हरियाणा के करनाल के बल्ला गांव में एक विवाहिता ने अपने पति और ससुराल वालों पर हमला करने का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि शादी के महज 10 दिन बाद ही साजिश के तहत उसके पति को गायब कर दिया गया और ससुराल वालों ने उस पर पानीपत में रहने का दबाव बनाया। ससुराल वालों ने आश्वासन दिया था कि वे उसे पानीपत से ससुराल ले जाएंगे, लेकिन वे नहीं आए। जिसके बाद जब विवाहिता अपने मायके वालों के साथ ससुराल पहुंची तो वहां उन लोगों ने उस पर हमला कर दिया। उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी और शिकायत के आधार पर पुलिस ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 19 फरवरी 2024 को हुई थी शादी पानीपत की बेटी की शादी 19 फरवरी 2024 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार बल्ला गांव निवासी रामरत्न से हुई थी। शादी के महज 10 दिन बाद ही उसका पति बिना कुछ बताए घर से गायब हो गया। उसके परिजनों ने पानीपत थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद रामरत्न के परिजनों ने उसे पानीपत में किराए के मकान में रहने या अपने माता-पिता के घर जाने को कहा और आश्वासन दिया कि वे बाद में उसे अपने गांव बल्ला ले जाएंगे। कई महीनों तक रही पूछती विवाहिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह कई महीनों तक अपने ससुराल वालों से पूछती रहीं कि कब उन्हें घर लेकर जाया जाएगा, लेकिन उनके पति ना तो फोन उठाते थे और ना ही उनके किसी संदेश का उत्तर देते थे। तंग आकर वह 21 जुलाई को अपने पति के गांव बल्ला रहने चली गईं। वहां पहुंचते ही उनकी सास और दोनों जेठानियों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि वह बिना इजाजत घर में कैसे आ गईं। इसके बाद उनके पति ने फोन करके धमकाया कि अगर वह घर वापस नहीं गईं तो उनके साथ मारपीट करेंगे। मायके वालों को दी धमकी पीड़िता आगे शिकायत में बताया कि उसके पति और ससुराल वालों ने उसे और उनके मायके वालों को धमकी दी कि अगर वह वहां से नहीं गए तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। जिसके बाद मैंने अपनी और अपने मायके परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए पुलिस से मदद मांगी है। 1 अगस्त को गई दोबारा ससुराल 1 अगस्त को जब वह अपने मायके वालों के साथ ससुराल गईं, तो वहां पहुंचते ही उनके पति रामरत्न, सास, जेठों, जेठानियां ने कस्सी और डंडों से उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उसे और उनके परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए। गांव के लोगों ने किया बीच बचाव विवाहिता ने आगे अपनी शिकायत में बताया कि गांव की पड़ोस की महिलाएं और अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया। इस दौरान उनकी मां के सोने के आभूषण भी खींचकर चोरी कर लिए गए। जिसके बाद मामले की शिकायत मूनक थाना पुलिस को की गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों की स्थिति का जायजा लिया और घटनास्थल की जांच की। जांच अधिकारी योगेश ने बताया कि विवाहिता की शिकायत के आधार पर पति सहित ससुराल पक्ष के 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्जकर मामले की जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के करनाल के बल्ला गांव में एक विवाहिता ने अपने पति और ससुराल वालों पर हमला करने का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि शादी के महज 10 दिन बाद ही साजिश के तहत उसके पति को गायब कर दिया गया और ससुराल वालों ने उस पर पानीपत में रहने का दबाव बनाया। ससुराल वालों ने आश्वासन दिया था कि वे उसे पानीपत से ससुराल ले जाएंगे, लेकिन वे नहीं आए। जिसके बाद जब विवाहिता अपने मायके वालों के साथ ससुराल पहुंची तो वहां उन लोगों ने उस पर हमला कर दिया। उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी और शिकायत के आधार पर पुलिस ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 19 फरवरी 2024 को हुई थी शादी पानीपत की बेटी की शादी 19 फरवरी 2024 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार बल्ला गांव निवासी रामरत्न से हुई थी। शादी के महज 10 दिन बाद ही उसका पति बिना कुछ बताए घर से गायब हो गया। उसके परिजनों ने पानीपत थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद रामरत्न के परिजनों ने उसे पानीपत में किराए के मकान में रहने या अपने माता-पिता के घर जाने को कहा और आश्वासन दिया कि वे बाद में उसे अपने गांव बल्ला ले जाएंगे। कई महीनों तक रही पूछती विवाहिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह कई महीनों तक अपने ससुराल वालों से पूछती रहीं कि कब उन्हें घर लेकर जाया जाएगा, लेकिन उनके पति ना तो फोन उठाते थे और ना ही उनके किसी संदेश का उत्तर देते थे। तंग आकर वह 21 जुलाई को अपने पति के गांव बल्ला रहने चली गईं। वहां पहुंचते ही उनकी सास और दोनों जेठानियों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि वह बिना इजाजत घर में कैसे आ गईं। इसके बाद उनके पति ने फोन करके धमकाया कि अगर वह घर वापस नहीं गईं तो उनके साथ मारपीट करेंगे। मायके वालों को दी धमकी पीड़िता आगे शिकायत में बताया कि उसके पति और ससुराल वालों ने उसे और उनके मायके वालों को धमकी दी कि अगर वह वहां से नहीं गए तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। जिसके बाद मैंने अपनी और अपने मायके परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए पुलिस से मदद मांगी है। 1 अगस्त को गई दोबारा ससुराल 1 अगस्त को जब वह अपने मायके वालों के साथ ससुराल गईं, तो वहां पहुंचते ही उनके पति रामरत्न, सास, जेठों, जेठानियां ने कस्सी और डंडों से उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उसे और उनके परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए। गांव के लोगों ने किया बीच बचाव विवाहिता ने आगे अपनी शिकायत में बताया कि गांव की पड़ोस की महिलाएं और अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया। इस दौरान उनकी मां के सोने के आभूषण भी खींचकर चोरी कर लिए गए। जिसके बाद मामले की शिकायत मूनक थाना पुलिस को की गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों की स्थिति का जायजा लिया और घटनास्थल की जांच की। जांच अधिकारी योगेश ने बताया कि विवाहिता की शिकायत के आधार पर पति सहित ससुराल पक्ष के 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्जकर मामले की जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
फरीदाबाद में पुलिस जवान ने किया सुसाइड:फांसी पर लटका मिला शव, रेवाड़ी जिले के थे रहने वाले, मानसिक रूप से थे परेशान
फरीदाबाद में पुलिस जवान ने किया सुसाइड:फांसी पर लटका मिला शव, रेवाड़ी जिले के थे रहने वाले, मानसिक रूप से थे परेशान हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सेक्टर-30 स्थित पुलिस लाइन में तैनात एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) ने जंगले में बंधी रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान मूलरूप से रेवाड़ी के रोड़ाई गांव निवासी 42 वर्षीय उमराव सिंह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान थे। सूचना पर पहुंची पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। फांसी पर लटका मिला शव पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक उमराव सिंह करीब 23 साल से हरियाणा में पुलिस में थे। उनकी ड्यूटी पुलिस लाइन में लगी थी। वह पुलिस लाइन में अकेले रह रहे थे। साथ ही मधुमेह आदि बीमारी से ग्रसित थे। इससे वह मानसिक तनाव में रहते थे। सुबह करीब छह बजे उमराव जब अपने कमरे से बाहर नहीं आए तो अन्य साथी उन्हें उठाने गए। काफी देर तक उन्हें आवाज दी गई। जब वह बाहर नहीं आए तो खिड़की से देखा गया। वह जंगले में बंधी रस्सी से लटके थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा इसकी सूचना तुरंत पुलिस लाइन में तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को दी गई। साथ ही सेक्टर-30 थाना पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल भेज दिया है। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ऐसे में आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है। पुलिस मृतक के परिजन से भी आत्महत्या के कारणों की जानकारी जुटाएगी।
रोहतक में 25 को पंजाबी महासम्मेलन:विधायक पर आवाज नहीं उठाने का आरोप, अध्यक्ष बोले- कभी समाज के 16 विधायक थे, आज नाममात्र
रोहतक में 25 को पंजाबी महासम्मेलन:विधायक पर आवाज नहीं उठाने का आरोप, अध्यक्ष बोले- कभी समाज के 16 विधायक थे, आज नाममात्र रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पंजाबी मंच रोहतक शहरी अध्यक्ष जतिन बत्रा ने कहा कि 2026 में हरियाणा में हलकों का फिर से गठन होने जा रहा है। कई हलके टूटेंगे तो कई जुड़ेंगे। लेकिन सोचने वाली बात है कि पंजाबी समाज की आवाज को मजबूती से उठाने वाला और सरकार के समक्ष मामला रखने वाला कौन है। मौजूदा विधायक बीबी बत्रा समाज की आवाज को मजबूती से उठाने में विफल रहे हैं। वह शहर की कॉलोनियों में जाकर पानी में खड़े होकर या गंदे पेयजल की समस्या को लेकर धरना देने की बात कहकर गायब हो गए। लेकिन वह न तो धरने पर बैठे और न ही आवाज उठाई। जिससे वह एक विफल विधायक साबित हुए। एक समय था जब 16 पंजाबी विधायक थे, लेकिन आज नाममात्र के विधायक हैं। भाजपा के पास करीब 7 से 8 पंजाबी विधायक हैं। क्या कारण है कि पंजाबी समाज का रुझान बदल गया। रोहतक पंजाबी सीट है, कुछ साल पहले विधायक बीबी बत्रा के पिता के कार्यकाल में कलानौर को रिजर्व सीट घोषित किया गया था। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब ये लोग रोहतक को भी आरक्षित करवा देंगे और आपकी आवाज दबा दी जाएगी। 25 को होगा पंजाबी महासम्मेलन इस समय आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो समस्याओं की आवाज को पूरी ताकत से सरकार तक पहुंचा सके। उन्होंने कहा कि कृष्ण लाल छाबड़ा 2016 से 2021 तक गांव बैंसी के सरपंच रहे और गांव का विकास करवाया। रोहतक विधानसभा के 170 बूथों पर 2500 से ज्यादा सदस्य जोड़े गए हैं, जो जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। कृष्ण लाल छाबड़ा ने कांग्रेस हाईकमान के समक्ष अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। जिसके चलते 25 अगस्त को सुभाष नगर में पंजाबी महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अधिक से अधिक पंजाबी परिवारों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा और अपने समाज की आवाज को बुलंद किया जाएगा। इसमें महामंडलेश्वर बाबा कपिल पुरी और कृष्ण लाल छाबड़ा मुख्य अतिथि होंगे।
हरियाणा BJP मंत्री से नाराज जैन समाज,सावित्री जिंदल को सम्मान:पूर्व मंत्री को प्रोग्राम में मुख्य अतिथि बुलाया; दोनों एक सीट से दावेदार
हरियाणा BJP मंत्री से नाराज जैन समाज,सावित्री जिंदल को सम्मान:पूर्व मंत्री को प्रोग्राम में मुख्य अतिथि बुलाया; दोनों एक सीट से दावेदार हरियाणा के हिसार में BJP मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की ओर से आचार्य श्री तुलसी चौक पर बनवाए गए लाल किले के मॉडल से जैन समाज नाराज है। रविवार को उसी जैन समाज ने हिसार सीट से BJP मंत्री के सामने टिकट की दावेदार पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल को अपने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बुलाकर सम्मानित किया। राजनीतिक जानकार इस घटना से कयास लगा रहा हैं कि इससे जैन समाज की नाराजगी झेल रहे डॉ. कमल गुप्ता का टिकट कट सकता है। इसी के दम पर भाजपा नेता सावित्री जिंदल हिसार सीट से अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर सकती हैं। हालांकि, ये दोनों ही नेता हिसार विधानसभा सीट से मजबूत कैंडिडेट हैं। सावित्री जिंदल को जैन समाज की ओर से मनाए जाने वाले ज्ञान शाला दिवस पर आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर सुबह 8 बजे ज्ञान शाला रैली निकाली और बच्चों ने नाटिका कर प्रस्तुति दी। हिसार के तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण की शिष्या शासन श्री साध्वी प्रेमलता के सानिध्य में पूरा कार्यक्रम आयोजित हुआ। जैन समाज ने सावित्री जिंदल से की बात, मंत्री से 2 दिन बाद करेंगे वहीं, जैन समाज के चौक पर अभी तक आचार्य तुलसी का बोर्ड नहीं लगा है। इससे जैन समाज में नाराजगी है। उनका कहना है कि उन्हें 2 दिन का समय दिया गया है। अगर 2 दिन में समाधान नहीं हुआ तो वह मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से मिलेंगे। श्री श्री जैन तेरापंथी सभा के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि हिसार बस स्टैंड पर श्री श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ के 9वें आचार्य तुलसी महाराज के चौक के बोर्ड को फिर से लगाने पर प्रशासन सहमत हो गया था। प्रशासन का कहना है कि 2 दिन के अंदर 2 बोर्ड यहां लग जाएंगे। अगर बोर्ड नहीं लगता है और यदि हमारी संतुष्टि के अनुसार काम नहीं हुआ तो समाज के लोग मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से भी मिलेंगे। इस विषय पर पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल से भी बात हो चुकी है। उनका कहना है कि प्रशासन अगर समाधान नहीं करता है तो दूसरे विकल्पों पर जाएंगे। BJP मंत्री ने चौक पर बनवा दिया था लाल किले का मॉडल
बता दें कि हिसार में जैन धर्म गुरु आचार्य तुलसी चौक पर लाल किले का मॉडल बनाए जाने से समाज के लोग BJP मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से नाराज हो गए थे। समाज के लोगों का कहना था कि यह चौक 20 साल पहले आचार्य तुलसी के नाम पर बनाया गया था, जिन्होंने समाज को नई राह दिखाई। अब उनकी स्मृतियों को मिटाने का प्रयास किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि चौक की हालत पहले खराब थी। इसे नया आकार दिया गया है। इसका नाम नहीं बदला गया है और न ही इस चौक पर किसी तरह की कोई प्रतिमा हटाई गई है। हमने चौक की देखरेख की है। आज भी चौक को आचार्य तुलसी के नाम से ही जाना जाता है। हिसार में 46 लाख रुपए से बनाए थे 3 मॉडल
हिसार में मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की तरफ से 46 लाख रुपए के सौंदर्यीकरण के 3 कार्यों का 26 जुलाई को उद्घाटन किया गया था। डॉ. कमल गुप्ता ने तुलसी चौक पर लगभग 20 लाख रुपए की लागत से बने लाल किले के प्रतिरूप और लक्ष्मीबाई चौक के समीप 17 लाख रुपए की लागत से बने चंद्रयान के प्रतिरूप और सेक्टर 9-11 दिल्ली रोड से एंट्री पॉइंट पर लगभग 9 लाख रुपए की लागत से बने इंडिया गेट के प्रतिरूप का उद्घाटन किया था। कौन थे आचार्य तुलसी
आचार्य तुलसी जैन धर्म के श्वेतांबर तेरापंथ के 9वें आचार्य थे। वह अणुव्रत और जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रवर्तक हैं। वह 100 से भी अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तक “लिविंग विद पर्पज” में उन्हें विश्व के 15 महान लोगों में शामिल किया था। उन्हें भारत के पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरि ने 1971 में एक कार्यक्रम में “युग-प्रधान” की उपाधि से विभूषित किया। उन्होंने आचार्य महाप्रज्ञ एवं साध्वी कनकप्रभा का विकास करने में महत्वपूर्ण कार्य किया था। हिसार में दोनों नेताओं की दावेदारी मजबूत क्यों? कमल गुप्ता लगातार 2 चुनाव जीते, सावित्री जिंदल को भी हराया
कमल गुप्ता 2 बार हिसार सीट से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 2014 के बाद 2019 में भी लगातार चुनाव जीता। खास बात यह है कि 2014 में तो कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को ही हराया था। उस समय सावित्री ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। चूंकि, गुप्ता सरकार में मंत्री हैं और सावित्री जिंदल को भी हरा चुके हैं, इसलिए वह मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। सावित्री जिंदल हिसार से 2 बार चुनाव जीत चुकीं, मंत्री भी रहीं
हिसार सीट पर सावित्री जिंदल का भी रसूख अच्छा है। वह 2 बार हिसार से चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। पहला चुनाव उन्होंने 2005 में जीता था। तब उप-चुनाव जीतकर वह भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई वाली हरियाणा सरकार में शामिल हुई थीं। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। 2013 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था। गुप्ता-जिंदल परिवार में तनातनी के 3 उदाहरण 1. तिरंगा यात्रा में मंत्री ने सावित्री जिंदल का इंतजार नहीं किया
हाल ही में भाजपा की ओर से प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली गई। हिसार विधानसभा में डॉ. कमल गुप्ता ने यात्रा की अगुआई की। इस यात्रा में सावित्री जिंदल देरी से पहुंचीं। जिंदल के आने से पहले ही कमल गुप्ता यात्रा लेकर आगे निकल पड़े। पूर्व मंत्री ने तिरंगा हाथ में लिया। फिर वह कुछ देर रुक कर वहां से नाराजगी जाहिर करते हुए निकल गईं। 2. मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध किया
हिसार के बस स्टैंड के शिफ्टिंग को लेकर भी दोनों में मतभेद नजर आए। कमल गुप्ता बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते थे। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। बस स्टैंड शिफ्टिंग का व्यापारियों ने विरोध किया। सावित्री जिंदल की घर पर व्यापारियों की मीटिंग भी हुई। इसके बाद कमल गुप्ता नाराज हो गए और उन्हें प्रोजेक्ट टालना पड़ा। 3. एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे
दोनों नेताओं के समर्थक एक दूसरे के कार्यक्रमों में एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे। ऐसे पार्षद और नेता जो सावित्री जिंदल के समर्थक थे और अब कमल गुप्ता के साथ हैं। वह गुप्ता से दूरी बनाए हुए हैं। कमल गुप्ता के समर्थक भी सावित्री जिंदल के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर चल रहे हैं। दोनों नेता भी एक-दूसरे को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं कर रहे।