हरियाणा में करनाल जिले के बोहला खालसा गांव की एक महिला ने ससुराल पक्ष पर मारपीट व जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया है। पीड़िता ने अपने बच्चों के साथ सरपंच के पास न्याय के लिए गई तो आरोपियों ने सरपंच के सामने लात गुस्सो व डंडो के साथ मारपीट की। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति, सास, और ननद ने मिलकर कई बार उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। यह आज से नहीं बल्कि 12 साल से ऐसा होता आ रहा है। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी शादी के 12 साल बाद से ही उसके साथ मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना होती अई है। पीड़ित ने अपने पति गुरमहक, सास बोहती, और ननद सुमन देवी पर आरोप लगाया है। जिसमें उसने बताया है कि उसके ससुराल वाले मिलकर उसे प्रताड़ित करते हैं। शादी के कुछ समय बाद ही पति ने शराब पीकर मारपीट शुरू कर दी थी और सास व ननद उसका साथ देती रहीं। मनीषा ने बताया कि कई बार पुलिस को शिकायत देने के बाद भी ससुराल पक्ष उसे जबरन राजीनामा करने पर मजबूर करता रहा। पीड़िता ने बताया कि एक बार उसके पति और कुछ बदमाशों ने उसके पिता के घर पर हमला कर उसे और उसके बच्चों को जान से मारने की कोशिश की थी। दुर्गा शक्ति पुलिस ने की मदद पीड़िता का कहना है कि जब वह अपने बच्चों के साथ मायके चली गई थी तो उसके ससुराल वालों ने वहां भी आकर हमला किया। उसने कई बार लोकल पुलिस चौकी में शिकायत दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जलमाना चौकी में शिकायत देने पर भी पुलिस ने उसकी दरखास्त नहीं ली और उसे धमकाकर चौकी से बाहर निकाल दिया गया। बाद में दुर्गा शक्ति के इंटरफेयर किया और उसकी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन उसके बाद भी हालात नहीं सुधरे। ससुरालियों ने बच्चों को किया दूर विवाहिता ने बताया कि बीती 5 मई को उसके पति और ससुरालियों ने फिर से उसके साथ मारपीट की और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। पुलिस के इंटरफेयर के बावजूद आरोपियों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। ससुरालियों ने न सिर्फ उस को प्रताड़ित किया, बल्कि उसके तीनों बच्चों को भी उससे छीन लिया। अब विवाहिता अपने पिता के घर रहने को मजबूर है और अपनी तथा उसे अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता है। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच अधिकारी संदीप का कहना है कि शिकायत मिली है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा में करनाल जिले के बोहला खालसा गांव की एक महिला ने ससुराल पक्ष पर मारपीट व जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया है। पीड़िता ने अपने बच्चों के साथ सरपंच के पास न्याय के लिए गई तो आरोपियों ने सरपंच के सामने लात गुस्सो व डंडो के साथ मारपीट की। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति, सास, और ननद ने मिलकर कई बार उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। यह आज से नहीं बल्कि 12 साल से ऐसा होता आ रहा है। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी शादी के 12 साल बाद से ही उसके साथ मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना होती अई है। पीड़ित ने अपने पति गुरमहक, सास बोहती, और ननद सुमन देवी पर आरोप लगाया है। जिसमें उसने बताया है कि उसके ससुराल वाले मिलकर उसे प्रताड़ित करते हैं। शादी के कुछ समय बाद ही पति ने शराब पीकर मारपीट शुरू कर दी थी और सास व ननद उसका साथ देती रहीं। मनीषा ने बताया कि कई बार पुलिस को शिकायत देने के बाद भी ससुराल पक्ष उसे जबरन राजीनामा करने पर मजबूर करता रहा। पीड़िता ने बताया कि एक बार उसके पति और कुछ बदमाशों ने उसके पिता के घर पर हमला कर उसे और उसके बच्चों को जान से मारने की कोशिश की थी। दुर्गा शक्ति पुलिस ने की मदद पीड़िता का कहना है कि जब वह अपने बच्चों के साथ मायके चली गई थी तो उसके ससुराल वालों ने वहां भी आकर हमला किया। उसने कई बार लोकल पुलिस चौकी में शिकायत दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जलमाना चौकी में शिकायत देने पर भी पुलिस ने उसकी दरखास्त नहीं ली और उसे धमकाकर चौकी से बाहर निकाल दिया गया। बाद में दुर्गा शक्ति के इंटरफेयर किया और उसकी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन उसके बाद भी हालात नहीं सुधरे। ससुरालियों ने बच्चों को किया दूर विवाहिता ने बताया कि बीती 5 मई को उसके पति और ससुरालियों ने फिर से उसके साथ मारपीट की और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। पुलिस के इंटरफेयर के बावजूद आरोपियों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। ससुरालियों ने न सिर्फ उस को प्रताड़ित किया, बल्कि उसके तीनों बच्चों को भी उससे छीन लिया। अब विवाहिता अपने पिता के घर रहने को मजबूर है और अपनी तथा उसे अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता है। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच अधिकारी संदीप का कहना है कि शिकायत मिली है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में ग्रुप C भर्ती से पहले शॉर्टलिस्टिंग पर विवाद:HSSC उसी फॉर्मूले को लागू कर रहा, जिसे हाईकोर्ट खारिज कर चुका
हरियाणा में ग्रुप C भर्ती से पहले शॉर्टलिस्टिंग पर विवाद:HSSC उसी फॉर्मूले को लागू कर रहा, जिसे हाईकोर्ट खारिज कर चुका हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने ग्रुप C के 15,755 पदों पर नई भर्ती के लिए कैंडिडेट शॉर्टलिस्ट करने का फॉर्मूला विवादों में घिरने लगा है। असल में आयोग ने समान शैक्षणिक योग्यता के लिए कैंडिडेट्स की शॉर्टलिस्टिंग अंकों के बजाय पदों के हिसाब से करने की योजना बनाई है। शॉर्टलिस्टिंग का ये वही तरीका है, जिसे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। ऐसे में अगर आयोग इसी फॉर्मूले पर चला तो मामला कोर्ट पहुंचने पर पूरी भर्ती पर अड़ंगा लग सकता है। हालांकि आयोग के अधिकारी अभी इस पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला आयोग ने पद बढ़ाकर भर्ती निकाली
HSSC ने ग्रुप C के पदों के लिए इस बार पद बढ़ाकर भर्ती निकाली है। पहले यह भर्ती 12,310 पदों पर होनी थी। इसके बाद इसमें 2 हजार पद और शामिल कर इसे 15 हजार 755 कर दिया गया। इसके लिए विज्ञापन जारी किया जा चुका है। आयोग कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के तहत इसके एग्जाम लेगा। शॉर्टलिस्टिंग का यह फॉर्मूला बनाया
आयोग ने भर्ती विज्ञापन में स्पष्ट किया कि एग्जाम एक साथ होगा। हालांकि कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट करने की सिलेक्शन पदों के हिसाब से होगी। इसमें अगर किसी विभाग में 30 पद हैं तो 5 गुना कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। अगर पदों की संख्या 30 से 40 के बीच है तो 150 और 40 से ज्यादा है तो 4 गुना को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। शॉर्टलिस्टिंग CET में मिले अंकों के आधार पर की जाएगी। श्रेणी और समूहों की वजह से विवाद
शॉर्टलिस्टिंग की प्रक्रिया में विवाद की वजह आयोग की श्रेणी या समूहों को लेकर है। आयोग सिविल सर्विस की तरह सीधे परीक्षा लेकर एक समान मेरिट नहीं निकाल रहा। इसकी जगह कैंडिडेट्स को आवेदन करते वक्त विभागों के लिहाज से बनाई श्रेणी और समूहों को भी चुनने के लिए कह रहा है। इस विवाद को ऐसे समझें… मान लीजिए, कैंडिडेट्स की शैक्षणिक योग्यता समान है। अगर किसी कैंडिडेट्स के अच्छे नंबर आए लेकिन कम पद की वजह से उसकी चॉइस वाले श्रेणी या समूह में वह शॉर्टलिस्ट होने से रह गया। दूसरी श्रेणी या समूह को उसने चॉइस के रूप में नहीं भरा लेकिन वहां चॉइस भरने वाले शॉर्टलिस्ट हुए कैंडिडेट से उसके नंबर ज्यादा हैं तो उसे सरकारी नौकरी के लिए मौका नहीं मिल पाएगा। हाईकोर्ट ने इसी वजह से खारिज किया था फॉर्मूला
CET एग्जाम को लेकर दायर एक याचिका में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आयोग के योग्यता के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग के तरीके को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि आयोग के हलफनामे में कहा गया कि 63 समूहों में विभाजित 401 श्रेणियों के विज्ञापन में एक समान शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता थी। जिसमें आवेदन के वक्त ही विकल्प दिया गया था कि वे योग्यता और अनुभव के आधार पर विभिन्न श्रेणियों या समूहों के लिए आवेदन कर सकते हैं। हाईकोर्ट का मानना था कि जब शैक्षणिक योग्यता एक समान है तो फिर श्रेणी और समूह जैसे विकल्प रखने की क्या जरूरत है?। CET में जनरल कैटेगरी के पासिंग मार्क्स 48.75, रिजर्व के लिए 39
आयोग की तरफ से नई भर्ती के लिए कराए जाने वाले CET एग्जाम में पासिंग मार्क्स के लिए भी फैसला लिया जा चुका है। इसमें जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 48.75 और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 39 अंक लेने जरूरी होंगे। इन पदों के लिए लिखित परीक्षा जुलाई 2024 में पूरी करने की तैयारी की जा रही है। एग्जाम में कुल 100 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न के उत्तर के 0.975 अंक मिलेंगे। OMR सीट में हर प्रश्न के उत्तर के 5 विकल्प होंगे। पांच में से किसी न किसी विकल्प को भरना होगा। अगर पांचों विकल्प खाली छोड़ दिए तो हर खाली छोड़े प्रश्न का 0.975 अंक को जाएंगे। बिना बोनस अंकों के होगी भर्ती
ग्रुप सी की यह भर्ती बिना बोनस अंकों के होगी। हरियाणा सरकार सामाजिक-आर्थिक आधार पर सालाना 1.80 लाख से कम इनकम वाले परिवारों के कैंडिडेट्स को 5 बोनस अंक देती थी। इसमें यह भी शर्त थी कि उनके परिवार में पहले से कोई सरकारी नौकरी पर न हो। मगर, हाल ही में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक तरह से आर्टिफिशियल रिजर्वेशन है। हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहरा दिया। जिसके बाद सरकार को अपने फैसले से पलटना पड़ा है।
रेवाड़ी में मेडिकल स्टोर में घुसकर बदमाशों का तांडव:पिस्तौल दिखाकर लूटा नगदी व महंगा कॉस्मेटिक सामान, मौके से फरार
रेवाड़ी में मेडिकल स्टोर में घुसकर बदमाशों का तांडव:पिस्तौल दिखाकर लूटा नगदी व महंगा कॉस्मेटिक सामान, मौके से फरार हरियाणा के रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा क्षेत्र में एक मेडिकल स्टोर में घुसे बदमाशों ने पिस्तौल दिखाकर नगदी व महंगा कॉस्मेटिक का सामान लूट लिया और फरार हो गए। धारुहेड़ा की गोयल कॉलोनी में धर्मा मेडिकल स्टोर की घटना है। घटना के बाद धारुहेड़ा सेक्टर 6 थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। कॉलोनी में आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी चेक किए, लेकिन बदमाशों का कोई भी सुराग नहीं लगा। सिर दर्द दवाई के पैसे देकर तानी पिस्तौल मिली जानकारी के अनुसार धारुहेड़ा के गांव महेश्वरी के सोहिल खान ने कहा कि वह गांव की ही गोयल कॉलोनी में धर्मा मेडिकल स्टोर पर नौकरी करता है। रात 9 बजे जब मालिक नवीन किसी कार्य से गया हुआ था, तो स्टोर पर वह अकेला था। इस दौरान दो बदमाश दुकान में घुसे और दो बाहर खड़े हुए थे। अंदर आए बदमाशों ने सिर दर्द की दवाई के जैसे ही 20 रुपए दिए, तो उन्होंने उस पर पिस्तौल तान दी और गल्ले में रखे रुपये उनके हवाले करने को कहा। दहशत का बना माहौल वहीं रूपए नहीं देने पर गोली मारकर हत्या करने की धमकी दी। वह घबरा गया और चुपचाप कुर्सी पर बैठ गया। गल्ले में रखे 2800 रुपए निकालने के बाद उन्होंने स्टोर से महंगे कॉस्टमेटिक का सामान भी लूट लिया। वारदात को अंजाम देकर चारों बदमाश फरार हो गए। इस तरह की वारदात के बाद गांव के लोगों में भी दहशत का माहौल भी बना हुआ है।
करनाल पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन:नारी निकेतन में सुनीं बालिकाओं, महिलाओं व बुजुर्गों की समस्याएं, अभिभावकों की काउंसलिंग करने के दिए निर्देश
करनाल पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन:नारी निकेतन में सुनीं बालिकाओं, महिलाओं व बुजुर्गों की समस्याएं, अभिभावकों की काउंसलिंग करने के दिए निर्देश हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने करनाल स्थित राजकीय उत्तर रक्षा गृह (नारी निकेतन) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नारी निकेतन में रह रही लड़कियों, युवतियों, महिलाओं और बुजुर्गों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। रेणु भाटिया ने नारी निकेतन में रह रही शिक्षित लड़कियों को महिला छात्रावास में भेजने और उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर विचार किया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सामान्य जीवन जी सकें। घर से भागी बेटियों के लिए विशेष निर्देश रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की प्रभारी को निर्देश दिए कि घर से भागी बेटियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करें तथा उनके अभिभावकों की काउंसलिंग करें। उन्होंने कहा कि हर तीन-चार माह में नारी निकेतन, वन स्टॉप सेंटर, महिला जेल तथा वृद्धाश्रम का दौरा किया जाता है ताकि इन संस्थाओं में रह रही महिलाओं की स्थिति का आकलन किया जा सके तथा उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। फरीदाबाद केस: युवती के लिए न्याय की पहल रेणु भाटिया ने बताया कि फरीदाबाद हीयरिंग के दौरान एक केस सामने आया जिसमें 30-32 साल के व्यक्ति ने एक 18 वर्षीय युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। इस मामले की शिकायत मिलने पर पता चला कि युवती करनाल में है। रेणु भाटिया उसी युवती से मिलने करनाल पहुंची। उन्होंने बताया कि आरोपी फरार है और युवती अपने घर जाने के लिए तैयार है। औपचारिकताएं पूरी कर युवती को परिजनों को सौंपा जाएगा। सिरसा केस: विधवा महिला को न्याय दिलाने की कोशिश रेणु भाटिया ने बताया कि सिरसा से एक महिला करनाल आई है जिसके पास चार साल का बच्चा है। आश्रम के एक बाबा ने विधवा महिला को झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए जिससे महिला गर्भवती हो गई। अब महिला के परिवार वाले उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। रेणु भाटिया ने सिरसा पुलिस से निवेदन किया है कि आरोपी बाबा को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि वह अन्य महिलाओं को भी शिकार बना सकता है। घर से भागी लड़कियों से बातचीत रेणु भाटिया ने उन बेटियों से भी बातचीत की जो किसी युवक के साथ घर से भाग गई थीं लेकिन अब वे युवक जेल में हैं। वे बेटियां अब अपने घर वापस जाना चाहती हैं। जिन बेटियों के माता-पिता अपनी बेटियों को नहीं ले जाना चाहते, उनके लिए रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की इंचार्ज को निर्देश दिए हैं कि वे उन बेटियों के माता-पिता को बुलाकर काउंसलिंग करें ताकि वे अपनी बेटियों को घर ले जा सकें। महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं रेणु भाटिया ने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में सक्षम हैं और उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई घरेलू हिंसा कर रहा है तो वे अपनी आवाज उठाएं। इसके लिए सरकार ने महिला थाने और नारी निकेतन जैसे संस्थान बनाए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ महिलाएं ब्लैकमेल करने का काम करती हैं और महिला आयोग ऐसी महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है।