कानपुर-बुंदेलखंड में भाजपा का ढहा अजेय किला:10 साल बाद 2 केंद्रीय मंत्री हारे, तीसरी बार सीट बचाने में कामयाब रहे 2 प्रत्याशी

कानपुर-बुंदेलखंड में भाजपा का ढहा अजेय किला:10 साल बाद 2 केंद्रीय मंत्री हारे, तीसरी बार सीट बचाने में कामयाब रहे 2 प्रत्याशी

कानपुर-बुंदेलखंड में आने वाली 10 सीटों में से भाजपा 5 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। जबकि 2019 के चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा का प्रदर्शन यहां बेहद निराशाजनक रहा। महोबा-हमीरपुर, बांदा-चित्रकूट व जालौन की सीटों पर सपा ने विजय हासिल की। विपक्षियों को यहां भाजपा को हराने में 10 साल का वक्त लग गया। दो केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए
जालौन में केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा तो फतेहपुर में साध्वी निरंजन ज्योति की हार से उनकी हैट्रिक की हसरत अधूरी रह गई। भाजपा के लिए राहत की बात यह रही कि उसके छह में से तीन सांसद अपनी साख बचाने में कामयाब रहे। अकबरपुर, फर्रुखाबाद और उन्नाव में भाजपा प्रत्याशियों ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। इन सीटों पर चूक गई भाजपा
‘मोदी का परिवार’ नारे के साथ कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की 10 में से नौ लोकसभा सीटों पर भाजपा लगातार तीसरी जीत दर्ज करने के लिए जोर लगा रही थी। इनमें से चार सीटों पर तो उसे कामयाबी मिली, लेकिन पांच सीटें उसकी झोली से सरक गईं। इनमें इटावा, बांदा, फतेहपुर, हमीरपुर और जालौन संसदीय सीट शामिल हैं। इटावा, बांदा, हमीरपुर भी भाजपा हारी
इटावा में सपा के जितेंद्र दोहरे ने भाजपा के प्रो. रामशंकर कठेरिया को हरा दिया। वहीं, बांदा में भाजपा के आरके पटेल को सपा की कृष्णा पटेल के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। हमीरपुर में भी कांटे की टक्कर में पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को सपा के अजेंद्र सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हमीरपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग के बाद यहां बीस बूथों की मतगणना दोबारा करानी पड़ी। फतेहपुर सीट पर साध्वी की करार हार
फतेहपुर सीट से लगातार दो बार से चुनाव जीत रहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के सामने सपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने तगड़ी चुनौती देते हुए उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया। नरेश उत्तम पटेल ने साध्वी निरंजन ज्योति को 33,199 वोटों के अंतर से हरा दिया। इससे पहले, वर्ष 2014 में साध्वी को इस सीट पर 4,85,994 वोट मिले थे और वो 1,87,206 मत के अंतर से जीती थीं। कानपुर, अकबरपुर सीट पर बची लाज
इसी तरह जालौन लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा का हैट्रिक का सपना भी चकनाचूर हो गया। वहीं कानपुर नगर में रमेश अवस्थी ने कांग्रेस के आलोक मिश्र को 20,968 वोटों से हराकर कमल खिलाया, जबकि अकबरपुर सीट पर जीत का सेहरा देवेंद्र सिंह भोले के सिर बंधा। उन्होंने सपा प्रत्याशी राजाराम पाल को 44,345 वोटों के अंतर से पराजित किया। हालांकि भाजपा यहां तीसरी बार कमल खिलाने में कामयाब रही। कन्नौज पर सपा ने दर्ज की जीत
मतगणना के दौरान महोबा हमीरपुर सीट पर कांटे का मुकाबला दिखा। यहां सपा प्रत्याशी अजेंद्र सिंह लोधी ने भाजपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को तीन हजार से भी कम वोटों से हराकर जीत दर्ज की। वहीं कन्नौज में अखिलेश यादव ने पौने दो लाख से ज्यादा मतों से भाजपा प्रत्याशी को मात दी। उन्नाव में साक्षी महाराज और फर्रुखाबाद में मुकेश राजपूत लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने में सफल रहे। इन्होंने पहली बार में ही मार लिया मैदान
पहली बार चुनावी मैदान में उतरे इटावा से जितेंद्र दोहरे, फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल, जालौन से नारायण दास अहिरवार, कानपुर से रमेश अवस्थी और बांदा से कृष्णा पटेल भी संसद तक पहुंचने में सफल रहीं। कानपुर-बुंदेलखंड में आने वाली 10 सीटों में से भाजपा 5 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। जबकि 2019 के चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा का प्रदर्शन यहां बेहद निराशाजनक रहा। महोबा-हमीरपुर, बांदा-चित्रकूट व जालौन की सीटों पर सपा ने विजय हासिल की। विपक्षियों को यहां भाजपा को हराने में 10 साल का वक्त लग गया। दो केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए
जालौन में केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा तो फतेहपुर में साध्वी निरंजन ज्योति की हार से उनकी हैट्रिक की हसरत अधूरी रह गई। भाजपा के लिए राहत की बात यह रही कि उसके छह में से तीन सांसद अपनी साख बचाने में कामयाब रहे। अकबरपुर, फर्रुखाबाद और उन्नाव में भाजपा प्रत्याशियों ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। इन सीटों पर चूक गई भाजपा
‘मोदी का परिवार’ नारे के साथ कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की 10 में से नौ लोकसभा सीटों पर भाजपा लगातार तीसरी जीत दर्ज करने के लिए जोर लगा रही थी। इनमें से चार सीटों पर तो उसे कामयाबी मिली, लेकिन पांच सीटें उसकी झोली से सरक गईं। इनमें इटावा, बांदा, फतेहपुर, हमीरपुर और जालौन संसदीय सीट शामिल हैं। इटावा, बांदा, हमीरपुर भी भाजपा हारी
इटावा में सपा के जितेंद्र दोहरे ने भाजपा के प्रो. रामशंकर कठेरिया को हरा दिया। वहीं, बांदा में भाजपा के आरके पटेल को सपा की कृष्णा पटेल के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। हमीरपुर में भी कांटे की टक्कर में पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को सपा के अजेंद्र सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हमीरपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग के बाद यहां बीस बूथों की मतगणना दोबारा करानी पड़ी। फतेहपुर सीट पर साध्वी की करार हार
फतेहपुर सीट से लगातार दो बार से चुनाव जीत रहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के सामने सपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने तगड़ी चुनौती देते हुए उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया। नरेश उत्तम पटेल ने साध्वी निरंजन ज्योति को 33,199 वोटों के अंतर से हरा दिया। इससे पहले, वर्ष 2014 में साध्वी को इस सीट पर 4,85,994 वोट मिले थे और वो 1,87,206 मत के अंतर से जीती थीं। कानपुर, अकबरपुर सीट पर बची लाज
इसी तरह जालौन लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा का हैट्रिक का सपना भी चकनाचूर हो गया। वहीं कानपुर नगर में रमेश अवस्थी ने कांग्रेस के आलोक मिश्र को 20,968 वोटों से हराकर कमल खिलाया, जबकि अकबरपुर सीट पर जीत का सेहरा देवेंद्र सिंह भोले के सिर बंधा। उन्होंने सपा प्रत्याशी राजाराम पाल को 44,345 वोटों के अंतर से पराजित किया। हालांकि भाजपा यहां तीसरी बार कमल खिलाने में कामयाब रही। कन्नौज पर सपा ने दर्ज की जीत
मतगणना के दौरान महोबा हमीरपुर सीट पर कांटे का मुकाबला दिखा। यहां सपा प्रत्याशी अजेंद्र सिंह लोधी ने भाजपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को तीन हजार से भी कम वोटों से हराकर जीत दर्ज की। वहीं कन्नौज में अखिलेश यादव ने पौने दो लाख से ज्यादा मतों से भाजपा प्रत्याशी को मात दी। उन्नाव में साक्षी महाराज और फर्रुखाबाद में मुकेश राजपूत लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने में सफल रहे। इन्होंने पहली बार में ही मार लिया मैदान
पहली बार चुनावी मैदान में उतरे इटावा से जितेंद्र दोहरे, फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल, जालौन से नारायण दास अहिरवार, कानपुर से रमेश अवस्थी और बांदा से कृष्णा पटेल भी संसद तक पहुंचने में सफल रहीं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर