हरियाणा के करनाल में आज नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में अनोखा प्रदर्शन किया। मंगलवार को हड़ताल के 19वें दिन करनाल में NHM कर्मचारियों ने हाथों में कटोरे लेकर सड़कों पर भीख मांगनी शुरू कर दी। यह कदम उन्होंने सरकार की बेरुखी और वेतन न देने की समस्या के प्रति विरोध जताने के लिए उठाया है। कर्मचारियों का कहना है कि जो भी भीख एकत्रित होगी, उसको मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाई जाएगी। सरकार के प्रति आक्रोश संगठन के जिला प्रधान संजीव ने बताया कि NHM कर्मचारियों का यह प्रदर्शन सांझा मोर्चा के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी हड़ताल लंबे समय से चल रही है, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। हमने 7 अगस्त को हरियाली तीज के अवसर पर ‘काली तीज’ के रूप में अपना विरोध दर्ज किया। हड़ताल को भी 10 अगस्त तक बढ़ा दिया। लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। मजबूर होकर आज हमें भीख मांगनी पड़ रही है, ताकि सरकार को कुछ शर्म आए और वे हमारी समस्याओं की ओर ध्यान दें। कर्मचारियों की मांगें NHM कर्मचारी संघ के जिला महासचिव गोपाल शर्मा ने भी इस आंदोलन के प्रति अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे हड़ताल से नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा, चाहे इसके लिए कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना ही क्यों न पड़े। गोपाल शर्मा ने कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का उल्लेख करते हुए बताया कि वेतन विसंगति दूर की जाए, और 7वें वेतन आयोग का लाभ NHM कर्मचारियों को दिया जाए। इसके अलावा, कर्मचारियों की नियमितीकरण, 58 साल तक नौकरी की सुरक्षा, ग्रेच्युटी का लाभ, और अन्य मांगें भी पूरी की जाएं। सरकार की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार NHM कर्मचारियों का यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, और वे इसे तब तक जारी रखने का इरादा रखते हैं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती। अब देखना यह है कि सरकार इस अनोखे और तीखे प्रदर्शन के बाद किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती है और क्या कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है। हरियाणा के करनाल में आज नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में अनोखा प्रदर्शन किया। मंगलवार को हड़ताल के 19वें दिन करनाल में NHM कर्मचारियों ने हाथों में कटोरे लेकर सड़कों पर भीख मांगनी शुरू कर दी। यह कदम उन्होंने सरकार की बेरुखी और वेतन न देने की समस्या के प्रति विरोध जताने के लिए उठाया है। कर्मचारियों का कहना है कि जो भी भीख एकत्रित होगी, उसको मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाई जाएगी। सरकार के प्रति आक्रोश संगठन के जिला प्रधान संजीव ने बताया कि NHM कर्मचारियों का यह प्रदर्शन सांझा मोर्चा के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी हड़ताल लंबे समय से चल रही है, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। हमने 7 अगस्त को हरियाली तीज के अवसर पर ‘काली तीज’ के रूप में अपना विरोध दर्ज किया। हड़ताल को भी 10 अगस्त तक बढ़ा दिया। लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। मजबूर होकर आज हमें भीख मांगनी पड़ रही है, ताकि सरकार को कुछ शर्म आए और वे हमारी समस्याओं की ओर ध्यान दें। कर्मचारियों की मांगें NHM कर्मचारी संघ के जिला महासचिव गोपाल शर्मा ने भी इस आंदोलन के प्रति अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे हड़ताल से नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा, चाहे इसके लिए कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना ही क्यों न पड़े। गोपाल शर्मा ने कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का उल्लेख करते हुए बताया कि वेतन विसंगति दूर की जाए, और 7वें वेतन आयोग का लाभ NHM कर्मचारियों को दिया जाए। इसके अलावा, कर्मचारियों की नियमितीकरण, 58 साल तक नौकरी की सुरक्षा, ग्रेच्युटी का लाभ, और अन्य मांगें भी पूरी की जाएं। सरकार की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार NHM कर्मचारियों का यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, और वे इसे तब तक जारी रखने का इरादा रखते हैं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती। अब देखना यह है कि सरकार इस अनोखे और तीखे प्रदर्शन के बाद किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती है और क्या कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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