हरियाणा के करनाल में एक युवक ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। युवक एक कंपनी में काम किया करता था। युवक काफी हंसमुख था। किसी को भी यकीन नहीं था कि युवक ऐसा कदम उठा सकता है। आज घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक की पहचान 31 वर्षीय कर्ण के रूप में हुई है। कर्ण वर्मा करनाल की सिग्नेचर ग्लोबल सोसाइटी में दूसरे फ्लोर पर अपनी मां के साथ रहता था। मंगलवार को उसने अपने कमरे में सुसाइड कर लिया। जब उसकी मां सपना कमरे के अंदर पहुंची तो बेटे को लटका देख सुध बुध खो बैठी। बेटे को देख मां की चीखे निकल आई। जिसे सुनकर आसपास के लोग दूसरे फ्लोर पर पहुंचे तो कर्ण के सुसाइड की खबर से हैरान रह गए। क्रॉम्पटन कंपनी में था एरिया मैनेजर मृतक की मां सपना ने बताया कि वह मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले है। बचपन में ही कर्ण के पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद मैंने ने अपने बेटे को पाल पोष कर बढ़ा किया। अब करीब 3 माह पहले ही वह कंपनी ने उसके बेटे कर्ण का ट्रांसफर करनाल में कर दिया। वह क्रॉम्पटन कंपनी में सेल्स एरिया मैनेजर के पर तैनात था। उस पर काम का बहुत प्रेशर था, जिसके चलते वह काफी परेशान रहता था। अक्सर व कंपनी के प्रेशर के काम को लेकर मुझे व आसपास के लोगों को बताता था। मां बना रही थी कढ़ी पकोड़ा मृतक की मां सपना ने बताया कि आज सुबह 9 बजे कर्ण बाहर का चक्कर लगाकर वापस घर आ गया था। उस वक्त मैं कढ़ी के लिए पकौड़े बना रही थी। कर्ण ने आकर पहले पानी पिया। कर्ण प्याज के पकौड़े खाता था, और मैं उससे पूछने के लिए जा ही रही थी कि वह प्याज के पकौड़े खा लेगा या नहीं, इस दौरान सोसाइटी में नीचे रहने वाली पड़ोसन आ गई, उसने कहा कि आंटी मेरे सिर में दर्द है, मुझे कोई गोली दे दो। मैने उसको गोली दी और मैं कर्ण के कमरे की तरफ चली गई। दरवाजा बंद था, मैंने दरवाजा खटखटाया लेकिन नहीं खोला। मैं पिछले दरवाजे से अंदर गई, तो कर्ण पंखे से लटका हुआ था। 16 अक्टूबर को था बर्थडे मृतक की मां सपना ने बताया कि कर्ण का कल यानी 16 अक्टूबर को जन्मदिन था और जन्मदिन से पहले ही उसने ऐसा कदम उठा लिया। पड़ोसी धर्मेंद्र और सुनील ने बताया कि कर्ण बताता था कि काम का बहुत प्रेशर है। जिसकी वजह से वह परेशान रहता था। जब भी किसी का बर्थडे होता है तो सोसाइटी वाले मिलकर बर्थडे मनाते है, और कर्ण के जन्मदिन की पार्टी को लेकर भी खुशी का माहौल था, लेकिन यह माहौल गम में बदल गया। मां ने बताया कि जब कर्ण छोटा था तो उसके पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही उसने अपने बच्चों को पाला। पुलिस जुटी जांच में सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सदर थाना के जांच अधिकारी ने बताया कि युवक कर्ण ने फंदा लगाकर आत्महत्या की है। शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों हवाले कर दिया। हरियाणा के करनाल में एक युवक ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। युवक एक कंपनी में काम किया करता था। युवक काफी हंसमुख था। किसी को भी यकीन नहीं था कि युवक ऐसा कदम उठा सकता है। आज घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक की पहचान 31 वर्षीय कर्ण के रूप में हुई है। कर्ण वर्मा करनाल की सिग्नेचर ग्लोबल सोसाइटी में दूसरे फ्लोर पर अपनी मां के साथ रहता था। मंगलवार को उसने अपने कमरे में सुसाइड कर लिया। जब उसकी मां सपना कमरे के अंदर पहुंची तो बेटे को लटका देख सुध बुध खो बैठी। बेटे को देख मां की चीखे निकल आई। जिसे सुनकर आसपास के लोग दूसरे फ्लोर पर पहुंचे तो कर्ण के सुसाइड की खबर से हैरान रह गए। क्रॉम्पटन कंपनी में था एरिया मैनेजर मृतक की मां सपना ने बताया कि वह मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले है। बचपन में ही कर्ण के पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद मैंने ने अपने बेटे को पाल पोष कर बढ़ा किया। अब करीब 3 माह पहले ही वह कंपनी ने उसके बेटे कर्ण का ट्रांसफर करनाल में कर दिया। वह क्रॉम्पटन कंपनी में सेल्स एरिया मैनेजर के पर तैनात था। उस पर काम का बहुत प्रेशर था, जिसके चलते वह काफी परेशान रहता था। अक्सर व कंपनी के प्रेशर के काम को लेकर मुझे व आसपास के लोगों को बताता था। मां बना रही थी कढ़ी पकोड़ा मृतक की मां सपना ने बताया कि आज सुबह 9 बजे कर्ण बाहर का चक्कर लगाकर वापस घर आ गया था। उस वक्त मैं कढ़ी के लिए पकौड़े बना रही थी। कर्ण ने आकर पहले पानी पिया। कर्ण प्याज के पकौड़े खाता था, और मैं उससे पूछने के लिए जा ही रही थी कि वह प्याज के पकौड़े खा लेगा या नहीं, इस दौरान सोसाइटी में नीचे रहने वाली पड़ोसन आ गई, उसने कहा कि आंटी मेरे सिर में दर्द है, मुझे कोई गोली दे दो। मैने उसको गोली दी और मैं कर्ण के कमरे की तरफ चली गई। दरवाजा बंद था, मैंने दरवाजा खटखटाया लेकिन नहीं खोला। मैं पिछले दरवाजे से अंदर गई, तो कर्ण पंखे से लटका हुआ था। 16 अक्टूबर को था बर्थडे मृतक की मां सपना ने बताया कि कर्ण का कल यानी 16 अक्टूबर को जन्मदिन था और जन्मदिन से पहले ही उसने ऐसा कदम उठा लिया। पड़ोसी धर्मेंद्र और सुनील ने बताया कि कर्ण बताता था कि काम का बहुत प्रेशर है। जिसकी वजह से वह परेशान रहता था। जब भी किसी का बर्थडे होता है तो सोसाइटी वाले मिलकर बर्थडे मनाते है, और कर्ण के जन्मदिन की पार्टी को लेकर भी खुशी का माहौल था, लेकिन यह माहौल गम में बदल गया। मां ने बताया कि जब कर्ण छोटा था तो उसके पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही उसने अपने बच्चों को पाला। पुलिस जुटी जांच में सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सदर थाना के जांच अधिकारी ने बताया कि युवक कर्ण ने फंदा लगाकर आत्महत्या की है। शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों हवाले कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में IG की शिकायत पर DGP अलर्ट:एक से ज्यादा मकान कब्जाने वाले IPS की डिटेल मांगी; सैलरी से पैनल रेंट काटने को कहा
हरियाणा में IG की शिकायत पर DGP अलर्ट:एक से ज्यादा मकान कब्जाने वाले IPS की डिटेल मांगी; सैलरी से पैनल रेंट काटने को कहा हरियाणा में IG वाई पूरन कुमार की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक (DGP) ऑफिस अलर्ट हो गया है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर के निर्देश पर हरियाणा की सभी पुलिस यूनिट्स के मुखियाओं को निर्देश भेजा गया है। कहा गया है कि अपने जिले या यूनिट से जो गजटेड ऑफिसर दूसरे जिलों की यूनिट में ट्रांसफर हो गए हैं, लेकिन अभी भी सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं, उनकी लिस्ट भेजी जाए। साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि उन ऑफिसर्स को तुरंत मकान खाली करने का नोटिस दिया जाए। इसके साथ ही उनसे पैनल रेंट उनकी सैलरी से काटा जाए। इसके बाद इसकी डिटेल्ड जानकारी डीजीपी ऑफिस भेजी जाए। पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। 9 IPS ने कब्जा रखे हैं एक से अधिक मकान हाल ही में आईजी वाई पूरन कुमार ने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी का जिक्र कर उन IPS अफसरों की शिकायत कर रखी है, जिनके पास एक से ज्यादा सरकारी आवास हैं। कुछ तो फील्ड में तैनात हैं और कुछ गलत जानकारी दे रहे हैं। इनमें 9 आईपीएस अफसरों के नाम हैं, जिन्होंने एक से अधिक सरकारी आवास कब्जा कर रखे हैं। इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं। CM तक पहुंच चुका मामला हरियाणा के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग में नियमों के खिलाफ एक से अधिक आवास लेने के मामले में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी 7 दिन पहले शिकायत की थी। आईपीएस अधिकारी ने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था। इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी। HC तक पहुंच चुका मामला पुलिस डिपार्टमेंट के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है। आईजी आईपीएस वाई पूरन कुमार का कहना है कि आशा है कि डीजीपी हरियाणा उनके कार्यालय द्वारा आवंटित पंचकूला फ्लैटों और घरों के लिए पैनल रेंट का नोटिस जारी करके उदाहरण पेश करेंगे।
हरियाणा में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन:1 साल से थे बीमार, वार्षिक समागम रद्द; दोपहर 3.30 पर अंतिम दर्शन
हरियाणा में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन:1 साल से थे बीमार, वार्षिक समागम रद्द; दोपहर 3.30 पर अंतिम दर्शन हरियाणा के सिरसा जिले में डेरा जगमाल वाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का आज सुबह निधन हो गया। पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। डेरा प्रमुख की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। संत वकील करीब 1 साल से बीमार थे। आज दोपहर करीब 3.30 बजे उनका अंतिम दर्शन के लिए जगमाल वाली डेरा लाया जाएगा। डेरा प्रमुख के निधन की खबर के कारण डेरा में 3 से 4 अगस्त तक होने वाला वार्षिक समागम रद्द कर दिया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब डेरा में कोई वार्षिक समागम नहीं हो रहा है। डेरा प्रमुख की गंभीर हालत के कारण उनके भक्तों में चिंता थी। इसे लेकर डेरा प्रबंधन कमेटी लगातार स्वास्थ्य बुलेटिन जारी कर भक्तों को सांत्वना दे रही थी। 31 जुलाई को डेरा प्रबंधन ने स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया था जिसमें कहा गया कि, “सतगुरु के प्रिय भक्त परम पूज्य महाराज जी का इलाज बहुत अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर बनी हुई है। इसलिए भक्तों से अनुरोध है कि वे अस्पताल आने के बजाय महाराज जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए अधिक से अधिक सिमरन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।” हिसार और चंडीगढ़ में की पढ़ाई संत बहादुर चंद (वकील साहिब जी) मूल रूप से गांव चौटाला के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को गांव चौटाला में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में की। स्कूल पास करने के बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज में दाखिला लिया। जहां वे लाजपत राय छात्रावास में रहे और आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। फिर उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1968 में अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। देश-विदेश में प्रसिद्ध है डेरा कालांवाली मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव जगमालवाली करीब 300 साल पहले बसा था। डबवाली रोड पर स्थित यह छोटा सा गांव देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है और इसकी वजह है गांव में स्थित मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम। इसके अलावा गांव में शिवरात्रि पर्व पर मेला लगता है, जिसमें खेलकूद प्रतियोगिताएं होती हैं। बाबा मोती पुरी स्पोर्ट्स क्लब द्वारा रक्तदान समेत कई समाज कल्याण के कार्य भी किए जाते हैं। क्लब ने गांव में स्थित श्मशान घाट को भी खूबसूरत रूप दिया है। गांव का क्षेत्रफल करीब 5 हजार एकड़ है। यहां 3 गुरुद्वारे और 2 बड़े डेरे हैं। बलूचिस्तानी आश्रम आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र वर्ष 1964-65 में यहां के एक किसान बाबा सज्जन सिंह रूहल, जो फकीर और अविवाहित थे, ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को कई एकड़ जमीन दान में दी और उनसे यहां एक डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने जहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। शुरू में छोटा सा यह आश्रम अब संत की प्रसिद्धि के कारण विशाल रूप ले चुका है। डेरे के अंदर करीब 100-100 फीट का एक बहुत ही भव्य सचखंड बनाया गया है, जिसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है। वर्तमान में डेरे की गद्दी संत बहादुर चंद वकील साहिब के पास है। जिनका अब निधन हो गया। डेरा जगमालवाली का अगला मुखी कौन होगा? मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली के संस्थापक गुरुबख्श सिंह मैनेजर साहब ने अपनी वसीयत के अनुसार बहादुर चंद वकील साहब को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन वकील साहब के बाद डेरा का उत्तराधिकारी कौन होगा, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। बहादुर चंद को डेरा प्रमुख बनाए जाने के बाद गुरुबख्श सिंह के बेटे रघुबीर सिंह ने खुशपुर गोरीवाला में नया डेरा शुरू किया, जिसका प्रबंधन अब चंद महात्मा कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री का पूर्व सीएम पर हमला:खट्टर बोले- हुड्डा गैंग बनी कांग्रेस, 2014 में हरियाणा मुश्किल से गैंग के हाथों से निकाला
केंद्रीय मंत्री का पूर्व सीएम पर हमला:खट्टर बोले- हुड्डा गैंग बनी कांग्रेस, 2014 में हरियाणा मुश्किल से गैंग के हाथों से निकाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल सोमवार को रोहतक पहुंचे। यहां पर दिल्ली बाइपास स्थित एक होटल में प्रबुद्ध जन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कांग्रेस और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हमला बोला। सम्मेलन में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, पूर्व मेयर मनमोहन गोयल और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल आदि नेता उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा कि 10 साल भाजपा के शासन और 10 साल कांग्रेस के शासन की तुलना की जाए। अब तो यह कांग्रेस नहीं रही, हुड्डा गैंग बन गई है। इस हुड्डा गैंग से सावधान हो जाना, खासकर के रोहतक के लोग। हर प्रकार की परेशानियां फिर खड़ी हो जाएंगी, जो पहले खड़ी होती थी। इससे सचेत रहना है। 2014 में हरियाणा को इस गैंग के हाथों से बड़ी मुश्किल से निकाला है। फिर से उसके हाथों में मत जाने देना। क्योंकि कांग्रेस राज में तो व्यापारियों से हफ्ता वसूली होती थी। जिसे भाजपा ने पूर्ण रूप से रोक लगाने का काम किया। कांग्रेस हारने के 2 कारण बताए मनोहर लाल ने हरियाणा में कांग्रेस के हार के 2 कारण बताए। उन्होंने कहा कि एक तो हरियाणा में 1966 से आज तक एक ट्रेंड रहा है कि केंद्र के पहले चुनाव होते हैं और फिर प्रदेश के। जो केंद्र में सरकार होती है, वही प्रदेश में होती है। चाहे 2004, 2009, 2014 और 2019 उठाकर देख सकते हैं। 2024 में केंद्र में भाजपा की सरकार है। इसलिए प्रदेश में भाजपा की सरकार बननी चाहिए। डबल इंजन की सरकार होती है तो लाभ अवश्य होता है। जो असमंजस 2019 में था वह 2024 में खत्म हो गया है। दूसरा कारण यह है कि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस इतनी घबराई हुई है कि कहीं भाजपा ना आ जाए। इसलिए किसी दल से गठबंधन कर लें। आखिर में जिनके सामने हाथ बढ़ाया, उन्होंने भी हाथ पकड़ने से मना कर दिया। गलती इनकी है या उनकी पता नहीं। अगर इतना ही भरोसा है तो गठबंधन क्यों करते हो। दो छोटे-छोटे दलों से तो अभी भी गठबंधन किया है। कांग्रेस कभी संविधान खत्म करने तो कभी आरक्षण खत्म करने का झूठ बोलती हैं। उल्टा राहुल गांधी ने संविधान खत्म करने की बात विदेश में जाकर कही है। बेरोजगार बिचौलिए हुए हैं : मनोहर लाल बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बेरोजगारी उन बिचौलिए लोगों के लिए हुई है, उनके पास काम नहीं हैं। वे अपने नेताओं के कान भरते हैं कि वे बेरोजगार हो गए। अगर सरकारी नौकरियों की बात करें तो कांग्रेस राज से ज्यादा नौकरियां भाजपा सरकार ने दी हैं। 10 साल में हुड्डा सरकार ने 80 हजार नौकरी दी, जबकि भाजपा सरकार ने एक लाख 46 हजार सरकारी नौकरियां दी। कांग्रेस ने तो नौकरियां देने से रोकने का प्रयास किया है। इनकी भर्ती रोको गैंग ने 25 हजार नौकरियां रोक दी, नहीं तो करीब पौने 2 लाख हो जाती। उनकी सरकार में जो धोल कपड़िये थे, उनके नकाब उतरवाकर खुंटियों पर टंगवा दिए है। पूर्व सीएम हुड्डा पर बरसे मनीष ग्रोवर पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने कांग्रेस व हुड्डा पिता-पुत्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले हुड्डा बाप-बेटा ही नहीं पूरा परिवार घर-घर हो रखा था। चाहे किसी की भी मौत हो जाती, तो वे पहुंच जाते थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद एक बार भी लोगों के बीच नहीं गए हैं। जनता के सामने उनका चेहरा स्पष्ट हो चुका है। उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीएम बनने के बाद कहा था कि वे अपने जाति के पहले हैं, फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री। जबकि मनोहर लाल ने सभी जातियों को समानभाव से सम्मान दिया। जाट आरक्षण आंदोलन को याद दिलाते हुए हुड्डा पर निशाना साधा और कहा कि इन व्यापारियों का क्या कसूर था कि पूरा रोहतक फूंक दिया गया।