काशी विश्वनाथ मंदिर: जानिए कैसे बनता है प्रसाद, प्याज-लहसुन खाने वाले तक नहीं होते बनाने में शामिल

काशी विश्वनाथ मंदिर: जानिए कैसे बनता है प्रसाद, प्याज-लहसुन खाने वाले तक नहीं होते बनाने में शामिल

<p style=”text-align: justify;”><strong>Kashi Vishwanath Temple:</strong> आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद की शुद्धता को लेकर छिड़े विवाद के बीच अब अलग-अलग मंदिरों के भी प्रसाद भोग की शुद्धता को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. इसी क्रम में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक वाराणसी के भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में भी चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर एबीपी न्यूज ने ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान विश्वनाथ के गर्भ गृह में चढ़ाए जाने वाला प्रसाद मंदिर के पुजारी द्वारा ही मंदिर परिसर में तैयार किया जाता है, जिसमें गुणवत्ता और शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है. इसमें खीर सहित अन्य सात्विक आहार अलग-अलग दिनों के हिसाब से शामिल रहते हैं. इसके अलावा श्रद्धालुओं द्वारा बाबा विश्वनाथ के प्रसाद के रूप में खरीदे जाने वाले लड्डू को दो जगह पर बनाया जाता है जिसमें महालक्ष्मी और बेला पापड़ समूह शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सनातन धर्मी ही बनाते हैं बाबा का प्रसाद</strong><br />एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के अनुसार भगवान विश्वनाथ के प्रसाद के रूप में खरीदे जाने वाले लड्डू को महालक्ष्मी और बेला पापड़ समूह में तैयार किया जाता है. यहां शुद्धता के साथ-साथ गुणवत्ता का भी खास ख्याल रखा जाता है. मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, यहां का प्रसाद बनाने वाला व्यक्ति सनातन धर्मी ही होता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-says-gyanvapi-is-the-symbol-of-lord-vishwanath-and-tell-story-of-adi-shankar-2787993″><strong>Gyanvapi: ‘ज्ञानवापी साक्षात भगवान विश्वनाथ का प्रतीक’, सीएम योगी ने आदि शंकर का जिक्र कर सुनाया पूरा किस्सा</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा प्रसाद बनाने वालों में शामिल लोग लहसुन प्याज तक नहीं खाते. महाप्रसाद के रूप में बाबा का लड्डू बेसन, आटा, चीनी, खोवा, घी, ड्राई फ्रूट और गुलाब की सूखी पंखुड़ियों से तैयार किया जाता है जिसमें शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर छिड़े विवाद के बीच एसडीएम शंभू शरण सिंह काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद बनाने वाले स्थल पर पहुंचे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जहां उन्होंने टीम के साथ खोवा, आटा, चीनी, बेसन और सहित घी की गुणवत्ता के बारे में जांच की. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान शंभू शरण ने कहा कि भगवान काशी विश्वनाथ को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता का हमेशा से ही विशेष ख्याल रखा जाता है. नियमित अंतराल पर इसके सैंपल को लेकर जांच भी की जाती है.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kashi Vishwanath Temple:</strong> आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद की शुद्धता को लेकर छिड़े विवाद के बीच अब अलग-अलग मंदिरों के भी प्रसाद भोग की शुद्धता को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. इसी क्रम में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक वाराणसी के भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में भी चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर एबीपी न्यूज ने ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान विश्वनाथ के गर्भ गृह में चढ़ाए जाने वाला प्रसाद मंदिर के पुजारी द्वारा ही मंदिर परिसर में तैयार किया जाता है, जिसमें गुणवत्ता और शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है. इसमें खीर सहित अन्य सात्विक आहार अलग-अलग दिनों के हिसाब से शामिल रहते हैं. इसके अलावा श्रद्धालुओं द्वारा बाबा विश्वनाथ के प्रसाद के रूप में खरीदे जाने वाले लड्डू को दो जगह पर बनाया जाता है जिसमें महालक्ष्मी और बेला पापड़ समूह शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सनातन धर्मी ही बनाते हैं बाबा का प्रसाद</strong><br />एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के अनुसार भगवान विश्वनाथ के प्रसाद के रूप में खरीदे जाने वाले लड्डू को महालक्ष्मी और बेला पापड़ समूह में तैयार किया जाता है. यहां शुद्धता के साथ-साथ गुणवत्ता का भी खास ख्याल रखा जाता है. मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, यहां का प्रसाद बनाने वाला व्यक्ति सनातन धर्मी ही होता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-says-gyanvapi-is-the-symbol-of-lord-vishwanath-and-tell-story-of-adi-shankar-2787993″><strong>Gyanvapi: ‘ज्ञानवापी साक्षात भगवान विश्वनाथ का प्रतीक’, सीएम योगी ने आदि शंकर का जिक्र कर सुनाया पूरा किस्सा</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा प्रसाद बनाने वालों में शामिल लोग लहसुन प्याज तक नहीं खाते. महाप्रसाद के रूप में बाबा का लड्डू बेसन, आटा, चीनी, खोवा, घी, ड्राई फ्रूट और गुलाब की सूखी पंखुड़ियों से तैयार किया जाता है जिसमें शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर छिड़े विवाद के बीच एसडीएम शंभू शरण सिंह काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद बनाने वाले स्थल पर पहुंचे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जहां उन्होंने टीम के साथ खोवा, आटा, चीनी, बेसन और सहित घी की गुणवत्ता के बारे में जांच की. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान शंभू शरण ने कहा कि भगवान काशी विश्वनाथ को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता का हमेशा से ही विशेष ख्याल रखा जाता है. नियमित अंतराल पर इसके सैंपल को लेकर जांच भी की जाती है.&nbsp;</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड 24 घंटे के अंदर BJP में वापस आए मनोहर लाल खट्टर के भतीजे, बोले- ‘मैं तो कांग्रेस में चाय पीने गया था’