हरियाणा में कांग्रेस ने 40 उम्मीदवारों वाली तीसरी लिस्ट जारी कर दी। बहुप्रतीक्षित लिस्ट के बाद कांग्रेस नेताओं और समर्थकों का इंतजार खत्म हो गया। करनाल विधानसभा में पूर्व विधायक सुमिता सिंह पर कांग्रेस ने विश्वास जताया है। इंद्री में पूर्व विधायक राकेश कुमार कंबोज को टिकट दिया गया है। घरौंडा विधानसभा में कांग्रेस की टिकट पर तीन बार हारने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर पर एक बार फिर कांग्रेस ने दांव खेला है। क्यों मिला टिकट करनाल में सुमिता सिंह ने 2005 में करीब 34 हजार के मार्जिन से चुनाव जीता। 2009 में सुमिता सिंह 3700 वोटों से जीती। 2014 में पार्टी ने उन्हें असंध विधानसभा से मैदान में उतारा लेकिन वहां से भाजपा उम्मीदवार से हार गई। सुमित सिंह पिछले काफी लंबे समय से लोगों के बीच में एक्टिव रही। उनके पास अच्छा और लंबा राजनीतिक अनुभव है, और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नजदीक है। जनता के बीच इनकी अच्छी पकड़ है और मजबूत स्थिति में है। आजाद प्रत्याशी रहते दूसरे नंबर रहे राकेश कुमार कंबोज इंद्री से 2005 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस से चुनाव लड़ा। तीसरे स्थान पर रहे। फिर 2014 में जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर भी तीसरे स्थान पर रहे। 2019 में आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। कंबोज लगातार तीन बार हार चुके है। अब फिर से कांग्रेस ने उन पर विश्वास जताया है, उनकी जनता के बीच अच्छी पकड़ है और पिछला मार्जन महज सात हजार का था। राकेश हुड्डा के नजदीकी है और राकेश को राजनीति का लंबा अनुभव है। राहुल गांधी के करीबी वीरेंद्र सिंह राठौर घरौंडा की राजनीति में बड़ा चेहरा है। जिनके सीधे संबंध राहुल गांधी से है। कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव है और विरेंद्र राठौर ने 2005, 2009 और 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। किसी में भी चुनाव में वे जीत नहीं पाए। 2009 के चुनाव में ही वे दूसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन अन्य चुनावों में वे तीसरे स्थान पर रहे। फिर भी कांग्रेस ने राठौर को टिकट दिया है। क्यों कटा टिकट करनाल में सुमित सिंह के साथ मनोज वाधवा भी टिकट मांग रहे थे। अशोक खुराना भी टिकट के दावेदारों में थे। मनोज वाधवा पंजाबी चेहरा तो थे, लेकिन वे कुछ ही महीने पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए थे। वहीं, अशोक खुराना का राजनीति अनुभव सुमिता सिंह से कम आंकना उनके टिकट कटने का कारण माना जा रहा है। इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि भाजपा पहले ही पंजाबी कैंडिडेट को उतार चुकी है। ऐसे में अशोक खुराना पंजाबी समाज से है और ज्यादा अनुभव नहीं है। 2019 में सांगवान की थी कांग्रेस जॉइन घरौंडा में नरेंद्र सांगवान इनेलो से विधायक रहे है और 2019 में कांग्रेस जॉइन की थी। उनको कांग्रेस में ज्यादा समय नहीं हुआ। सतीश राणा भी बीजेपी से कांग्रेस में आए थे और कोई चुनाव का अनुभव नहीं है। भूपेंद्र लाठर सूरजेवाला गुट से संबंध रखते है और नया चेहरा है। इनकी टिकट कटने के ये कारण माने जा रहे हैं। इंद्री में भीमसेन मेहता और नवज्योत कश्यप को झटका वहीं, इंद्री राकेश कंबोज के साथ नवजोत कश्यप और भीम सेन मेहता प्रबल दावेदारों में से एक थे। नवजोत कश्यप का टिकट इसलिए कटा क्योंकि पिछले चुनाव में राकेश कंबोज जो आजाद प्रत्याशी से उससे बहुत ज्यादा वोटो से हारी थी। वहीं भीमसेन मेहता पंजाबी समाज से आते इस सीट पर कश्यप व कांबोज समुदाय का दबाबा मना जाता है। जातीय समीकरणों को देखते हुए भीमसेन मेहता की टिकट कटने का मुख्य कारण माना जा रहा है। हरियाणा में कांग्रेस ने 40 उम्मीदवारों वाली तीसरी लिस्ट जारी कर दी। बहुप्रतीक्षित लिस्ट के बाद कांग्रेस नेताओं और समर्थकों का इंतजार खत्म हो गया। करनाल विधानसभा में पूर्व विधायक सुमिता सिंह पर कांग्रेस ने विश्वास जताया है। इंद्री में पूर्व विधायक राकेश कुमार कंबोज को टिकट दिया गया है। घरौंडा विधानसभा में कांग्रेस की टिकट पर तीन बार हारने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर पर एक बार फिर कांग्रेस ने दांव खेला है। क्यों मिला टिकट करनाल में सुमिता सिंह ने 2005 में करीब 34 हजार के मार्जिन से चुनाव जीता। 2009 में सुमिता सिंह 3700 वोटों से जीती। 2014 में पार्टी ने उन्हें असंध विधानसभा से मैदान में उतारा लेकिन वहां से भाजपा उम्मीदवार से हार गई। सुमित सिंह पिछले काफी लंबे समय से लोगों के बीच में एक्टिव रही। उनके पास अच्छा और लंबा राजनीतिक अनुभव है, और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नजदीक है। जनता के बीच इनकी अच्छी पकड़ है और मजबूत स्थिति में है। आजाद प्रत्याशी रहते दूसरे नंबर रहे राकेश कुमार कंबोज इंद्री से 2005 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस से चुनाव लड़ा। तीसरे स्थान पर रहे। फिर 2014 में जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर भी तीसरे स्थान पर रहे। 2019 में आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। कंबोज लगातार तीन बार हार चुके है। अब फिर से कांग्रेस ने उन पर विश्वास जताया है, उनकी जनता के बीच अच्छी पकड़ है और पिछला मार्जन महज सात हजार का था। राकेश हुड्डा के नजदीकी है और राकेश को राजनीति का लंबा अनुभव है। राहुल गांधी के करीबी वीरेंद्र सिंह राठौर घरौंडा की राजनीति में बड़ा चेहरा है। जिनके सीधे संबंध राहुल गांधी से है। कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव है और विरेंद्र राठौर ने 2005, 2009 और 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। किसी में भी चुनाव में वे जीत नहीं पाए। 2009 के चुनाव में ही वे दूसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन अन्य चुनावों में वे तीसरे स्थान पर रहे। फिर भी कांग्रेस ने राठौर को टिकट दिया है। क्यों कटा टिकट करनाल में सुमित सिंह के साथ मनोज वाधवा भी टिकट मांग रहे थे। अशोक खुराना भी टिकट के दावेदारों में थे। मनोज वाधवा पंजाबी चेहरा तो थे, लेकिन वे कुछ ही महीने पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए थे। वहीं, अशोक खुराना का राजनीति अनुभव सुमिता सिंह से कम आंकना उनके टिकट कटने का कारण माना जा रहा है। इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि भाजपा पहले ही पंजाबी कैंडिडेट को उतार चुकी है। ऐसे में अशोक खुराना पंजाबी समाज से है और ज्यादा अनुभव नहीं है। 2019 में सांगवान की थी कांग्रेस जॉइन घरौंडा में नरेंद्र सांगवान इनेलो से विधायक रहे है और 2019 में कांग्रेस जॉइन की थी। उनको कांग्रेस में ज्यादा समय नहीं हुआ। सतीश राणा भी बीजेपी से कांग्रेस में आए थे और कोई चुनाव का अनुभव नहीं है। भूपेंद्र लाठर सूरजेवाला गुट से संबंध रखते है और नया चेहरा है। इनकी टिकट कटने के ये कारण माने जा रहे हैं। इंद्री में भीमसेन मेहता और नवज्योत कश्यप को झटका वहीं, इंद्री राकेश कंबोज के साथ नवजोत कश्यप और भीम सेन मेहता प्रबल दावेदारों में से एक थे। नवजोत कश्यप का टिकट इसलिए कटा क्योंकि पिछले चुनाव में राकेश कंबोज जो आजाद प्रत्याशी से उससे बहुत ज्यादा वोटो से हारी थी। वहीं भीमसेन मेहता पंजाबी समाज से आते इस सीट पर कश्यप व कांबोज समुदाय का दबाबा मना जाता है। जातीय समीकरणों को देखते हुए भीमसेन मेहता की टिकट कटने का मुख्य कारण माना जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में सीएम बोले- कांग्रेस ने दलितों का अपमान किया:कहा- 8 अक्टूबर के बाद ICU में चली जाएगी, महिलाओं का सम्मान नहीं करते कांग्रेसी
हिसार में सीएम बोले- कांग्रेस ने दलितों का अपमान किया:कहा- 8 अक्टूबर के बाद ICU में चली जाएगी, महिलाओं का सम्मान नहीं करते कांग्रेसी हरियाणा के बरवाला में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस पर दलित नेताओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। कहा, कांग्रेस ने पहले अशोक तंवर पर अत्याचार किए और अब कुमारी सैलजा को भी दबाया जा रहा है। कांग्रेस ने हमेशा अनुसूचित वर्ग के नेताओं को कुचलने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने जन आशीर्वाद रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भी कभी सम्मान नहीं दिया। कहा कि एससी हो या बीसी वर्ग के लोग हों कांग्रेस के लोग उसे कुचलने का काम करते हैं उसे पनपने नहीं देते। मुख्यमंत्री ने अपने 56 दिनों के कार्यकाल की तुलना भूपेंद्र हुड्डा के 10 साल के शासनकाल से करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा में दलितों के अधिकारों की रक्षा की है, जबकि कांग्रेस ने हमेशा उनके हकों को छीना है। रैली में भाजपा प्रत्याशी रणवीर गंगवा, जिला अध्यक्ष अशोक सैनी, जिले के प्रवासी प्रभारी राजेंद्र राठौर और जिला महामंत्री आशीष जोशी उपस्थित रहे। रैली में बड़ी संख्या में लोग आए। लोगों का हुजूम देखकर मुख्यमंत्री का जोश और बढ़ गया। बीसी समाज का बेटा हरियाणा की सेवा कर रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार आई तो नौकरियां बिकेंगी। महिलाओं का सम्मान नहीं होगा। कांग्रेस के लोग सत्ता से बाहर हैं तब भी महिलाओं का सम्मान नहीं करते। अगर ये सत्ता में आ गए तो आप सोचों ये क्या करेंगे। हिसार का सांसद महिलाओं के प्रति कैसे शब्दों का उपयोग करता है सबको पता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने बीसी समाज का सम्मान किया है। इसी का परिणाम है कि बीसी समाज का बेटा प्रदेश का मुख्यमंत्री है। 8 अक्टूबर को जितने के बाद बरवाला के लोग चंडीगढ़ आएंगे तो उनका स्वागत किया जाएगा। कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार हुआ
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि हुड्डा के शासनकाल में नौकरियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ और नौकरियां बेची जाती थीं। कांग्रेस के समय अगर किसी तरह की गलती होती है और वे सत्ता में लौटते हैं, तो फिर से नौकरियों की बोलियां लगेंगी और गरीब युवाओं के लिए नौकरी हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। बरवाला विधानसभा क्षेत्र के गांव बहबलपुर में भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा के लिए नायब सिंह सैनी ने वोट मांगे। सीएम सैनी ने भाजपा के 10 साल के शासनकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि हमने बिना पर्ची और बिना खर्च के युवाओं को नौकरियां दी हैं, और भाजपा सरकार हरियाणा में तीसरी बार सत्ता में आ रही है। चाहे राहुल गांधी आ जाएं या सोनिया गांधी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस झूठी है और कोई वादा पूरा नहीं करती
‘नॉन-स्टॉप विकास, भाजपा पर विश्वास’ रैली में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में झूठे वादों पर चुनाव जीता, वहां उन्होंने 300 यूनिट मुफ्त बिजली,एक लाख नौकरियां और महिलाओं को 1500 मासिक देने का वादा किया था। परंतु 2 साल बीत जाने के बाद भी कांग्रेस सरकार ने इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया। अब हिमाचल की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। ऐसे ही झूठे वादों करके कांग्रेस ने कर्नाटक और तेलंगाना की सत्ता हथियाई, वहां एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। अब कांग्रेस और हुड्डा झूठे वादे लेकर हरियाणा की जनता को बरगलाने के लिए आए हैं। कांग्रेस से जनता सावधान रहे, ये कोई वादा पूरा नहीं करेंगे। हरियाणा चुनाव में जो बाइडेन की भी एंट्री हरियाणा विधानसभा चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की एंट्री हो गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर हैं। ऐसे में हरियाणा में हो रहे चुनावों पर इसका असर देखने को मिल रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में जन आशीर्वाद रैली में कहा कि कांग्रेस के पास ना तो नीति है और ना ही नेतृत्व है। हमारे पास नेतृत्व भी ऐसा है कि अमेरिका का राष्ट्रपति अपनी पत्नी के साथ एयरपोर्ट पर स्पेशल रिसीव करने आता है। क्या ऐसा नेतृत्व कांग्रेस के पास है?। जिसने दुनिया में भारत का नाम ऊंचा करने का काम किया। हरियाणा में बरवाला का नाम यहां के भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा ऊंचा करने का काम करेंगे यह मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं। बरवाला में इतने विकास के काम करके जितने आज तक नहीं हुए। मगर इसके लिए जरूरी है यहां का भाजपा का प्रत्याशी विजय हो। अगर कांग्रेस की सरकार आई तो दिक्कत ही दिक्कत होगी।
हरियाणा से केंद्र सरकार में कौन बनेगा मंत्री:खट्टर की मोदी-शाह से करीबी, राव का दावा मजबूत, पांचों सांसदों का दिल्ली में डेरा
हरियाणा से केंद्र सरकार में कौन बनेगा मंत्री:खट्टर की मोदी-शाह से करीबी, राव का दावा मजबूत, पांचों सांसदों का दिल्ली में डेरा हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सभी 5 सांसद दिल्ली में डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल सीट से नवनिर्वाचित सांसद मनोहर लाल खट्टर कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। साथ ही गठबंधन मजबूरी नहीं हुई को गुरुग्राम से सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह का भी मंत्री बनना तय है। इसके अलावा, भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद चौधरी धर्मबीर, फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर और कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल भी लॉबिंग में जुटे हैं। नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण 9 जून की शाम होने वाला है। इस बार BJP को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। सरकार चलाने के लिए उसे अब NDA के अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट पर भी इसका असर देखा जा सकता है। इस बार हो सकता है कि बीजेपी कोटे से मंत्रियों की संख्या कम हो और NDA के सहयोगी दलों के मंत्रियों की संख्या बढ़ जाए। ऐसे में BJP का ज्यादा फोकस उन राज्यों पर हैं, जहां आगामी 6 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा भी शामिल है। हालांकि हरियाणा में BJP की सीटें 10 से घटकर इस बार 5 रह गई। लेकिन चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए हरियाणा से पहले 2 टर्म की तरह 2 मंत्रियों को बनाए जाने की संभावना है। इनमें जातीय समीकरण के साथ-साथ इलाके को भी साधने की कोशिश रहेगी, जिससे आगामी चुनाव में इसका फायदा मिल सके। खट्टर 3 दिनों से दिल्ली में, बाकी कर रहे लॉबिंग
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले 3 दिनों से दिल्ली में हैं। उन्हें हाईकमान ने रिजल्ट आने के तुरंत बाद 6 जून को दिल्ली बुला लिया था। खट्टर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह दोनों से मुलाकात की थी। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर संगठन महामंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है। एक दिन पहले खट्टर के अलावा हरियाणा के अन्य 4 सांसदों ने भी NDA की बैठक में भी हिस्सा लिया था। राव इंद्रजीत सिंह 6 जून को रेवाड़ी जरूर आए, लेकिन शाम को फिर से दिल्ली लौट गए। बाकी कृष्णपाल गुर्जर, नवीन जिंदल और चौधरी धर्मबीर सिंह तीनों दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, मंत्री पद पर किसका दावा क्यों मजबूत? 1. मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नाम मोदी कैबिनेट में शामिल होने वालों में टॉप पर चल रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। फिर अचानक भाजपा ने उनसे इस्तीफा दिलवा दिया। इसके बाद उन्हें करनाल से चुनाव लड़ाया। मनोहर लाल नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी हैं। उन्हें संगठन के साथ-साथ प्रशासनिक अनुभव भी है। जिस करनाल सीट से वे सांसद चुने गए हैं, वो जीटी बेल्ट का इलाका है। इस एरिया में BJP काफी मजबूत रही है। चुनावी प्रचार के वक्त भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही खट्टर को दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कहते रहे। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि उनका नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर महामंत्री के तौर पर भी चर्चा में है। 2. राव इंद्रजीत
गुरुग्राम सीट से चौथी बार सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा (अहीरवाल) के बड़े नेता हैं। वे 6 बार सांसद बन चुके हैं। दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें आती हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से ही दबदबा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार के पहले दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। राव के सहारे ही BJP दक्षिणी हरियाणा को साधती रही है। ऐसे में उनके तीसरी बार भी मंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं हैं। हालांकि अगर गठबंधन की मजबूरी रही तो उन्हें बाद में भी एडस्ट किया जा सकता है। 3. कृष्णपाल गुर्जर
फरीदाबाद सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले कृष्णपाल गुर्जर 2014 और 2019 दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी हैं। इसके अलावा उनके शीर्ष नेतृत्व से भी संबंध अच्छे हैं। जिसके चलते ही वह 2 बार मंत्री बन गए। लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलना मुश्किल है। इसके पीछे की वजह BJP को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। क्योंकि कई मंत्रालय गठबंधन सहयोगियों को दिए जाने हैं। हालांकि जातीय समीकरण को देखें तो कृष्णपाल गुर्जर की पकड़ गुर्जरों में अच्छी खासी है। ऐसे में गुर्जर नेता के तौर पर उनका दावा मजबूत रह सकता है। 4. चौधरी धर्मबीर
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मबीर सिंह एक मात्र ऐसे जाट चेहरे हैं, जो BJP की टिकट पर चुनाव जीते हैं। पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर से जाट नेता संजीव बालियान चुनाव हार गए। जाटों की BJP से शुरू से ही नाराजगी रही है। इसी नाराजगी के कारण BJP को हरियाणा में 5 लोकसभा सीटों का नुकसान भी उठाना पड़ा। हरियाणा और यूपी में जाटों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में जाटों को साधने के लिए चौधरी धर्मबीर सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। 5. नवीन जिंदल
देश के मशहूर बिजनेसमैन नवीन जिंदल ने लोकसभा चुनाव से एन वक्त पहले BJP में शामिल हुए और कुरूक्षेत्र सीट से टिकट भी मिल गई। कड़े मुकाबले के बावजूद जिंदल सीट निकालने में कामयाब रहे। जिंदल 2 बार इसी सीट से कांग्रेस में रहते हुए भी चुनाव जीत चुके हैं। जिंदल अमित शाह के करीबी हैं। 10 साल से मजबूत दिख रही जीटी बेल्ट में इस बार BJP को अंबाला सीट गंवानी पड़ी। ऐसे में जीटी बेल्ट को ध्यान में रखते हुए भी जिंदल को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता हैं। वहीं वैश्य समाज को साधने के लिए भी जिंदल को एडस्ट किया जा सकता है। ये खबर भी पढ़ें… हिमाचल से नड्डा-अनुराग मंत्री की दौड़ में:जेपी बने तो ठाकुर को राष्ट्रीय महामंत्री बना सकती है BJP; कंगना के मिनिस्टर बनने के कम चांस नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हिमाचल प्रदेश से 2 नेता मंत्री की रेस में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। ऐसा हुआ तो अनुराग ठाकुर को पार्टी में राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व मिल सकता है। पार्टी में इस तरह की चर्चाएं चली हुई हैं। (पढ़ें पूरी खबर)
गुरुग्राम में महिला ने 10 लाख के लिए कराया मर्डर:PG संचालक को घर बुलाकर किया बेहोश; एक 50 हजार के लालच में फंसी
गुरुग्राम में महिला ने 10 लाख के लिए कराया मर्डर:PG संचालक को घर बुलाकर किया बेहोश; एक 50 हजार के लालच में फंसी हरियाणा के गुरुग्राम में पीजी (PG) संचालक की हत्या एक महिला ने कराई थी। महिला को उसने कमेटी डालने के लिए 10 लाख रुपए दिए थे। महिला ने रकम खर्च दी। पीजी संचालक ने रुपए के लिए दबाव बढ़ाया तो महिला ने अपने जानकारों के साथ मिल कर उसकी हत्या करके शव फेंक दिया। पुलिस ने महिला समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वारदात में प्रयुक्त कार व अन्य सामान भी बरामद हो गया है। जाने क्या था पूरा मामला गांव शिकोहपुर के रहने वाले राजेंद्र (52) का आईएमटी मानेसर में पीजी था। 22 नवंबर को वह अपनी कार लेकर घर से पीजी गए थे, लेकिन लौटे नहीं। इसके बाद परिजनों का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ तो रात को उसकी खोजबीन शुरू की गई। मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई। इस बीच 23 नवंबर को पुलिस ने रेवाड़ी-नारनौल रोड पर एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ। बाद में मृतक की पहचान लापता राजेंद्र के तौर पर हुई। मामले में जांच क्राइम ब्रांच मानेसर को सौंपी गई थी। ऐसे खुला हत्या का भेद क्राइम ब्रांच की टीम ने राजेंद्र की हत्या को लेकर छानबीन शुरू की तो पता चला कि शटरिंग का काम करने वाली आइएमटी सेक्टर-एक निवासी 42 वर्षीय महिला सुषमा के साथ उसकी बोलचाल थी। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो चरखी दादरी जिले के नौरंगाबास गांव निवासी 37 वर्षीय अनिल का नाम भी सामने आया। पुलिस ने दोनों से गहनता से पूछताछ की तो राजेंद्र की हत्या की गुत्थी सुलझ गई। पूछताछ के मुताबिक आरोपित सुषमा का शटरिंग का काम है। महिला को 10 लाख रुपए दिए थे पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला सुषमा शटरिंग का काम करती थी। एक युवक अनिल ने उसके पास अपनी गाड़ियां लगा रखी थी। पीजी संचालक राजेंद्र भी महिला के संपर्क में था। कुछ समय पहले राजेंद्र ने कमेटी में डालने के लिए सुषमा को 10 लाख रुपए दिए थे। इन्हीं रुपयों के लिए उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इसमें सुषमा, अनिल व एक अन्य महिला सीमा को गिरफ्तार किया है। सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) वरुण दहिया के अनुसार राजेंद्र ने सुषमा को कमेटी डालने के लिए जो 10 लाख रुपए दिए थे, सुषमा ने उनको खर्च कर दिया था। राजेंद्र ने रुपए के लिए दबाव डाला तो सुषमा ने कहा कि उसने अपनी जानकार गांव डूंडाहेड़ा निवासी सीमा को रुपए दिए हैं। राजेंद्र ने सीमा से मिलवाने के लिए कहा तो सुषमा डर गई। इसके बाद उसकी हत्या की साजिश रची गई। नशीली चाय पिलाकर किया बेहोश फिर गला घोंटा पुलिस के अनुसार सुषमा ने सीमा को 50 हजार रुपए देने का वादा करके साजिश में शामिल किया। 22 नवंबर को सुषमा ने राजेंद्र काे शाम छह बजे अपने घर बुलाया। जब वह पहुंचे तो वहां अनिल व सीमा भी थे। अनिल ने चाय बनाई। राजेंद्र की चाय में नशीला पदार्थ मिला दिया था। इस वजह से वह पीते ही बेहोश गए थे। सुषमा ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। सीमा को दोनों ने वापस उसके घर भेज दिया। फिर राजेंद्र की कार हाईवे की सर्विस लेन के किनारे खड़ी कर दी। उसके शव को रेवाड़ी-नारनौल रोड पर फेंक दिया। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार, निकाली गई सोने की चेन व कार से आरोपियों के बाल बरामद किए हैं।