प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल यानी कॉल्विन हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मरीज परेशान है। सही बेड न होने से भर्ती मरीजों दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लगे पंखे भी ठीक से काम नहीं कर रहे है। लगभग सभी मरीज खुद अपने घर से पंखा लाकर गर्मी से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस वार्ड में भर्ती कुछ मरीज तो टूटे हुए बेड पर पड़े हुए हैं, उनके बेड पर बैडशीट तक नहीं है। कुछ मरीजों के बिस्तर पर बैडशीट तो है लेकिन वह 4-5 दिन बदला जाता है। शिकायत के बावजूद यहां कोई सुनने वाला नहीं है। इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने पर इतनी दुर्गंध आती है कि वहां बैठे तीमारदार भी नाक ढक रखे थे। यहां 27 नंबर बेड पर एक मरीज सो रहा था। वह बेड क्षतिग्रस्त था। उस पर बैडशीट तक नहीं थी। सिर के पास तकिया के बजाय दो ईंट रखे गए थे। बगल में दूसरे बेड पर लेटे हरवारा के अब्दुल कादिर अपने सामने फर्राटा पंखा रखे हुए थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि पंखा तो लगा है कि लेकिन खराब है। कई बार कहने के बावजूद नहीं सही हुआ तो हम घर से अपना पंखा मंगा लिया हैं। वहां यहां करीब डेढ़ माह से भर्ती हैं। बैडशीट न बदलने से आ रही दुर्गंध वार्ड में भर्ती राहुल एक्सीडेंट में चोटिल हुए थे। हाथ में फ्रैक्चर है। पिछले एक सप्ताह से यहां भर्ती हैं। बैडशीट बिल्कुल गंदी हो चुकी थी। राहुल की बड़ी मां ने बताया, बैडशीट तीन-चार दिन पहले बदली गई थी। कई बार कहने के बाद भी दूसरा नहीं मिला। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण इस अस्पताल में भर्ती हूं। पंखा न होने की वजह से हम लोग गर्मी में झुलस रहे हैं। भर्ती मरीज शेराज ने बताया, गर्मी से परेशान था इसलिए टेबल फैन घर से मंगा लिया। पंखा व कूलर तो लगा है लेकिन इससे कोई राहत नहीं है। जितेंद्र कुमार अपने भाई को लेकर भर्ती हैं। बेड पर चादर न होने की बात पर उन्होंने कहा कि लगातार पांच दिन से ये बेड का चादर नहीं बदला गया है। सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। बिना रुपयों के नहीं होगा ऑपरेशन इस वार्ड में सरस्वती घाट का रहने वाला रमन भी भर्ती है। रोड एक्सीडेंट में उसका कूल्हा टूट गया है। आर्थिक रूप से वह कमजोर है। उसके साथी चंदा लगाकर इलाज करा रहे हैं। उसके एक साथी ने कहा, 1000 रुपए ज्यादा का सामान ला चुका हूं। डॉक्टर ने एक स्टाफ से कहलवाया है कि कम से कम 15000 रुपए लगेगा। वरना एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर करना पड़ेगा। वार्डब्वॉय व नर्सिंग स्टाफ के भरोसे यह वार्ड तीमारदारों ने कहा, यहां सीनियर डॉक्टर का पता ही नहीं। वार्डब्वॉय और नर्सिंग स्टॉफ के भरोसे हम लोग मरीज लेकर यहां भर्ती हैं। सफाई के नाम पर यहां सिर्फ दिखावा हो रहा है। वार्ड में गंदगी है। शौचालय में इतनी गंदगी है जैसे कभी सफाई ही नहीं होती है। इमरजेंसी वार्ड के ठीक बाहर गैलरी में अस्पताल के कर्मचारियों की बड़ी संख्या में बाइक खड़ी रहती है इससे तीमारदारों के साथ मरीजों को भी वार्ड में आने-जाने में परेशानी होती है। अस्पताल में सबसे ज्यादा कूलर और AC इमरजेंसी वार्ड में इस अव्यवस्था के बारे में जब अस्पताल की SIC डॉ. नाहिदा खातून सिद्दीकी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, सबसे ज्यादा AC और कूलर-पंखे मेरे अस्पताल में हैं। ऐसे में घर से मरीजों के पंखा लाने की बात ही नहीं है। बैडशीट रोजाना रूटीन में बदली जाती है। प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल यानी कॉल्विन हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मरीज परेशान है। सही बेड न होने से भर्ती मरीजों दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लगे पंखे भी ठीक से काम नहीं कर रहे है। लगभग सभी मरीज खुद अपने घर से पंखा लाकर गर्मी से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस वार्ड में भर्ती कुछ मरीज तो टूटे हुए बेड पर पड़े हुए हैं, उनके बेड पर बैडशीट तक नहीं है। कुछ मरीजों के बिस्तर पर बैडशीट तो है लेकिन वह 4-5 दिन बदला जाता है। शिकायत के बावजूद यहां कोई सुनने वाला नहीं है। इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने पर इतनी दुर्गंध आती है कि वहां बैठे तीमारदार भी नाक ढक रखे थे। यहां 27 नंबर बेड पर एक मरीज सो रहा था। वह बेड क्षतिग्रस्त था। उस पर बैडशीट तक नहीं थी। सिर के पास तकिया के बजाय दो ईंट रखे गए थे। बगल में दूसरे बेड पर लेटे हरवारा के अब्दुल कादिर अपने सामने फर्राटा पंखा रखे हुए थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि पंखा तो लगा है कि लेकिन खराब है। कई बार कहने के बावजूद नहीं सही हुआ तो हम घर से अपना पंखा मंगा लिया हैं। वहां यहां करीब डेढ़ माह से भर्ती हैं। बैडशीट न बदलने से आ रही दुर्गंध वार्ड में भर्ती राहुल एक्सीडेंट में चोटिल हुए थे। हाथ में फ्रैक्चर है। पिछले एक सप्ताह से यहां भर्ती हैं। बैडशीट बिल्कुल गंदी हो चुकी थी। राहुल की बड़ी मां ने बताया, बैडशीट तीन-चार दिन पहले बदली गई थी। कई बार कहने के बाद भी दूसरा नहीं मिला। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण इस अस्पताल में भर्ती हूं। पंखा न होने की वजह से हम लोग गर्मी में झुलस रहे हैं। भर्ती मरीज शेराज ने बताया, गर्मी से परेशान था इसलिए टेबल फैन घर से मंगा लिया। पंखा व कूलर तो लगा है लेकिन इससे कोई राहत नहीं है। जितेंद्र कुमार अपने भाई को लेकर भर्ती हैं। बेड पर चादर न होने की बात पर उन्होंने कहा कि लगातार पांच दिन से ये बेड का चादर नहीं बदला गया है। सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। बिना रुपयों के नहीं होगा ऑपरेशन इस वार्ड में सरस्वती घाट का रहने वाला रमन भी भर्ती है। रोड एक्सीडेंट में उसका कूल्हा टूट गया है। आर्थिक रूप से वह कमजोर है। उसके साथी चंदा लगाकर इलाज करा रहे हैं। उसके एक साथी ने कहा, 1000 रुपए ज्यादा का सामान ला चुका हूं। डॉक्टर ने एक स्टाफ से कहलवाया है कि कम से कम 15000 रुपए लगेगा। वरना एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर करना पड़ेगा। वार्डब्वॉय व नर्सिंग स्टाफ के भरोसे यह वार्ड तीमारदारों ने कहा, यहां सीनियर डॉक्टर का पता ही नहीं। वार्डब्वॉय और नर्सिंग स्टॉफ के भरोसे हम लोग मरीज लेकर यहां भर्ती हैं। सफाई के नाम पर यहां सिर्फ दिखावा हो रहा है। वार्ड में गंदगी है। शौचालय में इतनी गंदगी है जैसे कभी सफाई ही नहीं होती है। इमरजेंसी वार्ड के ठीक बाहर गैलरी में अस्पताल के कर्मचारियों की बड़ी संख्या में बाइक खड़ी रहती है इससे तीमारदारों के साथ मरीजों को भी वार्ड में आने-जाने में परेशानी होती है। अस्पताल में सबसे ज्यादा कूलर और AC इमरजेंसी वार्ड में इस अव्यवस्था के बारे में जब अस्पताल की SIC डॉ. नाहिदा खातून सिद्दीकी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, सबसे ज्यादा AC और कूलर-पंखे मेरे अस्पताल में हैं। ऐसे में घर से मरीजों के पंखा लाने की बात ही नहीं है। बैडशीट रोजाना रूटीन में बदली जाती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिल्ली की बसों में 77 प्रतिशत महिलाओं को लगता है डर, कितनी महिलाएं अंधेरे में नहीं करतीं DTC में सफर: ग्रीनपीस <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi DTC Bus:</strong> दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ चढ़कर दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. सच ये है कि दिल्ली में 77 प्रतिशत से अधिक महिलाएं रात में दिल्ली की बसों में यात्रा करते समय असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि दिल्ली सरकार की किराया-मुक्त बस यात्रा योजना ने महिलाओं को जारी की गईं 100 करोड़ ‘पिंक’ टिकटों का आंकड़ा पार कर लिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गैर-सरकारी संगठन ‘ग्रीनपीस इंडिया’ की ‘राइडिंग द जस्टिस रूट’ में दावा किया गया है कि 75 प्रतिशत महिलाओं ने ‘पिंक टिकट’ योजना से महत्वपूर्ण बचत देखती हैं, जिसमें से कई ने इन निधियों को घरेलू जरूरतों, आपात स्थितियों और स्वास्थ्य सेवा पर खर्च किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, सर्वेक्षण में शामिल 25 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक बसों का उपयोग बढ़ा दिया है और महिलाएं जो पहले बसों से बचती थीं, अक्टूबर 2019 में योजना के शुरू होने के बाद से नियमित सवारी बन गई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>45 फीसदी महिलाएं नहीं कर बस का उपयोग </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रीनपीस की रिपोर्ट में बताया गया है कि सुरक्षा संबंधी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, क्योंकि 77 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि रात के समय बसों में सफर करते समय, उन्हें असुरक्षित महसूस होता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की 45 प्रतिशत महिलाएं बस का उपयोग नहीं करतीं हैं, जबकि 35 प्रतिशत महिलाएं या तो प्रतिदिन या सप्ताह में 3 से 5 दिन बस से यात्रा करती हैं. इस सर्वेक्षण में 510 महिलाओं से फील्ड सर्वे व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से प्रतिक्रियाएं एकत्रित की गईं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके नतीजों से पता चला कि 25 प्रतिशत महिलाओं ने किराया मुक्त योजना लागू होने के बाद से बसों का उपयोग शुरू किया, जिसमें से 23 प्रतिशत महिलाएं हफ्ते में कम से कम चार बार बस में सफर करती हैं.</p>
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शिमला में मस्जिद निर्माण मामला उलझा:कांग्रेस विधायक बोले- बाहरी लड़ाई में शहर की शांति न करें भंग, प्रशासन करेगा कार्रवाई, कोई पार्षद नहीं
शिमला में मस्जिद निर्माण मामला उलझा:कांग्रेस विधायक बोले- बाहरी लड़ाई में शहर की शांति न करें भंग, प्रशासन करेगा कार्रवाई, कोई पार्षद नहीं शिमला के उपनगर संजोली स्थित विवादित निर्माणाधीन मस्जिद का विवाद उलझ गया है। रविवार को हुए प्रदर्शन पर आज शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि बाहर के मामले में शिमला शहर की शांति भंग ना करें। शहर के बाहर दो गुटों में हुए झगड़े को धर्म से ना जोड़ा जाए। दरअसल रविवार को संजोली में बनी विवादित मस्जिद के बाहर हिंदूवादी संगठनों ने समुदाय विशेष पर शिमला का का माहौल खराब करने के आरोप लगाए थे। प्रदर्शकारियों ने कहा कि समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे है। बीते दिनों शिमला के मल्याणा में युवक पर इन्ही लोगो ने तेजदार हथियारों से जानलेवा हमला किया। जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों में समुदाय विशेष के खिलाफ रोष बढ़ गया और रविवार को शिमला के संजोली स्थित मस्जिद केबाहर फुट गया। इस दौरान प्रदर्शकारियों ने संजौली में बनी मस्जिद अवैध होने के आरोप लगाए थे और उसको ध्वस्त करने की मांग की। विधायक बोले मामले में दिया गया धर्म का एंगल सोमवार को मामले में नया मोड़ आ गया है, शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा ने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विवाद दो गुटों के आपसी झगड़े के कारण पैदा हुआ है। यह झगड़ा मल्याणा क्षेत्र में हुआ है। इस मुद्दे को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मल्याणा में हुए झगड़े को वहां के पार्षद सहित सिमिट्री व भट्टकुफर के पार्षद ने मिलकर संजोली में पहुंचा दिया। पुलिस को इस झगड़े में FIR दर्ज करने के पहले निर्देश दे दिए थे। इस मामले को हिन्दू व मुस्लिम समुदाय का रूप दिया गया वह बिल्कुल गलत है।शिमला एक शांतिप्रिय जगह है और इसकी शांति भंग न करें। अवैध निर्माण पर प्रशासन करेगा कार्रवाई, कोई पार्षद नहीं विधायक ने कहा कि जो अवैध मस्जिद की बात कर रहे हैं तो यह मस्जिद 1950 से पहले की है। यहां जो अवैध निर्माण हुआ है उसका मामला कोर्ट में चल रहा है और उसकी सुनवाई शनिवार को है। वक्फ बोर्ड इस केस केस को लड़ रहा है। यह मामला 2009 से यह मामला चल रहा है।इसके बाद कितनी सरकारें आयी।इस मामले में किसी धर्म समुदाय पर बोलना उचित नही। उन्होंने कहा कि निर्माण अवैध हुआ है तो कानून इसमें अपनी कार्रवाई करेगा कोई पार्षद नहीं। प्रदर्शन में शामिल ने बाहरी लोग ,शहर वासी नहीं उन्होंने कहा कि संजौली में जो कल जो विवाद हुआ उसमे अधिकतर लोग भट्टाकुफ़्फ़र व मल्याणा क्षेत्र के थे और कुछ कांग्रेस के पार्षद भी थे। उन्होंने कहा कि बाहरी मामले शिमला शहर की शांति क्यों भंग की जा रही है बाहर के विवाद पर शिमला विधानसभा क्षेत्र में क्यों हंगामा किया जा किया जा रहा है।पार्षदों के बोलने से किसी को वैध या अवैध नही बोला जा सकता।यह मामला कोर्ट में है और इस पर निर्णय भी वही देगा। नगर निगम ने माना है मस्जिद के कुछ मंजिल अवैध वहीं बीते कल मौके पर पहुंचे नगर निगम आयुक्त ने यह माना कि मस्जिद के ऊपरी कुछ मंजिल अवैध है ।लेकिन इसका मामला कोर्ट में चला हुआ है ।कोर्ट से फैसला आने के बाद बी नगर निगम मामले कार्रवाई की जा सकती है। क्या है मामला…? बता दें कि शिमला के संजौली के शिमला में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर काफी समय सवाल उठ रहे थे। जिसको लेकर हिंदू वादी संगठनों के कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर गुस्सा पनप रहा था। पंरन्तु बीते दिनों शिमला के मल्याणा में दो गुटों में झगड़ा हो गया है। जिसमे कुछ समुदाय विशेष के लोगो ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया जिसके बाद इस विवाद ने रफ्तार पकड़ी और इसका गुस्सा रविवार को शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फुट गया । प्रदर्शकारियों ने मल्याणा में हुई मारपीट करने वाले लोगो के खिलाफ कार्रवाही व मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की।
दिल्ली देहात के ग्रामीणों को पीएम मोदी का तोहफा, पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ
दिल्ली देहात के ग्रामीणों को पीएम मोदी का तोहफा, पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News Today:</strong> दिल्ली के शहरीकृत गांवों के किसान लंबे समय से पुश्तैनी जमीनों के म्यूटेशन पर लगी रोक के अटपटे नियम कानून से परेशान थे. वह लगातार उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार से अपनी 11 मांगों में इस समस्या को लेकर भी लगातार समाधान की गुहार लगा रहे थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अब उनकी इस प्रमुख समस्या का समाधान उपराज्यपाल ने मंगलवार (17 सितंबर) को पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर की गई घोषणा के साथ कर दिया, जिससे 100 शहरीकृत गांवों के करीब दो लाख किसानों को राहत मिल गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे शहरीकृत गांवों के किसानों को खेती की जमीन पर पुश्तैनी आधार पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है. कृषि भूमि का म्यूटेशन बंद होने का सबसे ज्यादा खामियाजा उत्तर, उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी दिल्ली के करीब सौ गांवों के किसानों को भुगतना पड़ रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लाखों लोगों को मिली बड़ी राहत</strong><br />दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने मंगलवार को मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र फेज- एक स्थित डीडीए ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इसका ऐलान किया. इसके तहत राजधानी के शहरीकृत गांवों में कृषि भूमि के मालिकाना हक को उत्तराधिकार के आधार पर दर्ज करने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे लंबे समय से जद्दोजहद कर लाखों लोगों को बड़ी राहत मिली है. एलजी ने कहा कि दिल्ली में अब पहले की तरह की विरासत के आधार पर म्यूटेशन होगा. जिसका काम 12 गांवों में इसी शुक्रवार से शुरू हो जाएगा. इसके लिए प्रशासन की तरफ से गांवों में शिविर लगाए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीएम के जन्मदिन पर तोहफा</strong><br />एलजी वीके सक्सेना ने साल 2010 से कृषि भूमि का म्यूटेशन बंद होने के कारण किसानों को हुई तकलीफ के लिए माफी मांगते हुए कहा, “यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था.” एलजी ने कहा,”आज मंगलवार के दिन पीएम मोदी का जन्मदिन है, इस दिन को दिल्ली के गांवों के लिए खास दिन के रूप में याद रखा जाएगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के शहरीकृत गांवों में कृषि भूमि के उत्तराधिकार के आधार पर दाखिल खारिज अब राजस्व अधिकारी करेंगे, जैसा पहले किया जाता था. जिससे संबंधित ऑर्डर पर दस्तखत करने के बाद ही वे इस कार्यक्रम में उनके बीच आए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था कि गरीब किसान की मृत्यु के बाद उनके बच्चे जमीन अपने नाम नहीं करा पा रहे थे. इसके लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’गांव में ही लगाए जाएंगे म्यूटेशन शिविर'</strong><br />उपराज्यपाल ने कहा कि यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन अब उन्हें इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनके गांव में ही म्यूटेशन के लिए शिविर लगाए जाएंगे जो डीएम और एसडीएम की निगरानी में होगा. उन्होंने सांसदों से भी शिविर का नियमित रूप से निरीक्षण करने का अनुरोध किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर एलजी ने ‘दिल्ली ग्रामोदय अभियान’ के तहत उत्तर- पश्चिम दिल्ली के 18 गांवों में 41 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और सात परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के 21 गांवों में घरेलू पीएनजी का भी उद्घाटन किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी, योगेंद्र चंदोलिया, बांसुरी स्वराज, रामवीर सिंह बिधूड़ी और कमलजीत सहरावत के अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा समेत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एलजी के फैसले पर जताई खुशी</strong><br />बता दें, बीते 15 सितंबर को दिल्ली देहात के गांव के हजारों लोगों ने जंतर- मंतर पर महापंचायत कर एलजी और दिल्ली सरकार से अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई थी. जिसमें कृषि भूमि के बंद पड़े म्यूटेशन का मामला भी शामिल था. ग्रामीणों ने सरकार को 15 दिनों का समय दिया, जिसके बाद उन्होंने बड़े स्तर आंदोलन करने की चेतवानी सरकार को दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एलजी की पुश्तैनी जमीन के म्यूटेशन की प्रक्रिया को दोबारा शुरू किए जाने की घोषणा पर खुशी जाहिर करते हुए पालम 360 खाप के प्रधान सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि उपराज्यपाल की घोषणा से दो लाख से अधिक किसानों को राहत मिली है. इस घोषणा के बाद हमारी तरफ से उठाए जा रहे छह मुद्दों का समाधान अभी बाकी है. जिसका समाधान होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”फरीदाबाद में 9 साल के मासूम के साथ 6 नाबालिगों ने किया कुकर्म, पांच दिन बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/faridabad-crime-news-misdeeds-with-9-year-old-child-in-mosque-by-6-minors-haryana-police-2786771″ target=”_blank” rel=”noopener”>फरीदाबाद में 9 साल के मासूम के साथ 6 नाबालिगों ने किया कुकर्म, पांच दिन बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी</a></strong></p>