कानपुर में दो मेडिकल स्टोर की दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। इनमें खड़िया और चूना का प्रयोग किया जा रहा था। ये बात सैंपल की जांच रिपोर्ट से पता चली है। जिसके बाद दोनों दुकानों पर दवाओं के खरीदने और -बेचने पर रोक लगा दी गई है। 8 अगस्त को लिए गए थे सैंपल ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान ने बताया, ड्रग डिपार्टमेंट को शहर में शुगर, बुखार, गैस की नकली दवाएं बेचे जाने की सूचना मिली थी। जिसके बाद 8 अगस्त को बिरहाना रोड के ज्ञानवीर निगम ब्रदर्स और रिजुल गुप्ता मेडीलाइफ एजेंसी पर छापा मारा गया था। ज्ञानवीर निगम ब्रदर्स के यहां से 15 और रिजुल गुप्ता मेडीलाइफ एजेंसी के यहां से तीन नमूने लिए गए थे, उन्हें लखनऊ की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में छह नमूने फेल पाए गए। हाईपरटेंशन सहित अभी 12 दवाओं की रिपोर्ट आनी बाकी है। लाइसेंस निरस्त करने की होगी कार्रवाई ड्रग इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह ने बताया कि चेकिंग में मेडीलाइफ एजेंसी से मॉन्टेयर एलसी और ग्लिमस्टार जैसी दवाईयों की पैकेजिंग कुछ अलग सी लगी थी। दवाओं के बिल मांगे, तो उन्होंने निगम ब्रदर्स के यहां का सैंपल दे दिया। इनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। जो लोग भी दवाई खरीदें पैकेजिंग अच्छे से देखने के साथ ही ले और साथ ही बिल जरूर लें। कानपुर में दो मेडिकल स्टोर की दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। इनमें खड़िया और चूना का प्रयोग किया जा रहा था। ये बात सैंपल की जांच रिपोर्ट से पता चली है। जिसके बाद दोनों दुकानों पर दवाओं के खरीदने और -बेचने पर रोक लगा दी गई है। 8 अगस्त को लिए गए थे सैंपल ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान ने बताया, ड्रग डिपार्टमेंट को शहर में शुगर, बुखार, गैस की नकली दवाएं बेचे जाने की सूचना मिली थी। जिसके बाद 8 अगस्त को बिरहाना रोड के ज्ञानवीर निगम ब्रदर्स और रिजुल गुप्ता मेडीलाइफ एजेंसी पर छापा मारा गया था। ज्ञानवीर निगम ब्रदर्स के यहां से 15 और रिजुल गुप्ता मेडीलाइफ एजेंसी के यहां से तीन नमूने लिए गए थे, उन्हें लखनऊ की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में छह नमूने फेल पाए गए। हाईपरटेंशन सहित अभी 12 दवाओं की रिपोर्ट आनी बाकी है। लाइसेंस निरस्त करने की होगी कार्रवाई ड्रग इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह ने बताया कि चेकिंग में मेडीलाइफ एजेंसी से मॉन्टेयर एलसी और ग्लिमस्टार जैसी दवाईयों की पैकेजिंग कुछ अलग सी लगी थी। दवाओं के बिल मांगे, तो उन्होंने निगम ब्रदर्स के यहां का सैंपल दे दिया। इनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। जो लोग भी दवाई खरीदें पैकेजिंग अच्छे से देखने के साथ ही ले और साथ ही बिल जरूर लें। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण हरियाणा लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा। भाजपा का वोट प्रतिशत भी पिछली बार से कम हुआ। ऐसे में कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए हरियाणा आएंगे। अमित शाह का कार्यक्रम पहले कुरुक्षेत्र में तय था, लेकिन अब वह पंचकूला आएंगे। हरियाणा भाजपा ने शाह के कार्यक्रम का विस्तार किया है। पहले कार्यक्रम में 2500 कार्यकर्ताओं को शामिल होना था, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 4500 कर दी गई है। अब मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री, सभी मोर्चों के जिला पदाधिकारी, जिला पार्षद, नगर पार्षद और ब्लॉक कार्यसमिति को आमंत्रित किया गया है। कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी भाजपा के जिला अध्यक्षों को दी गई है। भाजपा ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे अमित शाह का संदेश बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बनेगी रणनीति अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनेगी। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा आगे बढ़ेगी। इस बैठक में अमित शाह हरियाणा में कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने पर जोर देंगे। फोटो खिंचवाने वाले कार्यकर्ताओं को फील्ड में मेहनत करने की सलाह दी जाएगी और काम न करने वाले कार्यकर्ताओं को पद छोड़ने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा 2014 और 2019 की तरह इस बार भी कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही प्रदेश भाजपा की कोर टीम के सदस्य ओपी धनखड़, सुधा यादव, कैप्टन अभिमन्यु, सुभाष बराला और रामबिलास शर्मा मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बैठक में हरियाणा के सभी मंत्री, विधायक और सांसद हिस्सा लेंगे। इतना ही नहीं इस बैठक में 2500 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। शाह के कार्यक्रम से एक दिन पहले बैठक दूसरी ओर, अमित शाह की बैठक से पहले प्रदेश भाजपा की ओर से प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में करीब 45 लोग भाग लेंगे। इस बैठक में अमित शाह के दौरे के दौरान एजेंडे तय किए जाएंगे। जिलों की क्या व्यवस्था होगी, इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आपको बता दें कि 2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार भाजपा लोकसभा में कांग्रेस से 5 सीटें हार गई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए 46 विधानसभा सीटों पर आगे निकली, जबकि भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में इस बार भाजपा के लिए मुकाबला कड़ा है। इन वजहों से भाजपा के सामने कड़ी चुनौती 1. सत्ता विरोधी लहर: भाजपा को हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में भाजपा की सरकार 10 साल से है। हरियाणा की जनता राज्य में बदलाव चाह रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका कोई फायदा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मोदी के नाम पर वोट जरूर मिले, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समुदाय की नाराजगी: भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समुदाय को खुश करना है। लोकसभा चुनाव में दोनों समुदायों ने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि जिन विधानसभाओं में जाट समुदाय या एससी समुदाय का प्रभाव है, वहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को खुश करना है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना: भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों से नाराज है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय तक आंदोलन चला था। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर बल प्रयोग किया और उनका साथ नहीं दिया। इससे किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं हरियाणा के युवा, खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा, केंद्र की अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हरियाणा में युवा बड़े पैमाने पर सेना भर्ती की तैयारी करते हैं। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल
हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।
जुलाना सीट पर भाजपा ने कैप्टन योगेश बैरागी को उतारा:कांग्रेस प्रत्याशी ओलंपियन विनेश फोगाट से टक्कर, पिछड़े वर्ग को साधने का काम
जुलाना सीट पर भाजपा ने कैप्टन योगेश बैरागी को उतारा:कांग्रेस प्रत्याशी ओलंपियन विनेश फोगाट से टक्कर, पिछड़े वर्ग को साधने का काम हरियाणा के जींद जिला के जुलाना हलके से कांगेस नेत्री और ओलंपियन खिलाड़ी विनेश फोगाट को टक्कर देने के लिए भाजपा ने सफीदों निवासी कैप्टन योगेश बैरागी को टिकट दी है। कैप्टन योगेश बैरागी भाजपा में युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश सह संयोजक खेल प्रकोष्ठ, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजयुमो हरियाणा आदि पदों पर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। करीब 81 हजार जाट मतदाता कैप्टन योगेश की आयु 35 वर्ष है और वो स्नातक तक शिक्षित हैं। भाजपा ने कैप्टन योगेश को टिकट देकर पिछड़े वर्ग को साधने का काम किया। जुलाना विधानसभा जाट बाहुल्य सीट है। जुलाना में लगभग 81 हजार जाट मतदाता है। हलके पिछड़े वर्ग के 33608 वोट हैं। इसके अलावा 29661 मतदाता अनुसूचित जाति से हैं। ऐसे में भाजपा ने नॉन जाट कार्ड खेलते हुए पिछड़े समाज से आने वाले कैप्टन योगेश बैरागी को टिकट दी है।
Swati Maliwal Case: विभव कुमार को झटका, गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
Swati Maliwal Case: विभव कुमार को झटका, गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> आप सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) केस में विभव कुमार (Bibhav Kumar) को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है. गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने आदेश जारी किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विभव कुमार ने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है. विभव के वकील ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई थी और उनकी गिरफ्तारी 18 मई को हुई है. उस दिन गिरफ्तारी हुई थी जिस दिन उन्होंने स्वेच्छा से जांच में शामिल होने को लेकर पुलिस को आवेदन दिया था. पुलिस ने विभव की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि विभव कुमार की गिरफ्तारी जल्दबाजी में नहीं हुई थी और इसमें इसका कोई दोष नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अभी न्यायिक हिरासत में हैं विभव कुमार</strong><br />कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विभव कुमार की याचिका पर 8 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. विभव कुमार को न्यायिक हिरासत में रखा गया है. उनपर 13 मई को स्वाति मालीवाल पर हमला करने के आरोप हैं. उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था. विभव की जमानत याचिका पहले ही निचली अदालत और हाई कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई है और सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई के मुताबिक, विभव कुमार को जमानत देने से इनकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपी का काफी प्रभाव है और उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता. कोर्ट ने कहा था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जमानत देने पर याचिकाकर्ता मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”तपती गर्मी, परदे से बंटे छोटे कमरे, खिड़की भी नहीं… दिल्ली में UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों की कहानी” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-news-story-of-students-who-preparing-for-ias-upsc-and-live-in-pg-2751766″ target=”_self”>तपती गर्मी, परदे से बंटे छोटे कमरे, खिड़की भी नहीं… दिल्ली में UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों की कहानी</a></strong></p>