हरियाणा के करनाल में एक संदिग्ध मामला सामने आया है, जहां एक विवाहिता ने छत से कूदकर जान दे दी और दूसरी बहन बेहोश हो गई। दरअसल, लड़की के माता-पिता का आरोप है कि उनकी दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में हुई थी। कार की मांग के चलते एक बेटी को छत से फेंककर मार दिया गया। जबकि दूसरी को जहरीला पदार्थ पिला दिया गया। जिससे वह बेहोश हो गई। मामले की जांच के बाद घरौंडा थाना पुलिस ने बताया कि विवाहिता ने खुद ही छत से छलांग लगा ली और उसका शव देखकर उसकी दूसरी बहन बेहोश हो गई। वह अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत सामान्य है। हालांकि, पुलिस परिजनों के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। ये हैं लड़की के परिजनों के आरोप जानकारी देते हुए संतोष ने बताया कि दो बहनें की उनकी नातिन हैं। एक का नाम राधा और दूसरी का नाम रजनी है। दोनों की शादी करीब 2 साल पहले करनाल के फरीदपुर गांव में हुई थी। शादी के बाद से ही कार की मांग शुरू हो गई थी। ससुराल वाले मारपीट करते थे। पंचायत में कई बार उन्हें समझाया जा चुका है। इतना ही नहीं 20 दिन पहले थाने में शिकायत भी की थी। जिस पर आरोपियों ने माफी मांगकर समझौता कर लिया। वे उसे घर ले गए और फिर से वही अत्याचार शुरू कर दिया। लड़की के परिजनों का आरोप है कि बीती रात राधा को घर की तीसरी मंजिल से नीचे फेंककर मार दिया गया। जबकि रजनी को कोई जहरीला पदार्थ खिला दिया गया। जिससे वह बेहोश हो गई। हालांकि परिजनों का यह भी आरोप है कि राधा को पहले मारा गया और फिर उसे छत से फेंक दिया गया ताकि हादसा दिखाया जा सके। वहीं दूसरी बेटी को कोई जहरीला पदार्थ खिला दिया गया ताकि वह किसी को कुछ न बता सके। हरियाणा के करनाल में एक संदिग्ध मामला सामने आया है, जहां एक विवाहिता ने छत से कूदकर जान दे दी और दूसरी बहन बेहोश हो गई। दरअसल, लड़की के माता-पिता का आरोप है कि उनकी दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में हुई थी। कार की मांग के चलते एक बेटी को छत से फेंककर मार दिया गया। जबकि दूसरी को जहरीला पदार्थ पिला दिया गया। जिससे वह बेहोश हो गई। मामले की जांच के बाद घरौंडा थाना पुलिस ने बताया कि विवाहिता ने खुद ही छत से छलांग लगा ली और उसका शव देखकर उसकी दूसरी बहन बेहोश हो गई। वह अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत सामान्य है। हालांकि, पुलिस परिजनों के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। ये हैं लड़की के परिजनों के आरोप जानकारी देते हुए संतोष ने बताया कि दो बहनें की उनकी नातिन हैं। एक का नाम राधा और दूसरी का नाम रजनी है। दोनों की शादी करीब 2 साल पहले करनाल के फरीदपुर गांव में हुई थी। शादी के बाद से ही कार की मांग शुरू हो गई थी। ससुराल वाले मारपीट करते थे। पंचायत में कई बार उन्हें समझाया जा चुका है। इतना ही नहीं 20 दिन पहले थाने में शिकायत भी की थी। जिस पर आरोपियों ने माफी मांगकर समझौता कर लिया। वे उसे घर ले गए और फिर से वही अत्याचार शुरू कर दिया। लड़की के परिजनों का आरोप है कि बीती रात राधा को घर की तीसरी मंजिल से नीचे फेंककर मार दिया गया। जबकि रजनी को कोई जहरीला पदार्थ खिला दिया गया। जिससे वह बेहोश हो गई। हालांकि परिजनों का यह भी आरोप है कि राधा को पहले मारा गया और फिर उसे छत से फेंक दिया गया ताकि हादसा दिखाया जा सके। वहीं दूसरी बेटी को कोई जहरीला पदार्थ खिला दिया गया ताकि वह किसी को कुछ न बता सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
मनु भाकर बोलीं-फाइनल में दिमाग में गीता चल रही थी:कृष्ण ने अर्जुन को कहा था-लक्ष्य पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं; ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता
मनु भाकर बोलीं-फाइनल में दिमाग में गीता चल रही थी:कृष्ण ने अर्जुन को कहा था-लक्ष्य पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं; ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली हरियाणा की शूटर मनु भाकर ने अपनी कामयाबी के पीछे श्रीमद्भागवत गीता को बताया है। मनु भाकर ने रविवार को 10 मीटर शूटिंग में मेडल जीता। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। यही नहीं, पेरिस ओलिंपिक में पहला मेडल भी उन्होंने ही दिलाया। मेडल जीतने के बाद मनु भाकर ने कहा-” मैं गीता बहुत पढ़ती हूं। उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि सिर्फ वह करो, जो तुम्हें करना है। अपना सर्वश्रेष्ठ करो और बाकी सब कुछ छोड़ दो। आप डेस्टिनी को कंट्रोल नहीं कर सकते कि इसका क्या परिणाम होगा।” मनु ने आगे कहा- ”गीता में भी कृष्ण ने अर्जुन को कहा कि अपने लक्ष्य पर ध्यान दो न कि इस कर्म के परिणाम पर। उस वक्त मेरे दिमाग में यही चल रहा था, कि सिर्फ अपना काम करो, बाकी सब छोड़ दो।” मनु भाकर ने कहा कि वह रोजाना गीता के श्लोक पढ़ती हैं। गीता से ही उनको आगे बढ़ने और कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। मनु ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की। हालांकि यह ब्रॉन्ज मेडल है। मगर मैं इससे खुश हूं। टोक्यो ओलिंपिक के बाद यह मेरे लिए बड़ी लड़ाई थी तो मैंने पूरी ऊर्जा के साथ इस खेल को खेला। मेडल जीतने के बाद मनु भाकर की 3 तस्वीरें… 12 साल बाद शूटिंग में मेडल दिलाया
मनु भाकर हरियाणा में झज्जर की रहने वाली हैं। 12 साल बाद मनु भाकर ने भारत को शूटिंग में पदक दिलाया है। भारत ने एथेंस 2004 से लंदन 2012 ओलिंपिक में लगातार 3 मेडल जीते। हालांकि इसके अगले 2 ओलिंपिक में शूटिंग में भारत को कुछ नहीं मिला। 2004 के एथेंस ओलिंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पुरुषों के डबल ट्रैप में सिल्वर मेडल जीता था। 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड जीता था। लंदन ओलिंपिक में गगन नारंग ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सिल्वर और विजय कुमार ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता था। भाकर बोलीं- फाइनल तनावपूर्ण था, मैंने हार नहीं मानी
मेडल जीतने के बाद भाकर ने कहा- “मैंने अंतिम क्षण तक अपना पूरा प्रयास किया। हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करती रही। पूरा फाइनल तनावपूर्ण था। मुझे पता था कि मुझे खुद को संभालना होगा। मुझे ऐसा कुछ नहीं करना होगा जो मैं सामान्य रूप से नहीं करती हूं। बस अपनी स्पीड से चलते रहो, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो और बाकी सब कुछ वहीं छोड़ दो।” ओलिंपिक में जाने से पहले कहा था- इंडिया की जर्सी चाहिए पेरिस ओलिंपिक में जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी खिलाड़ियों से मिले थे। इस दौरान मनु भाकर ने कहा- मैं दूसरी बार ओलिंपिक में देश को रिप्रेजेंट कर रही हूं। 2018 में खेलो इंडिया गेम्स का फर्स्ट एडिशन था। उसमें मैंने नेशनल रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उसके बाद ही मैं टॉप्स कोर ग्रुप में आ गई। तब से बस यही था कि इंडिया की जर्सी चाहिए। इंडिया के लिए खेलना है। मनु भाकर की मां बोली- 12-12 घंटे खड़े होकर शूटिंग प्रैक्टिस की
मनु की मां सुमेधा ने कहा- “मनु ने पदक जीतने के लिए काफी मेहनत की है। मनु 12-12 घंटे खड़े होकर मेहनत करती थी। मैं मनु के साथ हमेशा रहती थी। मनु के खाने-पीने का ध्यान रखती थी। मैं यही सोचती थी कि मनु को खाने में क्या देना है। ओलिंपिक की तैयारी के लिए मनु भाकर ने 4 साल तक किसी पार्टी या जश्न में हिस्सा नहीं लिया। उसका पूरा फोकस सिर्फ गेम पर था। वह किसी की बर्थडे पार्टी में तक नहीं गई।” सुमेधा ने कहा- ‘ओलिंपिक के बाद हम आप सभी को एक सरप्राइज देंगे। इस बारे में मैं आप सबको अभी नहीं बताऊंगी। अक्तूबर-नवंबर में हम आपके सामने एक शो रखेंगे और मनु उसे प्रेजेंट करेगी। आप लोगों से यही दुआ है कि अपने बच्चों के साथ जुड़कर रहिए।’ मेरे पहले बेटा हुआ, मैं चाहती थी एक बेटी हो
मनु की मां सुमेधा ने भी मनु के बारे में कई दिलचस्प बातें सामने रखीं। सुमेधा ने बताया कि “शादी होते ही मेरे घर में बेटा आ गया था, लेकिन मेरी एक दिली ख्वाहिश थी कि मेरे घर में एक बेटी आए। मैं भिवानी कॉलेज में ओटी करती थी। जब मैं प्रेग्नेंट थी तो भगवान से प्रार्थना करती थी कि मुझे बेटी दे दो। मेरा बेटा जब छोटा था तो उसे बेटी के ही कपड़े पहनाती थी। मुझे मेरे घर में लक्ष्मी चाहिए थी। क्योंकि जब घर में बेटी होती है तो वो घर चहकता है। जब भी मनु बाहर जाती है, बेटा घर पर होता है, पति घर पर होते हैं, लेकिन घर में रौनक नहीं होती है। जब बेटा बेटी दोनों घर पर होते हैं तो घर में इतनी खुशहाली होती है, हम पूरे दिन हंसते रहते हैं। इसलिए हर घर में बेटी तो जरूर होनी ही चाहिए”। पिता बोले- यह तो शुरुआत है
पिता रवि किशन भाकर ने बताया कि” मेरे से ज्यादा मेरी सोसाइटी वाले खुश हैं। पूरा देश खुश है कि मनु ने शुरुआत की है ओलिंपिक में मेडल की और अभी तो मनु के इवेंट्स बाकी हैं। जयपाल राणा के साथ जुड़ने के बाद मनु का हौसला बुलंद है। मनु की कामयाबी से उन बच्चों का हौसला बढ़ेगा जो शूटिंग में मेहनत कर रहे हैं। हरियाणा से ही 20 हजार बच्चे शूटिंग में मेहनत कर रहे हैं”। मनु की कामयाबी से बाकि खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा : राठौड़
शूटिंग में देश को पहला ओलिंपिक मेडल दिलाने वाले शूटर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ओपनिंग सेरेमनी के दूसरे दिन ही मेडल जीतना बड़ा शुभ संकेत रहता है। इस कारण से सभी खिलाड़ियों के हौसले बुलंद होंगे। एक पॉजीटिविटी होगी। मनु भाकर, जिसने 10 मीटर शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है, मेरी तरफ से बधाई। कई सालों की मेहनत रंग लाई है। मनु के परिवार ने कितना समझौता किया होगा, परिवार की मेहनत रही होगी, मैं परिवार को भी बधाई देता हूं”। ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणवी छोरी ने देश को दिलाया पहला मेडल:पेरिस ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज, पहली भारतीय महिला शूटर बनीं, दादी बोलीं- सोने की टूम पहनाऊंगी
बादली में गेट के नीचे दबने से चौकीदार की मौत:स्कूल में नाइट ड्यूटी पर अकेला था; सुबह लोगों को पड़ा मिला शव
बादली में गेट के नीचे दबने से चौकीदार की मौत:स्कूल में नाइट ड्यूटी पर अकेला था; सुबह लोगों को पड़ा मिला शव झज्जर के बादली में स्कूल का गेट गिरने से चौकीदार दब गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक रात में ड्यूटी पर था। सुबह जब लोगों ने देखा, तो पुलिस को सूचना दी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर ही है। घटना देर रात बादली-बहादुरगढ़ रोड स्थित मिल्ड फील्ड हाई स्कूल की है। मृतक की पहचान 65 वर्षीय चौकीदार हवासिंह के नाम से हुई है। वह स्कूल में चौकीदार की नौकरी करता था। रात में मदद के लिए नहीं पहुंचा कोई व्यक्ति बादली थाना प्रभारी राकेश कुमार के अनुसार, रात के समय अज्ञात कारणों से स्कूल का मुख्य गेट अचानक गिर गया। जिससे नीचे चौकीदार हवासिंह दब गया। रात का समय होने के कारण कोई मदद नहीं मिल पाई और उसकी मौत हो गई। सुबह जब आसपास के लोगों ने चौकीदार को गेट के नीचे देखा, तो तुरंत स्कूल प्रबंधन और बादली पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने मौके का मुआयना किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल भेज दिया। मामले की जांच कर रही पुलिस पुलिस जांच अधिकारी सुनील के नेतृत्व में मामले की गहन जांच कर रही है। विशेष रूप से यह पता लगाया जा रहा है कि गेट किन कारणों से गिरा। फिलहाल किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी।
कैथल में 19 जनवरी को HSGMC का चुनाव:चार उम्मीदवार मैदान में; मतदाता के लिए तीन वार्ड बनाए, कंट्रोल यूनिट अलॉट
कैथल में 19 जनवरी को HSGMC का चुनाव:चार उम्मीदवार मैदान में; मतदाता के लिए तीन वार्ड बनाए, कंट्रोल यूनिट अलॉट कैथल में19 जनवरी को हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी(HSGMC) का चुनाव होना है। इसके लिए जिले में तीन बूथ बनाए गए हैं। इनमें से एक कांगथली में है और दो कैथल में बनाए गए हैं। मेंबर बनने के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव के लिए कैथल में वार्ड-20 से लेकर 22 तक बनाए गए हैं। इनमें गुहला-चीका का वार्ड नंबर- 20 है, जिसे कांगथली में बनाया गया है। इसके अलावा दो वार्ड कैथल में बना गए हैं। 21 व 22 वार्ड के लिए कैथल शहर में बूथ बने हैं। इन वार्डों में मेंबर बनने के लिए गुरचरण सिंह, बलदेव सिंह, सतिंद्र सिंह व उत्तम सिंह ने नामांकन किया है। बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट अलॉट चुनाव को लेकर उम्मीदवार भी जोरों से प्रचार में जुट हैं। घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है। डीसी प्रीति ने बताया कि चुनाव को लेकर बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट अलॉट की जा चुकी हैं। पोलिंग पार्टियों को मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बूथों पर सुरक्षा को लेकर प्रबंध किए जा रहे हैं।