कानपुर डीएम को कार्यशैली को लेकर दो ऑडियो सामने हैं। ऑडियो में डीएम को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई है। दोनों ऑडियो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी का बताए जा रहे हैं। इसमें वह कह रहे हैं, देखो ऐसा है 75 के 75 जिले में यही एक ऐसा…. है जो ढोल बजा रहा है। दूसरा, मैंने आज तक ऐसा डीएम देखा ही नहीं जो किसी बात को इत्ती करके बोले। हालांकि सीएमओ ने ऑडियो उनके होने से इनकार किया है। सीएमओ का कहना है कि जो ऑडियो वायरल हो रहे हैं। उसमें मेरी आवाज नहीं है। मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। आजकल AI के माध्यम कुछ भी हो सकता है। वहीं डीएम ने सीएमओ को हटाने की संस्तुति करते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखा है। ऑडियो के बारे में डीएम ने कहा- इसकी जानकारी मुझे नहीं है। डॉक्टरों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप, डीएम को सौंपा शिकायती पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी विवादों में हैं। उन पर डॉक्टरों के तबादले, कर्मचारियों से व्यवहार, और शासनादेशों की अनदेखी जैसे आरोप उन पर लगे हैं। जिले के कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने जिलाधिकारी को पत्र देकर बताया कि CMO मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई डॉक्टरों ने आर्थिक उत्पीड़न और भ्रष्ट आचरण के आरोप भी लगाए हैं। इन्हीं शिकायतों को आधार बनाकर डीएम ने शासन को रिपोर्ट सौंपी है। DM ने पत्र में लिखा- डॉक्टरों के तबादले कर मानसिक उत्पीड़न किया
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिक्त पदों का विज्ञापन यूपी की अधिकृत वेबसाइट पर जारी नहीं किया गया। इसके अलावा, इंटरव्यू के परिणाम भी तय समय सीमा में प्रस्तुत नहीं किए गए। वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. वंदना सिंह को उनके पदेन कार्यों से हटाकर गैर-वित्त सेवा कर्मी को नामित कर दिया गया। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉ. आरएन सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी समेत अन्य चिकित्सकों के 10 दिन के भीतर 9 बार तबादले किए गए। यह प्रक्रिया पूरी तरह से असामान्य और मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में आती है। रिकॉर्ड में हेराफेरी करने की भी शिकायत मिली
लिखा, जिले में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति चिंताजनक है। कई जगह डॉक्टरों की फर्जी हाजिरी दर्ज मिली, रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई और गैरमौजूद व लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। सीएमओ का प्रशासनिक नियंत्रण शिथिल पाया गया। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कई बार निर्देश देने के बावजूद सीएमओ ने कार्यशैली में कोई सुधार नहीं किया। शिकायतों और निरीक्षणों में जो बातें सामने आईं, वे बेहद गंभीर हैं। इसी वजह से शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं सीएमओ का कहना है कि डीएम सर द्वारा जो भी आदेश दिए गए उसका मैने पालन किया है। पहले भी मुझे पत्र डीएम साहब की तरफ से मिला था, उसका भी मैंने जवाब दिया था। …………………. ये खबर भी पढ़िए- चंद्रशेखर कहते छोड़कर गई तो सुसाइड कर लूंगा:रोते-रोते आंखें सूज जाती; रोहिणी-सांसद की लवस्टोरी ‘चंद्रशेखर से मेरी पहली मुलाकात 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली में हुई। मैं स्विटजरलैंड से दिल्ली आई थी। दिल्ली में करीब दो-तीन दिन हम लोग साथ रहे। उसके बाद चंद्रशेखर मुझे छोड़ने इंदौर तक गए। फिर मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया। हम रिलेशनशिप में आ गए। मेरे पास हर चीज का प्रूफ है, कोर्ट मांगेगा तो हर सबूत दूंगी।’ पढ़ें पूरी खबर कानपुर डीएम को कार्यशैली को लेकर दो ऑडियो सामने हैं। ऑडियो में डीएम को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई है। दोनों ऑडियो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी का बताए जा रहे हैं। इसमें वह कह रहे हैं, देखो ऐसा है 75 के 75 जिले में यही एक ऐसा…. है जो ढोल बजा रहा है। दूसरा, मैंने आज तक ऐसा डीएम देखा ही नहीं जो किसी बात को इत्ती करके बोले। हालांकि सीएमओ ने ऑडियो उनके होने से इनकार किया है। सीएमओ का कहना है कि जो ऑडियो वायरल हो रहे हैं। उसमें मेरी आवाज नहीं है। मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। आजकल AI के माध्यम कुछ भी हो सकता है। वहीं डीएम ने सीएमओ को हटाने की संस्तुति करते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखा है। ऑडियो के बारे में डीएम ने कहा- इसकी जानकारी मुझे नहीं है। डॉक्टरों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप, डीएम को सौंपा शिकायती पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी विवादों में हैं। उन पर डॉक्टरों के तबादले, कर्मचारियों से व्यवहार, और शासनादेशों की अनदेखी जैसे आरोप उन पर लगे हैं। जिले के कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने जिलाधिकारी को पत्र देकर बताया कि CMO मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई डॉक्टरों ने आर्थिक उत्पीड़न और भ्रष्ट आचरण के आरोप भी लगाए हैं। इन्हीं शिकायतों को आधार बनाकर डीएम ने शासन को रिपोर्ट सौंपी है। DM ने पत्र में लिखा- डॉक्टरों के तबादले कर मानसिक उत्पीड़न किया
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिक्त पदों का विज्ञापन यूपी की अधिकृत वेबसाइट पर जारी नहीं किया गया। इसके अलावा, इंटरव्यू के परिणाम भी तय समय सीमा में प्रस्तुत नहीं किए गए। वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. वंदना सिंह को उनके पदेन कार्यों से हटाकर गैर-वित्त सेवा कर्मी को नामित कर दिया गया। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉ. आरएन सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी समेत अन्य चिकित्सकों के 10 दिन के भीतर 9 बार तबादले किए गए। यह प्रक्रिया पूरी तरह से असामान्य और मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में आती है। रिकॉर्ड में हेराफेरी करने की भी शिकायत मिली
लिखा, जिले में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति चिंताजनक है। कई जगह डॉक्टरों की फर्जी हाजिरी दर्ज मिली, रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई और गैरमौजूद व लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। सीएमओ का प्रशासनिक नियंत्रण शिथिल पाया गया। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कई बार निर्देश देने के बावजूद सीएमओ ने कार्यशैली में कोई सुधार नहीं किया। शिकायतों और निरीक्षणों में जो बातें सामने आईं, वे बेहद गंभीर हैं। इसी वजह से शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं सीएमओ का कहना है कि डीएम सर द्वारा जो भी आदेश दिए गए उसका मैने पालन किया है। पहले भी मुझे पत्र डीएम साहब की तरफ से मिला था, उसका भी मैंने जवाब दिया था। …………………. ये खबर भी पढ़िए- चंद्रशेखर कहते छोड़कर गई तो सुसाइड कर लूंगा:रोते-रोते आंखें सूज जाती; रोहिणी-सांसद की लवस्टोरी ‘चंद्रशेखर से मेरी पहली मुलाकात 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली में हुई। मैं स्विटजरलैंड से दिल्ली आई थी। दिल्ली में करीब दो-तीन दिन हम लोग साथ रहे। उसके बाद चंद्रशेखर मुझे छोड़ने इंदौर तक गए। फिर मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया। हम रिलेशनशिप में आ गए। मेरे पास हर चीज का प्रूफ है, कोर्ट मांगेगा तो हर सबूत दूंगी।’ पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
कानपुर CMO बोले- DM मीटिंग में किस्से-कहानियां सुनाते हैं:कहा- महिला कर्मचारी भी परेशान, किसी दिन कपड़े फटेंगे
