हरियाणा में करनाल के असंध विदेश भेजने के नाम पर एक महिला से 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़िता अपने भाई व बेटे को विदेश भेजना चाहती थी। एजेंट ने 70 लाख में दोनों को विदेश भेजने का वायदा किया था। जिसमें से अलग-अलग ट्रांजेक्शन से 30 लाख रुपए ले लिए थे। आरोपी एजेंट अमेरिका चला गया। जब पीड़िता ने आरोपी के परिवार से बात की तो उसे झूठे आश्वासन दिए गए। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऐसे दिए आरोपी को पैसे असंध निवासी अमनदीप कौर ने पुलिस को बताया है कि उसके बेटे और भाई को अमेरिका भेजने के नाम पर एजेंट नरेन्द्र कुमार उर्फ मोनु और उसके भाई सोनु ने उनसे 30 लाख रुपए ठग लिए। अमनदीप ने बताया कि उन्होंने फरवरी 2021 तक आरोपी के खाते में 20 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से जमा किए और 10 लाख रुपए नकद एजेंट की पत्नी और मां को दिए। लेकिन आज तक न ही उन्हें विदेश भेजा गया और न ही राशि लौटाई गई। दोषी परिवार भी पैसे लौटाने को तैयार नहीं अमनदीप का कहना है कि आरोपी नरेन्द्र कुमार अब खुद अमेरिका चला गया है और उसका परिवार उसे लगातार आश्वासन देकर पैसे लौटाने से मुकर रहा है। उनका कहना है कि यह धोखाधड़ी 2021 से चली आ रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उन्हें न्याय दिलाया जाए। शिकायत पर मामला दर्ज असंध थाना के जांच अधिकारी कर्मबीर सिंह ने बताया कि अमनदीप की शिकायत पर आरोपी एजेंट नरेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए है। मामले की जांच की जा रही है। तथ्यों के अनुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा में करनाल के असंध विदेश भेजने के नाम पर एक महिला से 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़िता अपने भाई व बेटे को विदेश भेजना चाहती थी। एजेंट ने 70 लाख में दोनों को विदेश भेजने का वायदा किया था। जिसमें से अलग-अलग ट्रांजेक्शन से 30 लाख रुपए ले लिए थे। आरोपी एजेंट अमेरिका चला गया। जब पीड़िता ने आरोपी के परिवार से बात की तो उसे झूठे आश्वासन दिए गए। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऐसे दिए आरोपी को पैसे असंध निवासी अमनदीप कौर ने पुलिस को बताया है कि उसके बेटे और भाई को अमेरिका भेजने के नाम पर एजेंट नरेन्द्र कुमार उर्फ मोनु और उसके भाई सोनु ने उनसे 30 लाख रुपए ठग लिए। अमनदीप ने बताया कि उन्होंने फरवरी 2021 तक आरोपी के खाते में 20 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से जमा किए और 10 लाख रुपए नकद एजेंट की पत्नी और मां को दिए। लेकिन आज तक न ही उन्हें विदेश भेजा गया और न ही राशि लौटाई गई। दोषी परिवार भी पैसे लौटाने को तैयार नहीं अमनदीप का कहना है कि आरोपी नरेन्द्र कुमार अब खुद अमेरिका चला गया है और उसका परिवार उसे लगातार आश्वासन देकर पैसे लौटाने से मुकर रहा है। उनका कहना है कि यह धोखाधड़ी 2021 से चली आ रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उन्हें न्याय दिलाया जाए। शिकायत पर मामला दर्ज असंध थाना के जांच अधिकारी कर्मबीर सिंह ने बताया कि अमनदीप की शिकायत पर आरोपी एजेंट नरेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए है। मामले की जांच की जा रही है। तथ्यों के अनुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बिना नेता-प्रतिपक्ष हरियाणा मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति संभव:केंद्रीय कानून में व्यवस्था; सरकार को HC दे चुका डेडलाइन, CM कर चुके सर्च कमेटी की बैठक हरियाणा में खाली पड़े ह्यूमन राइट्स कमीशन में बिना नेता प्रतिपक्ष के भी नियुक्तियां हो सकती हैं। केंद्रीय कानून में इसको लेकर भी व्यवस्था की गई है। कमीशन न केवल पिछले 19 महीनों से चेयरमैन (अध्यक्ष) विहीन है, बल्कि पिछले 14 महीने से इसमें कोई सदस्य भी नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट भी सरकार को इसको लेकर फटकार लगा चुका है। साथ ही नियुक्तियों को लेकर 28 नवंबर की डेडलाइन भी चुका है। सरकार की ओर से आयोग के अध्यक्ष और अन्य दोनों मेंबरों के पदों को भरने के लिए संभावित नामों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। कारण यह कि सर्च कमेटी की बैठक में विपक्ष के नेता का होना अनिवार्य है। इसलिए अलर्ट है सरकार हरियाणा में मानवाधिकार आयोग में चेयरमैन और सदस्य न होने के चलते कामकाज ठप पड़ने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट नाराजगी जाहिर कर चुका है। जिसके बाद आनन-फानन में सीएम नायब सैनी सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं। लेकिन इस मीटिंग में कमीशन में नियुक्ति को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। यदि अगली सुनवाई यानी 28 नवंबर तक पद नहीं भरे गए तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष पेश होकर याचिकाकर्ता को मुकदमे की लागत के रूप में 50 हजार रुपए अपनी जेब से देने होंगे। डेढ़ महीने से नेता प्रतिपक्ष का नहीं हुआ चुनाव मौजूदा 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन को करीब डेढ़ महीना बीत चुका है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद आज तक सदन में सबसे बड़े 37 सदस्यों का विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक दल द्वारा अपना नेता नहीं चुना गया है। जिस कारण विधानसभा स्पीकर द्वारा उस चुने जाने वाले नेता को सदन के नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया जाना भी लंबित है। कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में हुई बैठक में भी नेता प्रतिपक्ष पर आम राय नहीं बन पाई। अब यहां पढ़िए क्यों नहीं नेता प्रतिपक्ष की है जरूरत…. आयोग में नियुक्ति के लिए चार मेंबरी कमेटी जरूरी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है, भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सभी प्रदेशों में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन किया जाता है। इस अधिनियम की धारा 22 (1) के अनुसार राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति प्रदेश के राज्यपाल द्वारा गठित की जाने वाली 4 मेंबरी कमेटी की सिफारिश से की जाती है। मुख्यमंत्री होते हैं कमेटी के अध्यक्ष राज्यपाल के द्वारा गठित की गई कमेटी का प्रदेश का मुख्यमंत्री अध्यक्ष होता है। जबकि कमेटी के अन्य तीन मेंबरों में राज्य विधानसभा के स्पीकर, प्रदेश के गृह मंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। अब चूंकि हरियाणा की मौजूदा नायब सैनी सरकार में प्रदेश का गृह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही है, इसलिए हरियाणा में ये कमेटी तीन सदस्यीय हो जाती है। इस नियम की वजह से नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति जरूरी नहीं कानूनी विश्लेषक हेमंत ने बताया कि हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के न होने अर्थात कमेटी में उनकी अनुपस्थिति के कारण नियुक्ति पर कोई संकट नहीं है। हेमंत ने बताया कि केंद्र के अधिनियम की धारा 22(2) के स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केवल इस कारण से अविधिमान्य (गैर-कानूनी) नहीं होगी, क्योंकि कमेटी में कोई रिक्ति है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस भी बने चुके अध्यक्ष हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस एसके मित्तल (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल 19 महीने पहले 22 अप्रैल 2023 को पूर्ण हो गया था। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद से सेवानिवृत्त हुए मित्तल को अप्रैल, 2018 में आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके साथ आयोग में एक (न्यायिक) सदस्य के तौर पर नियुक्त जस्टिस केसी पुरी (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल भी अप्रैल, 2023 में समाप्त हो गया था। हालांकि आयोग में एक अन्य गैर-न्यायिक पृष्ठभूमि के सदस्य नामत दीप भाटिया को 20 सितंबर 2018 को 5 वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था, जो 11 मई 2023 तक पांच साल की अवधि के लिए इस पद पर बने रहे। इसके बाद 12 मई 2023 से 19 सितंबर 2023 तक भाटिया ने आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
चंडीगढ़ के 2 होटल बम से उड़ाने की धमकी:एसएसपी बोली- होटलों की सुरक्षा बढ़ा दी है, ईमेल की कराई जा रही जांच
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कलायत में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी BJP की पूर्व मंत्री:साइलेंट वोटरों से आस; कांग्रेस उम्मीदवार पर सांसद पिता का बयान और निर्दलीय भारी
कलायत में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी BJP की पूर्व मंत्री:साइलेंट वोटरों से आस; कांग्रेस उम्मीदवार पर सांसद पिता का बयान और निर्दलीय भारी हरियाणा की कलायत विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां से पूर्व राज्यमंत्री कमलेश ढांडा एक बार फिर से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी के बेटे विकास सहारण चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) से अनुराग ढांडा, इनेलो-बसपा से रामपाल मजारा, जजपा-असपा के प्रीतम मेहरा और कांग्रेस की बागी अनीता ढुल, पूर्व विधायक सतविंद्र राणा, विनोद निर्मल समेत 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। कलायत में कुल वोटरों की संख्या 2.15 लाख है। यहां टूटी सड़कें, जलभराव और रोजगार प्रमुख मुद्दे हैं। सबसे ज्यादा 87 हजार वोट जाट समाज के हैं। प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार कमलेश ढांडा, विकास सहारण, अनुराग ढांडा और रामपाल माजरा जाट समाज से ही हैं। लोगों का कहना है कि यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के विकास सहारण, भाजपा की कमलेश ढांडा और निर्दलीय अनीता ढुल में है। फील्ड में भाजपा के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। आरोप है कि विधायक और मंत्री होने के बाद भी कमलेश ढांडा ने यहां कुछ नहीं कराया। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो भाजपा के खिलाफ कैमरे पर नहीं बोल पाए। ऐसे में कमलेश को ढांडा गोत्र, ओबीसी समाज और साइलेंट वोटरों का सहारा है। लोगों के मुताबिक AAP और इनेलो उम्मीदवार भी वोट लेकर जाएंगे, लेकिन फाइट में नहीं है। विकास सहारण को पिता जयप्रकाश का महिला नेता पर बयान और बुजुर्ग व्यापारी को लात मारना भारी पड़ सकता है। दूसरा भीतरघात का भी खतरा है। कांग्रेस के वोट बागी अनीता ढुल की तरफ भी शिफ्ट होंगे। अनीत को ढुल खाप और सहानुभूति का फायदा मिल सकता है। 6 पॉइंट में समझें कलायत विधानसभा के समीकरण कमलेश ढांडा 10 साल के कार्यकाल के नाम पर वोट मांग रहीं कमलेश ढांडा पूर्व मंत्री स्व. नरसिंह ढांडा की पत्नी हैं। 2009 में नर सिंह ढांडा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पांचवें नंबर पर रहे। 13 दिसंबर 2009 को लंबी बीमारी के बाद नर सिंह ढांडा का निधन हो गया। इसके बाद उनकी पत्नी कमलेश ढांडा राजनीति में एक्टिव हो गईं। 2019 में कमलेश ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद खट्टर सरकार में उन्हें महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री बनाया गया। इस चुनाव में भाजपा ने दोबारा कमलेश को टिकट दिया। उनके चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ढांडा आ चुके हैं। ढांडा जनता के बीच भाजपा के 10 साल के कार्यकाल और बिना पर्ची बिना खर्ची के नौकरी का हवाला देते हुए वोटों की अपील कर रही हैं। विकास सहारण सांसद पिता के नाम पर एक्टिव विकास सहारण पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पिता जयप्रकाश 2014 में इस सीट से निर्दलीय विधायक बने थे। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। इस चुनाव से पहले तक विकास अपने पिता के ही चुनाव प्रचार में दिखते थे। खुद के हिसार से सांसद बनने के बाद उन्होंने बेटी की राजनीति में एंट्री कराई। विकास सहारण के प्रचार के लिए अब तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा आ चुके हैं। विकास जनता के बीच किसान आंदोलन और महंगाई को लेकर भाजपा को घेर रहे हैं। दूसरा वह पिता के विधायक रहते कराए गए काम भी गिना रहे हैं। अनीता ढुल महिलाओं के अपमान पर जयप्रकाश को घेर रहीं अनीता ढुल लंबे समय से कांग्रेस के साथ 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पर विधायक बने। इसके बाद 2005 में चुनाव हार गए। साल 2009 में उन्होंने कलायत से इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक चुने गए। चौटाला परिवार में मतभेद के चलते वह 2019 में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने 28 जनवरी 2021 को भाजपा से इस्तीफा दे दिया। ओमप्रकाश चौटाला के कहने पर 2024 में वह दोबारा इनेलो में शामिल हो गए। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के बाद रामपाल माजरा को इनेलो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। अब वह जनता के बीच जाकर कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। वह कह रहे हैं कि 20 साल से कांग्रेस और भाजपा सरकार ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। अनुराग ढांडा बदलाव के नाम पर वोट मांग रहे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अनुराग ढांडा राज्य के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। वह कई मीडिया संस्थानों में पत्रकार के तौर पर काम कर चुके हैं। साल 2022 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के जरिए राजनीति में एंट्री की। वह अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में AAP को कलायत से मिली लीड के बाद उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। दूसरा ढांडा गोत्र का भी यहां अच्छा प्रभाव है। उनके प्रचार के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई बड़े नेता आ चुके हैं। अब अनुराग जनता के बीच जाकर कह रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। वह बदलाव और AAP की पांच गारंटियों के नाम पर वोट मांग रहे हैं। क्या कहते हैं कलायत के वोटर… अनिल बोले- कमलेश ने भ्रष्टाचार फैलाया अनिल कुमार का कहना है कि कमलेश ढांडा यहां से विधायक थीं। उन्होंने यहां विकास का कोई काम नहीं कराया। उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार फैलाने का काम किया। हमारे बुजुर्गों ने कमलेश ढांडा को गरीब समझकर वोट दिए, लेकिन अभी तक उसकी गरीबी दूर हुई है या नहीं, वह देखने वाली बात है। उसने भ्रष्टाचार फैलाया है। जगतराम बोले- जयप्रकाश को माफी नहीं मिलेगी खेड़ी शेरू के रहने वाले जगतराम का कहना है कि कलायत में अनीता की जीत नजर आ रही है। ढुल खाप के 5 गांव हैं और 22 हजार वोट हैं। जयप्रकाश के बयान से लोगों में नाराजगी है। यह पूरे चुनाव में चलेगी। जयप्रकाश को काई माफी नहीं मिलेगी। सतनारायण शर्मा ने कहा- AAP की तरफ रूझान सतनारायण शर्मा ने बताया कि कलायत में सभी कैंडिडेट रात को जीतकर सोते हैं। बीजेपी ने 10 साल में कोई खास काम नहीं किया। पोर्टल पर अटका कर रखा है। इन पोर्टलों का ऐसा हाल है कि उड़ जा चिड़िया, मर जा चिड़िया, कभी सर्वर काम नहीं करते, कभी कर्मचारी छुट्टी पर हो जाते हैं। हर रोज नई नई स्कीम शुरू कर देते हैं। इस बार आम आदमी पार्टी का रूझान है। लोगों को पंजाब और दिल्ली में हुए काम पसंद आ रहे हैं। सुभाष बोले- कमलेश चुनाव जीतने के बाद धन्यवाद करने तक नहीं आईं सुभाष ढांडा ने बताया कि कमलेश ढांडा का अपने ही गांव खेड़ी संदल में काई रूझान नहीं है। 2019 में चुनाव जीतने के बाद वह लोगों को धन्यवाद तक करनी नहीं आईं। गांव के लोग उनके पक्ष में नहीं हैं। गांव के विकास में भी मंत्री का कोई योगदान नहीं रहा। बीजेपी की खिलाफत का कारण कैंडिडेट है। अभी किसी का माहौल साफ नहीं है। आगे जैसे-जैसे चुनाव बढ़ेगा, माहौल पता चलेगा। आम आदमी के पक्ष में भी लोग नजर आ रहे हैं। कमलेश ने कहा- पंचायत भवन अधूरा पड़ा महिला कमलेश ने बताया कि यहां पर पंचायत भवन अधूरा पड़ा है। कोई भी काम नहीं करवाया। कमलेश ढांडा से मिलने जाते थे तो कोई आश्वासन भी नहीं मिलता था। काम के लिए कई बार सरपंच को भी कहा, लेकिन उसने भी कोई जवाब नहीं दिया। सरपंच भी कुछ नहीं कराता। एक्सपर्ट बोलीं- मुकाबला रोचक होगा कलायत विधानसभा की राजनीति में अच्छी समझ रखने वाली राजनीति विशेषज्ञ डॉ वीना छाबड़ा का मानना है कि इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला रहेगा। फिलहाल की स्थिति देखें तो कांग्रेस के विकास सहारण, निर्दलीय प्रत्याशी अनिता ढुल और भाजपा सरकार में मंत्री रहीं कमलेश ढांडा के बीच ही मुकाबला है। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… यहां बंसीलाल की विरासत की लड़ाई:श्रुति चौधरी की चचेरे भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं; जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी, बागी से भी नुकसान पूर्व BJP मंत्री हैट्रिक चांस में कड़े मुकाबले में फंसे:AAP की गुर्जर वोट बैंक में सेंध; कांग्रेस वेव से अकरम को फायदा अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी 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