कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित अरेस्ट:1 हजार करोड़ की जमीन कब्जाने के केस में एक्शन, मेयर की पुलिस से नोकझोंक

कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित अरेस्ट:1 हजार करोड़ की जमीन कब्जाने के केस में एक्शन, मेयर की पुलिस से नोकझोंक

कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार किया। इसके बाद भारी संख्या में समर्थक कानपुर कोतवाली पहुंच गए। रातभर हंगामा चलता रहा। हालात इतने खराब हो गए कि 12 थानों की पुलिस और पीएसी बुलानी पड़ी। मेयर प्रमिला पांडेय भी कोतवाली पहुंचीं। पुलिस से उनकी नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए रात के 2.30 बजे अवनीश का मेडिकल कराया। इसके बाद सोमवार सुबह 5 बजे ही जेल भेज दिया। एक हजार करोड़ रुपए की जमीन कब्जा करने के केस में पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने अवनीश दीक्षित समेत 12 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ डकैती समेत 10 गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है। मिशनरी की जमीन पर कब्जे का मामला
सिविल लाइंस में हडर्ड चौराहे के पास केस्को एमडी ऑफिस है। इसके सामने मिशनरी की 1000 करोड़ से ज्यादा कीमत की खाली जमीन है। यह जमीन कई साल पहले ईसाई संस्था को लीज पर दी गई थी। प्रशासन के मुताबिक लीज खत्म हो चुकी है और अब यह नजूल की जमीन है। पुलिस को दी तहरीर के अनुसार, शनिवार सुबह इस जमीन पर कब्जा करने के लिए अवनीश दीक्षित के साथ 33 लोग पहुंचे। उन्होंने केयर टेकर के साथ मारपीट की और उसे खींचकर बाहर निकाल दिया। इसके बाद अपना ताला डालकर कब्जा ले लिया। इस दौरान कोतवाली थाने की पुलिस भी वहां पहुंची लेकिन आरोपियों को रोक नहीं पाई। लेखपाल और जमीन के केयर टेकर दोनों ने दर्ज कराई FIR
मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने एसडीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया। अंत में लेखपाल ने मामले में जांच-पड़ताल करके कोतवाली थाने में अवनीश दीक्षित समेत 12 के खिलाफ नामजद और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद जमीन के केयर टेकर सैमुएल गुरुदेव सिंह ने भी कोतवाली थाने में अवनीश दीक्षित समेत अन्य आरोपियों पर दूसरी FIR दर्ज कराई। इसमें डकैती समेत 10 गंभीर धाराएं शामिल की गईं। आरोप है कि कब्जा करने पहुंचे लोगों ने तोड़फोड की। धमकी दी और वसूली की कोशिश की है। पुलिस ने अवनीश दीक्षित को रात 9.30 बजे परेड चौराहा स्थित क्रिस्टल पार्किंग से अरेस्ट किया। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया- जमीन कब्जा मामले में 2 FIR दर्ज होने के बाद मुख्य आरोपी अवनीश दीक्षित को अरेस्ट किया गया। पूरे मामले की जानकारी शासन को भेज दी गई है। महापौर समेत सैकड़ों लोग पहुंचे कोतवाली
रविवार रात अवनीश को अरेस्ट करते ही सैकड़ों की संख्या में लोग कोतवाली पहुंच गए। हंगामा और बवाल की आशंका पर 12 थानों की फोर्स और पीएसी तैनात कर दी गई। इस दौरान महापौर प्रमिला पांडेय भी पहुंचीं। उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में जानकारी ली और कोतवाली के अंदर चली गईं। वहां पुलिस से उनकी बहस भी हुई। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कुछ देर बाद महापौर के फोन पर एक कॉल आई। इसके कुछ देर बाद ही वह कोतवाली से चली गईं। इधर, सीनियर जर्नलिस्ट की गिरफ्तारी पर उनके समर्थकों का कहना है- पुलिस फर्जी केस में अवनीश दीक्षित को फंसा रही है। जो एविडेंस पुलिस दिखा रही है, वह गलत है। पुलिस के मुताबिक- अवनीश दीक्षित खुद जमीन पर कब्जा करने गए थे। जबकि समर्थकों ने एक सीसीटीवी दिखाया- जिसमें वह घर से निकल रहे हैं। दावा है कि वह अपने ऑफिस गए थे। लेकिन, पुलिस ने इसे कब्जाने वाला बता दिया। दूतावास से यूपी सरकार को भेजी गई सूचना
विवादित जमीन पर कब्जे को लेकर रविवार सुबह से ही विवाद शुरू हो गया था। पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले की जानकारी और रिपोर्ट शासन को भेज दी। चर्चा यह रही कि मामला ईसाई मिशनरी संगठन का होने से सूचना पहले दूतावास स्तर पर पहुंची, वहां से सीधे उप्र सरकार को भेजी गई। दूसरी चर्चा पुलिस व प्रशासन के जरिए गृह विभाग तक सूचना की फैली। शासन ने पुलिस के फीडबैक के आधार पर तत्काल सख्त कार्रवाई को कहा। लेखपाल ने क्या आरोप लगाए…
लेखपाल विपिन कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके क्षेत्र में नजूल भूखण्डों (ब्लाक-15, भूखण्ड संख्या-69, 69ए 69बी) पर रविवार को सुबह 10:15 के आसपास, हरेन्द्र मसीह, राहुल वर्मा, मौरिस एरियल, कमला एरियल, अभिषेक एरियल व अर्पण एरियल के उकसाने पर अवनीश दीक्षित, जीतेश झा, मोहित बाजपेयी, सन्दीप, विक्की चार्ल्स, अब्बास, जितेन्द्र व 20 अन्य व्यक्तियों ने बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास किया। डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने बताया- अवनीश दीक्षित और उनके साथियों ने गेटमैन को बंधक बनाया। कैमरों के डीवीआर निकाल ले गए। विरोध पर धमकी दी। दूसरे गुट की महिला से बदसलूकी भी की गई। अवनीश दीक्षित ने जीतेश को बनाया केयर टेकर
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया- जमीन सन 1910 में वूमंस यूनियन मिशनरी को 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। फिर यह यूनाइटेड फॉलोशिप ऑफ क्रिश्चियन सर्विस को लीज पर दी गई। एक गुट इमेनुअल दूसरा सैमुअल का है, जिनके बीच जमीन कब्जेदारी को लेकर विवाद है। इसी में झांसी का हरेंदर मसीह भी शामिल है, जिसने जमीन की पावर ऑफ एटर्नी अवनीश दीक्षित के नाम लिख दी। अवनीश ने इसका केयरटेकर जीतेश झा को बना दिया। उसी की आड़ में अवनीश दीक्षित समेत अन्य लोग कब्जा करने पहुंचे थे। ये भी पढ़ें: काशी की सब्जी मंडी में करोड़ों का घोटाला:ठेकेदारों को 4 करोड़ ज्यादा किया भुगतान, जांच में फंसे अफसरों को बचाने की कोशिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 20 करोड़ 32 लाख से पूर्वांचल की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी बनाई गई। इसे पहड़िया मंडी के नाम से भी जाना जाता है। मंडी के निर्माण कार्यों में करोड़ों का घोटाला हुआ। साल 2016-17 में शुरू हुए निर्माण कार्य की शिकायत हुई…(पढ़ें पूरी खबर) व्यापारी बोला- मेरा अपहरण हो गया, 70 लाख दो:आवाज बदलकर पत्नी से मांगी फिरौती; पुलिस ने कांवड़िया बनकर हरिद्वार से पकड़ा गोंडा में कर्ज में डूबे व्यापारी ने अपने अपहरण की साजिश रचकर घरवालों से फिरौती मांगी। उसने अपनी पत्नी को फोन किया। कहा- मेरा अपहरण हो गया है। 70 लाख रुपए दे दो। पुलिसकर्मियों ने कांवड़िए का भेष रखकर 36 घंटे में हर की पौड़ी से उसको पकड़ लिया। मामला करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र का है…(पढ़ें पूरी खबर) कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार किया। इसके बाद भारी संख्या में समर्थक कानपुर कोतवाली पहुंच गए। रातभर हंगामा चलता रहा। हालात इतने खराब हो गए कि 12 थानों की पुलिस और पीएसी बुलानी पड़ी। मेयर प्रमिला पांडेय भी कोतवाली पहुंचीं। पुलिस से उनकी नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए रात के 2.30 बजे अवनीश का मेडिकल कराया। इसके बाद सोमवार सुबह 5 बजे ही जेल भेज दिया। एक हजार करोड़ रुपए की जमीन कब्जा करने के केस में पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने अवनीश दीक्षित समेत 12 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ डकैती समेत 10 गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है। मिशनरी की जमीन पर कब्जे का मामला
सिविल लाइंस में हडर्ड चौराहे के पास केस्को एमडी ऑफिस है। इसके सामने मिशनरी की 1000 करोड़ से ज्यादा कीमत की खाली जमीन है। यह जमीन कई साल पहले ईसाई संस्था को लीज पर दी गई थी। प्रशासन के मुताबिक लीज खत्म हो चुकी है और अब यह नजूल की जमीन है। पुलिस को दी तहरीर के अनुसार, शनिवार सुबह इस जमीन पर कब्जा करने के लिए अवनीश दीक्षित के साथ 33 लोग पहुंचे। उन्होंने केयर टेकर के साथ मारपीट की और उसे खींचकर बाहर निकाल दिया। इसके बाद अपना ताला डालकर कब्जा ले लिया। इस दौरान कोतवाली थाने की पुलिस भी वहां पहुंची लेकिन आरोपियों को रोक नहीं पाई। लेखपाल और जमीन के केयर टेकर दोनों ने दर्ज कराई FIR
मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने एसडीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया। अंत में लेखपाल ने मामले में जांच-पड़ताल करके कोतवाली थाने में अवनीश दीक्षित समेत 12 के खिलाफ नामजद और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद जमीन के केयर टेकर सैमुएल गुरुदेव सिंह ने भी कोतवाली थाने में अवनीश दीक्षित समेत अन्य आरोपियों पर दूसरी FIR दर्ज कराई। इसमें डकैती समेत 10 गंभीर धाराएं शामिल की गईं। आरोप है कि कब्जा करने पहुंचे लोगों ने तोड़फोड की। धमकी दी और वसूली की कोशिश की है। पुलिस ने अवनीश दीक्षित को रात 9.30 बजे परेड चौराहा स्थित क्रिस्टल पार्किंग से अरेस्ट किया। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया- जमीन कब्जा मामले में 2 FIR दर्ज होने के बाद मुख्य आरोपी अवनीश दीक्षित को अरेस्ट किया गया। पूरे मामले की जानकारी शासन को भेज दी गई है। महापौर समेत सैकड़ों लोग पहुंचे कोतवाली
रविवार रात अवनीश को अरेस्ट करते ही सैकड़ों की संख्या में लोग कोतवाली पहुंच गए। हंगामा और बवाल की आशंका पर 12 थानों की फोर्स और पीएसी तैनात कर दी गई। इस दौरान महापौर प्रमिला पांडेय भी पहुंचीं। उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में जानकारी ली और कोतवाली के अंदर चली गईं। वहां पुलिस से उनकी बहस भी हुई। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कुछ देर बाद महापौर के फोन पर एक कॉल आई। इसके कुछ देर बाद ही वह कोतवाली से चली गईं। इधर, सीनियर जर्नलिस्ट की गिरफ्तारी पर उनके समर्थकों का कहना है- पुलिस फर्जी केस में अवनीश दीक्षित को फंसा रही है। जो एविडेंस पुलिस दिखा रही है, वह गलत है। पुलिस के मुताबिक- अवनीश दीक्षित खुद जमीन पर कब्जा करने गए थे। जबकि समर्थकों ने एक सीसीटीवी दिखाया- जिसमें वह घर से निकल रहे हैं। दावा है कि वह अपने ऑफिस गए थे। लेकिन, पुलिस ने इसे कब्जाने वाला बता दिया। दूतावास से यूपी सरकार को भेजी गई सूचना
विवादित जमीन पर कब्जे को लेकर रविवार सुबह से ही विवाद शुरू हो गया था। पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले की जानकारी और रिपोर्ट शासन को भेज दी। चर्चा यह रही कि मामला ईसाई मिशनरी संगठन का होने से सूचना पहले दूतावास स्तर पर पहुंची, वहां से सीधे उप्र सरकार को भेजी गई। दूसरी चर्चा पुलिस व प्रशासन के जरिए गृह विभाग तक सूचना की फैली। शासन ने पुलिस के फीडबैक के आधार पर तत्काल सख्त कार्रवाई को कहा। लेखपाल ने क्या आरोप लगाए…
लेखपाल विपिन कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके क्षेत्र में नजूल भूखण्डों (ब्लाक-15, भूखण्ड संख्या-69, 69ए 69बी) पर रविवार को सुबह 10:15 के आसपास, हरेन्द्र मसीह, राहुल वर्मा, मौरिस एरियल, कमला एरियल, अभिषेक एरियल व अर्पण एरियल के उकसाने पर अवनीश दीक्षित, जीतेश झा, मोहित बाजपेयी, सन्दीप, विक्की चार्ल्स, अब्बास, जितेन्द्र व 20 अन्य व्यक्तियों ने बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास किया। डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने बताया- अवनीश दीक्षित और उनके साथियों ने गेटमैन को बंधक बनाया। कैमरों के डीवीआर निकाल ले गए। विरोध पर धमकी दी। दूसरे गुट की महिला से बदसलूकी भी की गई। अवनीश दीक्षित ने जीतेश को बनाया केयर टेकर
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया- जमीन सन 1910 में वूमंस यूनियन मिशनरी को 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। फिर यह यूनाइटेड फॉलोशिप ऑफ क्रिश्चियन सर्विस को लीज पर दी गई। एक गुट इमेनुअल दूसरा सैमुअल का है, जिनके बीच जमीन कब्जेदारी को लेकर विवाद है। इसी में झांसी का हरेंदर मसीह भी शामिल है, जिसने जमीन की पावर ऑफ एटर्नी अवनीश दीक्षित के नाम लिख दी। अवनीश ने इसका केयरटेकर जीतेश झा को बना दिया। उसी की आड़ में अवनीश दीक्षित समेत अन्य लोग कब्जा करने पहुंचे थे। ये भी पढ़ें: काशी की सब्जी मंडी में करोड़ों का घोटाला:ठेकेदारों को 4 करोड़ ज्यादा किया भुगतान, जांच में फंसे अफसरों को बचाने की कोशिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 20 करोड़ 32 लाख से पूर्वांचल की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी बनाई गई। इसे पहड़िया मंडी के नाम से भी जाना जाता है। मंडी के निर्माण कार्यों में करोड़ों का घोटाला हुआ। साल 2016-17 में शुरू हुए निर्माण कार्य की शिकायत हुई…(पढ़ें पूरी खबर) व्यापारी बोला- मेरा अपहरण हो गया, 70 लाख दो:आवाज बदलकर पत्नी से मांगी फिरौती; पुलिस ने कांवड़िया बनकर हरिद्वार से पकड़ा गोंडा में कर्ज में डूबे व्यापारी ने अपने अपहरण की साजिश रचकर घरवालों से फिरौती मांगी। उसने अपनी पत्नी को फोन किया। कहा- मेरा अपहरण हो गया है। 70 लाख रुपए दे दो। पुलिसकर्मियों ने कांवड़िए का भेष रखकर 36 घंटे में हर की पौड़ी से उसको पकड़ लिया। मामला करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र का है…(पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर