाय चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगी पंजाब सरकार:बिना वार्डबंदी चुनाव करवाने को तैयार नहीं, हाइकोर्ट के आदेश को देगी चुनौती पंजाब में निकाय चुनाव करवाने के मामले को लेकर अब राज्य सरकार, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। सरकार वार्डबंदी करवाने के बाद ही चुनाव करवाना चाहती है। इसके लिए जल्दी ही सरकार द्वारा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाएगी। सरकार की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश की कॉपी की स्टडी की जा रही है। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने मीडिया से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। उनका कहना है कि कई नगर निगमों व नगर काउंसिलों में वार्डबंदी हो चुकी है, जबकि कुछ जगह चल रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जनवरी व फरवरी अंत तक पूरी हो जाएगी। बाकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तय होगा। इससे पहले वीरवार को निकाय चुनाव को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को अवमानना का नोटिस जारी किया था। उन पर उच्च अदालत के आदेशों की पालन न करने का आरोप है। अदालत ने पहले 15 दिन में निकाय चुनाव करवाने संबंधी नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश पंजाब सरकार व स्टेट निर्वाचन आयोग को दिए थे। लेकिन इस दिशा में काेई कार्रवाई नहीं हुई है। जिसके बाद अदालत में इस संबंधी याचिका दायर हुई है। अदालत ने अब अपने आदेश में कहा है कि 10 दिनों में नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई तो 50 हजार का जुर्माना लगेगा, साथ ही अवमानना का केस चलेगा। 5 निगमों और 42 परिषदों का कार्यकाल हुआ पूरा राज्य में फगवाड़ा, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, लुधियाना नगर निगमों और 42 नगर परिषदों का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इस समय को पूरा हुए काफी समय बीत गया है। लेकिन सरकार ने अभी तक चुनाव नहीं करवाए हैं। चुनाव की मांग को लेकर यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। गत 14 अक्टूबर को सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश दिए थे कि चुनाव संबंधी नोटिफिकेशन बिना वार्डबंदी से 15 दिनों में जारी की जाए। लेकिन तय समय अवधि यह प्रक्रिया नहीं हुई। इस दौरान बीच में सरकारी छुटि्टयां भी आ गई थी। इसके बाद इसी मामले लेकर अवमानना की याचिका दाखिल हुई थी। जिस पर सुनवाई देते हुए उच्च अदालत ने आदेश जारी किए हैं। वार्डबंदी के लिए 16 सप्ताह की जरूरत गत सुनवाई पर सरकारी वकील की तरफ से अदालत में दलील थी वार्डबंदी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुल 16 सप्ताह की जरूरत है। उन्होंने अदालत को बताया कि वार्डबंदी संबंधी फैसला पिछली बार 17 अक्टूबर 2023 को रद्द किया गया था। ऐसे में नए सिरे से वार्डबंदी की काफी जरूरत है। हालांकि अदालत ने बिना वार्डबंदी चुनाव करवाने को कहा था। वहीं, याचिका में निकाय चुनाव न होने से लोगों को आ रही दिक्कतों को भी उठाया गया था।
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