कानपुर पुलिस ने कारोबारी की पत्नी एकता मर्डर केस का रविवार को खुलासा किया। लेकिन, कई सवालों के जवाब नहीं दे सकी। पुलिस का कहना था कि आरोपी ने 45 मिनट में शव को दफनाकर बाहर निकला आया। 8 फीट गहरा गड्ढा खोदना और दफनाना इतने कम समय में संभव नहीं है। इसी तरह पुलिस ने बताया कि एक सप्ताह से परिवार के संपर्क में है। उन्हें अपने साथ लेकर घूम रही है। लेकिन, परिवार के लोगों ने इनकार कर दिया। DM कंपाउंड में जाने का CCTV फुटेज मिला। इसके बाद पुलिस ने डीएम कंपाउंड में जाकर जांच पड़ताल करना उचित तक नहीं समझा। खास बात ये है कि पूरा खुलासा आरोपी के बयान के आधार पर हुआ है। पुलिस के पास खुलासे से जुडे़ कोई साक्ष्य नहीं हैं। सिर्फ शव की बरामदगी है। महिला का दिनदहाड़े मर्डर, डीएम आवास में लाश दफनाया और 4 महीने बाद खुलासा। इसके बाद अफसरों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए खुलासा करने वाली टीम को 1 लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया। पढ़ें मर्डर केस में नाकामी पर खास रिपोर्ट… पहला सवाल : 45 मिनट में 8 फीट गड्ढा खोदकर शव दफनाना
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने एकता मर्डर केस में बताया-आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी ने 24 जून की सुबह मर्डर करने के बाद करीब 45 मिनट डीएम कंपाउंड में रहा। CCTV फुटेज की जांच में यह सामने आया है। लेकिन, 8 फीट गड्ढा खोदना वो भी महज 45 मिनट में। असंभव नहीं नामुमकिन है। अगर प्री-प्लानिंग करके मर्डर किया था, तो क्या पहले से ही गड्ढा खोदा गया था। इस पर पुलिस कोई जवाब नहीं दे सकी। एडिशनल सीपी का कहना था कि यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही यह साफ हाे सकेगा। जबकि आरोपी से 24 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में पूछताछ की गई। लेकिन, मर्डर की कहानी को पूरी तरह साफ नहीं किया जा सका। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही डीसीपी ईस्ट ने बताया कि वृक्षारोपण के लिए गड्ढा खोदा गया था। लेकिन, एक बात तो साफ है कि 8 फीट गहरा और इतना लंबा चौड़ा गड्ढा कभी भी पौधा रोपने के लिए नहीं खोदा जाता है। महज 45 मिनट के भीतर शव को किस तरह से ठिकाने लगाया गया। दूसरा सवाल : आरोपी दो बार डीएम कंपाउंड आया, पुलिस ने नहीं की जांच
एडिशनल सीपी ने बताया-हत्यारोपी सुबह डीएम कंपाउंड में कार से शव लेकर पहुंचा। 45 मिनट में शव को ठिकाने लगाने के बाद वहां से निकल गया। इसके बाद दोपहर में 1:45 बजे दोबारा ऑफिसर्स क्लब पहुंचा। फिर से शव के ऊपर मिट्टी पर पानी डाला। उसे और व्यवस्थित कर दिया। ताकि, शव से दुर्गंध बाहर ना आ सके। पुलिस को जांच के दौरान ही यह सब पता चल गया था। इसके बाद भी पुलिस डीएम कंपाउंड के भीतर जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। सिर्फ आरोपी की तलाश में लगी रही। अगर पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच पड़ताल करती, तो तय था कि महिला का शव बरामद हो जाता। आरोपी को भी पुलिस पहले अरेस्ट कर पाती। लेकिन, पुलिस पूरे मामले को प्रेम प्रसंग का मानकर टालती रही। तीसरा सवाल : दुपट्टा, टूटा क्लेचर और रस्सी मिली…लेकिन फोरेंसिक जांच नहीं
एडिशनल सीपी ने बताया- महिला के लापता होने के अगले दिन ही हत्यारोपी विमल सोनी की बहन के घर से आरोपी की ‘आई-10’ कार बरामद हुई थी। कार में महिला की चुनरी, टॉवेज, टूटा हुआ क्लेचर, रस्सी और मोबाइल की सिम ट्रे समेत अन्य साक्ष्य मिले थे। पुलिस ने इसको गंभीरता से ही नहीं लिया। पुलिस ने कार और अन्य साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच नहीं कराई। अगर पुलिस कार की फोरेंसिक जांच कराती तो काफी कुछ पुलिस को सफलता मिल जाती। फोरेंसिक एक्सपर्ट की मानें, तो अगर कार की फोरेंसिक जांच हाेती। तो, उसमें बरामद रस्सी और दुपट्ट की जांच करके पता लगाया जा सकता था कि उसका उपयोग किसी की गर्दन घोंटने में किया गया है कि नहीं। लेकिन, पुलिस प्रेस-प्रसंग का मामला मानकर फोरेंसिक जांच कराना उचित नहीं समझा। चौथा सवाल : पुलिस और परिजनों की अलग-अलग बात
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया-एक सप्ताह से वह एकता के भाई और पति को लेकर केस की जांच-पड़ताल कर रही है। उनके साथ पुलिस की एक-एक इन्वेस्टिगेशन को शेयर किया जाता था। उनके साथ आरोपी की तलाश में पुलिस बाहर भी गई। परिवार के लोगों से इस बात की तस्दीक की गई, तो वह साफ मुकर गए। उन्होंने बताया कि पुलिस के संपर्क में एक सप्ताह से बिल्कुल भी नहीं है। शुक्रवार को पुलिस अफसरों ने फोन करके कोतवाली थाने में बुलाया। तब पता चला कि आरोपी विमल सोनी को अरेस्ट कर लिया है। इससे पहले पुलिस ने उनसे किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं किया। बल्कि, पीड़ित परिवार के अफसरों के दफ्तर के चक्कर काट-काट कर चप्पलें घिस गईं। इस पुलिस मामले को प्रेस प्रसंग का मामला मानकर इग्नोर करती रही। पांचवां सवाल : उस गेट से नहीं घुस सकती कार
एडिशनल सीपी ने बताया-हत्यारोपी विमल सोनी मर्डर वहां पर शव मिला था। उसी से 10 मीटर दूर वाले गेट से कार भीतर लेकर प्रवेश हुआ था। इसके बाद शव को गड्ढे में ठिकाने लगा दिया। इसके बाद फिर वहां से चला गया। लेकिन, दैनिक भास्कर टीम ने मौका-मुआयना किया। तब सामने आया कि ऑफिसर्स क्लब के उस गेट से तो कार ही भीतर नहीं जा सकती है। उसकी चौड़ाई 1667 एमएम है, जबकि कार विदाउट मिरर चौड़ाई 1680 एमएम होती है। मीडिया ने इस बात को लेकर सवाल खड़े किए, तो एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि उसके बगल 10 फीट चौड़े गेट से कार लेकर अंदर गया था। जबकि गेट के सामने धोबी का काम करने वाले रामू ने बताया कि यह गेट कभी नहीं खोला जाता है। जब सफाई होती है, तो कूड़ा निकालने के लिए खोला जाता है। पुलिस की इस थ्योरी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। छठा सवाल : डीएम के गेट पर गारद को नहीं लगी दफनाने की भनक डीएम आवास के गेट पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रहती है। गेट के ठीक बगल यानी 10 मीटर दूर खुले आसमान के नीचे 8 से 10 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। महिला का शव दफना दिया गया। इसके बाद भी वहां मौजूद पुलिस फोर्स को कोई भनक नहीं लगी। इतना सुरक्षित कैंपस और भारी पुलिस फोर्स इसके बाद भी आरोपी बेधड़क होकर शव लेकर डीएम कंपाउंड पहुंच गया। शव को ठिकाने लगया। वहीं, दूसरी तरफ परिवार के लोगों का भी कहना है कि विमल सोनी के साथ ही इस मर्डर केस में अन्य आरोपी भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस को पूरे केस की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। अकेले मर्डर और फिर इतना गहरा गड्ढा खोदकर शव को ठिकाने लगाना आसान नहीं है। जिस तरह से वह फिल्मी अंदाज में कहानी गढ़ रहा है। ——————————- पढ़ें इससे जुड़ी खबर जिम ट्रेनर बोला-एक घूंसे में मरी कारोबारी की पत्नी : कानपुर में अफसरों को ट्रेनिंग देता, इसी बात से इंप्रेस हुई मैं कानपुर में अधिकारियों को जिम में ट्रेनिंग देता था, अकसर मेरा उनके यहां भी आना-जाना था। जब मैं अफसरों और उनकी पत्नियों को ट्रेनिंग देता तो एकता मुझे एकटक देखती रहती थी। वह मुझसे इंप्रेस थी। जिम में और भी ट्रेनर थे, लेकिन एकता ने मुझसे ही ट्रेनिंग लेनी चाही। धीरे-धीरे हम करीब आ गए। इसी बीच मेरी शादी तय हो गई। इस बात से वह काफी नाराज थी, मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। उस दिन गुस्से में मैने एकता को एक घूंसा मार दिया, जिससे वह मर गई।’पढ़ें पूरी खबर कानपुर पुलिस ने कारोबारी की पत्नी एकता मर्डर केस का रविवार को खुलासा किया। लेकिन, कई सवालों के जवाब नहीं दे सकी। पुलिस का कहना था कि आरोपी ने 45 मिनट में शव को दफनाकर बाहर निकला आया। 8 फीट गहरा गड्ढा खोदना और दफनाना इतने कम समय में संभव नहीं है। इसी तरह पुलिस ने बताया कि एक सप्ताह से परिवार के संपर्क में है। उन्हें अपने साथ लेकर घूम रही है। लेकिन, परिवार के लोगों ने इनकार कर दिया। DM कंपाउंड में जाने का CCTV फुटेज मिला। इसके बाद पुलिस ने डीएम कंपाउंड में जाकर जांच पड़ताल करना उचित तक नहीं समझा। खास बात ये है कि पूरा खुलासा आरोपी के बयान के आधार पर हुआ है। पुलिस के पास खुलासे से जुडे़ कोई साक्ष्य नहीं हैं। सिर्फ शव की बरामदगी है। महिला का दिनदहाड़े मर्डर, डीएम आवास में लाश दफनाया और 4 महीने बाद खुलासा। इसके बाद अफसरों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए खुलासा करने वाली टीम को 1 लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया। पढ़ें मर्डर केस में नाकामी पर खास रिपोर्ट… पहला सवाल : 45 मिनट में 8 फीट गड्ढा खोदकर शव दफनाना
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने एकता मर्डर केस में बताया-आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी ने 24 जून की सुबह मर्डर करने के बाद करीब 45 मिनट डीएम कंपाउंड में रहा। CCTV फुटेज की जांच में यह सामने आया है। लेकिन, 8 फीट गड्ढा खोदना वो भी महज 45 मिनट में। असंभव नहीं नामुमकिन है। अगर प्री-प्लानिंग करके मर्डर किया था, तो क्या पहले से ही गड्ढा खोदा गया था। इस पर पुलिस कोई जवाब नहीं दे सकी। एडिशनल सीपी का कहना था कि यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही यह साफ हाे सकेगा। जबकि आरोपी से 24 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में पूछताछ की गई। लेकिन, मर्डर की कहानी को पूरी तरह साफ नहीं किया जा सका। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही डीसीपी ईस्ट ने बताया कि वृक्षारोपण के लिए गड्ढा खोदा गया था। लेकिन, एक बात तो साफ है कि 8 फीट गहरा और इतना लंबा चौड़ा गड्ढा कभी भी पौधा रोपने के लिए नहीं खोदा जाता है। महज 45 मिनट के भीतर शव को किस तरह से ठिकाने लगाया गया। दूसरा सवाल : आरोपी दो बार डीएम कंपाउंड आया, पुलिस ने नहीं की जांच
एडिशनल सीपी ने बताया-हत्यारोपी सुबह डीएम कंपाउंड में कार से शव लेकर पहुंचा। 45 मिनट में शव को ठिकाने लगाने के बाद वहां से निकल गया। इसके बाद दोपहर में 1:45 बजे दोबारा ऑफिसर्स क्लब पहुंचा। फिर से शव के ऊपर मिट्टी पर पानी डाला। उसे और व्यवस्थित कर दिया। ताकि, शव से दुर्गंध बाहर ना आ सके। पुलिस को जांच के दौरान ही यह सब पता चल गया था। इसके बाद भी पुलिस डीएम कंपाउंड के भीतर जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। सिर्फ आरोपी की तलाश में लगी रही। अगर पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच पड़ताल करती, तो तय था कि महिला का शव बरामद हो जाता। आरोपी को भी पुलिस पहले अरेस्ट कर पाती। लेकिन, पुलिस पूरे मामले को प्रेम प्रसंग का मानकर टालती रही। तीसरा सवाल : दुपट्टा, टूटा क्लेचर और रस्सी मिली…लेकिन फोरेंसिक जांच नहीं
एडिशनल सीपी ने बताया- महिला के लापता होने के अगले दिन ही हत्यारोपी विमल सोनी की बहन के घर से आरोपी की ‘आई-10’ कार बरामद हुई थी। कार में महिला की चुनरी, टॉवेज, टूटा हुआ क्लेचर, रस्सी और मोबाइल की सिम ट्रे समेत अन्य साक्ष्य मिले थे। पुलिस ने इसको गंभीरता से ही नहीं लिया। पुलिस ने कार और अन्य साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच नहीं कराई। अगर पुलिस कार की फोरेंसिक जांच कराती तो काफी कुछ पुलिस को सफलता मिल जाती। फोरेंसिक एक्सपर्ट की मानें, तो अगर कार की फोरेंसिक जांच हाेती। तो, उसमें बरामद रस्सी और दुपट्ट की जांच करके पता लगाया जा सकता था कि उसका उपयोग किसी की गर्दन घोंटने में किया गया है कि नहीं। लेकिन, पुलिस प्रेस-प्रसंग का मामला मानकर फोरेंसिक जांच कराना उचित नहीं समझा। चौथा सवाल : पुलिस और परिजनों की अलग-अलग बात
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया-एक सप्ताह से वह एकता के भाई और पति को लेकर केस की जांच-पड़ताल कर रही है। उनके साथ पुलिस की एक-एक इन्वेस्टिगेशन को शेयर किया जाता था। उनके साथ आरोपी की तलाश में पुलिस बाहर भी गई। परिवार के लोगों से इस बात की तस्दीक की गई, तो वह साफ मुकर गए। उन्होंने बताया कि पुलिस के संपर्क में एक सप्ताह से बिल्कुल भी नहीं है। शुक्रवार को पुलिस अफसरों ने फोन करके कोतवाली थाने में बुलाया। तब पता चला कि आरोपी विमल सोनी को अरेस्ट कर लिया है। इससे पहले पुलिस ने उनसे किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं किया। बल्कि, पीड़ित परिवार के अफसरों के दफ्तर के चक्कर काट-काट कर चप्पलें घिस गईं। इस पुलिस मामले को प्रेस प्रसंग का मामला मानकर इग्नोर करती रही। पांचवां सवाल : उस गेट से नहीं घुस सकती कार
एडिशनल सीपी ने बताया-हत्यारोपी विमल सोनी मर्डर वहां पर शव मिला था। उसी से 10 मीटर दूर वाले गेट से कार भीतर लेकर प्रवेश हुआ था। इसके बाद शव को गड्ढे में ठिकाने लगा दिया। इसके बाद फिर वहां से चला गया। लेकिन, दैनिक भास्कर टीम ने मौका-मुआयना किया। तब सामने आया कि ऑफिसर्स क्लब के उस गेट से तो कार ही भीतर नहीं जा सकती है। उसकी चौड़ाई 1667 एमएम है, जबकि कार विदाउट मिरर चौड़ाई 1680 एमएम होती है। मीडिया ने इस बात को लेकर सवाल खड़े किए, तो एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि उसके बगल 10 फीट चौड़े गेट से कार लेकर अंदर गया था। जबकि गेट के सामने धोबी का काम करने वाले रामू ने बताया कि यह गेट कभी नहीं खोला जाता है। जब सफाई होती है, तो कूड़ा निकालने के लिए खोला जाता है। पुलिस की इस थ्योरी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। छठा सवाल : डीएम के गेट पर गारद को नहीं लगी दफनाने की भनक डीएम आवास के गेट पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रहती है। गेट के ठीक बगल यानी 10 मीटर दूर खुले आसमान के नीचे 8 से 10 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। महिला का शव दफना दिया गया। इसके बाद भी वहां मौजूद पुलिस फोर्स को कोई भनक नहीं लगी। इतना सुरक्षित कैंपस और भारी पुलिस फोर्स इसके बाद भी आरोपी बेधड़क होकर शव लेकर डीएम कंपाउंड पहुंच गया। शव को ठिकाने लगया। वहीं, दूसरी तरफ परिवार के लोगों का भी कहना है कि विमल सोनी के साथ ही इस मर्डर केस में अन्य आरोपी भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस को पूरे केस की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। अकेले मर्डर और फिर इतना गहरा गड्ढा खोदकर शव को ठिकाने लगाना आसान नहीं है। जिस तरह से वह फिल्मी अंदाज में कहानी गढ़ रहा है। ——————————- पढ़ें इससे जुड़ी खबर जिम ट्रेनर बोला-एक घूंसे में मरी कारोबारी की पत्नी : कानपुर में अफसरों को ट्रेनिंग देता, इसी बात से इंप्रेस हुई मैं कानपुर में अधिकारियों को जिम में ट्रेनिंग देता था, अकसर मेरा उनके यहां भी आना-जाना था। जब मैं अफसरों और उनकी पत्नियों को ट्रेनिंग देता तो एकता मुझे एकटक देखती रहती थी। वह मुझसे इंप्रेस थी। जिम में और भी ट्रेनर थे, लेकिन एकता ने मुझसे ही ट्रेनिंग लेनी चाही। धीरे-धीरे हम करीब आ गए। इसी बीच मेरी शादी तय हो गई। इस बात से वह काफी नाराज थी, मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। उस दिन गुस्से में मैने एकता को एक घूंसा मार दिया, जिससे वह मर गई।’पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर