हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी करनाल के कर्ण कमल कार्यालय पहुंची, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 दिसंबर को होने वाले पानीपत दौरे की तैयारियों को लेकर बैठक की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की स्थिति पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी की आंतरिक कलह और कमजोर नेतृत्व के कारण जनता ने उसे बार-बार विपक्ष में बैठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सही समय पर निर्णय लेने में विफल रही और सत्ता की राजनीति में उलझ कर जनता के भलाई से दूर हो गई। मंत्री ने कहा कि पार्टी बाप-बेटे की राजनीति तक सीमित रह गई है, जिससे भारी नुकसान हुआ है। अगर कांग्रेस सही रास्ते पर रहती तो इतने लोग कांग्रेस को नहीं छोड़ते। कांग्रेस ने आज खुद को ही कटघरे में खड़ा कर लिया है। किसान हमारे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी किसानों के दिल्ली कूच के सवाल पर श्रुति चौधरी ने कहा कि किसान हमारे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी है और हमारी सरकार ने किसानों के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए है। हरियाणा ही एकमात्र प्रदेश है, जहां 24 फसलों के लिए एमएसपी दी जा रही है और एक एक दाने की खरीद हो, इसके लिए शुरू से ही दिशा निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिए हुए है। डीबीटी के तहत 16 हजार करोड़ रुपए डायरेक्ट किसानों के खातों में गया है। यह वह सरकार है, जो चाहती है कि किसान भाई अपने आपको आर्थिक रूप से मजबूत समझे। एसआरके गुट के सवाल पर बोली श्रुति चौधरी SRK गुट में से K भाजपा में आ गया, क्या SR को भी भाजपा में लाने की बात चल रह है। इस पर श्रुति चौधरी ने कहा कि भाजपा फ्यूचर का युग है और यह वह पार्टी है, जो काम करने का मौका देती है। जो आना चाहते है, वह पार्टी का निर्णय है। ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते है बच्चे ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने और गाड़ियां साफ करने वाले बच्चों के सवाल पर श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार प्रतिबद्ध है कि हमारे बच्चों के लिए बहुत सारी योजनाएं है और खासतौर पर जिन बच्चों की बात की जा रही है, काम हुआ है और आगे भी काम की जरूरत है, क्योंकि ये सशक्तिकरण का हिस्सा है। जितनी भी स्कीम बनी है, उनका लाभ हमारे लोगों तक पहुंचे। बिजली बिल न भरने पर कनेक्शन कटा करनाल के महिला एवं बाल विकास कार्यालय में बिजली का बिल न भरे जाने से कनेक्शन काट दिया गया? इस सवाल पर श्रुति चौधरी ने कहा कि यह मामला मेरे नोटिस में मीडिया के माध्यम से आया है, इस पर पूरा संज्ञान लिया जाएगा और पूरी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी करनाल के कर्ण कमल कार्यालय पहुंची, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 दिसंबर को होने वाले पानीपत दौरे की तैयारियों को लेकर बैठक की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की स्थिति पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी की आंतरिक कलह और कमजोर नेतृत्व के कारण जनता ने उसे बार-बार विपक्ष में बैठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सही समय पर निर्णय लेने में विफल रही और सत्ता की राजनीति में उलझ कर जनता के भलाई से दूर हो गई। मंत्री ने कहा कि पार्टी बाप-बेटे की राजनीति तक सीमित रह गई है, जिससे भारी नुकसान हुआ है। अगर कांग्रेस सही रास्ते पर रहती तो इतने लोग कांग्रेस को नहीं छोड़ते। कांग्रेस ने आज खुद को ही कटघरे में खड़ा कर लिया है। किसान हमारे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी किसानों के दिल्ली कूच के सवाल पर श्रुति चौधरी ने कहा कि किसान हमारे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी है और हमारी सरकार ने किसानों के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए है। हरियाणा ही एकमात्र प्रदेश है, जहां 24 फसलों के लिए एमएसपी दी जा रही है और एक एक दाने की खरीद हो, इसके लिए शुरू से ही दिशा निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिए हुए है। डीबीटी के तहत 16 हजार करोड़ रुपए डायरेक्ट किसानों के खातों में गया है। यह वह सरकार है, जो चाहती है कि किसान भाई अपने आपको आर्थिक रूप से मजबूत समझे। एसआरके गुट के सवाल पर बोली श्रुति चौधरी SRK गुट में से K भाजपा में आ गया, क्या SR को भी भाजपा में लाने की बात चल रह है। इस पर श्रुति चौधरी ने कहा कि भाजपा फ्यूचर का युग है और यह वह पार्टी है, जो काम करने का मौका देती है। जो आना चाहते है, वह पार्टी का निर्णय है। ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते है बच्चे ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने और गाड़ियां साफ करने वाले बच्चों के सवाल पर श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार प्रतिबद्ध है कि हमारे बच्चों के लिए बहुत सारी योजनाएं है और खासतौर पर जिन बच्चों की बात की जा रही है, काम हुआ है और आगे भी काम की जरूरत है, क्योंकि ये सशक्तिकरण का हिस्सा है। जितनी भी स्कीम बनी है, उनका लाभ हमारे लोगों तक पहुंचे। बिजली बिल न भरने पर कनेक्शन कटा करनाल के महिला एवं बाल विकास कार्यालय में बिजली का बिल न भरे जाने से कनेक्शन काट दिया गया? इस सवाल पर श्रुति चौधरी ने कहा कि यह मामला मेरे नोटिस में मीडिया के माध्यम से आया है, इस पर पूरा संज्ञान लिया जाएगा और पूरी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दुष्यंत बोले-मैं BJP के साथ नहीं जाऊंगा:INDIA गठबंधन में जाने को तैयार, केंद्रीय मंत्री खट्टर बोले- किसने बुलाया उनको “मैं अब भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा, जिनकी वजह से उनकी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। मैं एनडीए में रहा हूं। हमने साढ़े 4 साल तक उनका साथ दिया। शायद ही देश की कोई और पार्टी इतने लंबे समय तक उनका साथ दिया हो, लेकिन हमें सम्मान नहीं मिला। हमारा उनसे कोई झगड़ा नहीं था। हमने उनसे कहा था कि हमें कोई लोकसभा सीट नहीं चाहिए, बस पेंशन बढ़ाकर 5100 रुपए कर दीजिए। लेकिन न तो उन्होंने पेंशन बढ़ाकर 5100 रुपए करने की बात की और न ही सीट बंटवारे पर कोई सहमति बनी। उन्होंने अपना रास्ता चुना और हम भी अलग हो गए।” हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने एक मीडिया एजेंसी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने INDIA गठबंधन के साथ गठजोड़ पर कहा कि देखते हैं अगर हमारे पास संख्या होती है और हां अगर हमारी पार्टी को प्राथमिकता दी जाती है तो क्यों नहीं। दुष्यंत के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसने बुलाया उनको। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भाजपा तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाएगी, एक नया रिकॉर्ड बनेगा। हम हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जीत हासिल करेंगे। अब पढ़िए दुष्यंत चौटाला के इंटरव्यू की 5 अहम बातें… 1. मेरी कोई गलती है तो मैं माफी मांग रहा हूं
लोकसभा चुनाव में मिली हार पर दुष्यंत ने कहा-हम आज भी कॉन्फिडेंस में है। जो होना था हो गया, जो गुस्सा था वो निकल गया। हरियाणा में एक कहावत है, आपने को मारे तो छाया में गैरों, मतलब अगर कोई अपना मारता है तो उसे धूप से बचाने के लिए छाया में डालता है। मेरी कोई गलती है तो मैं माफी मांग रहा हूं। क्योंकि हरियाणा के 2 करोड़ लोग मेरे अपने हैं। ये कोई तमिलनाडु से थोड़े आए हैं। मुझे लगता है कि मुझे गले लगाएंगे। 2. जातिगत जनगणना होनी चाहिए
दुष्यंत चौटाला ने इंटरव्यू के दौरान जातिगत जनगणना पर भी बात की। उन्होंने कहा- जातिगत जनगणना होनी चाहिए। ताकि देश के लोगों को सब कुछ पता चल सके। कई देशों में जातिगत जनगणना भी होती है। मुझे हैरानी है कि 2020 में देश में जातिगत जनगणना के अलावा जनसंख्या भी होनी थी। प्रधानमंत्री देश में 140 करोड़ लोगों की बात करते हैं, कोई 141 करोड़ की बात करता है। सबसे पहले जनसंख्या गणना भी होनी चाहिए, ताकि असली आंकड़ा पता चल सकें। क्योंकि प्रधानमंत्री अपने भाषणों में कहते हैं कि हमने इतने लाख लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। उदाहरण के तौर पर बता दूं कि जब मेरे पास हरियाणा में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय था। 12 लाख नए बीपीएल कार्ड बनाए गए थे। अब देखिए जनसंख्या का सही आंकड़ा न होने के कारण दोनों में कितना अंतर है। 3. विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग हैं
दुष्यंत ने कहा कि हर विधानसभा में हमारा संगठन और कार्यकर्ता है। पिछली बार जब लोकसभा में उतरे तो हमें कोई सीट नहीं मिली, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी ने 10 सीटें जीती थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी हमने बहुत अच्छा किया। छोटी-पर्ची (विधानसभा चुनाव) और बड़ी पर्ची (लोकसभा चुनाव) का जिक्र करते हुए दुष्यंत ने कहा-लोकसभा में मुद्दे और एजेंडा अलग थे, लेकिन छोटी पर्ची यानी विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग हैं। नायब सैनी के कार्यकाल में बढ़े क्राइम से लेकर अन्य तमाम मुद्दे हैं। 4. छोटे स्वार्थ में वर्षों के याराने गए
पिछले कुछ दिनों में दुष्यंत चौटाला की पार्टी के 6 विधायक उनका साथ छोड़ चुके हैं। इस पर दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा का एक शेयर सुनाते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा-‘छोटे से स्वार्थ के लिए वर्षों के याराने गए, अच्छा हुआ ऐ दोस्त कुछ नकली चेहरे पहचाने गए। ताकत होगी तो लोग साथ आएंगे और कमजोरी होगी तो छोड़ भी जाएंगे, लेकिन मुझे उम्मीद है कि जनता हमें ताकत देगी और फिर से नए चेहरे आएंगे। उन्होंने कहा- मैंने कहा था कि जिस दिन केंद्र सरकार एमएसपी को नुकसान पहुंचाएगी, मैं अलग हो जाऊंगा। मैं प्रधानमंत्री से भी दो बार मिला था। मैंने उनसे भी कहा था कि हम एमएसपी पर समझौता नहीं करेंगे। इसके बावजूद एक आंदोलन खड़ा किया गया। जिसमें दुष्यंत को निशाना बनाया गया। 5. नायब सैनी ने मनोहर के कामों पर यू-टर्न लिए
दुष्यंत चौटाला ने कहा- जब मैंने हरियाणा में सिविल एविएशन डिपार्टमेंट का जिम्मा संभाला तो ताजुब की बात है सिर्फ 38 करोड़ रुपए का बजट था। जब मैंने अधिकारियों से पूछा तो बताया गया कि 48 लोगों का स्टाफ है। ये सिर्फ मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर और जहाज तक ही सीमित थे, लेकिन हिसार एयरपोर्ट मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था। हमने सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के जरिए बड़े स्तर पर काम किया और जब मैंने डिपार्टमेंट छोड़ा तो इसका बजट 3 हजार 982 करोड़ रुपए था। जब नायब सैनी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में 94 दिन का विजन पेश किया, लेकिन 2-3 दिन बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। नायब सैनी मनोहर के कामों पर यू-टर्न लेने में लगे हैं। अगर नायब सैनी को सिर्फ इतना ही टर्न लेने के लिए लाया गया था तो बेहतर होता कि मनोहर लाल खुद उनसे यू-टर्न ले लेते।
सिरसा में एक और युवक की नशे से मौत:कालांवाली में झाड़ियों में मिला शव; 15 दिनों में 4 युवाओं की जा चुकी जान
सिरसा में एक और युवक की नशे से मौत:कालांवाली में झाड़ियों में मिला शव; 15 दिनों में 4 युवाओं की जा चुकी जान हरियाणा के सिरसा में पुलिस जिला डबवाली में नशे के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोजाना किसी न किसी युवक की नशे के कारण मौत सामने आ रही है। कई मामलों को परिवार के बीच ही दबा दिया जाता है। वहीं पुलिस अपनी कार्रवाई में इत्फ़ाकिया मौत दर्शा कर मामले से पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन नशे से हो रही मौतों की हकीकत इससे कुछ अलग है। कालांवाली में शनिवार को एक युवक रेलवे लाइन के पास झाड़ियों में मृत मिला। उसके पास ही एक इंजेक्शन भी पड़ा हुआ पुलिस को मिला है। इससे युवक की मौत का कारण नशे की ओवरडोज को माना जा रहा है। युवक कालांवाली के वार्ड नंबर 8 का रहने वाला था। लोगों का कहना है कि अक्सर यहां नशे की पूर्ति के लिए युवा आते हैं। दो-तीन बार पुलिस को भी इसके बारे में सूचना दी गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया था।तब पुलिस को देखकर नशेड़ी किस्म के युवक यहां से भाग खड़े हुए थे। लेकिन शनिवार को एक युवक नशे का शिकार हो गया और उसका शव झाड़ियों में मिला। बता दे कि इससे पहले डबवाली में रविवार को 23 जून को एक युवा पेंटर की नशे के कारण मौत हो गई थी जिसके पास भी इंजेक्शन पाया गया था। वही कुछ दिन पहले ही महाग्राम गंगा के 20 वर्षीय युवक की जब चिट्टे की तलब पूरी न हुई थी तो वह गोलियों का घोल बनाकर ही इंजेक्शन लगने लगा था और पिछले 4 साल से नशे की चपेट में था। जिसकी हालत गंभीर होने के कारण उसके परिजन 27 जून को डबवाली से सिरसा इलाज के लिए लेकर गए थे लेकिन उसने भी दम तोड़ दिया था। वही 15 जून को डबवाली के लोग में एक युवक की नशे के कारण मौत हो गई थी उसकी उम्र भी लगभग 21 साल थी लेकिन एक माह में ही नशे के चार मामले सामने आना नशे पर काबू न पाया जाना कहीं ना कहीं सरकार के ड्रग विभाग और प्रशासन की नाकामी साबित हो रही है।