करनाल में कांग्रेस कैंडिडेट ने साधा भाजपा पर निशाना:वधवा बोले-4 साल पुराने मुकदमे की अब याद आई, 1600 करोड़ का कोई हिसाब नहीं

करनाल में कांग्रेस कैंडिडेट ने साधा भाजपा पर निशाना:वधवा बोले-4 साल पुराने मुकदमे की अब याद आई, 1600 करोड़ का कोई हिसाब नहीं

करनाल में कांग्रेस से मेयर पद के प्रत्याशी मनोज वधवा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए सवाल उठाए हैं। मनोज वधवा ने कहा कि चार साल पुराने मुकदमे की याद भाजपा को अब क्यों आई? उन्होंने विकास कंबोज की गिरफ्तारी को राजनीतिक चाल बताते हुए कहा कि यह भाजपा की बौखलाहट को दिखाता है। हालांकि, गिरफ्तारी के बाद कंबोज को जमानत मिल गई, जिससे साफ है कि यह केवल एक राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश थी। मनोज वधवा का कहना है कि करनाल की जनता सब समझती है और 12 तारीख को चुनाव परिणाम भाजपा के लिए अफसोसजनक साबित होंगे। मनोज वधवा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने तो गाय के नाम पर भी घोटाला करने से परहेज नहीं किया। चारे से लेकर गोबर तक में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने जनता से अपील की कि इस बार वोट देते समय सोच-समझकर फैसला लें, ताकि करनाल को सही मायनों में विकास की दिशा मिल सके। भ्रष्टाचार का मुद्दा-जनता को समझ आ चुकी है सच्चाई मनोज वधवा ने भाजपा पर करनाल में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों में वह लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, क्योंकि करनाल की जनता को यह एहसास हो गया है कि उनके साथ किस तरह का अन्याय हुआ है। उन्होंने दावा किया कि जब वह 2013 से 2018 तक डिप्टी मेयर थे, तब उन्होंने करनाल को स्वच्छ, सुंदर और विकसित बनाने में ईमानदारी से काम किया। लूट का पैसा जनता का ही था वधवा ने करनाल के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को यह समझने की जरूरत है कि यह सिर्फ सरकारी धन नहीं, बल्कि करदाताओं की गाढ़ी कमाई है। उन्होंने कहा कि जो भी घोटाले हुए, उनकी जिम्मेदारी कहीं न कहीं जनता की भी बनती है, क्योंकि उनकी चुप्पी ने इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। इस बार जनता को सोच-समझकर वोट करना होगा, ताकि करनाल सही दिशा में आगे बढ़ सके। 1600 करोड़ रुपए का सवाल, विकास सिर्फ दावों तक सीमित भाजपा के विकास के दावों पर निशाना साधते हुए वधवा ने कहा कि पिछले दस सालों से भाजपा यह दावा कर रही है कि वह करनाल को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि करनाल के विकास के लिए आए 1600 करोड़ रुपए का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं है और ज्यादातर प्रोजेक्ट अधूरे ही पड़े हैं। करनाल में कांग्रेस से मेयर पद के प्रत्याशी मनोज वधवा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए सवाल उठाए हैं। मनोज वधवा ने कहा कि चार साल पुराने मुकदमे की याद भाजपा को अब क्यों आई? उन्होंने विकास कंबोज की गिरफ्तारी को राजनीतिक चाल बताते हुए कहा कि यह भाजपा की बौखलाहट को दिखाता है। हालांकि, गिरफ्तारी के बाद कंबोज को जमानत मिल गई, जिससे साफ है कि यह केवल एक राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश थी। मनोज वधवा का कहना है कि करनाल की जनता सब समझती है और 12 तारीख को चुनाव परिणाम भाजपा के लिए अफसोसजनक साबित होंगे। मनोज वधवा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने तो गाय के नाम पर भी घोटाला करने से परहेज नहीं किया। चारे से लेकर गोबर तक में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने जनता से अपील की कि इस बार वोट देते समय सोच-समझकर फैसला लें, ताकि करनाल को सही मायनों में विकास की दिशा मिल सके। भ्रष्टाचार का मुद्दा-जनता को समझ आ चुकी है सच्चाई मनोज वधवा ने भाजपा पर करनाल में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों में वह लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, क्योंकि करनाल की जनता को यह एहसास हो गया है कि उनके साथ किस तरह का अन्याय हुआ है। उन्होंने दावा किया कि जब वह 2013 से 2018 तक डिप्टी मेयर थे, तब उन्होंने करनाल को स्वच्छ, सुंदर और विकसित बनाने में ईमानदारी से काम किया। लूट का पैसा जनता का ही था वधवा ने करनाल के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को यह समझने की जरूरत है कि यह सिर्फ सरकारी धन नहीं, बल्कि करदाताओं की गाढ़ी कमाई है। उन्होंने कहा कि जो भी घोटाले हुए, उनकी जिम्मेदारी कहीं न कहीं जनता की भी बनती है, क्योंकि उनकी चुप्पी ने इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। इस बार जनता को सोच-समझकर वोट करना होगा, ताकि करनाल सही दिशा में आगे बढ़ सके। 1600 करोड़ रुपए का सवाल, विकास सिर्फ दावों तक सीमित भाजपा के विकास के दावों पर निशाना साधते हुए वधवा ने कहा कि पिछले दस सालों से भाजपा यह दावा कर रही है कि वह करनाल को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि करनाल के विकास के लिए आए 1600 करोड़ रुपए का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं है और ज्यादातर प्रोजेक्ट अधूरे ही पड़े हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर