करनाल जिले की घरौंडा विधानसभा में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। घरौंडा विधानसभा को फतेह करने के लिए बड़े नेताओं की एंट्री शुरू हो चुकी है। 2 दिन पहले बीजेपी के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल ने प्रबुद्ध जन सम्मेलन किया। वहीं आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष घरौंडा की धरती पर विजय संकल्प रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचेंगे।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी रैली में शामिल होंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष जीटी बेल्ट के दलित वोटर को साधने की कोशिश करेंगे। वही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा जाट वोटर्स पर पकड़ बनाने का प्रयास करेंगे।
भीतरघात व अंदरूनी कलह को खत्म करने की कोशिश राजनीतिक जानकारों की माने तो घरौंडा कांग्रेस में अंदरूनी कलह और भीतरघात हावी हो चुका है। विधानसभा चुनावों के अखाड़े में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर को बार-बार पछाड़ने वाले पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान खुलकर विरोध जता चुके है और मंच तक साझा करने से इनकार कर चुके है। सांगवान पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से अपना टिकट कटने का जवाब मांग रहे है। सांगवान ने इतना तो जरूर कहा है कि वे कांग्रेस के साथ है, लेकिन राठौर के लिए कोई वोट नहीं मांगेंगे। सांगवान तो यहां तक कह चुके है कि लोकसभा चुनावों के दौरान राठौर की नेगेटिव रिपोर्ट होने के बावजूद भी उन्हें टिकट दिया गया। भुप्पी का भी वोटर्स पर अच्छा होल्ड इसी प्रकार, सुरजेवाला गुट के युवा कांग्रेस नेता एवं टिकट के दावेदार भूपिंद्र लाठर भी सरेआम विरोध कर चुके है। वे भी बोल चुके है कि वे राठौर के साथ कोई भी मंच सांझा नहीं करेंगे। हालांकि टिकट कटने के बाद से ही भूप्पी लाठर भी नाराज चल रहे थे और उन्होंने तो आजाद चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया था, लेकिन बाद में फैसला वापस ले लिया गया। नरेंद्र सांगवान और भुप्पी लाठर का वोटर्स पर अच्छा होल्ड है। सूत्रों की माने तो अगर सांगवान और लाठर, राठौर के मंच पर नहीं आते है तो राठौर के लिए राह मुश्किल है, क्योंकि जाट वोटर्स का एक बड़ा धड़ा सांगवान और भुप्पी के पक्ष में है। इनके अतिरिक्त कांग्रेस नेता रघबीर संधू, उनके बेटे सोमिल संधू, सतपाल कश्यप कोहंड, वीरेंद्र लामरा व अन्य कुछ नेता भी राठौर के मंच से दूरी बनाए हुए है। बीजेपी की सेंधमारी- विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के 40 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया था। जिसमें वीरेंद्र राठौर की पत्नी भी थी। इन सभी में से राठौर को ही टिकट मिला। टिकट के प्रमुख दावेदार टिकट के वितरण से नाराज नजर आए। सूत्रों की माने तो बीजेपी ने मौके का फायदा उठाकर कांग्रेस में सेंध लगा दी और कुछ नेताओं को अपना पक्षधर बनाने में कामयाब हो गई। ऐसे में कांग्रेस के ही नेता कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनौती खड़ी कर रहे है। रैली से क्या डैमेज कंट्रोल कर पाएगी कांग्रेस कांग्रेस नेताओं ने अपनी ही कद्दावर नेता सैलजा के प्रति जाति सूचक टिप्पणी करके दलित समाज में रोष उत्पन्न कर दिया है। उधर घरौंडा में प्रमुख नेता कांग्रेस प्रत्याशी की टिकट को लेकर ही नाराज चल रहे है। इसके अतिरिक्त बीजेपी ने कांग्रेस ने नेताओं के बीच सेंधमारी कर दी है। जाट वर्ग का कुछ हिस्सा भी अंदरखाते सांगवान के पक्ष में नजर आ रहा है।
कांग्रेस नाराज नेताओं को रैली के मंच पर या फिर राठौर के मंच पर लाने में कामयाब होती है या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी। फिलहाल, इतनी चुनौतियों के बीच क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विजय संकल्प रैली के मार्फत डैमेज कंट्रोल कर पाएंगे या फिर नहीं, वह आज रैली के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन कांग्रेस में रैली को लेकर उत्साह जरूर है। करनाल जिले की घरौंडा विधानसभा में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। घरौंडा विधानसभा को फतेह करने के लिए बड़े नेताओं की एंट्री शुरू हो चुकी है। 2 दिन पहले बीजेपी के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल ने प्रबुद्ध जन सम्मेलन किया। वहीं आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष घरौंडा की धरती पर विजय संकल्प रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचेंगे।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी रैली में शामिल होंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष जीटी बेल्ट के दलित वोटर को साधने की कोशिश करेंगे। वही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा जाट वोटर्स पर पकड़ बनाने का प्रयास करेंगे।
भीतरघात व अंदरूनी कलह को खत्म करने की कोशिश राजनीतिक जानकारों की माने तो घरौंडा कांग्रेस में अंदरूनी कलह और भीतरघात हावी हो चुका है। विधानसभा चुनावों के अखाड़े में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर को बार-बार पछाड़ने वाले पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान खुलकर विरोध जता चुके है और मंच तक साझा करने से इनकार कर चुके है। सांगवान पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से अपना टिकट कटने का जवाब मांग रहे है। सांगवान ने इतना तो जरूर कहा है कि वे कांग्रेस के साथ है, लेकिन राठौर के लिए कोई वोट नहीं मांगेंगे। सांगवान तो यहां तक कह चुके है कि लोकसभा चुनावों के दौरान राठौर की नेगेटिव रिपोर्ट होने के बावजूद भी उन्हें टिकट दिया गया। भुप्पी का भी वोटर्स पर अच्छा होल्ड इसी प्रकार, सुरजेवाला गुट के युवा कांग्रेस नेता एवं टिकट के दावेदार भूपिंद्र लाठर भी सरेआम विरोध कर चुके है। वे भी बोल चुके है कि वे राठौर के साथ कोई भी मंच सांझा नहीं करेंगे। हालांकि टिकट कटने के बाद से ही भूप्पी लाठर भी नाराज चल रहे थे और उन्होंने तो आजाद चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया था, लेकिन बाद में फैसला वापस ले लिया गया। नरेंद्र सांगवान और भुप्पी लाठर का वोटर्स पर अच्छा होल्ड है। सूत्रों की माने तो अगर सांगवान और लाठर, राठौर के मंच पर नहीं आते है तो राठौर के लिए राह मुश्किल है, क्योंकि जाट वोटर्स का एक बड़ा धड़ा सांगवान और भुप्पी के पक्ष में है। इनके अतिरिक्त कांग्रेस नेता रघबीर संधू, उनके बेटे सोमिल संधू, सतपाल कश्यप कोहंड, वीरेंद्र लामरा व अन्य कुछ नेता भी राठौर के मंच से दूरी बनाए हुए है। बीजेपी की सेंधमारी- विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के 40 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया था। जिसमें वीरेंद्र राठौर की पत्नी भी थी। इन सभी में से राठौर को ही टिकट मिला। टिकट के प्रमुख दावेदार टिकट के वितरण से नाराज नजर आए। सूत्रों की माने तो बीजेपी ने मौके का फायदा उठाकर कांग्रेस में सेंध लगा दी और कुछ नेताओं को अपना पक्षधर बनाने में कामयाब हो गई। ऐसे में कांग्रेस के ही नेता कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनौती खड़ी कर रहे है। रैली से क्या डैमेज कंट्रोल कर पाएगी कांग्रेस कांग्रेस नेताओं ने अपनी ही कद्दावर नेता सैलजा के प्रति जाति सूचक टिप्पणी करके दलित समाज में रोष उत्पन्न कर दिया है। उधर घरौंडा में प्रमुख नेता कांग्रेस प्रत्याशी की टिकट को लेकर ही नाराज चल रहे है। इसके अतिरिक्त बीजेपी ने कांग्रेस ने नेताओं के बीच सेंधमारी कर दी है। जाट वर्ग का कुछ हिस्सा भी अंदरखाते सांगवान के पक्ष में नजर आ रहा है।
कांग्रेस नाराज नेताओं को रैली के मंच पर या फिर राठौर के मंच पर लाने में कामयाब होती है या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी। फिलहाल, इतनी चुनौतियों के बीच क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विजय संकल्प रैली के मार्फत डैमेज कंट्रोल कर पाएंगे या फिर नहीं, वह आज रैली के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन कांग्रेस में रैली को लेकर उत्साह जरूर है। हरियाणा | दैनिक भास्कर