हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक करनाल लोकसभा सीट पर वोटिंग प्रक्रिया सुबह सात बजे से जारी है। यह शाम 6 बजे तक चलेगी। सुबह 9 बजे तक इस सीट पर 9.29 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं 11 बजे तक की वोटिंग प्रतिशत 22.04 फीसदी हुई है। दोपहर 1 बजे तक करनाल लोकसभा सीट पर कुल 35.69 वोटिंग हुई है। दोपहर के समय भी लोग वोटिंग के लिए घरों से निकल रहे हैं। यहां से भाजपा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने उनके खिलाफ युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दी है। इसके अलावा इनेलो के समर्थन से एनसीपी के वीरेंद्र मराठा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि आज, 25 मई को करनाल विधानसभा की सीट पर भी उपचुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं। भाजपा से सीएम नायब सैनी मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस ने त्रिलोचन सिंह को उतारा है। विधानसभा सीट की बात करें तो सुबह 11 बजे तक करनाल विधानसभा सीट पर 18 फीसदी वोटिंग हो चुकी है। हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक करनाल लोकसभा सीट पर वोटिंग प्रक्रिया सुबह सात बजे से जारी है। यह शाम 6 बजे तक चलेगी। सुबह 9 बजे तक इस सीट पर 9.29 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं 11 बजे तक की वोटिंग प्रतिशत 22.04 फीसदी हुई है। दोपहर 1 बजे तक करनाल लोकसभा सीट पर कुल 35.69 वोटिंग हुई है। दोपहर के समय भी लोग वोटिंग के लिए घरों से निकल रहे हैं। यहां से भाजपा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने उनके खिलाफ युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दी है। इसके अलावा इनेलो के समर्थन से एनसीपी के वीरेंद्र मराठा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि आज, 25 मई को करनाल विधानसभा की सीट पर भी उपचुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं। भाजपा से सीएम नायब सैनी मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस ने त्रिलोचन सिंह को उतारा है। विधानसभा सीट की बात करें तो सुबह 11 बजे तक करनाल विधानसभा सीट पर 18 फीसदी वोटिंग हो चुकी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पूर्व BJP सांसद संजय भाटिया का मौसेरा भाई मुश्किलों में:जम्मू-हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज, PM मोदी के दोस्त का बेटा है आरोपी केंद्रीय नारकोटिक्स टीम की गिरफ्त में बीजेपी नेता के बेटे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। करनाल लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद पानीपत निवासी संजय भाटिया के मौसेरे भाई नीरज भाटिया को करीब 10 दिन पहले ही केंद्रीय टीम ने जम्मू से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद नीरज भाटिया ने पहले सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। यहां से फिर याचिका को वापस ले लिया। इसके बाद जम्मू हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जहां सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद नीरज पर संकट के बादल छा गए। अब नीरज के पास सुप्रीम कोर्ट का विकल्प बचा है। गौरतलब है कि, हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से एक बड़ी फार्मा कंपनी विदित हेल्थकेयर के मालिक नीरज भाटिया की गिरफ्तारी से पहले नारकोटिक्स टीम को काफी समय से उसकी तलाश थी। वह हिमाचल के बद्दी से अंतरराज्यीय कोडीन आधारित सीरप डायवर्जन रैकेट चला रहा था, जोकि देश के कई राज्यों में फैला था। नीरज बड़े स्तर पर कोरेक्स का धंधा कर रहा था। नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल से नीरज के पिता के अच्छे संबंध
आरोपी नीरज भाटिया के पिता नीतिसेन भाटिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर का करीबी बताया जाता है। नीतिसेन भाटिया से PM मोदी फोन पर भी बात कर चुके हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर करीब 9 माह पहले नीतिसेन भाटिया के पोते की शादी में पहुंचे थे। इस दौरान संजय भाटिया भी उनके साथ थे। सिरमौर ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन का अध्यक्ष है नीरज
दिल्ली, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में चल रहे नशा तस्करी के मामले का बड़ा भंडाफोड़ केंद्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने किया है। नीरज भाटिया सिरमौर ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है। बता दें कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल और दिल्ली में कोडीन बेस सीरप तस्करी का गिरोह करीब 7 साल से कार्य कर रहा था, जिसमें अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनसे 34 किलो कोडीन बेस सीरप बरामद किया जा चुका है। कई राजनीतिक लोग भी शामिल, टीम कर रही जांच टीम के अधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच जारी है। कुछ और गिरफ्तारी भी संभव हैं, जिनमें उन लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है, जो इस कंपनी को समर्थन दे रहे थे। वहीं, इस सारे मामले में राजनीतिक लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। क्योंकि, चुनाव को लेकर यह सब खेल खेला जा रहा था, जिसमें हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित हिमाचल के चुनाव भी शामिल हैं। आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया गया वहीं, विदित हेल्थकेयर उचित दस्तावेज सत्यापन और जमीन पर उनकी उपस्थिति के बिना प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शेल कंपनियों को कोडीन आधारित सीरप की आपूर्ति कर रहा था। जांच के दौरान पाया गया कि जनवरी 2024 से विदित हेल्थकेयर ने जांच के तहत एक फर्जी फर्म को तीन लाख COCREX कोडीन आधारित सीरप की आपूर्ति की थी। इससे पहले भी वह औसतन 3 लाख बोतलें तिमाही यानी 12 लाख बोतलें सालाना आपूर्ति करता था। वहीं, इस मामले में संलिप्त वित्तीय जांच के दौरान एजेंसी ने आरोपियों की 3.65 करोड़ रुपए की अवैध रूप से अर्जित विभिन्न चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह भी पढ़े – हरियाणा के पूर्व BJP सांसद का मौसेरा भाई गिरफ्तार:नशीली दवाइयां सप्लाई करने का आरोप; कोरोना काल में PM मोदी पिता का हाल पूछ चुके केंद्रीय नारकोटिक्स टीम ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से एक बड़ी फार्मा कंपनी विदित हेल्थकेयर के मालिक नीरज भाटिया को गिरफ्तार किया है। नीरज भाटिया मूलरूप से हरियाणा के पानीपत का रहने वाला है और करनाल से भाजपा के पूर्व सांसद संजय भाटिया के मौसा नीतिसेन भाटिया का बेटा है। (पूरी खबर पढ़ें)
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से:पहले दिन 6 जिलों में जाएगी, 3 दिन में हरियाणा कवर करेंगे, रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से:पहले दिन 6 जिलों में जाएगी, 3 दिन में हरियाणा कवर करेंगे, रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में हरियाणा के 5 बार के CM रहे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से शुरू होगी। यात्रा की शुरुआत फतेहाबाद से होगी। इसके बाद हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल) और रेवाड़ी तक जाएगी। यहां से यात्रा गुरुग्राम में प्रवेश करेगी, जहां रात्रि विश्राम किया जाएगा। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा है कि जो लोग अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंच पाए थे, उनके लिए सभी 22 जिलों में अस्थि कलश यात्रा निकाल रहे हैं, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। यह यात्रा 3 दिन में पूरे प्रदेश को कवर करेगी। हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के तीर्थ स्थलों में भी कलश ले जाए जाएंगे। ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि समारोह 31 दिसंबर को सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में होगा। ओपी चौटाला के निधन से जुड़े 4 पाइंट्स… 1. गुरुग्राम में हुआ निधन
ओपी चौटाला का 89 साल की उम्र में 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। यहां दोपहर करीब साढ़े 11 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। परिवार उन्हें अस्पताल लेकर गया, लेकिन करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। चौटाला पहले से ही हार्ट और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। 2. फार्म हाउस में अंतिम संस्कार
निधन के बाद गुरुग्राम से शाम को ही ओपी चौटाला की पार्थिव देह सिरसा के तेजाखेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस लाई गई। यहां 21 दिसंबर को उनकी पार्थिव देह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला ने मिलकर उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अर्जुन चौटाला और कर्ण चौटाला ने अंतिम रस्में निभाईं। 3. सुप्रीम कोर्ट जज से लेकर उप-राष्ट्रपति तक ने श्रद्धांजलि दी
ओपी चौटाला के निधन पर कई बड़ी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने सिरसा पहुंचीं। इनमें उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, योगगुरू स्वामी रामदेव, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, CM नायब सैनी, पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा भी भी शामिल हैं। 4. अंतिम विदाई के वक्त एक साथ दिखा परिवार
राजनीतिक तौर पर अलग हो चुके चौटाला परिवार के सदस्य पूर्व CM के निधन पर एक साथ दिखे। बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला के साथ भाई रणजीत चौटाला भी उनकी अंतिम विदाई के दौरान साथ बैठे रहे। अभय इनेलो के प्रधान महासचिव हैं। अजय इनेलो से निकाले जाने के बाद अलग पार्टी JJP बना चुके हैं। रणजीत चौटाला इसी साल लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के वक्त टिकट न मिलने पर फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। चौटाला से जुड़ी 4 अहम बातें… 1.पिता से ज्यादा न पढ़ें, इसलिए स्कूल बीच में छोड़ा
ओपी चौटाला कहीं पिता पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल से ज्यादा न पढ़ जाएं, इसलिए उन्होंने स्कूल बीच में ही छोड़ दिया। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में माना कि उन दिनों में पिता से ज्यादा पढ़ना अच्छा नहीं माना जाता था। 2. पांच दिन से 5 साल तक के CM बने
2 दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने। उनके उप-चुनाव में महम हिंसा के बाद साढ़े 5 महीने में कुर्सी छोड़नी पड़ी। दूसरी बार वह CM बने तो महम कांड की वजह से तत्कालीन PM वीपी सिंह की नाराजगी के बाद 5 दिन में इस्तीफा देना पड़ा। 1990 में BJP के समर्थन वापसी से वीपी सिंह सरकार गिरी तो देवीलाल ने तीसरी बार ओपी चौटाला को CM बना दिया, लेकिन विधायकों की नाराजगी से सरकार गिर गई और चौटाला का 15 दिन में कुर्सी छोड़नी पड़ी। 1996 में बंसीलाल की सरकार गिरी तो चौटाला ने बंसीलाल के विधायक तोड़े और 24 जुलाई 1999 को एक साल के लिए CM बने। साल 2000 में 47 सीटें जीत वह 5 साल तक सीएम रहे। 3. चौटाला ने जेल में रहकर पढ़ाई की, उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी
साल 1999-2000 में चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंसे। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज हुई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। जब वह टीचर घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसे लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी, जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। 4. चौटाला के जेल जाते ही परिवार में राजनीतिक फूट पड़ी
ओपी चौटाला के टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। एक तरफ छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। वहीं, पिता संग जेल गए अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को वापस बुला लिया, जिसके बाद अभय और उनके भतीजों में इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत को CM बनाने के नारे लगे। इसके बाद बड़े बेटे अजय और उनके दोनों बेटों को निकाल दिया गया, जिन्होंने जननायक जनता पार्टी बना ली। हालांकि, इस फूट के बाद इनेलो कभी सत्ता में नहीं आ पाई। JJP जरूर 2019-24 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में रही। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में JJP एक भी सीट नहीं जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं, लेकिन अभय चौटाला चुनाव हार गए। इसलिए अस्थि कलश यात्रा निकालने की जरूरत… 1. इनेलो कैडर में बिखराव
2018 में परिवार में आपसी कलह के चलते इनेलो में बड़ी टूट हुई थी। अभय चौटाला के भाई अजय चौटाला ने अपने बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के अलावा कई अन्य नेताओं के साथ पार्टी को अलविदा कह दिया। इससे इनेलो टूट गई और हरियाणा में JJP का गठन हुआ। JJP में इनेलो का वोटर टूट कर चला गया। इतना ही नहीं परिवार की लड़ाई से आहत कई नेताओं ने पार्टी छोड़ कांग्रेस या भाजपा का दामन थाम लिया। 2. इनेलो के आगे अस्तित्व बचाने की लड़ाई
कभी हरियाणा की राजनीति की दशा-दिशा तय करने वाली इनेलो के लिए अब अस्तित्व बचाने की चुनौती है। इनेलो के लिए चश्मा चुनाव चिन्ह बचाना ही मुश्किल हो रहा है। इसके लिए उन्हें इस बार 6% मत हासिल करना इसलिए जरूरी था, लेकिन 4.14 फीसदी वोट ही मिले। ऐसे में सिंबल छिन गया तो इनेलो के लिए मुश्किल हो सकती है। 3. कांग्रेस की हार के बाद मौका
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तीसरी बार हार हुई है। इनेलो इसे अवसर के रूप में देख रही है। कांग्रेस और जजपा का वोटर भाजपा में जाने के बजाय किसी और विकल्प को देख रहा है। भले ही 2024 विधानसभा में इनेलो बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई, मगर अधिकतर कैंडिडेट तीसरे या दूसरे स्थान पर रहे। इससे इनेलो उत्साहित है और हरियाणा में फिर से मैदान बनाना चाहती है।
रेवाड़ी पुलिस ने 18 साल बाद हत्यारे को पकड़ा:पेट्रोल पंप कर्मचारी की गोली मारकर कत्ल; पहचान छिपाकर गुरुग्राम में रह रहा था
रेवाड़ी पुलिस ने 18 साल बाद हत्यारे को पकड़ा:पेट्रोल पंप कर्मचारी की गोली मारकर कत्ल; पहचान छिपाकर गुरुग्राम में रह रहा था हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव सहारनवास स्थित पेट्रोल पंप पर करिंदे की 18 साल पहले गोली मारकर हत्या करने के मामले में क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA-1) ने हत्याकांड में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पहचान छुपाकर गुरुग्राम में रह रहा था। कोर्ट उसे पहले ही PO घोषित कर चुका है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पकड़े गए आरोपी की पहचान यूपी के जिला हापुड़ के गांव बिगास हाल किराएदार सरस्वती एनक्लेव सेक्टर-37 सी गुरुग्राम निवासी गौरव पाल उर्फ विक्की के रूप में हुई है। इस मामले में दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि उक्त आरोपी वारदात के बाद से ही फरार चल रहा था। 2006 में अनूप की गोली मारकर की थी हत्या पुलिस के मुताबिक, 24 जून 2006 को गांव सहारनवास स्थित एक पेट्रोल पंप पर गांव सहारनवास निवासी अनूप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रामपुरा थाना पुलिस ने गांव नांगलिया रणमौख निवासी सतबीर सिंह की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज करके मामले में दो आरोपी सुमेर सिंह उर्फ बिल्लू व जितेन्द्र उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया था। 2आरोपी पहले पकड़े जा चुके दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि वारदात में गौरवपाल उर्फ विक्की भी शामिल हैं। हालांकि रेवाड़ी पुलिस की अलग-अलग टीमों ने गौरवपाल को पकड़ने की भरसक कोशिश की, लेकिन वो हत्थे नहीं चढ़ पाया। कोर्ट ने उसे वर्ष-2009 में PO घोषित किया। कुछ समय से रेवाड़ी सीआईए-1 की टीम को गौरवपाल को लेकर इनपुट मिल रहा था। पहचान छुपाकर रह रहा था आरोपी पुलिस को पता चला था कि वो अपना नाम बदलकर और पहचान छुपाकर गुरुग्राम के किसी इलाके में रहता है। सूचना के बाद पुलिस टीम ने उसकी लोकेशन ट्रेस की। इसके बाद उसे गुरुग्राम से काबू करके थाना रामपुरा पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी गौरव पाल उर्फ विक्की को कोर्ट में पेश करने के बाद दो दिन के रिमांड पर लिया गया है।