काशी के सेनिया घराने के प्रसिद्ध सरोदवादक पंडित अमित भट्टाचार्य ने अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा- मोदी हमारे सांसद और प्रधानमंत्री हैं। अगर उनकी अनुपस्थिति होगी तो मैं भी नहीं जाऊंगा। यह बात रविवार को वाराणसी पहुंचे पंडित अमित भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कही। बता दें देश में पंडित अमित भट्टाचार्य अकेले ऐसे कलाकार हैं जिन्हें निमंत्रण मिला था लेकिन फिर भी पंडित जी नहीं जा रहे हैं। ट्रंप का भारत के साथ संबंध अच्छा हो
पंडित अमित भट्टाचार्य कहा- हमारे प्रधानमंत्री के जाने की बात थी। अगर उन्हीं के पास निमंत्रण नहीं आया होगा। तो हमारे लिए सर्वोपरि है भारत वर्ष। और जो भी प्रधानमंत्री हैं उनकी इज्जत बहुत जरूरी है। PM हमारे संसदीय क्षेत्र से हैं तो मेरी और ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मुझे न्यूज से पता चला कि उनके पास निमंत्रण नहीं आया है। हां भारत से तो कोई न कोई जरूरी जाएगा। उन्होंने कहा- मुझे तो समारोह के लिए निमंत्रण आया है। वहां समारोह में शरीक होना है। सरोद के लिए तो मैं सब जगह नहीं जाता हूं। उन्होंने कहा- मैं कभी अमेरिका नहीं गया हूं। हां, यूरोप गया हूं लेकिन अब मैं विदेश जाना भी नहीं चाहता हूं। जो शांति बनारस में है, वह और कहीं नहीं है। मुझे कहीं से कुछ मांगने की जरूरत नहीं है। सब प्रभु कृपा से मिलती है। मेरी तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को यही शुभकामना है कि वहां भी सब कुशल मंगल शांति से रहे। उनका कार्यकाल बहुत अच्छा हो और भारत के साथ सम्बन्ध मजबूत हो। PM मोदी के साथ सम्बन्ध और अच्छा हो। ये है निमंत्रण पत्र कौन हैं पं. अमित भट्टाचार्य?
सरोदवादक सेनिया घराने पं. अमित भट्टाचार्य (पौराणिक तानसेन) के उस्ताद अलाउद्दीन खान के शिष्य पं. ज्योतिन भट्टाचार्य के बेटे और उस्ताद अलाउद्दीन खान की बेटी, भारत रत्न पं. रविशंकर की पत्नी विदुषी अन्नपूर्णा के एकमात्र गंडाबंध शिष्य हैं। पंडित अमित नाद ब्रह्म के मौन साधक हैं। पंडित रविशंकर व विदुषी अन्नपूर्णा भी उस्ताद अलाउद्दीन के ही शिष्य रहे हैं। 7 जनवरी को भेजा गया था निमंत्रण
पं. अमित भट्टाचार्य को 20 जनवरी को वाशिंगटन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने का निमंत्रण दिया गया था। यह न्योता राष्ट्रपति ट्रंप की शपथ ग्रहण समिति के चेयरमैन डॉ. जे. मार्क बर्न्स की ओर से 7 जनवरी को भेजा गया था। इस आयोजन में भाग लेने के लिए विश्वभर के विशिष्ट राजनयिकों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। 20 जनवरी को ट्रंप लेंगे शपथ
4 नवंबर 2024 को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को मात दी थी। और एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर कब्जा किया है। अब वह 20 जनवरी को पद और गोपनीयता की शपथ लेने वाले हैं। जिसके न्योते को लेकर अभी तक बवाल मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले हैं। ………………………….. ये खबर भी पढ़िए… महाकुंभ में 2 विदेशी समेत 100 महिलाएं बनीं नागा संन्यासी:जीते जी खुद और 7 पीढ़ियों का पिंडदान किया; बिना सीले सफेद वस्त्र पहने प्रयागराज महाकुंभ में 2 विदेशी समेत 100 महिलाओं ने एक साथ नागा संन्यासी की दीक्षा ली। इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाएं हैं। सभी जूना अखाड़े से जुड़ी हैं। आज से इनकी जिंदगी बदल जाएगी। संगम घाट पर अपने केश कटवाए। फिर जीते जी खुद का और अपनी सात पीढ़ियों का पिंडदान किया है। गंगा में 17 पिंड बनाए, जिनमें से 16 उनकी सात पीढ़ियों के थे। एक उनका खुद का था। पढ़िए पूरी खबर काशी के सेनिया घराने के प्रसिद्ध सरोदवादक पंडित अमित भट्टाचार्य ने अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा- मोदी हमारे सांसद और प्रधानमंत्री हैं। अगर उनकी अनुपस्थिति होगी तो मैं भी नहीं जाऊंगा। यह बात रविवार को वाराणसी पहुंचे पंडित अमित भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कही। बता दें देश में पंडित अमित भट्टाचार्य अकेले ऐसे कलाकार हैं जिन्हें निमंत्रण मिला था लेकिन फिर भी पंडित जी नहीं जा रहे हैं। ट्रंप का भारत के साथ संबंध अच्छा हो
पंडित अमित भट्टाचार्य कहा- हमारे प्रधानमंत्री के जाने की बात थी। अगर उन्हीं के पास निमंत्रण नहीं आया होगा। तो हमारे लिए सर्वोपरि है भारत वर्ष। और जो भी प्रधानमंत्री हैं उनकी इज्जत बहुत जरूरी है। PM हमारे संसदीय क्षेत्र से हैं तो मेरी और ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मुझे न्यूज से पता चला कि उनके पास निमंत्रण नहीं आया है। हां भारत से तो कोई न कोई जरूरी जाएगा। उन्होंने कहा- मुझे तो समारोह के लिए निमंत्रण आया है। वहां समारोह में शरीक होना है। सरोद के लिए तो मैं सब जगह नहीं जाता हूं। उन्होंने कहा- मैं कभी अमेरिका नहीं गया हूं। हां, यूरोप गया हूं लेकिन अब मैं विदेश जाना भी नहीं चाहता हूं। जो शांति बनारस में है, वह और कहीं नहीं है। मुझे कहीं से कुछ मांगने की जरूरत नहीं है। सब प्रभु कृपा से मिलती है। मेरी तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को यही शुभकामना है कि वहां भी सब कुशल मंगल शांति से रहे। उनका कार्यकाल बहुत अच्छा हो और भारत के साथ सम्बन्ध मजबूत हो। PM मोदी के साथ सम्बन्ध और अच्छा हो। ये है निमंत्रण पत्र कौन हैं पं. अमित भट्टाचार्य?
सरोदवादक सेनिया घराने पं. अमित भट्टाचार्य (पौराणिक तानसेन) के उस्ताद अलाउद्दीन खान के शिष्य पं. ज्योतिन भट्टाचार्य के बेटे और उस्ताद अलाउद्दीन खान की बेटी, भारत रत्न पं. रविशंकर की पत्नी विदुषी अन्नपूर्णा के एकमात्र गंडाबंध शिष्य हैं। पंडित अमित नाद ब्रह्म के मौन साधक हैं। पंडित रविशंकर व विदुषी अन्नपूर्णा भी उस्ताद अलाउद्दीन के ही शिष्य रहे हैं। 7 जनवरी को भेजा गया था निमंत्रण
पं. अमित भट्टाचार्य को 20 जनवरी को वाशिंगटन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने का निमंत्रण दिया गया था। यह न्योता राष्ट्रपति ट्रंप की शपथ ग्रहण समिति के चेयरमैन डॉ. जे. मार्क बर्न्स की ओर से 7 जनवरी को भेजा गया था। इस आयोजन में भाग लेने के लिए विश्वभर के विशिष्ट राजनयिकों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। 20 जनवरी को ट्रंप लेंगे शपथ
4 नवंबर 2024 को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को मात दी थी। और एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर कब्जा किया है। अब वह 20 जनवरी को पद और गोपनीयता की शपथ लेने वाले हैं। जिसके न्योते को लेकर अभी तक बवाल मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले हैं। ………………………….. ये खबर भी पढ़िए… महाकुंभ में 2 विदेशी समेत 100 महिलाएं बनीं नागा संन्यासी:जीते जी खुद और 7 पीढ़ियों का पिंडदान किया; बिना सीले सफेद वस्त्र पहने प्रयागराज महाकुंभ में 2 विदेशी समेत 100 महिलाओं ने एक साथ नागा संन्यासी की दीक्षा ली। इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाएं हैं। सभी जूना अखाड़े से जुड़ी हैं। आज से इनकी जिंदगी बदल जाएगी। संगम घाट पर अपने केश कटवाए। फिर जीते जी खुद का और अपनी सात पीढ़ियों का पिंडदान किया है। गंगा में 17 पिंड बनाए, जिनमें से 16 उनकी सात पीढ़ियों के थे। एक उनका खुद का था। पढ़िए पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर