कमिश्नर के परफॉर्मेंस-रिव्यू में फेल 180 दरोगा लाइन अटैच​​​​​​​:4 IPS और 3 ASP लगाएंगे क्लास, 4 बैच में फिर से पढ़ेंगे पुलिसिंग का पाठ

कमिश्नर के परफॉर्मेंस-रिव्यू में फेल 180 दरोगा लाइन अटैच​​​​​​​:4 IPS और 3 ASP लगाएंगे क्लास, 4 बैच में फिर से पढ़ेंगे पुलिसिंग का पाठ

वाराणसी पुलिस कमिश्नर के परफॉर्मेंस रिव्यू में 180 दरोगाओं के फेल होने से कमिश्नरेट पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। मेन वर्किंग में विफल दरोगाओं को पुलिस कमिश्नर ने पुलिस लाइंस से अटैच कर दिया है।आदेश जारी होते ही 40 दरोगाओं ने रविवार देर रात अपनी आमद पुलिस लाइन में करा ली। अब लाइन में 45-45 दरोगाओं के 4 बैच बनाकर पुलिसिंग सिखाई जाएगी। सुबह 6 से रात 8 बजे तक तीन दिन के शेड्यूल में इन दरोगाओं की फिजिकल, प्रैक्टिकल और थ्योरिटिकल क्लास चलेगी। परेड और दंगा नियंत्रण के साथ फुट पेट्रोलिग सीखेंगे। 4 IPS, 3 ASP, 6 ACP इन सभी इंस्पेक्टरों को ट्रेंड करेंगे। इसके अलावा इनका मिनट-टू मिनट टाइम टेबल भी तैयार किया गया है। पुलिसकर्मियों को अनुशासन, व्यवहार, नियम और आदेशों का पालन सिखाया जाएगा। इसके बाद फिर रिव्यू किया जाएगा। फेल होने वाले दरोगाओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 180 एसआई को पुलिस लाने में आमद कराने के निर्देश
पुलिसिंग रिव्यू में सभी सवालों में जीरो या 10 तक नंबर पाने 180 दरोगाओं पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। सीपी ने निर्देश जारी करने के साथ इनकी सूची बनाकर लाइंस में ट्रेनिंग के लिए अटैच किया गया है। इस ट्रेनिंग को आईपीएस, सीनियर पीपीएस और एसीपी कराएंगे। अगले महीने फिर महीने तक इनके काम का रिव्यू करके ही अगली तैनाती दी जाएगी। सुबह 6 बजे परेड ग्राउंड में पहुंचे दरोगा
पुलिस कमिश्नर की सूची में शामिल 40 से अधिक दरोगा पुलिस लाइंस ग्राउंड पर बावर्दी पहुंच गए। लाइन में परेड और दौड़ में शामिल हुए। आरआई ने उन्हें पिस्टल, इंसास, थ्री नॉट थ्री समेत अन्य हथियार खोलने और बंद करने का अभ्यास शुरू कराया। सबसे पहले शारीरिक प्रशिक्षण फिर श्रमदान में लगाया गया। इन दरोगाओं से लाइन के कई काम कराए गए । 11 बजे से CM डैशबोर्ड और IGRS का निस्तारण सीखेंगे दरोगा
पुलिस लाइंस मैदान में परेड के बाद सभी दरोगाओं को पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के कक्ष में ले जाया जाएगा। इस कक्ष में दरोगाओं को लिखित विषयों पर बिंदुवार जानकारी दी जाएगी। इसमें वारदात का सीन क्रिएशन, विवेचना के अलावा सीएम डैश-बोर्ड, आइजीआरएस, जनता से संवाद और मूल बिंदु बताए जाएंगे। इसमें 11 बजे से लेकर 12.15 तक सीएम डैश-बोर्ड को बिंदु 1 से लेकर 25 तक सिखाया जाएगा। 12.30 बजे से 1.30 बजे तक IGRS की जानकारी दी जाएगी। इसके महत्वपूर्ण पहलुओं, निस्तारण की अवधि और प्रक्रिया पर चर्चा होगी। इसके बाद विवेचना से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। 2.30 बजे से 3.30 बजे तक नए भारतीय कानून BNS और उनमें हुए संशोधन की जानकारी दी जाएगी। पहले दिन दरोगाओं की टीम शाम पांच बजे से लेकर 7 बजे तक दशाश्वमेध सर्किल में गश्त करेंगे। 8 बिंदुओं पर प्रशिक्षण, अधिकारियों को जिम्मेदारी
पुलिस कमिश्नर ने फेल हुए दरोगाओं के प्रशिक्षण के लिए आठ अहम बिंदुओं को तय किया है। इसमें सबसे पहले नंबर पर सीएम डैशबोर्ड, फिर IGRS, हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी, एसआई मूल्यांकन योजना, साइबर अपराध के नए ट्रेंड से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद तीन नए कानून यानि BNS, BNSS, BSA के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए अधिकारियों में एडीसीपी काशी सरवणन टी, एडीसीपी वरुणा जोन नीतू कादयान, एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव, एडीसीपी प्रोटोकॉल सतीश कुमार, ADCP गोमती, ADCP महिला अपराध, ACP सारनाथ और एसीपी मुख्यालय को टीम में शामिल किया गया है। इसी बहाने अफसरों की प्रशिक्षण क्षमता भी पता चल जाएगी। जानिए दरोगाओं के फेल होने की कहानी
कमिश्नरेट लागू होने के बाद पहली बार पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कमिश्नरेट में तैनात सब इंस्पेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार कराई। इनके रिव्यू में 180 दरोगा बुरी तरह से फेल हो गए, 107 सब इंस्पेक्टर को हर सवाल पर डबल जीरो ही मिला। पता चला कि दरोगा आईजीआरएस और सीएम विंडो पर जनता की शिकायतें नहीं सुनते। 100 नंबर के रिव्यू में कोई भी दरोगा फर्स्ट डिवीजन पास नहीं हुआ। ‘स्टार परफॉर्मर’ भी 60% अंक नहीं पा सके। 107 दरोगा को जीरो नंबर मिले है। 345 दरोगा के नंबर दहाई में भी नहीं आए। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने पुलिसिंग का रिव्यू किया, जिसमें 589 दरोगा शामिल हुए। रिव्यू में सामने आया कि 50 से ज्यादा दरोगा तो FIR भी नहीं लिख पाते। वहीं 100 दरोगा में कार्यशैली, टाइमिंग और संगठनात्मक क्षमता कम दिखी 478 दरोगा ऐसे निकले, जिनके 50 फीसदी नंबर नहीं आए। रिपोर्ट में सामने आया कि 400 से ज्यादा दरोगा ने बड़ा गुडवर्क नहीं किया। 300 से अधिक दरोगा ने NBW में कोई गिरफ्तारी नहीं की। 350 ने अपने इलाकों में एक भी लाउडस्पीकर नहीं उतरवाया। 550 दरोगा ने त्वरित कार्रवाई में लापरवाही दिखाई। 200 से ज्यादा ने एक भी विवेचना का निस्तारण नहीं किया। इसमें कई चौकी इंचार्ज भी हैं। …………………………. ये खबर भी पढ़िए- काशी में 107 दरोगा को जीरो नंबर मिले:जनता की शिकायत नहीं सुनते, महिला स्टार परफॉर्मर से चौकी छिनी वाराणसी में दरोगा सीएम विंडो पर की गई जनता की शिकायतें नहीं सुनते। यह रिपोर्ट खुद पुलिसिंग रिव्यू में सामने आई है। हैरानी की बात यह है कि जिले के 100% सब इंस्पेक्टर ऐसे निकले, जिन्होंने शिकायत सुनने में रुचि ही नहीं दिखाई। इस रिपोर्ट से वाराणसी में पुलिसकर्मियों की पोल खुल गई है। 100 नंबर के रिव्यू में कोई भी दरोगा फर्स्ट डिवीजन पास नहीं हुआ। ‘स्टार परफॉर्मर’ भी 60% अंक नहीं पा सके। 107 दरोगा को जीरो नंबर मिले है। पढ़ें पूरी खबर वाराणसी पुलिस कमिश्नर के परफॉर्मेंस रिव्यू में 180 दरोगाओं के फेल होने से कमिश्नरेट पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। मेन वर्किंग में विफल दरोगाओं को पुलिस कमिश्नर ने पुलिस लाइंस से अटैच कर दिया है।आदेश जारी होते ही 40 दरोगाओं ने रविवार देर रात अपनी आमद पुलिस लाइन में करा ली। अब लाइन में 45-45 दरोगाओं के 4 बैच बनाकर पुलिसिंग सिखाई जाएगी। सुबह 6 से रात 8 बजे तक तीन दिन के शेड्यूल में इन दरोगाओं की फिजिकल, प्रैक्टिकल और थ्योरिटिकल क्लास चलेगी। परेड और दंगा नियंत्रण के साथ फुट पेट्रोलिग सीखेंगे। 4 IPS, 3 ASP, 6 ACP इन सभी इंस्पेक्टरों को ट्रेंड करेंगे। इसके अलावा इनका मिनट-टू मिनट टाइम टेबल भी तैयार किया गया है। पुलिसकर्मियों को अनुशासन, व्यवहार, नियम और आदेशों का पालन सिखाया जाएगा। इसके बाद फिर रिव्यू किया जाएगा। फेल होने वाले दरोगाओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 180 एसआई को पुलिस लाने में आमद कराने के निर्देश
पुलिसिंग रिव्यू में सभी सवालों में जीरो या 10 तक नंबर पाने 180 दरोगाओं पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। सीपी ने निर्देश जारी करने के साथ इनकी सूची बनाकर लाइंस में ट्रेनिंग के लिए अटैच किया गया है। इस ट्रेनिंग को आईपीएस, सीनियर पीपीएस और एसीपी कराएंगे। अगले महीने फिर महीने तक इनके काम का रिव्यू करके ही अगली तैनाती दी जाएगी। सुबह 6 बजे परेड ग्राउंड में पहुंचे दरोगा
पुलिस कमिश्नर की सूची में शामिल 40 से अधिक दरोगा पुलिस लाइंस ग्राउंड पर बावर्दी पहुंच गए। लाइन में परेड और दौड़ में शामिल हुए। आरआई ने उन्हें पिस्टल, इंसास, थ्री नॉट थ्री समेत अन्य हथियार खोलने और बंद करने का अभ्यास शुरू कराया। सबसे पहले शारीरिक प्रशिक्षण फिर श्रमदान में लगाया गया। इन दरोगाओं से लाइन के कई काम कराए गए । 11 बजे से CM डैशबोर्ड और IGRS का निस्तारण सीखेंगे दरोगा
पुलिस लाइंस मैदान में परेड के बाद सभी दरोगाओं को पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के कक्ष में ले जाया जाएगा। इस कक्ष में दरोगाओं को लिखित विषयों पर बिंदुवार जानकारी दी जाएगी। इसमें वारदात का सीन क्रिएशन, विवेचना के अलावा सीएम डैश-बोर्ड, आइजीआरएस, जनता से संवाद और मूल बिंदु बताए जाएंगे। इसमें 11 बजे से लेकर 12.15 तक सीएम डैश-बोर्ड को बिंदु 1 से लेकर 25 तक सिखाया जाएगा। 12.30 बजे से 1.30 बजे तक IGRS की जानकारी दी जाएगी। इसके महत्वपूर्ण पहलुओं, निस्तारण की अवधि और प्रक्रिया पर चर्चा होगी। इसके बाद विवेचना से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। 2.30 बजे से 3.30 बजे तक नए भारतीय कानून BNS और उनमें हुए संशोधन की जानकारी दी जाएगी। पहले दिन दरोगाओं की टीम शाम पांच बजे से लेकर 7 बजे तक दशाश्वमेध सर्किल में गश्त करेंगे। 8 बिंदुओं पर प्रशिक्षण, अधिकारियों को जिम्मेदारी
पुलिस कमिश्नर ने फेल हुए दरोगाओं के प्रशिक्षण के लिए आठ अहम बिंदुओं को तय किया है। इसमें सबसे पहले नंबर पर सीएम डैशबोर्ड, फिर IGRS, हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी, एसआई मूल्यांकन योजना, साइबर अपराध के नए ट्रेंड से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद तीन नए कानून यानि BNS, BNSS, BSA के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए अधिकारियों में एडीसीपी काशी सरवणन टी, एडीसीपी वरुणा जोन नीतू कादयान, एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव, एडीसीपी प्रोटोकॉल सतीश कुमार, ADCP गोमती, ADCP महिला अपराध, ACP सारनाथ और एसीपी मुख्यालय को टीम में शामिल किया गया है। इसी बहाने अफसरों की प्रशिक्षण क्षमता भी पता चल जाएगी। जानिए दरोगाओं के फेल होने की कहानी
कमिश्नरेट लागू होने के बाद पहली बार पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कमिश्नरेट में तैनात सब इंस्पेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार कराई। इनके रिव्यू में 180 दरोगा बुरी तरह से फेल हो गए, 107 सब इंस्पेक्टर को हर सवाल पर डबल जीरो ही मिला। पता चला कि दरोगा आईजीआरएस और सीएम विंडो पर जनता की शिकायतें नहीं सुनते। 100 नंबर के रिव्यू में कोई भी दरोगा फर्स्ट डिवीजन पास नहीं हुआ। ‘स्टार परफॉर्मर’ भी 60% अंक नहीं पा सके। 107 दरोगा को जीरो नंबर मिले है। 345 दरोगा के नंबर दहाई में भी नहीं आए। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने पुलिसिंग का रिव्यू किया, जिसमें 589 दरोगा शामिल हुए। रिव्यू में सामने आया कि 50 से ज्यादा दरोगा तो FIR भी नहीं लिख पाते। वहीं 100 दरोगा में कार्यशैली, टाइमिंग और संगठनात्मक क्षमता कम दिखी 478 दरोगा ऐसे निकले, जिनके 50 फीसदी नंबर नहीं आए। रिपोर्ट में सामने आया कि 400 से ज्यादा दरोगा ने बड़ा गुडवर्क नहीं किया। 300 से अधिक दरोगा ने NBW में कोई गिरफ्तारी नहीं की। 350 ने अपने इलाकों में एक भी लाउडस्पीकर नहीं उतरवाया। 550 दरोगा ने त्वरित कार्रवाई में लापरवाही दिखाई। 200 से ज्यादा ने एक भी विवेचना का निस्तारण नहीं किया। इसमें कई चौकी इंचार्ज भी हैं। …………………………. ये खबर भी पढ़िए- काशी में 107 दरोगा को जीरो नंबर मिले:जनता की शिकायत नहीं सुनते, महिला स्टार परफॉर्मर से चौकी छिनी वाराणसी में दरोगा सीएम विंडो पर की गई जनता की शिकायतें नहीं सुनते। यह रिपोर्ट खुद पुलिसिंग रिव्यू में सामने आई है। हैरानी की बात यह है कि जिले के 100% सब इंस्पेक्टर ऐसे निकले, जिन्होंने शिकायत सुनने में रुचि ही नहीं दिखाई। इस रिपोर्ट से वाराणसी में पुलिसकर्मियों की पोल खुल गई है। 100 नंबर के रिव्यू में कोई भी दरोगा फर्स्ट डिवीजन पास नहीं हुआ। ‘स्टार परफॉर्मर’ भी 60% अंक नहीं पा सके। 107 दरोगा को जीरो नंबर मिले है। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर