हरियाणा में सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रहीं कुमारी सैलजा की जीत का फतेहबाद के टोहाना में पूर्व मंत्री JJP विधायक देवेंद्र बबली ने भी जश्न मनाया है। सैलजा की जीत पर बबली के कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांटे। बबली ने भी सभी को बधाई दी। लोकसभा के लिए मतदान होने से पहले ही बबली ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। वह अब भी JJP से विधायक हैं। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा भी नहीं दिया है। फिर भी वह पार्टी के साथ नहीं हैं। बुधवार को जश्न के दौरान बबली ने फिर से अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह बुराई पर अच्छाई की और असत्य पर सत्य की जीत है। जो सरिया 2019 में निकाला था, एक बार फिर उसे निकालने का काम किया है। जब तक आप जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करेंगे, जनता ऐसे ही जवाब देती रहेगी। यह लोगों की लड़ाई थी, मेरे अकेले की नहीं। आगामी चुनाव भी जनता के आदेश पर लड़ेंगे
उन्होंने कहा कि जो दमन-दबाव की राजनीति व सत्ता सुख भोगने की राजनीति थी, यह उसे खत्म करने की लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि पहले चुनाव के बाद के सारे चुनाव उन्होंने टोहाना के आदेश पर लड़े। आगामी चुनाव भी जनता के आदेश पर ही लड़ेंगे। उसकी तैयारियां लोग करने में जुटे हैं। टोहाना में कुमारी सैलजा की जीत का श्रेय लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह श्रेय नहीं ले रहे, बल्कि जितने वोट उन्होंने आंकड़ों में बताए, उतने ही आए हैं। दिल्ली में कुछ नेताओं से भी मीटिंग हुई, जिसमें जितने फिगर वह देकर आए, उतने ही वोट आए। उन्होंने कहा कि वह श्रेय लेने की राजनीति नहीं करते, बल्कि जो भी हासिल किया है, वह हलके को समर्पित करते हैं। चुनाव से ठीक पहले किया समर्थन का ऐलान
विधायक देवेंद्र बबली ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। उन्होंने टोहाना में समर्थकों की मीटिंग में कहा था कि उन्होंने अपना फैसला कोर कमेटी पर छोड़ा था। सदस्यों ने कुमारी सैलजा का नाम लिया। इस पर उन्होंने समर्थकों से चर्चा की तो उन्होंने सैलजा को समर्थन देने को लेकर हां कर दी। बबली ने समर्थकों से वोट डलवा कर राय मांगी थी। बबली ने बताया था कि 3 हजार से ज्यादा लोगों ने उन्हें वोट दिया। इनमें 74 प्रतिशत लोगों ने फैसला उन पर छोड़ दिया है कि जो निर्णय वह लेंगे, वे उसमें उनके साथ रहेंगे। उनके समर्थकों में 9 प्रतिशत लोगों ने भाजपा जॉइन करने की सलाह दी। 17% लोग चाहते हैं कि वह कांग्रेस में जाएं, जबकि 0.5% लोगों का मानना है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। पूर्व CM खट्टर के करीबी रह चुके बबली
देवेंद्र बबली पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। खट्टर सरकार की ओर से जब पंचायतों के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी, तब प्रदेशभर में पंचायतों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया था। इस दौरान खट्टर के साथ बबली खड़े रहे। जबकि, सरकार के इस फैसले का उनकी ही पार्टी के मुखिया पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने विरोध किया था। दुष्यंत चौटाला को खलनायक बताया
बबली कुछ समय पहले पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को खलनायक भी बता चुके हैं। कहा था कि चौधरी देवीलाल के नाम पर जननायक पार्टी का नाम रखा गया। जब दुष्यंत सांसद बने तो उन्हें लेकर लोगों में अच्छे नेतृत्व की उम्मीद जगी थी, लेकिन आज वह खलनायक बने हुए हैं। हरियाणा में सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रहीं कुमारी सैलजा की जीत का फतेहबाद के टोहाना में पूर्व मंत्री JJP विधायक देवेंद्र बबली ने भी जश्न मनाया है। सैलजा की जीत पर बबली के कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांटे। बबली ने भी सभी को बधाई दी। लोकसभा के लिए मतदान होने से पहले ही बबली ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। वह अब भी JJP से विधायक हैं। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा भी नहीं दिया है। फिर भी वह पार्टी के साथ नहीं हैं। बुधवार को जश्न के दौरान बबली ने फिर से अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह बुराई पर अच्छाई की और असत्य पर सत्य की जीत है। जो सरिया 2019 में निकाला था, एक बार फिर उसे निकालने का काम किया है। जब तक आप जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करेंगे, जनता ऐसे ही जवाब देती रहेगी। यह लोगों की लड़ाई थी, मेरे अकेले की नहीं। आगामी चुनाव भी जनता के आदेश पर लड़ेंगे
उन्होंने कहा कि जो दमन-दबाव की राजनीति व सत्ता सुख भोगने की राजनीति थी, यह उसे खत्म करने की लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि पहले चुनाव के बाद के सारे चुनाव उन्होंने टोहाना के आदेश पर लड़े। आगामी चुनाव भी जनता के आदेश पर ही लड़ेंगे। उसकी तैयारियां लोग करने में जुटे हैं। टोहाना में कुमारी सैलजा की जीत का श्रेय लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह श्रेय नहीं ले रहे, बल्कि जितने वोट उन्होंने आंकड़ों में बताए, उतने ही आए हैं। दिल्ली में कुछ नेताओं से भी मीटिंग हुई, जिसमें जितने फिगर वह देकर आए, उतने ही वोट आए। उन्होंने कहा कि वह श्रेय लेने की राजनीति नहीं करते, बल्कि जो भी हासिल किया है, वह हलके को समर्पित करते हैं। चुनाव से ठीक पहले किया समर्थन का ऐलान
विधायक देवेंद्र बबली ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। उन्होंने टोहाना में समर्थकों की मीटिंग में कहा था कि उन्होंने अपना फैसला कोर कमेटी पर छोड़ा था। सदस्यों ने कुमारी सैलजा का नाम लिया। इस पर उन्होंने समर्थकों से चर्चा की तो उन्होंने सैलजा को समर्थन देने को लेकर हां कर दी। बबली ने समर्थकों से वोट डलवा कर राय मांगी थी। बबली ने बताया था कि 3 हजार से ज्यादा लोगों ने उन्हें वोट दिया। इनमें 74 प्रतिशत लोगों ने फैसला उन पर छोड़ दिया है कि जो निर्णय वह लेंगे, वे उसमें उनके साथ रहेंगे। उनके समर्थकों में 9 प्रतिशत लोगों ने भाजपा जॉइन करने की सलाह दी। 17% लोग चाहते हैं कि वह कांग्रेस में जाएं, जबकि 0.5% लोगों का मानना है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। पूर्व CM खट्टर के करीबी रह चुके बबली
देवेंद्र बबली पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। खट्टर सरकार की ओर से जब पंचायतों के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी, तब प्रदेशभर में पंचायतों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया था। इस दौरान खट्टर के साथ बबली खड़े रहे। जबकि, सरकार के इस फैसले का उनकी ही पार्टी के मुखिया पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने विरोध किया था। दुष्यंत चौटाला को खलनायक बताया
बबली कुछ समय पहले पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को खलनायक भी बता चुके हैं। कहा था कि चौधरी देवीलाल के नाम पर जननायक पार्टी का नाम रखा गया। जब दुष्यंत सांसद बने तो उन्हें लेकर लोगों में अच्छे नेतृत्व की उम्मीद जगी थी, लेकिन आज वह खलनायक बने हुए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर