काशी के करोड़पति साहित्यकार का वृद्धाश्रम में निधन:9 महीने पहले बेटा-बेटी ने घर से निकाला; अंतिम संस्कार में भी नहीं आया परिवार

काशी के करोड़पति साहित्यकार का वृद्धाश्रम में निधन:9 महीने पहले बेटा-बेटी ने घर से निकाला; अंतिम संस्कार में भी नहीं आया परिवार

वाराणसी के साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का शनिवार सुबह निधन हो गया। खंडेलवाल 80 करोड़ की प्रॉपर्टी के मालिक थे। उन्होंने 400 किताबें लिखीं थीं। आखिरी बार उन्होंने दैनिक भास्कर को इंटरव्यू दिया था, जिसमें कहा था- पुराना कुछ नहीं पूछिएगा। वो सब अतीत था, जिसे मैंने खत्म कर दिया। अब नया खंडेलवाल है, जो सिर्फ किताबें लिख रहा है। जब तक सांस है, कलम चलती रहेगी। खंडेलवाल काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में 17 मार्च, 2024 से रह रहे थे। श्रीनाथ खंडेलवाल ने शनिवार सुबह 9 बजे वाराणसी के ‘दीर्घायु अस्पताल’ में अंतिम सांस ली। इसके बाद भी उनके घर से कोई नहीं आया। सूचना मिलते ही अमन कबीर दोस्तों के साथ अस्पताल पहुंचे। साहित्यकार को मुखग्नि दी और पिंडदान किया। अंतिम संस्कार में भी नहीं आया परिवार
अमन कबीर ने ही हीरामनपुर के काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में खंडेलवाल को रखवाया था। खंडेलवाल मार्च 2024 से यहां रह रहे थे। वृद्धाश्रम के केयर टेकर रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने बताया, उन्हें 25 दिसंबर को सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत और किडनी की समस्या के कारण अस्पताल में एडमिट कराया गया। यहां इलाज के दौरान उनका शनिवार सुबह 9 बजे देहांत हो गया। रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने तुरंत इसकी सूचना अमन कबीर को दी। अमन कबीर ने बताया- यहां आने के बाद सबसे पहले कमिश्नर कौशल राजा शर्मा को घटना की जानकारी दी गई। जिस पर उन्होंने परिजनों को सूचना देने को कहा। श्रीनाथ खंडेलवाल के बेटे को फोन किया गया तो उसने आने में असमर्थता जताई। कहा- मैं बाहर हूं, नहीं आ सकता है। इसके बाद उनकी बेटी को फोन किया गया, लेकिन उसने भी फोन नहीं उठाया। न ही मैसेज का कोई जवाब दिया। अमन कबीर ने बताया, इसके बाद हम लोग शव लेकर सराय मोहना घाट पहुंचे और उनका अंतिम संस्कार किया। मैंने पिडंदान किया, इसके बाद अजय कुमार के साथ उन्हें मुखाग्नि दी। श्रीनाथ खंडेलवाल ने भास्कर इंटरव्यू में बताया था कि ​​​​​उनका बेटा बड़ा बिजनेसमैन और बेटी सुप्रीम कोर्ट में वकील है। दामाद भी वकील है। उनके पास करीब 80 करोड़ की प्रॉपर्टी है। जिसे हड़प कर बेटे-बेटी ने उन्हें घर से निकाल दिया। जानिए कौन थे एस एन खंडेलवाल काशी में जन्म, 10वीं फेल; सैकड़ों किताबें ऑनलाइन
खंडेलवाल की उम्र 80 साल थी। गुलाम भारत में पैदा हुए खंडेलवाल ने 15 साल की उम्र में कलम पकड़ ली। श्रीनाथ खंडेलवाल ने बताया था- 10वीं फेल हूं और 15 साल की उम्र से किताबें लिख रहा हूं। ज्यादातर किताबें, अन्य किताबों और पुराणों का ट्रांसलेशन है। इसमें मुझे महारथ है। अभी तक 400 किताबें लिख चुका हूं। जिनमें कई पुराण भी हैं। शिव पुराण के 5 वॉल्यूम हैं, जो ऑनलाइन हैं। उसकी कीमत 6 हजार से ज्यादा है। ऐसी ही सैकड़ों किताबें ऑनलाइन हैं, लेकिन फिर भी घर से बेघर हूं। घर वाले थे अब नहीं हैं, उसे भूतकाल कर दें आप
वृद्धाश्रम आने के बाद दैनिक भास्कर से उन्होंने बताया था- प्रभु ने भेजा है, इसलिए यहां हूं। सबको प्रभु भेजता है। कोई अपने से कहीं नहीं जा सकता। अब यहां रहना है और यहीं लेखन करना है। जब उनसे घर के बारे में पूछा तो बोले- मना किया था न आप को, घर-वर न पूछिए। उन्हें अब भूतकाल कर दीजिए। अब उसके बारे में कुछ मत पूछिए। 3000 पन्नों का लिखा है मत्स्य पुराण
कितनी किताबें लिखी हैं, कौन-कौन सी बताऊं। मत्स्य पुराण लिखी है, जो 3000 पन्नों की है। इसके अलावा शिव पुराण, पद्म पुराण लिखा। हिंदी, संस्कृत के अलावा असमी और बांग्ला में भी लिखा। अभी नरसिंह पुराण का अनुवाद हिंदी में कर रहा हूं। जल्द ही वह भी छप जाएगी। यह इच्छा उनकी अधूरी रह गयी। ————————– ये खबर भी पढ़िए… ACP मोहसिन कानपुर IIT से नहीं कर सकेंगे PhD:यौन उत्पीड़न के आरोपों पर NOC कैंसिल, SIT का अल्टीमेटम- बयान दर्ज कराएं कानपुर IIT की छात्रा के यौन शोषण के आरोपी ACP मोहसिन अब IIT से PhD नहीं कर सकेंगे। यूपी पुलिस की ओर से उन्हें दी गई NOC कैंसिल कर दी गई है। IIT प्रशासन ने इसकी पुष्टि की। इधर, SIT ने ACP को अल्टीमेटम दिया है। कहा है कि 48 घंटे के अंदर ACP अपना बयान दर्ज कराएं। आज SIT ACP के खिलाफ दर्ज दूसरी FIR पर छात्रा बयान दर्ज कर सकती है। दूसरी FIR 27 साल की छात्रा ने ही कराया है। पढ़िए पूरी खबर वाराणसी के साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का शनिवार सुबह निधन हो गया। खंडेलवाल 80 करोड़ की प्रॉपर्टी के मालिक थे। उन्होंने 400 किताबें लिखीं थीं। आखिरी बार उन्होंने दैनिक भास्कर को इंटरव्यू दिया था, जिसमें कहा था- पुराना कुछ नहीं पूछिएगा। वो सब अतीत था, जिसे मैंने खत्म कर दिया। अब नया खंडेलवाल है, जो सिर्फ किताबें लिख रहा है। जब तक सांस है, कलम चलती रहेगी। खंडेलवाल काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में 17 मार्च, 2024 से रह रहे थे। श्रीनाथ खंडेलवाल ने शनिवार सुबह 9 बजे वाराणसी के ‘दीर्घायु अस्पताल’ में अंतिम सांस ली। इसके बाद भी उनके घर से कोई नहीं आया। सूचना मिलते ही अमन कबीर दोस्तों के साथ अस्पताल पहुंचे। साहित्यकार को मुखग्नि दी और पिंडदान किया। अंतिम संस्कार में भी नहीं आया परिवार
अमन कबीर ने ही हीरामनपुर के काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में खंडेलवाल को रखवाया था। खंडेलवाल मार्च 2024 से यहां रह रहे थे। वृद्धाश्रम के केयर टेकर रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने बताया, उन्हें 25 दिसंबर को सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत और किडनी की समस्या के कारण अस्पताल में एडमिट कराया गया। यहां इलाज के दौरान उनका शनिवार सुबह 9 बजे देहांत हो गया। रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने तुरंत इसकी सूचना अमन कबीर को दी। अमन कबीर ने बताया- यहां आने के बाद सबसे पहले कमिश्नर कौशल राजा शर्मा को घटना की जानकारी दी गई। जिस पर उन्होंने परिजनों को सूचना देने को कहा। श्रीनाथ खंडेलवाल के बेटे को फोन किया गया तो उसने आने में असमर्थता जताई। कहा- मैं बाहर हूं, नहीं आ सकता है। इसके बाद उनकी बेटी को फोन किया गया, लेकिन उसने भी फोन नहीं उठाया। न ही मैसेज का कोई जवाब दिया। अमन कबीर ने बताया, इसके बाद हम लोग शव लेकर सराय मोहना घाट पहुंचे और उनका अंतिम संस्कार किया। मैंने पिडंदान किया, इसके बाद अजय कुमार के साथ उन्हें मुखाग्नि दी। श्रीनाथ खंडेलवाल ने भास्कर इंटरव्यू में बताया था कि ​​​​​उनका बेटा बड़ा बिजनेसमैन और बेटी सुप्रीम कोर्ट में वकील है। दामाद भी वकील है। उनके पास करीब 80 करोड़ की प्रॉपर्टी है। जिसे हड़प कर बेटे-बेटी ने उन्हें घर से निकाल दिया। जानिए कौन थे एस एन खंडेलवाल काशी में जन्म, 10वीं फेल; सैकड़ों किताबें ऑनलाइन
खंडेलवाल की उम्र 80 साल थी। गुलाम भारत में पैदा हुए खंडेलवाल ने 15 साल की उम्र में कलम पकड़ ली। श्रीनाथ खंडेलवाल ने बताया था- 10वीं फेल हूं और 15 साल की उम्र से किताबें लिख रहा हूं। ज्यादातर किताबें, अन्य किताबों और पुराणों का ट्रांसलेशन है। इसमें मुझे महारथ है। अभी तक 400 किताबें लिख चुका हूं। जिनमें कई पुराण भी हैं। शिव पुराण के 5 वॉल्यूम हैं, जो ऑनलाइन हैं। उसकी कीमत 6 हजार से ज्यादा है। ऐसी ही सैकड़ों किताबें ऑनलाइन हैं, लेकिन फिर भी घर से बेघर हूं। घर वाले थे अब नहीं हैं, उसे भूतकाल कर दें आप
वृद्धाश्रम आने के बाद दैनिक भास्कर से उन्होंने बताया था- प्रभु ने भेजा है, इसलिए यहां हूं। सबको प्रभु भेजता है। कोई अपने से कहीं नहीं जा सकता। अब यहां रहना है और यहीं लेखन करना है। जब उनसे घर के बारे में पूछा तो बोले- मना किया था न आप को, घर-वर न पूछिए। उन्हें अब भूतकाल कर दीजिए। अब उसके बारे में कुछ मत पूछिए। 3000 पन्नों का लिखा है मत्स्य पुराण
कितनी किताबें लिखी हैं, कौन-कौन सी बताऊं। मत्स्य पुराण लिखी है, जो 3000 पन्नों की है। इसके अलावा शिव पुराण, पद्म पुराण लिखा। हिंदी, संस्कृत के अलावा असमी और बांग्ला में भी लिखा। अभी नरसिंह पुराण का अनुवाद हिंदी में कर रहा हूं। जल्द ही वह भी छप जाएगी। यह इच्छा उनकी अधूरी रह गयी। ————————– ये खबर भी पढ़िए… ACP मोहसिन कानपुर IIT से नहीं कर सकेंगे PhD:यौन उत्पीड़न के आरोपों पर NOC कैंसिल, SIT का अल्टीमेटम- बयान दर्ज कराएं कानपुर IIT की छात्रा के यौन शोषण के आरोपी ACP मोहसिन अब IIT से PhD नहीं कर सकेंगे। यूपी पुलिस की ओर से उन्हें दी गई NOC कैंसिल कर दी गई है। IIT प्रशासन ने इसकी पुष्टि की। इधर, SIT ने ACP को अल्टीमेटम दिया है। कहा है कि 48 घंटे के अंदर ACP अपना बयान दर्ज कराएं। आज SIT ACP के खिलाफ दर्ज दूसरी FIR पर छात्रा बयान दर्ज कर सकती है। दूसरी FIR 27 साल की छात्रा ने ही कराया है। पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर