वाराणसी की कमिश्नरेट पुलिस में इंस्पेक्टर से लेकर दरोगाओं ने खाकी वर्दी को खूब दागदार किया। थानाध्यक्ष से लेकर चौकी इंचार्ज लूट की वारदातों में शामिल पाए गए, वहीं कई दरोगा रिश्वत और भ्रष्टाचार में रंगेहाथ पकड़े गए। सारनाथ, भेलूपुर, नदेसर और लंका इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। भेलूपुर थानाध्यक्ष ने अपने थाने में ही सिपाही दरोगाओं के साथ मिलकर गैंग बनाया तो नदेसर चौकी इंचार्ज ने प्राइवेट लोगों के साथ अपनी क्राइम ब्रांच बना ली। सारनाथ थानाध्यक्ष ने युवक को सीएम का OSD बनाकर 40 लाख पार कर दिए। काशी में भ्रष्टाचारी पुलिसकर्मियों का इतिहास पुराना है। अपना प्राइवेट गैंग बनाकर लाखों लूटने वाले इंस्पेक्टर और दरोगाओं समेत छह वर्दीधारी जेल में हैं। भ्रष्टाचारी दरोगा-सिपाही जमानत पर है और बहाली के बाद कई कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। कमिश्नरेट के 55 पुलिसकर्मी निलंबित और छह पुलिस कर्मी जेल भेजे गए और पांच पुलिस सेवा से बर्खास्त हुए हैं। पहले आपको बताते हैं काशी के 2023-24 में चर्चित मामले… केस – 1 :: भेलूपुर डकैती कांड वाराणसी में विगत एक साल में भेलूपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे ने थाने के दरोगा और सिपाहियों के साथ अपने क्षेत्र में एक कंपनी में डकैती डाली थी। 29 मई 2023 को भेलूपुर थाने की आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित गुजरात की एक फर्म के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये लूटे गए थे। मामला जब तूल पकड़ा तो इंस्पेक्टर ने नई कहानी गढ़ी और 31 मई को नाटकीय घटनाक्रम में खोजवा क्षेत्र स्थित शंकुलधारा पोखरा के समीप खड़ी एक लावारिस कार से 92.94 लाख रुपये बरामद करा दिए। लेकिन अधिकारियों ने सख्ती बरती और ‘डकैत’ पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 1.40 करोड़ लूट में शामिल तत्कालीन भेलूपुर थानाध्यक्ष रमाकांत दूबे सहित सात पुलिस कर्मियों को निलंबत कर बर्खास्त कर दिया गया। निरीक्षक रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार, उत्कर्ष चतुर्वेदी और सिपाही महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया। पुलिस-पब्लिक का गैंग बनाकर लूटे थे 1.40 करोड़ केस में चार जून की देर रात भेलूपुर थाने में तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा और 12 अज्ञात असलहाधारियों के खिलाफ डकैती सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने डकैती कांड में चार आरोपियों प्रदीप पांडेय, वसीम खान, घनश्याम मिश्रा, सच्चिदानंद राय उर्फ मंटू को नई दिल्ली के कनाट प्लेस से गिरफ्तार किया था। मुकदमे के डेढ़ माह बाद 29 जुलाई को तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा उर्फ गुरुजी की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस की विवेचना में सभी को डकैती कांड में आरोपी बनाया गया, जिसमें से पांच पुलिसकर्मी जेल में हैं। वहीं इंस्पेक्टर ने हाईकोर्ट से कार्रवाई पर स्टे ले रखा है लेकिन चार्जशीट दाखिल होने के साथ मामले का ट्रायल जारी है। पुलिस ने गुजरात के हवाला कारोबारी जगदीश पटेल की पहल पर अंजाम दिया। जगदीश पटेल ने अपने परिचित वसीम खान, प्रदीप पांडेय, घनश्याम मिश्रा और अजीत मिश्रा से संपर्क किया। अजीत मिश्रा ने परिचित पुलिस कर्मियों की मदद से वारदात को अंजाम दिया था। डिप्टी एसपी बनने वाले इंस्पेक्टर ने डाली थी डकैती भेलूपुर में 1.40 करोड़ रुपये की डकैती मामले में शामिल तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी सहित सात पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया था। इन सभी का सुनहरा करियर डकैती ने अंधेरे में धकेल दिया। बर्खास्त पुलिस कर्मियों में शामिल इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे 1998 बैच का दरोगा है और उसे अगले साल ही डिप्टी एसपी बनना था। रमाकांत दुबे के बैच के दरोगा पदोन्नति पाकर डिप्टी एसपी हो गए और रमाकांत पुलिस के रिकार्ड में फरार है। हालांकि अभी कोर्ट और हाईकोर्ट के चक्कर लगा रहा है। डकैती में बर्खास्तगी के बाद जेल में बंद सुशील कुमार 2017 बैच का दरोगा था, उसका साथी उत्कर्ष चतुर्वेदी व महेश कुमार 2019 बैच का दरोगा है। सुशील, उत्कर्ष और महेश के कॅरियर की तो अभी शुरुआत ही हुई थी, सभी ने अपनी नौकरी के साथ ऐसा मजाक किया कि निकट भविष्य में उसकी भरपाई संभव नहीं दिखाई देती है। जेल में परिवार से मिलकर सिर्फ रोते हैं और इंस्पेक्टर के साथ लूटपाट गैंग बनाने पर सभी क्षमावान है। केस-2:: रामनगर में सर्राफा कारोबारी से लूटकांड नकली क्राइम ब्रांच चलाता था नदेसर चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश, अब गैंगस्टर में जेल वाराणसी में वर्दी की आड़ में लुटेरों का गैंग चलाने वाले दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे पिछले दिनों यूपी भर में चर्चा में रहा। दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे ने 4 शातिर युवकों के साथ नकली ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’ बनाई और हाईवे पर लूट करने लगा। दोस्त रेकी करते थे, फिर दरोगा साथियों के साथ छापेमारी करता था। इसके बाद जब्त माल को आपस में बांट लेते थे। उसने 22 जून, 2024 को जीटी रोड पर ज्वेलरी कारोबारी के कर्मचारियों से 93 लाख रुपए पकड़े थे। हवाला का पैसा बताकर 42 लाख रुपए रख लिए और 51 लाख लौटा दिए थे। कारोबारी ने केस दर्ज कराया, तब पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने दरोगा और उसके 2 साथियों को गिरफ्तार किया। दरोगा से अब तक 8 लाख रुपए बरामद हो चुके हैं। सर्राफ के रुपए लेकर कोलकाता जा रहे थे कर्मचारी 22 जून की रात नीचीबाग कूड़ाखाना गली में रहने वाले ज्वेलरी कारोबारी जयपाल के 2 कर्मचारी अविनाश और धनंजय 93 लाख रुपए का बैग लेकर वाराणसी से कोलकाता जा रहे थे। पुलिस की वर्दी में और 2 सादे कपड़े में खुद को चंदौली के सैयदराजा थाने की क्राइम टीम बताकर डरा-धमका कर 93 लाख में से 42 लाख रुपए ले लिए और फरार हो गए। व्यापारी ने बताया कि लीगल पैसा है, उन्हें डॉक्यूमेंट भी दिखाए। लेकिन, उन्होंने एक न सुनी और पैसे लेकर चले गए। दरोगा समेत गिरफ्तार 3 आरोपियों से मिली थी रकम 42 लाख की लूट में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया तो उनसे ज्वेलरी कारोबारी से लूट के 8 लाख 5 हजार रुपए मिले थे। आरोपियों से 2 पिस्टल और कारतूस भी बरामद किया गया था। विकास मिश्रा के पास से लूट के 5 लाख 70 हजार रुपए, एक पिस्टल 32 बोर और कारतूस मिला। लूट में दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय के साथ अजय गुप्ता, नीलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी और योगेश पाठक उर्फ सोनू पाठक शामिल थे। जमानत पर किरकिरी के बाद फिर गैंगस्टर कायम किया लुटेरों का गैंग चलाने वाले दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे को पुलिस और अभियोजन की लचर पैरवी के चलते हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट में पुलिस पूरे सबूत भी पेश नहीं कर सकी थी। कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने ACP कोतवाली अमित श्रीवास्तव को हटाकर ACP सुरक्षा और इंस्पेक्टर अनिल कुमार शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया था। किरकिरी होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने फिर दरोगा को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी नए गैंगस्टर केस में हुई है, जिसमें उसके अन्य साथियों को भी शामिल किया गया है। पुलिस ने गैंगस्टर लगाने के बाद बर्खास्तगी की फाइल भी बढ़ाई है। केस-3 सारनाथ अपार्टमेंट लूटकांड अपार्टमेंट में घुसकर इंस्पेक्टर ने कारोबारियों से 40 लाख लूटे, जुआ में छापा मारकर चंपत वाराणसी में सारनाथ थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता ने 7 नवंबर को एक अपार्टमेंट पर छापा मारकर 40 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया। उनके साथ सिविल ड्रेस में एक युवक भी था, जिसने गार्ड से खुद को CM योगी का OSD बताया। अपार्टमेंट में शहर के बड़े कारोबारी जुआ खेल रहे थे, सभी को डरा-धमकाकर रकम वसूली। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने जुए की फड़ पर रखे 40 लाख रुपए दो बैग में भर लिए। एक CCTV भी सामने आया है, इसमें दिख रहा है कि इंस्पेक्टर लिफ्ट से उतर रहे हैं, उनके साथ का युवक हाथ में दो बैग पकड़े हुए है। CCTV वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता को पहले लाइन हाजिर, फिर सस्पेंड कर दिया। डीसीपी वरूणा चंद्रकांत मीना इसकी जांच कर रहे हैं और इंस्पेक्टर के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता का विवादों से पुराना नाता है। वाराणसी में तैनाती के दौरान चेतगंज और चोलापुर थानाध्यक्ष रहते हुए अफसरों ने उन्हें शिकायतों और लापरवाही पर हटाया था लेकिन फिर जुगाड़ से मलाईदार कुर्सी पा गया। सरकारी जीप से गया लेकिन फोर्स को बाहर ही रोक दिया सारनाथ क्षेत्र में गुरुवार (7 नवंबर) की रात रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में जुआ चल रहा था। शहर के कई कारोबारी जुआ खेल रहे थे। लाखों का दांव लग रहा था। तभी UP65A-G1208 नंबर की पुलिस जीप आई। जीप सारनाथ इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता की थी। उनके साथ ड्राइवर गोरख प्रसाद, हमहारी दीवान कन्हैया प्रसाद और एक युवक था। लिफ्ट से अपार्टमेंट के अंदर सिर्फ इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता और युवक आया। बाकी पूरी टीम बाहर खड़ी रही। थोड़ी देर बार इंस्पेक्टर बाहर निकले। फिर पता नहीं चला कहां गए। बाकी पुलिस कर्मी उनका काफी देर तक इंतजार करते रहे। फर्जी OSD बनकर घूमने वाला इससे पहले कई वारदातों में शामिल रहा है। डेढ़ लाख हारने पर जुए की मुखबिरी की जुआ वाराणसी के बड़े व्यापारी खेल रहे थे, इसलिए किसी ने इंस्पेक्टर की करतूत का खुलासा नहीं किया। मगर, डेढ़ लाख रुपए हारने वाले एक व्यापारी ने राज खोल दिया। सूत्रों के अनुसार, जुए के फड़ पर कचहरी क्षेत्र के चर्चित साड़ी कारोबारी का बेटा और एक दल से जुड़े नेता ‘महाराज’ और एक कथित ड्राइवर भी था। मामला खुलते ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। अधिकारियों को सूचना मिली, तो घटनास्थल और उससे जुड़े लोगों की तलाश तेज हुई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मामले में सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने X पर लिखा- उत्तर प्रदेश में ‘फिल्म सिटी’ तो नहीं बनी, लेकिन लगता है फिल्म की रीयल लोकेशन शूटिंग शुरू हो गई है। रहस्य जानने के लिए देखते रहिए भाजपाई भ्रष्टाचार की धारावाहिक फिल्म: ‘वर्दीवाला लुटेरा’ तीन महीने पहले महिला दरोगा 10 हजार लेते दबोची गई वाराणसी के लंका थाने में तैनात महिला दरोगा अनुभा तिवारी 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते अरेस्ट हुई थी। दहेज उत्पीड़न में दर्ज एक FIR में वह फाइनल रिपोर्ट लगाने की धमकी दे रही थी। पीड़िता पर दरोगा ने 20 हजार रुपए देने का दबाव बनाया था जिस पर महिला 10 हजार रुपए देने के लिए तैयार भी हो गई थी। लंका थाने में तैनात महिला रिपोर्टिंग चौकी इंचार्ज अनुभा तिवारी ने वादी और गवाहों के बयान दर्ज किए। विपक्ष के लोगों के बयान लेकर चार्जशीट लगाने से पहले रकम मांगी। एंटी करप्शन टीम ने महिला दरोगा को कैश लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ FIR दर्ज कर जेल भेजा गया था। इसके अलावा भी कई दरोगाओं ने खाकी को कलंकित किया। 10 सितंबर को मड़ौली चौकी इंचार्ज ने लिए थे 25 हजार वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के मड़ौली चौकी प्रभारी अजय कुमार को 25 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दरोगा ने मुकदमा दर्ज कराने वाले व्यक्ति को पुलिस चौकी बुलाकर धारा को गंभीर बनाने के लिए घूस ली थी। उसके खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था और आरोपी जमानत पर है। आरोपी मूल रूप से प्रयागराज जिले के थरवई थाना के देवापुर कुहौना सिकंदरा के मूल निवासी है। 2015 बैच का दरोगा है। 60 दिन पहले ही उसे चौकी प्रभारी बनाया गया था। संत गोपाल नगर, ककरमत्ता निवासी बिशन दास खन्ना के अनुसार, 10 जून को उनके बेटे उमंग खन्ना के प्रार्थना पत्र पर अदालत के आदेश से मंडुवाडीह थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी विवेचना मड़ौली चौकी इंचार्ज अजय कुमार कर रहा था। 22 मार्च को 40 हजार की रिश्वत लेते एसआई को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने शुक्रवार को लोहता थाने के एसएसआई आशीष कुमार पटेल को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। उसके सहयोगी दलाल रहीमपुर (लोहता) निवासी मासूम अली को भी टीम ने दबोचा। अनीस ने 40 हजार रुपये देने से पहले एंटी करप्शन टीम को बता दिया और टीम ने दबोच लिया। एसएसआई ने लूट के केस में धारा कम करने के लिए 75 हजार रुपये मांगे थे, रुपये न देने पर शिकायतकर्ता के छोटे बेटे को भी फंसाने की धमकी दी थी। वहीं एक प्राइवेट युवक को दलाल बनाकर लोगों से रुपये लेता था। दोनों के खिलाफ राजातालाब थाने में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया। 2023 में भ्रष्टाचार में घिरी रही खाकी, बर्खास्तगी तक हुई कार्रवाई पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार करने वाले कर्मियों की सूची बड़ी है। बीते 25 मई 2023 को सारनाथ और कैंट थाने में तैनात रहे हेड कांस्टेबल विनय कुमार, दीपक सिंह व प्रशांत सिंह को रंगदारी मांगने सहित अन्य आरोपों में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। 11 मई 2023 को जंसा थाने में तैनात दरोगा अभिषेक वर्मा को एक लाख रुपये घूस लेते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा था। इससे पहले घूस लेते हुए पकड़े गए दरोगा महेश सिंह और गीता यादव को दिसंबर 2021 में पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया था। वाराणसी पुलिस की क्राइम ब्रांच और फिर जौनपुर में तैनात रहे दुष्कर्म सहित अन्य मुकदमों के आरोपी इंस्पेक्टर अमित कुमार को नवंबर 2021 में पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया था। भेलूपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र को निलंबित करने के बाद बर्खास्त कर दिया गया। अब तक कमिश्नरेट के 55 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। इसके अलावा छह पुलिस कर्मी जेल भेजे गए और पांच पुलिस सेवा से बर्खास्त हुए हैं। वाराणसी की कमिश्नरेट पुलिस में इंस्पेक्टर से लेकर दरोगाओं ने खाकी वर्दी को खूब दागदार किया। थानाध्यक्ष से लेकर चौकी इंचार्ज लूट की वारदातों में शामिल पाए गए, वहीं कई दरोगा रिश्वत और भ्रष्टाचार में रंगेहाथ पकड़े गए। सारनाथ, भेलूपुर, नदेसर और लंका इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। भेलूपुर थानाध्यक्ष ने अपने थाने में ही सिपाही दरोगाओं के साथ मिलकर गैंग बनाया तो नदेसर चौकी इंचार्ज ने प्राइवेट लोगों के साथ अपनी क्राइम ब्रांच बना ली। सारनाथ थानाध्यक्ष ने युवक को सीएम का OSD बनाकर 40 लाख पार कर दिए। काशी में भ्रष्टाचारी पुलिसकर्मियों का इतिहास पुराना है। अपना प्राइवेट गैंग बनाकर लाखों लूटने वाले इंस्पेक्टर और दरोगाओं समेत छह वर्दीधारी जेल में हैं। भ्रष्टाचारी दरोगा-सिपाही जमानत पर है और बहाली के बाद कई कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। कमिश्नरेट के 55 पुलिसकर्मी निलंबित और छह पुलिस कर्मी जेल भेजे गए और पांच पुलिस सेवा से बर्खास्त हुए हैं। पहले आपको बताते हैं काशी के 2023-24 में चर्चित मामले… केस – 1 :: भेलूपुर डकैती कांड वाराणसी में विगत एक साल में भेलूपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे ने थाने के दरोगा और सिपाहियों के साथ अपने क्षेत्र में एक कंपनी में डकैती डाली थी। 29 मई 2023 को भेलूपुर थाने की आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित गुजरात की एक फर्म के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये लूटे गए थे। मामला जब तूल पकड़ा तो इंस्पेक्टर ने नई कहानी गढ़ी और 31 मई को नाटकीय घटनाक्रम में खोजवा क्षेत्र स्थित शंकुलधारा पोखरा के समीप खड़ी एक लावारिस कार से 92.94 लाख रुपये बरामद करा दिए। लेकिन अधिकारियों ने सख्ती बरती और ‘डकैत’ पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 1.40 करोड़ लूट में शामिल तत्कालीन भेलूपुर थानाध्यक्ष रमाकांत दूबे सहित सात पुलिस कर्मियों को निलंबत कर बर्खास्त कर दिया गया। निरीक्षक रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार, उत्कर्ष चतुर्वेदी और सिपाही महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया। पुलिस-पब्लिक का गैंग बनाकर लूटे थे 1.40 करोड़ केस में चार जून की देर रात भेलूपुर थाने में तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा और 12 अज्ञात असलहाधारियों के खिलाफ डकैती सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने डकैती कांड में चार आरोपियों प्रदीप पांडेय, वसीम खान, घनश्याम मिश्रा, सच्चिदानंद राय उर्फ मंटू को नई दिल्ली के कनाट प्लेस से गिरफ्तार किया था। मुकदमे के डेढ़ माह बाद 29 जुलाई को तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा उर्फ गुरुजी की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस की विवेचना में सभी को डकैती कांड में आरोपी बनाया गया, जिसमें से पांच पुलिसकर्मी जेल में हैं। वहीं इंस्पेक्टर ने हाईकोर्ट से कार्रवाई पर स्टे ले रखा है लेकिन चार्जशीट दाखिल होने के साथ मामले का ट्रायल जारी है। पुलिस ने गुजरात के हवाला कारोबारी जगदीश पटेल की पहल पर अंजाम दिया। जगदीश पटेल ने अपने परिचित वसीम खान, प्रदीप पांडेय, घनश्याम मिश्रा और अजीत मिश्रा से संपर्क किया। अजीत मिश्रा ने परिचित पुलिस कर्मियों की मदद से वारदात को अंजाम दिया था। डिप्टी एसपी बनने वाले इंस्पेक्टर ने डाली थी डकैती भेलूपुर में 1.40 करोड़ रुपये की डकैती मामले में शामिल तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी सहित सात पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया था। इन सभी का सुनहरा करियर डकैती ने अंधेरे में धकेल दिया। बर्खास्त पुलिस कर्मियों में शामिल इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे 1998 बैच का दरोगा है और उसे अगले साल ही डिप्टी एसपी बनना था। रमाकांत दुबे के बैच के दरोगा पदोन्नति पाकर डिप्टी एसपी हो गए और रमाकांत पुलिस के रिकार्ड में फरार है। हालांकि अभी कोर्ट और हाईकोर्ट के चक्कर लगा रहा है। डकैती में बर्खास्तगी के बाद जेल में बंद सुशील कुमार 2017 बैच का दरोगा था, उसका साथी उत्कर्ष चतुर्वेदी व महेश कुमार 2019 बैच का दरोगा है। सुशील, उत्कर्ष और महेश के कॅरियर की तो अभी शुरुआत ही हुई थी, सभी ने अपनी नौकरी के साथ ऐसा मजाक किया कि निकट भविष्य में उसकी भरपाई संभव नहीं दिखाई देती है। जेल में परिवार से मिलकर सिर्फ रोते हैं और इंस्पेक्टर के साथ लूटपाट गैंग बनाने पर सभी क्षमावान है। केस-2:: रामनगर में सर्राफा कारोबारी से लूटकांड नकली क्राइम ब्रांच चलाता था नदेसर चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश, अब गैंगस्टर में जेल वाराणसी में वर्दी की आड़ में लुटेरों का गैंग चलाने वाले दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे पिछले दिनों यूपी भर में चर्चा में रहा। दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे ने 4 शातिर युवकों के साथ नकली ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’ बनाई और हाईवे पर लूट करने लगा। दोस्त रेकी करते थे, फिर दरोगा साथियों के साथ छापेमारी करता था। इसके बाद जब्त माल को आपस में बांट लेते थे। उसने 22 जून, 2024 को जीटी रोड पर ज्वेलरी कारोबारी के कर्मचारियों से 93 लाख रुपए पकड़े थे। हवाला का पैसा बताकर 42 लाख रुपए रख लिए और 51 लाख लौटा दिए थे। कारोबारी ने केस दर्ज कराया, तब पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने दरोगा और उसके 2 साथियों को गिरफ्तार किया। दरोगा से अब तक 8 लाख रुपए बरामद हो चुके हैं। सर्राफ के रुपए लेकर कोलकाता जा रहे थे कर्मचारी 22 जून की रात नीचीबाग कूड़ाखाना गली में रहने वाले ज्वेलरी कारोबारी जयपाल के 2 कर्मचारी अविनाश और धनंजय 93 लाख रुपए का बैग लेकर वाराणसी से कोलकाता जा रहे थे। पुलिस की वर्दी में और 2 सादे कपड़े में खुद को चंदौली के सैयदराजा थाने की क्राइम टीम बताकर डरा-धमका कर 93 लाख में से 42 लाख रुपए ले लिए और फरार हो गए। व्यापारी ने बताया कि लीगल पैसा है, उन्हें डॉक्यूमेंट भी दिखाए। लेकिन, उन्होंने एक न सुनी और पैसे लेकर चले गए। दरोगा समेत गिरफ्तार 3 आरोपियों से मिली थी रकम 42 लाख की लूट में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया तो उनसे ज्वेलरी कारोबारी से लूट के 8 लाख 5 हजार रुपए मिले थे। आरोपियों से 2 पिस्टल और कारतूस भी बरामद किया गया था। विकास मिश्रा के पास से लूट के 5 लाख 70 हजार रुपए, एक पिस्टल 32 बोर और कारतूस मिला। लूट में दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय के साथ अजय गुप्ता, नीलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी और योगेश पाठक उर्फ सोनू पाठक शामिल थे। जमानत पर किरकिरी के बाद फिर गैंगस्टर कायम किया लुटेरों का गैंग चलाने वाले दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे को पुलिस और अभियोजन की लचर पैरवी के चलते हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट में पुलिस पूरे सबूत भी पेश नहीं कर सकी थी। कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने ACP कोतवाली अमित श्रीवास्तव को हटाकर ACP सुरक्षा और इंस्पेक्टर अनिल कुमार शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया था। किरकिरी होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने फिर दरोगा को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी नए गैंगस्टर केस में हुई है, जिसमें उसके अन्य साथियों को भी शामिल किया गया है। पुलिस ने गैंगस्टर लगाने के बाद बर्खास्तगी की फाइल भी बढ़ाई है। केस-3 सारनाथ अपार्टमेंट लूटकांड अपार्टमेंट में घुसकर इंस्पेक्टर ने कारोबारियों से 40 लाख लूटे, जुआ में छापा मारकर चंपत वाराणसी में सारनाथ थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता ने 7 नवंबर को एक अपार्टमेंट पर छापा मारकर 40 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया। उनके साथ सिविल ड्रेस में एक युवक भी था, जिसने गार्ड से खुद को CM योगी का OSD बताया। अपार्टमेंट में शहर के बड़े कारोबारी जुआ खेल रहे थे, सभी को डरा-धमकाकर रकम वसूली। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने जुए की फड़ पर रखे 40 लाख रुपए दो बैग में भर लिए। एक CCTV भी सामने आया है, इसमें दिख रहा है कि इंस्पेक्टर लिफ्ट से उतर रहे हैं, उनके साथ का युवक हाथ में दो बैग पकड़े हुए है। CCTV वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता को पहले लाइन हाजिर, फिर सस्पेंड कर दिया। डीसीपी वरूणा चंद्रकांत मीना इसकी जांच कर रहे हैं और इंस्पेक्टर के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता का विवादों से पुराना नाता है। वाराणसी में तैनाती के दौरान चेतगंज और चोलापुर थानाध्यक्ष रहते हुए अफसरों ने उन्हें शिकायतों और लापरवाही पर हटाया था लेकिन फिर जुगाड़ से मलाईदार कुर्सी पा गया। सरकारी जीप से गया लेकिन फोर्स को बाहर ही रोक दिया सारनाथ क्षेत्र में गुरुवार (7 नवंबर) की रात रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में जुआ चल रहा था। शहर के कई कारोबारी जुआ खेल रहे थे। लाखों का दांव लग रहा था। तभी UP65A-G1208 नंबर की पुलिस जीप आई। जीप सारनाथ इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता की थी। उनके साथ ड्राइवर गोरख प्रसाद, हमहारी दीवान कन्हैया प्रसाद और एक युवक था। लिफ्ट से अपार्टमेंट के अंदर सिर्फ इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता और युवक आया। बाकी पूरी टीम बाहर खड़ी रही। थोड़ी देर बार इंस्पेक्टर बाहर निकले। फिर पता नहीं चला कहां गए। बाकी पुलिस कर्मी उनका काफी देर तक इंतजार करते रहे। फर्जी OSD बनकर घूमने वाला इससे पहले कई वारदातों में शामिल रहा है। डेढ़ लाख हारने पर जुए की मुखबिरी की जुआ वाराणसी के बड़े व्यापारी खेल रहे थे, इसलिए किसी ने इंस्पेक्टर की करतूत का खुलासा नहीं किया। मगर, डेढ़ लाख रुपए हारने वाले एक व्यापारी ने राज खोल दिया। सूत्रों के अनुसार, जुए के फड़ पर कचहरी क्षेत्र के चर्चित साड़ी कारोबारी का बेटा और एक दल से जुड़े नेता ‘महाराज’ और एक कथित ड्राइवर भी था। मामला खुलते ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। अधिकारियों को सूचना मिली, तो घटनास्थल और उससे जुड़े लोगों की तलाश तेज हुई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मामले में सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने X पर लिखा- उत्तर प्रदेश में ‘फिल्म सिटी’ तो नहीं बनी, लेकिन लगता है फिल्म की रीयल लोकेशन शूटिंग शुरू हो गई है। रहस्य जानने के लिए देखते रहिए भाजपाई भ्रष्टाचार की धारावाहिक फिल्म: ‘वर्दीवाला लुटेरा’ तीन महीने पहले महिला दरोगा 10 हजार लेते दबोची गई वाराणसी के लंका थाने में तैनात महिला दरोगा अनुभा तिवारी 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते अरेस्ट हुई थी। दहेज उत्पीड़न में दर्ज एक FIR में वह फाइनल रिपोर्ट लगाने की धमकी दे रही थी। पीड़िता पर दरोगा ने 20 हजार रुपए देने का दबाव बनाया था जिस पर महिला 10 हजार रुपए देने के लिए तैयार भी हो गई थी। लंका थाने में तैनात महिला रिपोर्टिंग चौकी इंचार्ज अनुभा तिवारी ने वादी और गवाहों के बयान दर्ज किए। विपक्ष के लोगों के बयान लेकर चार्जशीट लगाने से पहले रकम मांगी। एंटी करप्शन टीम ने महिला दरोगा को कैश लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ FIR दर्ज कर जेल भेजा गया था। इसके अलावा भी कई दरोगाओं ने खाकी को कलंकित किया। 10 सितंबर को मड़ौली चौकी इंचार्ज ने लिए थे 25 हजार वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के मड़ौली चौकी प्रभारी अजय कुमार को 25 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दरोगा ने मुकदमा दर्ज कराने वाले व्यक्ति को पुलिस चौकी बुलाकर धारा को गंभीर बनाने के लिए घूस ली थी। उसके खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था और आरोपी जमानत पर है। आरोपी मूल रूप से प्रयागराज जिले के थरवई थाना के देवापुर कुहौना सिकंदरा के मूल निवासी है। 2015 बैच का दरोगा है। 60 दिन पहले ही उसे चौकी प्रभारी बनाया गया था। संत गोपाल नगर, ककरमत्ता निवासी बिशन दास खन्ना के अनुसार, 10 जून को उनके बेटे उमंग खन्ना के प्रार्थना पत्र पर अदालत के आदेश से मंडुवाडीह थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी विवेचना मड़ौली चौकी इंचार्ज अजय कुमार कर रहा था। 22 मार्च को 40 हजार की रिश्वत लेते एसआई को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने शुक्रवार को लोहता थाने के एसएसआई आशीष कुमार पटेल को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। उसके सहयोगी दलाल रहीमपुर (लोहता) निवासी मासूम अली को भी टीम ने दबोचा। अनीस ने 40 हजार रुपये देने से पहले एंटी करप्शन टीम को बता दिया और टीम ने दबोच लिया। एसएसआई ने लूट के केस में धारा कम करने के लिए 75 हजार रुपये मांगे थे, रुपये न देने पर शिकायतकर्ता के छोटे बेटे को भी फंसाने की धमकी दी थी। वहीं एक प्राइवेट युवक को दलाल बनाकर लोगों से रुपये लेता था। दोनों के खिलाफ राजातालाब थाने में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया। 2023 में भ्रष्टाचार में घिरी रही खाकी, बर्खास्तगी तक हुई कार्रवाई पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार करने वाले कर्मियों की सूची बड़ी है। बीते 25 मई 2023 को सारनाथ और कैंट थाने में तैनात रहे हेड कांस्टेबल विनय कुमार, दीपक सिंह व प्रशांत सिंह को रंगदारी मांगने सहित अन्य आरोपों में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। 11 मई 2023 को जंसा थाने में तैनात दरोगा अभिषेक वर्मा को एक लाख रुपये घूस लेते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा था। इससे पहले घूस लेते हुए पकड़े गए दरोगा महेश सिंह और गीता यादव को दिसंबर 2021 में पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया था। वाराणसी पुलिस की क्राइम ब्रांच और फिर जौनपुर में तैनात रहे दुष्कर्म सहित अन्य मुकदमों के आरोपी इंस्पेक्टर अमित कुमार को नवंबर 2021 में पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया था। भेलूपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र को निलंबित करने के बाद बर्खास्त कर दिया गया। अब तक कमिश्नरेट के 55 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। इसके अलावा छह पुलिस कर्मी जेल भेजे गए और पांच पुलिस सेवा से बर्खास्त हुए हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में मानसून की आज भी होगी बारिश:पूरे दिन छाए रहेंगे बादल, अगले तीन दिन तक बारिश का येलो अलर्ट चंडीगढ़ में मौसम विभाग ने बारिश के लिए अगले तीन दिन तक येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार 7 जुलाई तक चंडीगढ़ में बारिश होगी और पूरे दिन बादल छाए रहेंगे। इससे तापमान में भी गिरावट आई है। अभी शहर का अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री दर्ज किया है। इसमें पिछले 24 घंटे में 3.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। यह तापमान सामान्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस कम है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 25.6 डिग्री तक पहुंच गया है। इसमें भी 3.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई है और यह सामान्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस कम है। रात से रुक-रुक कर हो रही है बारिश चंडीगढ़ में अभी भी बादल छाए हुए हैं और रात से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पिछले 33 घंटे में शहर में 66.5 MM दर्ज की गई है। 1 जून से 30 जून के बीच में कुल 9.9 MM बारिश हुई थी। वहीं जुलाई के पहले तीन दिनों में इस महीने की कुल बारिश का लगभग 25% बारिश हो चुकी है। जिस कारण शहर में कई जगह पर जलभराव की समस्या भी आ रही है। लेकिन मानसून की पहली बारिश होने के कारण लोग इस बार इसका मजा ले रहे हैं। सुखना लेक पर बनाया कंट्रोल रूम मानसून के सीजन में सुखना लेख के जलस्तर को मॉनिटर करने के लिए 24 घंटे के लिए एक कंट्रोल रूम बना दिया है। आने वाले दिनों में बारिश से सूखना का जलस्तर बढ़ सकता है। सुखना लेक का जलस्तर बढ़ने पर यहां से चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला प्रशासन से संपर्क किया जाएगा। यह कंट्रोल रूम सुखना के रेगुलेटरी एंड पर बनाया गया है। इसके अलावा चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से QRT टीम भी तैनात कर दी हैं। जो कि किसी भी आपातकाल की स्थिति में काम करेंगी।
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मेरठ में कपड़ा कारोबारी के घर लूट का VIDEO:हेलमेट से छिपाया चेहरा, बुजुर्ग बोले बेटा मुझे बख्श दो जो चाहिए ले जाओ मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर डी ब्लॉक में कपड़ा कारोबारी और भाजपा नेता के यहां दिनदहाड़े हुई लूट की वारदात का सीसीटीवी सामने आया है। बदमाशों ने पहचान छिपाने के लिए हेलमेट का इस्तेमाल किया। हेलमेट पहनकर 2 बदमाश घर में अंदर दाखिल हुए। 85 साल के बुजुर्ग घरमालिक चंद्रमोहन गोयल ने डोरबेल बजने पर जैसे ही दरवाजा खोला। बदमाशों ने जेब से चाकू निकालकर उनकी गर्दन पर रख दिया।
बदमाश चाकू की नोंक पर घर में घुसे। बुजुर्ग दंपत्ति और नौकरानी को कमरे में बंद किया और वारदात को अंजाम दिया। घटना की पूरी कहानी पीड़ित चंद्रमोहन की जुबानी पढ़िए… दोपहर लगभग तीन से साढ़े तीन बजे होंगे। मेरी पत्नी टॉयलेट में थी। नौकरानी रसोई में काम कर रही थी। तभी डोरबेल बजी। मैं दरवाजे के पास गया। दो लोग हेलमेट पहनकर बाहर खड़े थे। बोले हम सरकारी आदमी हैं। सरकार की ओर से आए हैं, लड़कियों की शादी के लिए कुछ चंदा चाहिए। मैंने सरकारी आदमी समझकर दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही उन्होंने मुझे धक्का दिया और मेरी गर्दन पर चाकू रख दिया। मुझे जमीन पर पटका मैंने उनके हाथ जोड़ लिए। मैंने कहा बेटा मुझे मारना मत, जो आपको चाहिए वो ले जाओ, मेरी जान बख्श दो। फिर वो मुझे अंदर लेकर आए। मैं चिल्लाया। मेरी आवाज सुनकर पत्नी टॉयलेट से तुरंत दौड़ती हुई बाहर आई। इधर नौकरानी भी मेरी तरफ आई। बस तभी बदमाशों ने हम तीनों को पकड़ लिया। उन्होंने पूछा अलमारी की चाबी कहां हैं। चाबी मैंने बता दिया कहां रखी हैं। उन्होंने अलमारी खोली उसमें से रुपए निकाले। अलमारी में 50-50 हजार के नोटों की 4 गड्डी रखी थीं। वो सारा रुपया लेकर चले गए। हमें पीछे कमरे में बंद कर दिया। बाहर से कमरे की कुंडी लगा दी। हमारे फोन छीने और चले गए। इसके बाद हम तीनों ने कमरे के अंदर से बहुत शोर मचाया। हम बहुत चीखे, चिल्लाए आवाजें लगाईं, लेकिन किसी ने हमारी आवाज नहीं सुनी। फिर हम शोर मचाकर थक गए तो कमरे में ही पड़ गए कि कोई न कोई आकर हमें खोलेगा। फिर लगभग साढ़े सात बजे यहां हमारे पड़ोसी मनोज की पत्नी ने अपने घर से किसी तरह हमारी आवाज सुनी होगी। तब वो कुछ लोगों को लेकर हमारे घर आईं, फिर पड़ोसियों ने हमें बाहर निकाला। हमारे पास कमरे में अंदर कुछ ऐसा सामान नहीं था जिससे मैं दरवाजा तोड़ पाता। हम तीनों ने इतनी आवाजें लगाई लेकिन किसी ने सुना ही नहीं।
कम उम्र के युवकों ने की वारदात दोनों आरोपी घर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गए। जिसमें साफ दिख रहा है कि दो लोग हेलमेट पहनकर घर में घूम रहे हैं। बदमाशों ने अंदर भी हेलमेट नहीं उतारा। दोनों ही आरोपी कम उम्र के युवक हैं। पुलिस ने घर के अंदर, बाहर और कालोनी के सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों की छानबीन शुरू कर दी है।
वहीं शहर के पॉश इलाके में दिनदहाड़े दोपहर साढ़े तीन बजे हुई लूट की इस वारदात से पूरा पुलिस सिस्टम भी हिल गया है। अपराधी बेलगाम हैं जिले में लगातार लूट, हत्या की घटनाएं हो रही हैं। मौके पर एसएसपी विपिन ताडा सहित अन्य अफसर भी पहुंचे। पब्लिक बोली क्षेत्र में नहीं सुरक्षा व्यवस्था
वहीं मौके पर व्यापार मंडल के लोग, भाजपा नेता और स्थानीय नागरिक भी पहुंचे। लोगों ने कहा कि नौचंदी थाने में दो इंस्पेक्टर 14 सब इंस्पेक्टर एवं तीन महिला सहित 22 ट्रेनिंग सब इंस्पेक्टर तैनात हैं। इसके बाद भी मुख्य चौराहे आवास विकास,सेंट्रल मार्केट, नई सड़क मोड़ पर पुलिस नहीं दिखती। बताया थाना प्रभारी एवं थाने पर तैनात दरोगा या द्वितीय इंस्पेक्टर में तालमेल नहीं हैं।
एसएसपी का वर्जन पढ़िए
एसएसपी विपिन ताडा का कहना है कि बुजुर्ग दंपत्ति के घर यह वारदात हुई है। सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों को पहचानने का प्रयास किया जा रहा है। हमने टीमें लगाई हैं जो बदमाशों की तलाश मे ंजुटी है। परिवार से पूछताछ भी की जा रही है।
अकाल तख्त पहुंचे अमृतपाल के पिता:जत्थेदार से की मांग- 30 अगस्त की बैठक में ऐसा फैसला लें, जो कौम को हो मंजूर
अकाल तख्त पहुंचे अमृतपाल के पिता:जत्थेदार से की मांग- 30 अगस्त की बैठक में ऐसा फैसला लें, जो कौम को हो मंजूर खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह मंगलवार श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे और ज्ञापन सौंपा है। तरसेम सिंह ने मीडिया को बताया कि वे 30 अगस्त को 5 तख्तों के जत्थेदारों की बैठक के संबंध में मिलने पहुंचे थे। इसके साथ ही उन्होंने अकाली दल की अंतर-कलह को लेकर सुखबीर बादल पर भी तंज कसा है। तरसेम सिंह ने बताया कि 30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक होने वाली है। अकाली दल में सुखबीर बादल की तरफ से की गई गलतियों को उनके ध्यान में लाया गया है। इसके साथ ही उन्हें आग्रह किया गया है कि वे फैसला कौम को लेकर करें। तख्त की मर्यादा को देखते हुए ऐसा फैसला लें जो कौम को मंजूर हो। 30 अगस्त को ऐसा फैसला लें कि वे पंथ के लिए मिसाल बने। हमने कौम और जनता के विचार श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में लाए हैं। ये तख्त गुरुसाहिबों का दिया हुआ है। इस तख्त की मर्यादा व जत्थेदार की पदवी को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लेना चाहिए। इस बार पहले की तरह फैसले नहीं होने चाहिए, जो कौम का परवान ना हों। सुखबीर बादल को कौम ने नकारा तरसेम सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल ने गलतियां ही इतनी बड़ी की हैं, अब कौम उन्हें नकार चुकी है। अब वे हाथ पैर मार रहे हैं, गलत बयानबाजियां कर रहे हैं। ऐसा करके वे कौम का जनाजा निकाल रहे हैं। अकाली दल के पास जब सरकार थी, तब उन्होंने कुछ किया नहीं। अब अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए ये सब कर रहे हैं। अभी भी वे केंद्र से लड़ने की जगह अमृतपाल सिंह पर बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा में अगर अनख बची है तो कंगना को बाहर करना चाहिए अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि कंगना पहले भी किसानों व सिखों को लेकर गलत बयानबाजी करती रही है। अगर भाजपा में अभी भी अनख बची है तो ऐसे लीडरों को उन्हें बाहर करना चाहिए। ऐसा करके आपसी भाईचारे में नफरत पैदा हो रही है। कंगना की जो फिल्म आ रही है, उसका भी विरोध उनकी तरफ से किया जा रहा है। वे फिल्म भी बैन करनी चाहिए।