काशी में 35 लाख लोग, देव दीपावली से दोगुने:श्रद्धालुओं ने तीन दिन में 1100 करोड़ खर्च किए; लोग बोले- 1200 वाला होटल 4 हजार में मिला

काशी में 35 लाख लोग, देव दीपावली से दोगुने:श्रद्धालुओं ने तीन दिन में 1100 करोड़ खर्च किए; लोग बोले- 1200 वाला होटल 4 हजार में मिला

महाकुंभ आए भक्त काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने भी पहुंच रहे हैं। नतीजा 3 दिन में 35 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं। यह भीड़ देव दीपावली के स्पेशल आयोजन में आए लोगों से 2 गुने से ज्यादा है। प्रशासनिक आकड़ों के अनुसार, पहली बार एक साथ इतने श्रद्धालु काशी पहुंचे हैं। हालात ऐसे हैं कि गौदोलिया से लेकर मैदागिन तक सिर्फ लोग ही लोग दिख रहे हैं। शहर के छोटे-बड़े 3500 होटल, लॉन्ज फुल हैं। श्रद्धालुओं को 1200 रुपए में मिलने वाला होटल 4 हजार रुपए में मिल रहा है। रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के काशी पहुंचने का असर 3 पॉइंट में समझ सकते हैं… पूरे देश से पहुंचने वाले 35 लाख लोग वाराणसी की इकोनॉमी को भी बूस्ट कर रहे हैं। करीब 1100 करोड़ रुपए रहने, ठहरने और प्रसाद-दक्षिणा पर खर्च किए। मगर शहर का क्राउड मैनेजमेंट फेल हो गया है। बाबा काशी विश्वनाथ की तरफ जाने वाले VIP रूट बंद करने पड़े हैं। वाराणसी के बॉर्डर भी सील हैं, सिर्फ लोकल नंबर प्लेन की गाड़ियां ही शहर के अंदर आने दी जा रही है। 29 जनवरी, 2025 को मौनी अमावस्या है। प्रयागराज में करीब 7-8 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है। यह भी अनुमान है कि 1 से 2 करोड़ लोग स्नान के बाद अयोध्या या वाराणसी का रुख कर सकते हैं। अब बात काशी पहुंचने वाले लोगों की करते हैं… जम्मू की लवलीन ने कहा- 6 से 7 घंटे में हो रहे दर्शन
भक्तों से बातचीत के लिए दैनिक भास्कर की टीम काशी के अस्सी घाट पहुंची। यहां हमारी मुलाकात जम्मू कश्मीर की लवलीन गुप्ता से हुई। उन्होंने कहा- एडमिनिस्ट्रेशन ने व्यवस्था तो की है, मगर भीड़ ज्यादा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए लाइनों में लोग बीच में घुसे आ रहे हैं। 6 से 7 घंटे में दर्शन हो पा रहे हैं। हमारी यात्रा काफी अच्छी रही है। यहां CM योगी ने काफी काम किया है। प्रयागराज से आई मोनिका ने कहा- भीड़ देखकर हिम्मत टूटी
मोनिका कहती हैं – प्रयागराज में गंगा स्नान करने के बाद हम वाराणसी आए हैं। यहां पर 2 घंटे तक हम लोग लाइन में लगे रहे। काल भैरव मंदिर के बाहर भीड़ इतनी ज्यादा थी कि हमारी हिम्मत टूट गई। हम वापस आ गए। हमने गेस्ट हाउस में रहने के लिए 3000 रुपए दिए। जो थोड़ा ज्यादा लगा, लेकिन मजबूरी थी, हमें कही तो ठहरना ही था। पटना के अमरजीत ने कहा- होटल नहीं मिला
पटना से वाराणसी पहुंचे अमरजीत कुमार कहते हैं – प्रयागराज में महाकुंभ की व्यवस्थाएं बहुत बेहतर मिली। आज सुबह हम वाराणसी पहुंचे हैं। हमने होटल खोजा, लेकिन कहीं भी जगह नहीं मिली। जिसके बाद हम वाराणसी के गंगा घाट पहुंचे। यहां पर अपना समय बिताया, गंगा स्नान किया और फिर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। हमें दर्शन करने में करीब 6 घंटे का वक्त लगा। भीड़ ज्यादा होने से अव्यवस्था हो रही है। भक्तों से बातचीत के बाद टीम होटल और गेस्ट हाउस का हाल जानने पहुंची… टीम करीब 12 से 15 होटल और गेस्ट हाउस पहुंची। उनका हाल देखकर सामने आया कि 27 से 30 जनवरी के बीच सभी हाउस फुल हैं। रिसेप्शन पर लोगों और स्टाफ के बीच रूम टैरिफ में डिस्काउंट को लेकर बहस होती दिखी। दरअसल, गेस्ट हाउस में आम दिनों में 800 से 1200 रुपए में मिलने वाला कमरा इस वक्त 3000 से 4000 तक बुक हो रहा है। यानी करीब 3 से 4 गुना ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। सबसे हाई डिमांड गंगा नदी के घाटों के पास बने होटलों की है। होम स्टे
150 घर होम स्टे में बदले, सब फुल
गंगा नदी के 84 घाट हैं। जोकि करीब 6.4 किमी में फैले हुए हैं। इस एरिया में 150 से ज्यादा लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में बदला है। इनमें भी जगह नहीं है। एडवांस बुकिंग चल रही है। लोग अपने परिचित लोगों से निगोशिएट करवा रहे हैं। होटल कारोबारी बोले- अब घाट के पास ठहरने को जगह नहीं
टूरिस्ट काशी आएं तो क्या करें? यह समझने के लिए भास्कर टीम ने होटल कारोबारी यश चतुर्वेदी से बात की। वह कहते हैं- गंगा किनारे अब ठहरने का कोई स्थान खाली नहीं है। घर-घर में पर्यटक ठहरे हुए हैं। 1000-2000 हजार रुपए वाले डबल बेड रूम का चार्ज 26-30 जनवरी के लिए 4000 से 5000 रुपए तक हो गया है। पर्यटक इससे ज्यादा भी देने को राजी हैं, मगर 30 जनवरी तक देने के लिए कोई कमरा नहीं बचा है। घाटों पर 1000-1500 वाले गेस्ट हाउस की बुकिंग 3 से 4 हजार रुपए में हुई है। दर्शन-श्रद्धालु का रिकॉर्ड
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करने वाले श्रद्धालुओं का जनवरी में रिकॉर्ड बन रहा… गर्भगृह में सिर्फ 1-2 सेकेंड के दर्शन
मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सिर्फ 1-2 सेकेंड ही दर्शन मिल पा रहे हैं। गोदौलिया और चौक एरिया के आसपास 2 से 3 किलोमीटर की लंबी लाइन लग रही है। सुबह मंगला आरती के बाद शुरू दर्शन-पूजन का सिलसिला रात 11 बजे तक चल रहा है। तमाम श्रद्धालु ऐसे रहे, जो 2 घंटे लाइन में लगने के बाद बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन पा रहे हैं। गेट नंबर चार, गंगा द्वार और सरस्वती फाटक की ओर श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा हो रही है। अब नाविकों की बात
नाविक बोले- सुबह 6 बजे से शाम 7 तक बोट खाली नहीं
वाराणसी के नाविकों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। नाविकों का कहना है कि पहले हम दिन भर में एक से दो चक्कर लगा रहे थे। अब पूरे दिन में करीब चार से पांच चक्कर मार रहे हैं। हम लोग वाराणसी के अस्सी घाट से नमो घाट तक ले जाने के लिए 100 से 200 रूपए प्रति सवारी ले रहे हैं। वहीं अगर पूरी बोट बुक कराई जा रही है तो उसका 2000 से 5000 लिया जा रहा है। अस्सी घाट के नाविक अज्जू ने कहा- हम लोग सुबह 6 बजे से ही पर्यटकों को गंगा घाट घूमा रहे हैं। रात के 7 बजे तक यह सिलसिला चल रहा है। यह पहला मौका है जब हम लोग पूरे दिन इस तरह से पर्यटकों को घूमा पा रहे हैं। बोट खाली नहीं रह रही है। काशी को फायदा
BHU प्रोफेसर प्रवीण राणा ने कहा- हम मान‌कर चल रहे हैं कि 27 जनवरी से 30 जनवरी के बीच करीब 45 लाख लोग बनारस आएंगे। इस वक्त वाराणसी में ठहरना और खाना 25 से 30% तक महंगा हो चुका है। एक व्यक्ति पर औसतन करीब 3 हजार रुपए का खर्च आता है। इसमें एक हिस्सा प्रसाद और दक्षिणा के रूप में मंदिर और पुजारियों को भी मिल रहा है। अब तक 35 लाख लोग वाराणसी आ चुके हैं। उम्मीद है कि 1100 करोड़ रेवेन्यू आया होगा। पीक फेस्टिव सीजन में यानी कि 27 जनवरी से 30 जनवरी के बीच वाराणसी पहुंचने वाले लाखों लोगों से और रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। अब भीड़ की तस्वीर प्रशासन की व्यवस्था
गोदौलिया से मैदागिन के बीच कार नहीं जाएंगी
महाकुंभ तक गोदौलिया से मैदागिन के बीच वीआईपी, प्रोटोकॉल और पुलिस की गाड़ियां नहीं चलेंगी। सिर्फ जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा वाले विशिष्टजन ही गोदौलिया से मैदागिन के बीच कार से आ-जा सकेंगे। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा- महाकुंभ के मद्देनजर बड़े वाहन शहर के बाहर निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों। गोदौलिया से मैदागिन मार्ग पर जगह-जगह नो व्हीकल जोन के बैनर लगवाए गए। एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया- सोनारपुरा से ही चारपहिया वाहनों को गोदौलिया नहीं आने दिया जाएगा। गोदौलिया में काशी चाट भंडार के समीप खाली जमीन में पुलिस के वाहन खड़े होंगे। गोदौलिया से मैदागिन मार्ग के साथ ही रामापुरा, पांडेय हवेली और दशाश्वमेध रोड भी नो व्हीकल जोन घोषित है। —————————- यह भी पढ़ें : महाकुंभ में धर्म संसद- वर्शिप एक्ट खत्म करने की मांग: PM से सनातन बोर्ड बनाने की अपील; नारा दिया- संभल, मथुरा, विश्वनाथ… तीनों लेंगे एकसाथ महाकुंभ में सोमवार को हुई धर्म संसद में PM से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। 13 अखाड़े और सभी 4 शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं हुए। धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने PM मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा- हम इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेज रहे हैं। नारा दिया गया- “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ।” पढ़िए पूरी खबर… महाकुंभ आए भक्त काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने भी पहुंच रहे हैं। नतीजा 3 दिन में 35 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं। यह भीड़ देव दीपावली के स्पेशल आयोजन में आए लोगों से 2 गुने से ज्यादा है। प्रशासनिक आकड़ों के अनुसार, पहली बार एक साथ इतने श्रद्धालु काशी पहुंचे हैं। हालात ऐसे हैं कि गौदोलिया से लेकर मैदागिन तक सिर्फ लोग ही लोग दिख रहे हैं। शहर के छोटे-बड़े 3500 होटल, लॉन्ज फुल हैं। श्रद्धालुओं को 1200 रुपए में मिलने वाला होटल 4 हजार रुपए में मिल रहा है। रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के काशी पहुंचने का असर 3 पॉइंट में समझ सकते हैं… पूरे देश से पहुंचने वाले 35 लाख लोग वाराणसी की इकोनॉमी को भी बूस्ट कर रहे हैं। करीब 1100 करोड़ रुपए रहने, ठहरने और प्रसाद-दक्षिणा पर खर्च किए। मगर शहर का क्राउड मैनेजमेंट फेल हो गया है। बाबा काशी विश्वनाथ की तरफ जाने वाले VIP रूट बंद करने पड़े हैं। वाराणसी के बॉर्डर भी सील हैं, सिर्फ लोकल नंबर प्लेन की गाड़ियां ही शहर के अंदर आने दी जा रही है। 29 जनवरी, 2025 को मौनी अमावस्या है। प्रयागराज में करीब 7-8 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है। यह भी अनुमान है कि 1 से 2 करोड़ लोग स्नान के बाद अयोध्या या वाराणसी का रुख कर सकते हैं। अब बात काशी पहुंचने वाले लोगों की करते हैं… जम्मू की लवलीन ने कहा- 6 से 7 घंटे में हो रहे दर्शन
भक्तों से बातचीत के लिए दैनिक भास्कर की टीम काशी के अस्सी घाट पहुंची। यहां हमारी मुलाकात जम्मू कश्मीर की लवलीन गुप्ता से हुई। उन्होंने कहा- एडमिनिस्ट्रेशन ने व्यवस्था तो की है, मगर भीड़ ज्यादा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए लाइनों में लोग बीच में घुसे आ रहे हैं। 6 से 7 घंटे में दर्शन हो पा रहे हैं। हमारी यात्रा काफी अच्छी रही है। यहां CM योगी ने काफी काम किया है। प्रयागराज से आई मोनिका ने कहा- भीड़ देखकर हिम्मत टूटी
मोनिका कहती हैं – प्रयागराज में गंगा स्नान करने के बाद हम वाराणसी आए हैं। यहां पर 2 घंटे तक हम लोग लाइन में लगे रहे। काल भैरव मंदिर के बाहर भीड़ इतनी ज्यादा थी कि हमारी हिम्मत टूट गई। हम वापस आ गए। हमने गेस्ट हाउस में रहने के लिए 3000 रुपए दिए। जो थोड़ा ज्यादा लगा, लेकिन मजबूरी थी, हमें कही तो ठहरना ही था। पटना के अमरजीत ने कहा- होटल नहीं मिला
पटना से वाराणसी पहुंचे अमरजीत कुमार कहते हैं – प्रयागराज में महाकुंभ की व्यवस्थाएं बहुत बेहतर मिली। आज सुबह हम वाराणसी पहुंचे हैं। हमने होटल खोजा, लेकिन कहीं भी जगह नहीं मिली। जिसके बाद हम वाराणसी के गंगा घाट पहुंचे। यहां पर अपना समय बिताया, गंगा स्नान किया और फिर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। हमें दर्शन करने में करीब 6 घंटे का वक्त लगा। भीड़ ज्यादा होने से अव्यवस्था हो रही है। भक्तों से बातचीत के बाद टीम होटल और गेस्ट हाउस का हाल जानने पहुंची… टीम करीब 12 से 15 होटल और गेस्ट हाउस पहुंची। उनका हाल देखकर सामने आया कि 27 से 30 जनवरी के बीच सभी हाउस फुल हैं। रिसेप्शन पर लोगों और स्टाफ के बीच रूम टैरिफ में डिस्काउंट को लेकर बहस होती दिखी। दरअसल, गेस्ट हाउस में आम दिनों में 800 से 1200 रुपए में मिलने वाला कमरा इस वक्त 3000 से 4000 तक बुक हो रहा है। यानी करीब 3 से 4 गुना ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। सबसे हाई डिमांड गंगा नदी के घाटों के पास बने होटलों की है। होम स्टे
150 घर होम स्टे में बदले, सब फुल
गंगा नदी के 84 घाट हैं। जोकि करीब 6.4 किमी में फैले हुए हैं। इस एरिया में 150 से ज्यादा लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में बदला है। इनमें भी जगह नहीं है। एडवांस बुकिंग चल रही है। लोग अपने परिचित लोगों से निगोशिएट करवा रहे हैं। होटल कारोबारी बोले- अब घाट के पास ठहरने को जगह नहीं
टूरिस्ट काशी आएं तो क्या करें? यह समझने के लिए भास्कर टीम ने होटल कारोबारी यश चतुर्वेदी से बात की। वह कहते हैं- गंगा किनारे अब ठहरने का कोई स्थान खाली नहीं है। घर-घर में पर्यटक ठहरे हुए हैं। 1000-2000 हजार रुपए वाले डबल बेड रूम का चार्ज 26-30 जनवरी के लिए 4000 से 5000 रुपए तक हो गया है। पर्यटक इससे ज्यादा भी देने को राजी हैं, मगर 30 जनवरी तक देने के लिए कोई कमरा नहीं बचा है। घाटों पर 1000-1500 वाले गेस्ट हाउस की बुकिंग 3 से 4 हजार रुपए में हुई है। दर्शन-श्रद्धालु का रिकॉर्ड
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करने वाले श्रद्धालुओं का जनवरी में रिकॉर्ड बन रहा… गर्भगृह में सिर्फ 1-2 सेकेंड के दर्शन
मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सिर्फ 1-2 सेकेंड ही दर्शन मिल पा रहे हैं। गोदौलिया और चौक एरिया के आसपास 2 से 3 किलोमीटर की लंबी लाइन लग रही है। सुबह मंगला आरती के बाद शुरू दर्शन-पूजन का सिलसिला रात 11 बजे तक चल रहा है। तमाम श्रद्धालु ऐसे रहे, जो 2 घंटे लाइन में लगने के बाद बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन पा रहे हैं। गेट नंबर चार, गंगा द्वार और सरस्वती फाटक की ओर श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा हो रही है। अब नाविकों की बात
नाविक बोले- सुबह 6 बजे से शाम 7 तक बोट खाली नहीं
वाराणसी के नाविकों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। नाविकों का कहना है कि पहले हम दिन भर में एक से दो चक्कर लगा रहे थे। अब पूरे दिन में करीब चार से पांच चक्कर मार रहे हैं। हम लोग वाराणसी के अस्सी घाट से नमो घाट तक ले जाने के लिए 100 से 200 रूपए प्रति सवारी ले रहे हैं। वहीं अगर पूरी बोट बुक कराई जा रही है तो उसका 2000 से 5000 लिया जा रहा है। अस्सी घाट के नाविक अज्जू ने कहा- हम लोग सुबह 6 बजे से ही पर्यटकों को गंगा घाट घूमा रहे हैं। रात के 7 बजे तक यह सिलसिला चल रहा है। यह पहला मौका है जब हम लोग पूरे दिन इस तरह से पर्यटकों को घूमा पा रहे हैं। बोट खाली नहीं रह रही है। काशी को फायदा
BHU प्रोफेसर प्रवीण राणा ने कहा- हम मान‌कर चल रहे हैं कि 27 जनवरी से 30 जनवरी के बीच करीब 45 लाख लोग बनारस आएंगे। इस वक्त वाराणसी में ठहरना और खाना 25 से 30% तक महंगा हो चुका है। एक व्यक्ति पर औसतन करीब 3 हजार रुपए का खर्च आता है। इसमें एक हिस्सा प्रसाद और दक्षिणा के रूप में मंदिर और पुजारियों को भी मिल रहा है। अब तक 35 लाख लोग वाराणसी आ चुके हैं। उम्मीद है कि 1100 करोड़ रेवेन्यू आया होगा। पीक फेस्टिव सीजन में यानी कि 27 जनवरी से 30 जनवरी के बीच वाराणसी पहुंचने वाले लाखों लोगों से और रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। अब भीड़ की तस्वीर प्रशासन की व्यवस्था
गोदौलिया से मैदागिन के बीच कार नहीं जाएंगी
महाकुंभ तक गोदौलिया से मैदागिन के बीच वीआईपी, प्रोटोकॉल और पुलिस की गाड़ियां नहीं चलेंगी। सिर्फ जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा वाले विशिष्टजन ही गोदौलिया से मैदागिन के बीच कार से आ-जा सकेंगे। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा- महाकुंभ के मद्देनजर बड़े वाहन शहर के बाहर निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों। गोदौलिया से मैदागिन मार्ग पर जगह-जगह नो व्हीकल जोन के बैनर लगवाए गए। एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया- सोनारपुरा से ही चारपहिया वाहनों को गोदौलिया नहीं आने दिया जाएगा। गोदौलिया में काशी चाट भंडार के समीप खाली जमीन में पुलिस के वाहन खड़े होंगे। गोदौलिया से मैदागिन मार्ग के साथ ही रामापुरा, पांडेय हवेली और दशाश्वमेध रोड भी नो व्हीकल जोन घोषित है। —————————- यह भी पढ़ें : महाकुंभ में धर्म संसद- वर्शिप एक्ट खत्म करने की मांग: PM से सनातन बोर्ड बनाने की अपील; नारा दिया- संभल, मथुरा, विश्वनाथ… तीनों लेंगे एकसाथ महाकुंभ में सोमवार को हुई धर्म संसद में PM से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। 13 अखाड़े और सभी 4 शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं हुए। धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने PM मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा- हम इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेज रहे हैं। नारा दिया गया- “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ।” पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर