करनाल की शिव कालोनी में स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर छापा मारा। और डॉक्टर को गर्भपात कराने के लिए दी जाने वाली एमटीपी किट बेचते रंगे हाथों पकड़ा है। टीम ने अपने ही डिपार्टमेंट के एक ऑफिसर को ग्राहक बनाकर क्लिनिक पर भेजा था। झोलाछाप डॉक्टर ने एक हजार रुपए में एमटीपी किट दे दी। जिसके बाद टीम ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया। क्लिनिक पर जांच के दौरान टीम को 61 प्रकार की ऐलोपैथिक दवाइयां भी बरामद हुई है। जिनको कब्जे में ले लिया है। झोलाछाप डॉक्टर से बिना डिग्री क्लिनिक चलाने पर सवाल किया गया तो उसने कहा कि सारे ही बिना डिग्री क्लिनिक चला रहे है, वह कोई अलग थोड़ी ही ना है। डिपार्टमेंट ने पुलिस को डॉक्टर के खिलाफ लिखित शिकायत दी। जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर को मौके से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। तीन टीमों का किया गया गठन जिला सिविल सर्जन को दो-तीन दिन पहले करनाल की शिव कालेानी में प्रवीन क्लिनिक पर अवैध तरीके से एमटीपी किट बेचे जाने की गुप्त सूचना मिली। सीएमओ ने तीन टीमों का गठन किया। जिसमें डॉक्टर ऋतु मेहला और विकास राठी को डीसीओ बनाया गया था और तीसरी टीम पीएनडीटी की डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. शीनू चौधरी के नेतृत्व में थी। फर्जी ग्राहक बनकर पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी डॉ. शीनू चौधरी ने बताया कि शुक्रवार की देर रात डीसीओ विकास राठी को फर्जी ग्राहक बनाकर क्लिनिक पर भेजा गया था। ग्राहक ने झोलाछाप डॉक्टर से आकर एमटीपी किट मांगी। जिसके लिए डॉक्टर ने एक हजार रुपए मांगे। ग्राहक ने उसे पैसे दे दिए और डॉक्टर प्रवीन ने ग्राहक के हाथ में एमटीपी किट थमा दी। जैसे ही एमटीपी किट ग्राहक के हाथ में आई तो पीएनडीटी व ड्रग कंट्रोलर की टीम पुलिस के साथ क्लिनिक पर पहुंच गई। टीम ने डॉक्टर को रंगे हाथों काबू कर लिया। स्ट्रॉयड देते है झोला छाप डॉक्टर ऋतु मेहला ने बताया कि इस तरह के क्लिनिक जनता के साथ खिलवाड़ है। जनता से अपील है कि वह रजिस्टर्ड डॉक्टर से ही अपना इलाज करवाए। गली मौहल्लों में क्लिनिक खोलकर बैठे झोला छाप डॉक्टर स्टेरॉयड यूज करते है, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक है। स्टेरॉयड धीरे-धीरे हमारे शरीर को खत्म कर देता है। पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ की जाएगी कि यह कहां से एमटीपी किट लेकर आता था और इससे पहले भी कितनों को इसने एमटीपी बेची है। बिना डिग्री नहीं कर सकता प्रेक्टिस डॉ. शीनू चौधरी ने बताया कि आरोपी डॉक्टर के पास न तो किसी तरह की डिग्री है और न ही वह किसी तरह की प्रेक्टिस कर सकता है। डॉ. चौधरी ने बताया कि कोई भी अवैध क्लिनिक न तो एमटीपी किट रख सकता है और न ही प्रिस्क्राइब कर सकता है और न ही बेच सकता है। आरोपी के पास एक ही किट मिली है। 61 प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां मिली ड्रग कंट्रोलर ऋतु मेहला ने बताया कि प्रवीन क्लीनिक पर छापा मारा गया है। हमने अपने ही एक ऑफिसर को ग्राहक बनाकर क्लिनिक पर भेजा था। जिसने एमटीपी किट मांगी और डॉक्टर ने उसे दे दी। आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया गया है। क्लीनिक पर जांच में 61 प्रकार की ऐलोपैथिक दवाईयां भी मिली है। जिनका कोई भी सेल-परचेज रिकॉर्ड नहीं है। क्लिनिक चलाने के लिए भी कोई वैलिड डिग्री नहीं है। इनके पास कोई सीएमसी की डिग्री है, जो न तो देश और न ही प्रदेश में अलाउड है। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। विभागीय कार्रवाई की जा रही है। आरोपी बोला- सारे बिना डिग्री के बैठे हैं, मैं कोई अलग नहीं वहीं, आरोपी झोलाछाप डॉक्टर प्रवीन ने बताया कि वह करीब डेढ़ साल से क्लिनिक चला रहा है। कोई 10 दिन पहले उसके पास एमटीपी किट रखकर चला गया था। जब आरोपी से पूछा गया कि बिना डिग्री के क्लिनिक नहीं चला सकते, तो इस पर आरोपी डॉक्टर ने कहा कि सारे ही बिना डिग्री के बैठे है, मैं तो कोई न्यारा यानी अलग नहीं बैठा हुआ हूं। आरोपी ने यह भी माना कि एमटीपी बेचना गलत है। मेरे पास सीएमसी का डिग्री है, अब जब यह डिग्री अलाउड ही नहीं है तो बनाते ही क्यों है? करनाल की शिव कालोनी में स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर छापा मारा। और डॉक्टर को गर्भपात कराने के लिए दी जाने वाली एमटीपी किट बेचते रंगे हाथों पकड़ा है। टीम ने अपने ही डिपार्टमेंट के एक ऑफिसर को ग्राहक बनाकर क्लिनिक पर भेजा था। झोलाछाप डॉक्टर ने एक हजार रुपए में एमटीपी किट दे दी। जिसके बाद टीम ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया। क्लिनिक पर जांच के दौरान टीम को 61 प्रकार की ऐलोपैथिक दवाइयां भी बरामद हुई है। जिनको कब्जे में ले लिया है। झोलाछाप डॉक्टर से बिना डिग्री क्लिनिक चलाने पर सवाल किया गया तो उसने कहा कि सारे ही बिना डिग्री क्लिनिक चला रहे है, वह कोई अलग थोड़ी ही ना है। डिपार्टमेंट ने पुलिस को डॉक्टर के खिलाफ लिखित शिकायत दी। जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर को मौके से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। तीन टीमों का किया गया गठन जिला सिविल सर्जन को दो-तीन दिन पहले करनाल की शिव कालेानी में प्रवीन क्लिनिक पर अवैध तरीके से एमटीपी किट बेचे जाने की गुप्त सूचना मिली। सीएमओ ने तीन टीमों का गठन किया। जिसमें डॉक्टर ऋतु मेहला और विकास राठी को डीसीओ बनाया गया था और तीसरी टीम पीएनडीटी की डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. शीनू चौधरी के नेतृत्व में थी। फर्जी ग्राहक बनकर पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी डॉ. शीनू चौधरी ने बताया कि शुक्रवार की देर रात डीसीओ विकास राठी को फर्जी ग्राहक बनाकर क्लिनिक पर भेजा गया था। ग्राहक ने झोलाछाप डॉक्टर से आकर एमटीपी किट मांगी। जिसके लिए डॉक्टर ने एक हजार रुपए मांगे। ग्राहक ने उसे पैसे दे दिए और डॉक्टर प्रवीन ने ग्राहक के हाथ में एमटीपी किट थमा दी। जैसे ही एमटीपी किट ग्राहक के हाथ में आई तो पीएनडीटी व ड्रग कंट्रोलर की टीम पुलिस के साथ क्लिनिक पर पहुंच गई। टीम ने डॉक्टर को रंगे हाथों काबू कर लिया। स्ट्रॉयड देते है झोला छाप डॉक्टर ऋतु मेहला ने बताया कि इस तरह के क्लिनिक जनता के साथ खिलवाड़ है। जनता से अपील है कि वह रजिस्टर्ड डॉक्टर से ही अपना इलाज करवाए। गली मौहल्लों में क्लिनिक खोलकर बैठे झोला छाप डॉक्टर स्टेरॉयड यूज करते है, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक है। स्टेरॉयड धीरे-धीरे हमारे शरीर को खत्म कर देता है। पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ की जाएगी कि यह कहां से एमटीपी किट लेकर आता था और इससे पहले भी कितनों को इसने एमटीपी बेची है। बिना डिग्री नहीं कर सकता प्रेक्टिस डॉ. शीनू चौधरी ने बताया कि आरोपी डॉक्टर के पास न तो किसी तरह की डिग्री है और न ही वह किसी तरह की प्रेक्टिस कर सकता है। डॉ. चौधरी ने बताया कि कोई भी अवैध क्लिनिक न तो एमटीपी किट रख सकता है और न ही प्रिस्क्राइब कर सकता है और न ही बेच सकता है। आरोपी के पास एक ही किट मिली है। 61 प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां मिली ड्रग कंट्रोलर ऋतु मेहला ने बताया कि प्रवीन क्लीनिक पर छापा मारा गया है। हमने अपने ही एक ऑफिसर को ग्राहक बनाकर क्लिनिक पर भेजा था। जिसने एमटीपी किट मांगी और डॉक्टर ने उसे दे दी। आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया गया है। क्लीनिक पर जांच में 61 प्रकार की ऐलोपैथिक दवाईयां भी मिली है। जिनका कोई भी सेल-परचेज रिकॉर्ड नहीं है। क्लिनिक चलाने के लिए भी कोई वैलिड डिग्री नहीं है। इनके पास कोई सीएमसी की डिग्री है, जो न तो देश और न ही प्रदेश में अलाउड है। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। विभागीय कार्रवाई की जा रही है। आरोपी बोला- सारे बिना डिग्री के बैठे हैं, मैं कोई अलग नहीं वहीं, आरोपी झोलाछाप डॉक्टर प्रवीन ने बताया कि वह करीब डेढ़ साल से क्लिनिक चला रहा है। कोई 10 दिन पहले उसके पास एमटीपी किट रखकर चला गया था। जब आरोपी से पूछा गया कि बिना डिग्री के क्लिनिक नहीं चला सकते, तो इस पर आरोपी डॉक्टर ने कहा कि सारे ही बिना डिग्री के बैठे है, मैं तो कोई न्यारा यानी अलग नहीं बैठा हुआ हूं। आरोपी ने यह भी माना कि एमटीपी बेचना गलत है। मेरे पास सीएमसी का डिग्री है, अब जब यह डिग्री अलाउड ही नहीं है तो बनाते ही क्यों है? हरियाणा | दैनिक भास्कर
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