किन्नौर में हिमाचल प्रदेश नर्सरीज सोसाइटी के अंतर्गत सरकारी नर्सरियों में इस वर्ष विभिन्न फलों के पौधों की बिक्री शुरू हो गई है। हालांकि बर्फबारी के कारण पौधों के वितरण में दो दिन की देरी हुई, लेकिन अब उद्यान विभाग के 11 सेल सेंटरों में बिक्री जारी है। जापानी फलों की मांग सबसे अधिक उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. भूपेंद्र नेगी ने बताया कि सेब की 26 प्रमुख किस्मों के अलावा नाशपाती, नेकतरीन, प्लम, खुर्मानी, बादाम, जापानी फल, अखरोट और हेजलनट के उत्तम किस्म के पौधे उपलब्ध हैं। विशेष रूप से कैलिफोर्निया के बादाम, कीवी और जापानी फलों की मांग सबसे अधिक देखी जा रही है। अधिक शाखाओं वाले पौधे 400 रूपए में पौधों की कीमतों की बात करें तो सामान्य सेब के पौधे (बिना शाखा) सीडलिंग के लिए 130-140 रुपए और क्लोनल रूट स्टॉक के लिए 180 रुपए प्रति पौधा निर्धारित किए गए हैं। 3 से 5 शाखाओं वाले सीडलिंग पौधे 200-250 रुपए में और 5 से अधिक शाखाओं वाले 300 रुपए में उपलब्ध हैं। क्लोनल रूट स्टॉक में 3-5 शाखाओं वाले पौधे 250-300 रुपए में और 5 से अधिक शाखाओं वाले 400 रुपए में मिल रहे हैं। ब्लॉक के सेल सेंटरों में उपलब्ध आयातित फलों जैसे आड़ू, बादाम, नेकतरीन और प्लम के पौधे 300 रुपए प्रति पौधा, अखरोट मूल वृंत 400 रुपए प्रति पौधा तथा अन्य गुठलीदार मूल वृंत की कीमत 100 रुपए प्रति पौधा रखी गई है। ये पौधे पूह, कल्पा और निचार ब्लॉक के सेल सेंटरों में उपलब्ध हैं। किन्नौर में हिमाचल प्रदेश नर्सरीज सोसाइटी के अंतर्गत सरकारी नर्सरियों में इस वर्ष विभिन्न फलों के पौधों की बिक्री शुरू हो गई है। हालांकि बर्फबारी के कारण पौधों के वितरण में दो दिन की देरी हुई, लेकिन अब उद्यान विभाग के 11 सेल सेंटरों में बिक्री जारी है। जापानी फलों की मांग सबसे अधिक उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. भूपेंद्र नेगी ने बताया कि सेब की 26 प्रमुख किस्मों के अलावा नाशपाती, नेकतरीन, प्लम, खुर्मानी, बादाम, जापानी फल, अखरोट और हेजलनट के उत्तम किस्म के पौधे उपलब्ध हैं। विशेष रूप से कैलिफोर्निया के बादाम, कीवी और जापानी फलों की मांग सबसे अधिक देखी जा रही है। अधिक शाखाओं वाले पौधे 400 रूपए में पौधों की कीमतों की बात करें तो सामान्य सेब के पौधे (बिना शाखा) सीडलिंग के लिए 130-140 रुपए और क्लोनल रूट स्टॉक के लिए 180 रुपए प्रति पौधा निर्धारित किए गए हैं। 3 से 5 शाखाओं वाले सीडलिंग पौधे 200-250 रुपए में और 5 से अधिक शाखाओं वाले 300 रुपए में उपलब्ध हैं। क्लोनल रूट स्टॉक में 3-5 शाखाओं वाले पौधे 250-300 रुपए में और 5 से अधिक शाखाओं वाले 400 रुपए में मिल रहे हैं। ब्लॉक के सेल सेंटरों में उपलब्ध आयातित फलों जैसे आड़ू, बादाम, नेकतरीन और प्लम के पौधे 300 रुपए प्रति पौधा, अखरोट मूल वृंत 400 रुपए प्रति पौधा तथा अन्य गुठलीदार मूल वृंत की कीमत 100 रुपए प्रति पौधा रखी गई है। ये पौधे पूह, कल्पा और निचार ब्लॉक के सेल सेंटरों में उपलब्ध हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू में दो पैराग्लाइडर हवा में टकराए:टेकऑफ के दौरान हादसा, एक की मौत; पायलट को गंभीर हालत में चंडीगढ़ रेफर किया गया हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित गड़सा पैराग्लाइडिंग साइट पर एक बड़ी दुर्घटना ने पर्यटन गतिविधियों को झटका दिया है। दो पैराग्लाइडरों की आपसी टक्कर में कोयंबटूर के 28 वर्षीय पर्यटक जयेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना उस समय हुई जब एक नया पैराग्लाइडर टेक ऑफ के दौरान पहले से हवा में उड़ रहे पैराग्लाइडर से टकरा गया। हादसे की गंभीरता को देखते हुए घायल पायलट को बेहतर इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और मामला दर्ज कर लिया है। एएसपी कुल्लू संजीव शर्मा के अनुसार, मृतक का शव ढालपुर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पायलट के पास आवश्यक लाइसेंस था और पैराग्लाइडर भी पर्यटन विभाग में पंजीकृत था। फिर भी, जिला प्रशासन ने पर्यटन विभाग को इस घटना की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। यदि जांच में किसी प्रकार की लापरवाही सामने आती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह दुर्घटना कुल्लू के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है और साहसिक खेल गतिविधियों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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हिमाचल सरकार पर 1.70 लाख नौकरी का बैकलॉग:8 लाख बेरोजगार परेशान, पक्की नौकरी के स्थान पर आउटसोर्स, पार्ट-टाइम जॉब, रिटायरियों को दोबारा नौकरी हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार 22 महीने में लगभग 4400 लोगों को पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए है। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। राज्य सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स आधार पर दी गई है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी है। आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। 1.70 लाख नौकरी का बैकलॉग खड़ा हो गया
सरकार के दावे के मुताबिक यदि आउटसोर्स, पार्ट टाइम को भी नौकरी मान लिया जाए तो भी 1.70 लाख नौकरियां देने का बैकलॉग खड़ा हो गया है। बेरोजगार युवा पक्की नौकरी मांग रहा है। कांग्रेस सरकार नई भर्तियां नहीं निकाल रही। कैबिनेट ने 6600 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे
बेरोजगारों के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि कैबिनेट ने 6600 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति दे रखी है। मगर भर्तियां कब होगी, इस पर असमंजस बना हुआ है। CM सुखविंदर सुक्खू के बार बार कहने के बावजूद चयन आयोग कैबिनेट द्वारा मंजूर पदों को विज्ञापित नहीं कर पा रहा। 3 साल पहले शुरू भर्तियों के रिजल्ट भी नहीं
राज्य में 3 साल पहले शुरू की गई सभी भर्तियों के रिजल्ट भी अब तक नहीं निकाले जा सके। हालांकि 3 दिन पहले ही सीएम सुक्खू ने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को 6 पोस्ट कोड के रिजल्ट दिवाली तक निकालने के निर्देश दिए जरूर है। मगर बेरोजगार युवा नई भर्तियां चाहता है। क्यों ये हालात बने
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद 23 दिसंबर, 2022 को पोस्ट कोड 965 JOA-IT भर्ती का पेपर लीक हुआ। पेपर लीक के कारण 26 दिसंबर, 2022 को प्रदेश सरकार ने चयन आयोग के कामकाज को निलंबित किया। इसके बाद जांच में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक स्कैम सामने आया। इस वजह से 21 फरवरी, 2023 को कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया। बीते साल राज्य चयन आयोग का गठन किया गया। 30 सितंबर 2023 को इसमें IAS आरके प्रुथी को एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया। मगर एक साल बाद भी चयन आयोग नई भर्तियां शुरू नहीं कर पा रहा। हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (HPPSC) ने जरूर कुछ भर्तियां की है। मगर यह क्लास-1 और क्लास-2 श्रेणी की ही भर्तियां करता है। इस श्रेणी में कम लोगों को अब तक रोजगार दिया जा सका है। हिमाचल में 8 लाख से ज्यादा बेरोजगार
हिमाचल में 8 लाख से ज्यादा पढ़े लिखे पंजीकृत बेरोजगार है। सभी युवा नौकरी नहीं मिलने से परेशान है और इस उम्मीद के साथ दिन रात पढ़ाई कर रहे हैं कि एक न एक दिन उन्हें पक्की नौकरी मिलेगी। क्या बोले बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष
हिमाचल प्रदेश शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि आउटसोर्स, पार्ट टाइम, टैम्परेरी प्रथा को बंद किया जाए। रिटायर लोगों को पुनः रोजगार और सेवा विस्तार देना बी बंद करें और नए पद विज्ञापित किए जाए। प्रदेश का बेरोजगार पूरी तरह मायूस हो चुका है। नौकरी नहीं मिलने की वजह से युवा परेशान है। उनकी पड़ी को समझा जाए। झूठे वादे और झूठी दिलासा देना बंद किया जाए। नौकरियां नहीं मिलने पर बेरोजगार दिवाली के बाद मजबूरन सड़कों पर आएंगे।
सोलन में पहाड़ी से फिसलकर नीचे गिरी महिला:हादसे में गई जान, पति के साथ गई थी घास काटने
सोलन में पहाड़ी से फिसलकर नीचे गिरी महिला:हादसे में गई जान, पति के साथ गई थी घास काटने सोलन जिले के अर्की तहसील के साऊग गांव की एक महिला पहाड़ से नीचे गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई। 53 वर्षीय सुनीता देवी रोज की तरह घास काटने रविवार को जंगल की ओर गई थी। शील मंदिर के पास ढलानदार पहाड़ी पर घास काटते समय अचानक उसका पैर फिसल गया, जिससे वह गहरी ढांक से नीचे जा गिरी। पति से पहले ही पहुंच गई थी महिला
जानकारी के अनुसार सुनीता देवी अपने पति दीनानाथ के साथ घास काटने गई थी। दीनानाथ ने बताया कि उनकी पत्नी उनसे पहले ही घासनी में पहुँच गई थी और घास काटने लगी थी। कुछ देर बाद जब दीनानाथ वहां पहुंचे, तो सुनीता घास इकट्ठा कर रही थी।अचानक पैर फिसलने के कारण वह ढलान से नीचे पुरानी सड़क तक गिर गई। घबराए हुए दीनानाथ ने तुरंत अपने भाई और गांव के अन्य लोगों को बुलाया और सुनीता को 108 एम्बुलेंस की सहायता से अर्की अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने सुनीता को मृत घोषित कर दिया। प्रशासन की ओर से दिया गया सहायता राशि
घटना की सूचना मिलते ही थाना अर्की की पुलिस टीम मौके पर पहुँची। पुलिस अधिकारी मुख्य आरक्षी बिन्दु ठाकुर और मुख्य आरक्षी मुकेश कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और सुनीता देवी का शव पोस्टमॉर्टम के लिए अर्की अस्पताल के शवगृह में रखवाया। पुलिस ने सुनीता के पति और स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए। सभी के अनुसार यह एक दुर्घटना थी और इसमें किसी पर संदेह नहीं है। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया। रासायनिक परीक्षण के लिए बिसरा एसएफएसएल जुन्गा भेजा जाएगा और रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन द्वारा परिवार को फौरी राहत के तौर पर 25,000 रुपए की सहायता राशि भी प्रदान की गई है।