कांगड़ा पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू:पौंग डैम में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के निर्देश, दिसंबर तक 92 हजार पक्षी पहुंचे

कांगड़ा पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू:पौंग डैम में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के निर्देश, दिसंबर तक 92 हजार पक्षी पहुंचे

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज कांगड़ा पहुंचे। उन्होंने यहां पौंग डैम और बाथू की लड़ी का दौरा कर वन विभाग को साइबेरिया और मंगोलिया से आने वाले पक्षियों की सुरक्षा के विशेष निर्देश दिए। दिसंबर 2024 तक क्षेत्र में 92,885 प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति दर्ज की गई है और सीजन समाप्त होने तक यह संख्या एक लाख तक पहुंचने की संभावना है। हर साल औसतन 100 प्रजातियों के पक्षी यहां आते हैं, जिनमें से इस वर्ष 85 प्रजातियां पहले ही देखी जा चुकी हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए 2 नावें पहले से तैनात हैं और जल्द ही दो नई स्पीड बोट भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पिछले साल इस क्षेत्र में लगभग 25-30 हजार पर्यटक आए थे। ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के बासा में 3.20 करोड़ रुपए की लागत से वाइल्ड लाइफ इंटर्प्रिटेशन सेंटर की स्थापना की गई है। यह केंद्र वन्य जीवों के संरक्षण और प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम करेगा। केंद्र में छात्रों के लिए ठहरने की व्यवस्था और डोरमिट्री की सुविधा भी उपलब्ध है, जहां वे पौंग की समृद्ध जैव विविधता का अध्ययन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज कांगड़ा पहुंचे। उन्होंने यहां पौंग डैम और बाथू की लड़ी का दौरा कर वन विभाग को साइबेरिया और मंगोलिया से आने वाले पक्षियों की सुरक्षा के विशेष निर्देश दिए। दिसंबर 2024 तक क्षेत्र में 92,885 प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति दर्ज की गई है और सीजन समाप्त होने तक यह संख्या एक लाख तक पहुंचने की संभावना है। हर साल औसतन 100 प्रजातियों के पक्षी यहां आते हैं, जिनमें से इस वर्ष 85 प्रजातियां पहले ही देखी जा चुकी हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए 2 नावें पहले से तैनात हैं और जल्द ही दो नई स्पीड बोट भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पिछले साल इस क्षेत्र में लगभग 25-30 हजार पर्यटक आए थे। ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के बासा में 3.20 करोड़ रुपए की लागत से वाइल्ड लाइफ इंटर्प्रिटेशन सेंटर की स्थापना की गई है। यह केंद्र वन्य जीवों के संरक्षण और प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम करेगा। केंद्र में छात्रों के लिए ठहरने की व्यवस्था और डोरमिट्री की सुविधा भी उपलब्ध है, जहां वे पौंग की समृद्ध जैव विविधता का अध्ययन कर सकेंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर